Thursday, December 18, 2025
Home Blog Page 589

सावन की मल्हारों के गायन के मध्य झूला झूलकर मनाया हरियाली तीज महोत्सव

0


वृंदावन। हरियाली तीज के मौके माँ दिव्यशक्ति फाउंडेशन, अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महिला महासभा एवं दुर्गा वाहिनी के संयुक्त तत्वावधान में आनंद वाटिका स्थित छैल बिहारी मंदिर में हरियाली तीज महोत्सव का आयोजन किया गया। यहां महिलाओं ने झूला झूलने के साथ ही सावन की मल्हारों का गायन किया।


बुधवार को महोत्सव में भाग लेने आयीं सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार और हरी साड़ी पहन कर पहुंची। यहां विशाल वृक्ष की डाली पर झूला डालकर सावन की मल्हार गाते हुए एक दूसरे को झुलाया। सुहाग के प्रतीक हरियाली तीज त्यौहार पर सभी ने मेंहदी लगाकर,नृत्य और कीर्तन और प्रतियोगिता आदि करके उत्साह पूर्वक उत्सव मनाया।
नीलम गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि बृजमंडल में हरियाली तीज का बड़ा महत्व है। तीज के दिन हमारे सभी मंदिरों में ठाकुरजी हिंडोलों में झूलते हैं, जिसमें ठाकुर श्री बाँकेबिहारीजी का स्वर्ण हिंडोला विश्व प्रसिद्ध है।

भाजपा हटाओ देश बचाओ नारे के साथ कांग्रेसियों ने निकाला पैदल मार्च


मथुरा। अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर शुरू की गई मुहिम भाजपा गद्दी छोड़ो के अंतर्गत कांग्रेसियों ने दामोदरपुरा से गोकुल बैराज मोड़ तक पैदल मार्च निकाला। कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां व झंडे लेकर लोगों से दलित, मजदूर, किसान व व्यापारी विरोधी सरकार को आगामी 2022 के चुनाव में उखाड़ फेंकने की अपील की।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के कुशासन के कारण लूट, हत्या और डकैती की घटनाओं में इजाफा हुआ है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने लोगों की कमर तोड़ दी है। सभी मोर्चों पर विफल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अब जनता को आवश्यकता है कि भाजपा सरकार के झूठे बहकावे में ना आए और आने वाले चुनाव में उसे बुरी तरह पराजित करने के लिए कांग्रेस का साथ दे।

जिला अध्यक्ष ने कहा कि मोदी-योगी की सरकार जनता पर अत्याचार कर रही है। जिस तरह अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा देश में बुलंद हुआ था, उसी तरह अगस्त क्रांति के मौके पर भाजपा गद्दी छोड़ो का नारा बुलंद किया गया है। पिछले 70 वर्ष में कांग्रेस ने देश के लिए जो संपत्ति जुटाई उस संपत्ति को भाजपा सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बेचने का कार्य कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पूर्व जिला अध्यक्ष आबिद हुसैन व वरिष्ठ नेता भोला यादव ने कहा कि देश की जनता भाजपा का असली चेहरा पहचान चुकी है। आने वाले 2022 के चुनाव में जनता अपने वोट का एहसास कराकर भाजपा को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शहर अध्यक्ष एमएम शर्मा व महिला जिला अध्यक्ष नीलम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था और महिला अपराध के प्रति प्रदेश सरकार संवेदनशील नहीं है।

 इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्य अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में पूर्व मेयर प्रत्याशी मोहन सिंह, कमल सागर, राहुल अरोड़ा, आदर्श शर्मा, पीपी सिंह, दिनेश शर्मा एडवोकेट, चौधरी मोहन सिंह, अजय शर्मा गिरोली, गिर्राज निषाद, राजकुमार नौहवार, पूर्व प्रधान दिवाकर, पार्षद तिलकवीर सिंह, पार्षद ध्रुव शर्मा, चकलेश्वर सिंह, आशुतोष जेटली, मुकेश गोयल, अमित पाठक, धर्मेन्द्र शर्मा, रामभरोसी चौधरी, सब्बीर खान, फारूक अहमद, सलमान कुरैशी, राजू अब्बासी, रमेश भगत जी, पूर्व प्रधान चुन्नू, डॉ सैनी, हरिमोहन शर्मा, मोहसिन खान एडवोकेट, नसीर अहमद फारूकी, इकबाल ठेकेदार, पप्पू खान, काले खां आदि सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बल्लेबाजी में बेहतर प्रदर्शन करना भारत का लक्ष्य, शार्दुल की चोट से अश्विन की वापसी संभव

0

लंदन। दुनिया के नामी बल्लेबाजों की मौजूदगी के बावजूद पहले मैच में बड़ा स्कोर बनाने में असफल रही। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार से लाड्र्स में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में अपनी ख्याति के अनुरूप बल्लेबाजी करने के दृढ़ संकल्प के साथ मैदान पर उतरेगी। कप्तान विराट कोहली इस मैच में अपने सर्वश्रेष्ठ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी अंतिम एकादश में शामिल करने पर गंभीर विचार कर सकते हैं।

भारत बारिश के कारण ड्रा छूटे पहले टेस्ट मैच में जीत की अच्छी स्थिति में था लेकिन उसका पहली पारी का 278 रन का स्कोर अपेक्षानुरूप नहीं था। भारत के तीन प्रमुख बल्लेबाज कप्तान कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे इस पारी में नाकाम रहे थे। यह नहीं भूलना चाहिए कि रहाणे के मेलबर्न में लगाये गये शतक को छोड़ दिया जाए तो ये तीनों पिछले दो वर्षों से बड़ी पारियां नहीं खेल पाये हैं। कोहली और पुजारा इस बीच अपनी अच्छी शुरुआत को शतक में नहीं बदल पाये हैं।

जहां तक टीम संयोजन का सवाल है शार्दुल ठाकुर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण निचले क्रम के बल्लेबाजी क्रम में फिर से बदलाव किया जा सकता है। मुंबई का यह तेज गेंदबाज पहले टेस्ट की एकमात्र पारी में खाता भी नहीं खोल पाया था।

रविंद्र जडेजा के बल्लेबाजी कौशल को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने अश्विन को पहले टेस्ट मैच की अंतिम एकादश में नहीं रखा था। लाड्र्स में अभ्यास के दौरान ठाकुर की परेशानी बढ़ गयी है और ऐसे में अश्विन को अंतिम एकादश में जगह मिलने की संभावना बन गयी है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ठाकुर को पहले टेस्ट के दौरान चोट लगी थी या नहीं।

यदि ठाकुर नहीं खेल पाते हैं तो कोहली अपने 4-1 के गेंदबाजी संयोजन पर फिर से विचार कर सकते हैं क्योंकि निचले क्रम की बल्लेबाजी की कमजोरी को देखते हुए किसी एक रणनीति पर अडिग रहना संभव नहीं है। कोहली यदि चार तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरना चाहेंगे तो फिर ठाकुर की जगह पर इशांत शर्मा या उमेश यादव में से किसी एक को लिया जाएगा लेकिन यह फैसला आसान नहीं होगा।

कोहली ने पहले टेस्ट के बाद कहा था, ‘‘पूरी संभावना है कि हम इसके (4-1 के संयोजन) साथ ही आगे बढ़ेंगे लेकिन हम हमेशा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर टीम का चयन करते हैं। ’’ लेकिन यदि कप्तान अपनी बल्लेबाजी को मजबूत देखना चाहते हैं तो फिर अश्विन को अंतिम एकादश में रखना सही फैसला होगा जो गेंदबाज के रूप में चौथे या पांचवें दिन लाड्र्स की पिच पर खतरनाक साबित हो सकते हैं।

मौसम की बात करें तो लंदन में अधिकतम तापमान 24 डिग्री और औसत तापमान लगभग 14 डिग्री चल रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड 2018 की तरह यहां पिच पर घास रखेगा क्योंकि तब भारतीय बल्लेबाजी दो दिन में ढह गयी थी और आलराउंडर क्रिस वोक्स इंग्लैंड की जीत के नायक बने थे।

यदि पिच शुष्क रहती है तो भारत अश्विन और जडेजा दोनों को टीम में रख सकता है जो कि अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं। इंग्लैंड के युवा बल्लेबाजों ने अब तक निराशाजनक प्रदर्शन किया है। कप्तान जो रूट ने पहली पारी में अर्धशतक और दूसरी पारी में अपने करियर का 21वां टेस्ट शतक जमाकर इंग्लैंड को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था।

रोरी बन्र्स की जगह हसीब हमीद को अंतिम एकादश में रखे जाने की पूरी संभावना है। हमीद ने पिछले महीने भारत के खिलाफ अभ्यास मैच में पारी का आगाज करते हुए शतक लगाया था। इंग्लैंड को अपने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के बिना उतरना पड़ सकता है क्योंकि वह चोटिल हैं। उनके दायें पांव की पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है।

यदि पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है तो मोईन अली को अंतिम एकादश में रखा जा सकता है जिन्होंने 2014 और 2018 की श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया था। यदि पिच स्पिनरों के अनुकूल नहीं होती है तो तेज गेंदबाज मार्क वुड टीम को टीम में जगह मिल सकती है। भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल अब फिट हैं लेकिन केएल राहुल ने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन करके शीर्ष क्रम में अपनी जगह पक्की की है। अग्रवाल के फिट होने पर राहुल को मध्यक्रम में उतारने का विकल्प भी रहेगा। पुजारा और रहाणे भले ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं हैं लेकिन उन्हें फिलहाल चोटिल होने की स्थिति में ही बाहर रखा जा सकता है।

टीम इस प्रकार हैं :

भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, केएल राहुल, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), अभिमन्यु ईश्वरन, पृथ्वी सॉव, सूर्यकुमार यादव में से।

इंग्लैंड: जो रूट (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जॉनी बेयरस्टो, डोम बेस, मोईन अली, रोरी बन्र्स, जोस बटलर, जैक क्रॉली, सैम कुरेन, हसीब हमीद, डैन लॉरेंस, जैक लीच, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, डोम सिबली, मार्क वुड में से। मैच दोपहर बाद तीन बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।

तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखण्ड सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, किया ऐलान- बोर्ड भंग न होने तक जारी रहेगा आन्दोलन

0

देहरादून। देवस्थानम बोर्ड का गठन सरकार के गले की फांस बन चुका है। सरकार तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियोंं को मनाने के लिए जो प्रयास हो रहे हैं। इसक बावजूद तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन और अधिक तेज होता जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों को किसी भी तरह के आश्वासन पर भरोसा नहीं है। तीर्थ पुरोहितों ने ऐलान कर दिया है कि बोर्ड भंग करने तक उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा।


तीर्थ पुरोहितों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए फिलहाल हाई पावर कमेटी द्वारा इस समस्या का स्थाई हल निकाले जाने तक देवस्थानम बोर्ड के कामकाज पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। लेकिन तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार कभी अपने फैसले पर पुनर्विचार का भरोसा देकर तो कभी हाई पावर कमेटी बनाकर तो कभी बोर्ड के कामकाज पर रोक लगा कर उन्हें धोखा दे रही है। उनका कहना है कि उनका आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है।

उल्लेखनीय है कि देवस्थानम बोर्ड के गठन के विरोध में तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी बीते दो साल से आंदोलन कर रहे है। उनके द्वारा अभी अपनी महापंचायत में भाजपा की सदस्यता त्यागने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड के काम पर हाई पावर कमेटी द्वारा इसके पूर्ण समाधान तक रोक लगाने की बात कही गई है। लेकिन आंदोलित तीर्थ पुरोहित इसे धोखा बता रहे हैं।

उधर केदारधाम में धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहितों को पुलिस द्वारा वहां से हटाने को कहा गया है। पुलिस का कहना है कि उसे सरकार का आदेश मिला है जिसमें केदारधाम में धरना प्रदर्शन नहीं करने की बात कही गई है। इसे लेकर आंदोलनकारी भड़क गए हैं और उनका कहना है कि सरकार दमनात्मक रवैया अपना रही है लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर कहा है कि कांग्रेस की सरकार आई तो वह देवस्थानम बोर्ड को भंग कर देंगे। उनके बयान पर काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि मुंगेरीलाल के सपने से कुछ नहीं होता अगर ऐसा होगा अगर वैसा होगा तो करने वाले सपना देखते रहे कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा है कि देवस्थानम बोर्ड के काम पर रोक लगा दी की गई है। हाई पावर कमेटी इसका स्थाई समाधान निकाल लेगी। किसी की भावना आहत नहीं होगी।

विदेशी साबुन से भर दी थी इस अंडरवल्र्ड डॉन ने रुखसाना सुल्ताना की कार..

0


नई दिल्ली। रुखसाना सुल्ताना संजय गांधी की करीबियों में मानी जाती हैं। इमरजेंसी के दौर में जब संजय ने 5 सूत्रीय कार्यक्रम का ऐलान किया तो मुस्लिम महिलाओं को नसबंदी के लिए राजी करने की जिम्मेदारी रुखसाना को सौंपी। यूं तो रुखसाना का सियासत से कोई खास वास्ता नहीं था।

वो एक बुटीक चलाती थीं। लेकिन बाद में जब वो संजय गांधी के करीब आईं तो सियासी गलियारों में उनकी एक अलग हनक देखने को मिली। सुल्ताना अपनी लैविश लाइफ लाइफस्टाइल को लेकर भी चर्चा में रहा करती थीं।

जब अंडर वल्र्ड डॉन ने विदेशी साबुन से भर दी रुखसाना सुल्ताना की कार, तब स्मगलर्स ही इसे बेचते थे वीर सांघवी अपनी हालिया किताब ‘अ रूड लाइफ: द मेम्योर’ में लिखते हैं कि रुखसाना की कार के नजदीकी ही सफेद कपड़ों में एक शख्स खड़ा था और तमाम लोग कौतूहल से उसको देख रहे थे। वो शख़्स था हाजी मस्तान ।

वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी हालिया किताब ‘अ रूड लाइफ: द मेम्योर’ में रुखसाना सुल्ताना और अंडरवल्र्ड डॉन हाजी मस्तान से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है। पेंगुइन से प्रकाशित इस किताब में सांघवी लिखते हैं, सुल्ताना कैमी कंपनी का साबुन इस्तेमाल करती थीं, जो उस वक्त भारत में नहीं मिलता था और स्मगलिंग के जरिए यहां लाया जाता था। सुल्ताना भी तस्करों से ही साबुन मंगवाया करती थीं।

भारत के ये 12 शहर सागर के तीन फीट पानी में चले जाएंगे, रिपोर्ट ने किया आगाह, जानें ये वजह

0

नई दिल्ली। भारत के समुद्र तटों पर बसे 12 शहरों के खतरा के हालात के संकेत अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक रिपोर्ट में दिए हैं। जिसमें बताया गया कि यह 12 शहर तीन फीट पानी में डूब जाएंगे। यह घटना आज से 80 साल बाद यानि 2100 तक होने की आशंका है।

मैदानी इलाकों में भारी तबाही आएगी। दरअसल ये सब ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते ध्रुवों पर जमी बर्फ के पिघलने से होगा। नासा की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ओखा, मोरमुगाओ, भावनगर, मुंबई, मैंगलोर, चेन्नई, विशाखापट्टनम, तूतीकोरन कोच्चि, पारा दीप औ पश्चिमी बंगाल के किडरोपोर तटीय इलाकों पर ग्लोबल वॉर्मिंग के असर से बर्फ के पिघलने का असर ज्यादा दिखेगा।

ऐसे में भविष्य में तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना होगा। पश्चिम बंगाल का किडरोपोर इलाका जहां पिछले साल तक समुद्री जलस्तर के बढ़ने का कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है। वहां पर भी साल 2100 तक आधा फीट पानी बढ़ जाएगा।

ठा. बांकेबिहारी स्वर्ण हिंडोले में हुए विराजमान, डिप्टी सीएम ने किए दर्शन, भक्तों का लगा तांता


वृंदावन। सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में हरियाली तीज के अवसर पर सोने चांदी से जड़ित दिव्य हिंडोला में जन-जन के आराध्य बाँकेबिहारी विराजित हुए। सुबह से ही वर्ष में एक बार होने वाले विशेष दर्शनों के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। देशभर से आए लाखों भक्त दर्शन करने आए। मंदिर जयकारों से गुंजायमान हो गया।
बुधवार सुबह से ही देशभर से आए हजारों श्रद्धालु बाँकेबिहारी मंदिर के बाहर निर्धारित समय पर द्वार खुलने का इंतजार करते दिखे। पौने आठ बजे जैसे ही मंदिर के द्वार खुले हजारों की संख्या श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ पड़े।


मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने हरियाली तीज पर्व पर आराध्य बाँकेबिहारी को गर्भगृह से बाहर जगमोहन में विशाल स्वर्ण हिंडोला में विराजमान किया। 20 किलो सोने और 100 किलो चांदी से बने हिंडोला में विराजमान बाँकेबिहारी को सेवाधिकारी ने हरे रंंग की पोषाक धारण कराई। भक्तजन स्वर्ण हिंडोला में बहुत ही नजदीक से ठाकुरजी के दर्शन कर कृतार्थ हो गए। इस विशालकाय झूले का इतिहास आजादी की लड़ाई से जुड़ा हुआ है। 15 अगस्त 1947 को ठाकुरजी प्रथम बार इस अद्भुत झूले पर विराजित हुए थे। 218 किलो वजनी हिंडोले में ठाकुरजी की श्री विग्रह को प्रातःकाल वैदिक पूजा अर्चना की।

बांकेबिहारी मंदिर के सह प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि आज रात 11 बजे तक मंदिर खुलेगा। भक्त स्वर्ण हिंडोले में विराजित अपने आराध्य के विशेष दर्शन देर रात तक कर सकेंगे। ऐसा साल में एक बार होता है।

डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य ने किए बांकेबिहारी के दर्शन

यूपी के डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य ने बांकेबिहारी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। मंदिर के गोस्वामीजनों ने उन्हें ठाकुरजी का प्रसादी पटुका, माला प्रसाद दिया। डिप्टी सीएम ठाकुरजी के दर्शन करने के लिए लखनऊ से सरकारी खर्चे पर 15 दिन पहले भी आए थे। डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य पत्रकारों के राजनीति से जुड़े सवालों से बचते नजर आए। वह महावन रमणरेती स्थित काष्र्णि गुरु शरणानन्द के आश्रम भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने संतों से मुलाकात की।


ज्ञात हो कि 15 दिन पहले गुरुपूर्णिमा के अवसर पर डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य मथुरा आए थे। यहां उन्होेंने बाँकेबिहारी के दर्शन किए और उसके बाद महावन रमणरेती स्ािित गुरु शरणानन्द के आश्रम गए और संतों से आशीर्वाद लिया था।

कोविड-19 के प्रोटोकॉल की बाँकेबिहारी मंदिर में उड़ी धज्जियां

जहां एक तरफ यूपी की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वीकली कोरोना कफ़्र्यू लगा रखा है और लगातार कोविड-19 के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वृंदावन के सुप्रसिद्ध बांकबिहारी मंदिर में देशभर से लाखों श्रद्धालु कोविड-19 के प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे हैं। श्रद्धालु और गोस्वामीजन न ही मुंह पर मास्क लगा रहे हंै न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया। कोरोना की तीसरी लहर की आश्ांका के बीच जिला प्रशासन और पुलिस भी लगातार इस लापरवाही की अनदेखी कर रहा है। कोरोन संक्रमण फैलने की स्थिति में आखिर कौन जिम्मेदार होगा?

नगर के प्रवेश मार्गों पर बाहरी वाहनों का रहा प्रतिबंध

हरियाली तीज पर यातायात प्लान के मुताबिक पुलिस वृंदावन के सभी प्रवेश मार्गों पर तैनात रहा। बैरियर लगाकर अन्य शहरों से आने वाले वाहनों को रोका गया। प्रवेश मार्ग पर बनीं स्थाई एवं अस्थाई पार्किंग पर श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़ा कराया गया। श्रद्धालुआें को इन पार्किंग स्थलों से ई रिक्शा और ऑटो से मंदिर तक जाने की व्यवस्था की गई ।


पत्नी को मनाने को पति ने अपनाया रौंगटे खड़े कर देने वाला प्लान, बेटे को कफन पहनाया, बेटी के गले में डाला फंदा

0

मुंबई। नाराज होकर अपने गांव गई पत्नी को वापस बुलाने के लिए पति ने बच्चों की मौत की झूठी कहानी गढ़ दी। पत्नी को यकीन हो जाए, इसके लिए बेटे को कफन ओढ़ा दिया। बेटी के गले में फंदा डाल दिया। इसके बाद दोनों के फोटो लेकर पत्नी को भेज दिए। आरोपी दूसरी बार अपनी बेटी के गले में फंदा डालकर लटका रहा था कि तभी डरकर वह चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंच गए और बच्चों को बचाया।

पड़ोसियों ने मामले की जानकारी कुरार पुलिस स्टेशन में दी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। 33 साल के आरोपी सुचित गौड़ के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। सीनियर इंस्पेक्टर प्रकाश बेले ने बताया कि आरोपी ने पत्नी को बुलाने के लिए बेटे और बेटी की मौत की झूठी कहानी रची थी।

बेटा तो उसके कहने में आ गया और बिना कुछ कहे कफन लपेटकर सो गया, लेकिन बेटी के गले में उसने जैसे ही फंदा डाला तो उसने शोर मचा दिया। बेटी की उम्र 13 साल है। बेटा 8 साल का है। यह घटना शनिवार की है। इतना ही नहीं, पिता ने फोटो खींचने के लिए बेटे को कफन पहनाया और बगल में अगरबत्ती भी जलाई। बेटा भी उसकी बात मानता गया।


प्रकाश बेले के मुताबिक, सुचित गौड़ नशे का आदी है। नशा करने के बाद वह पत्नी और बच्चों को पीटता था। 2 साल पहले पत्नी बच्चों को लेकर अपने गांव चली गई थी। कुछ दिन पहले सुचित गांव गया और बेटे-बेटी को अपने साथ मुंबई ले आया।

पड़ोसियों ने भी बताया कि आरोपी नशे में बच्चों को मारता-पीटता था। घटना के वक्त वह बेटी के गले में फंदा डालकर उसके पैरों के नीचे से बाल्टी हटा रहा था। इसी के बाद बेटी चिल्लाने लगी। आरोप है कि गले में फंदा डालकर सुचित पंखा चलाना चाह रहा था।

पड़ोसियों के सूचना देने के बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो सुचित भागने की फिराक में था। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। वह तब भी नशे की हालत में था। उसे रविवार को हॉलिडे कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे 3 दिन की कस्टडी में भेज दिया है।

एटीएम मशीन में कैश खत्म होने पर बैंक को देना होगा जुर्माना, जानिए आरबीआई का नया नियम

0

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तमाम बैंकों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया है कि अगर उनके एटीएम में कैश नहीं पाया गया और ग्राहक को पैसे निकालते समय एटीएम में पैसा खत्म खत्म हो गया तो बैंक पर जुर्माना लगाया जाएगा। रिजर्व बैंक के इस फैसले से ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है कि एटीएम में कैश खत्म हो गया है जिसकी वजह से ग्राहकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

10 हजार का जुर्माना

रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में कहा है कि अगर एटीएम में समय पर पैसा नहीं डाला गया और ग्राहक कैश नहीं निकाल पाते हैं तो बैंकों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। आरबीआई की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि अगर एटीएम में कैश खत्म होने के 10 घंटे के भीतर अगर नकदी जमा नहीं की गई तो बैंक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस बाबत आरबीआई की ओर से सर्कुलर भी जारी किया गया है।

क्यों लिया आरबीआई ने यह फैसला


आरबीआई की ओर से कहा गया है कि यह फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि लोगों को एटीएम से पैसा निकालने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़े। आरबीआई ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि बैंक और व्हाइटलेबल एटीएम संचालक इस बात को सुनिश्चित करें कि एटीएम में समय से पैसा डाल दिया जाए और लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो।

1 अक्टूबर से लागू होगा नियम


रिजर्व बैंक का यह आदेश 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। इसके बाद अगर किसी भी एटीएम में कैश नहीं पाया गया और तय समय सीमा के भीतर नगदी जमा नहीं की गई तो बैंक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उसपर 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका जाएगा। हालांकि बैंक इस बात के लिए स्वतंत्र होगा कि वह एटीएम में कैश नहीं होने पर व्हाइट लेबल एटीएम के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है जोकि एटीएम में नगदी भरने का काम करती है।

हर महीने देना होगा स्टेटमेंट

इसके साथ ही रिजर्व बैंक की ओर से यह भी कहा गया है कि बैंकों को सिस्टम जेनरेटेड स्टेटमेंट भी एटीएम के जमा करने होंगे। यह स्टेटमेंट हर महीने शुरुआत के पांच दिन के भीतर जमा करना होगा। इसकी शुरुआत अक्टूबर 2021 से होगी और हर महीने की 5 तारीख से पहले इस स्टेटमेंट को संबंधित विभाग को जमा करना होगा। अगर बैंक किसी भी तरह की अपील करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें रीजनल डायरेक्टर या ऑफिसर इंचार्ज को एक महीने के भीतर अपनी बात रखनी होगी। जुर्माना लगाए जाने के एक महीने के भीतर ही यह अपील करनी होगी।

इन परिस्थितियों में मिल सकती है राहत


आरबीआई की ओर से कहा गया है कि बैंकों पर एटीएम में कैश खत्म होने पर जुर्माना लगाए जाने के बाद अगर बैंक इसके खिलाफ अपील करते हैं और कैश नहीं होने की कोई सही वजह है तभी बैंकों को राहत दी जाएगी। जैसे अगर राज्य या इलाके में लॉकडाउन है, हड़ताल आदि है तभी जुर्माने से राहत दी जा सकती है।

उत्तर प्रदेश में सरकार जल्द हटा सकती है वीकेंड कोरोना कर्फ्यू

0


लखनऊ।
यूपी में कोरोना नियंत्रित होने पर अब योगी सरकार कभी भी वींकेंड कोरोना कफ्र्यू हटा सकती है। सूत्रों के मुताबिक सीएम के निर्देश पर गृह विभाग इस संबंध में कभी आदेश जारी कर सकता है। कोरोना नियंत्रण क बाद यूपी सरकार का यह बड़ा फैसला हागा

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने पर देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न गतिविधियां पर रोक लगा दी गई थी। राज्य सरकार द्वारा बाजारों या सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ रोकने के लिए चरणबद्ध तरीके से शुक्रवार, शनिवार और रविवार की वीकेंड कफ्र्यू लगा दिया गया था। बाद में जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो सरकार ने बाजार, मॉल, मल्टीप्लेक्स, दफ्तर खोलने के साथ वीकेंड लॉकडाउन को घटाकर दो दिन का कर दिया गया। अब जबकि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से काबू में नजर आ रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि सरकार वीकेंड कफ्र्यू हटाने की घोषणा कर सकती है।

उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण मुक्त होने की तरफ बढ़ रहा

सरकार के प्रयासों और बेहतर प्रबंधन से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की लहर लगभग दम तोड़ती नजर आ रही है। आंकड़े यह बता रहे हैं कि यूपी अब कोरोना मुक्त होने की तरफ आगे बढ़ रहा है। सोमवार को 60 जिलों में कोरोना वायरस का एक भी केस सामने नहीं आया था। जबकि इस दौरान 15 जनपदों में केवल इकाई संख्या में मरीजों की पुष्टि की गई थी।

वैक्सीनेशन में राज्यों को यूपी ने पीछे छोड़ा

टीकाकरण के मामले में यूपी ने बाकी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए अपने नाम बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। प्रदेश में पांच करोड़ 40 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज अब तक दी जा चुकी है। वहीं, चार करोड़ 55 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। जबकि 84 लाख हजार से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। यह देश में किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है।