Thursday, December 18, 2025
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हाईकोर्ट की इजाजत के बिना अब राज्य सरकारें माननीयों पर चल रहे मुकदमे वापस नहीं ले सकेंगी: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमों को लेकर एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट की इजाजत के बिना राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस नहीं ले सकेंगी।


सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों का स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल होना चािहए। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल अपने चीफ जस्टिस को सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित, निपटारे की जानकारी दें।

इसके अलावा सीबीआई कोर्ट ओर अन्य कोर्ट सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई जारी रखें। सांसद और विधायकों के खिलाफ आपराधिक ट्रायल के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशन बेंच का गठन करने का फैसला किया है।

नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे का मामले में देश के मुख्य न्यायाधीश ने ईडी की स्टेटस रिपोर्ट अखबारों में छपने पर नाराजगी जताई। नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि आज हमने पेपर में रिपोर्ट पढ़ी। सब मीडिया को पहले ही मिल जाता है। सीबीआई की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई ने इस मामल में अभी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है।

ताबीज के लिए निकाली बच्ची की आंख, पांचवें बच्चे की चाहत में मासूम की कर डाली हत्या

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मुंगेर के सफियासराय ओपी क्षेत्र में पुलिस ने मासूम बच्ची की हत्या का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने आठ साल की बच्ची की हत्या के मामले में मौलाना सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक दिलीप ने पांचवें बच्चे की चाहत में मौलाना के कहने पर बच्ची की हत्या कर दी थी, जबकि दिलीप दो पुत्र व दो पुत्री का पिता है।


पुलिस के मुताबिक गुरुवार की सुबह पुलिस ने सफियासराय ओपी क्षेत्र के फरदा पूर्वी टोला निवासी पवन चौधरी की आठ वर्षीय बच्ची का शव बरामद किया गया था। उसकी हत्या कर किसी ने ईंट भट्ठा के पास फेंक दिया था। शव की सूचना मिलने पर मौके पर पहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम क लिए भेज दिया और जांच शुरु का दी।


बच्ची का पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामान्य आई। जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद हत्या को केंद्र बिंदु में रख कर वैज्ञानिक व तकनीकी जांच भी शुरु की गई। जिसमें पता चला कि पांचवे पुत्र की चाहत में आठ साल की बच्ची की आंख निकाल ली और उसकी हत्या कर फेंक दिया। आंख ताबीज में लगा दी। यह सब त्रांत्रिक मोहम्मद परवेज के कहने पर किया गया।

पुलिस ने पड़हम निवासी मुख्य आरोपित दिलीप कुमार चौधरी के साथ उसके दो दोस्त पड़हम निवासी मो तनवीर आलम व फरदा पूर्वी टोला निवासी दशरथ मंडल को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने खगड़िया जिले के मोरकाही थाना क्षेत्र के मधुरा गांव निवासी तांत्रिक मो परवेज आलम को गिरफ्तार किया।

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपितों ने बच्ची की हत्या मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। घटना के संबंध में एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि दिलीप कुमार चौधरी की पत्नी के गर्भ में पल रहा बच्चा कुछ माह पूर्व खराब हो गया था। इसके बाद उसकी पत्नी पुन: गर्भवती हुई। गर्भ में पल रहा बच्चा फिर से खराब नहीं हो इसके लिए दिलीप खगड़िया के मौलाना मो परवेज आलम के पास गया। पहले मछली और मुर्गा की बलि देकर उसकी आंख फोड़ कर उसके खून से ताबीज बनाया, लेकिन परवेज ने बताया कि किसी बच्चे की बलि देनी होगी तभी गर्भ में बच्चा सुरक्षित रहेगा।

इसी दौरान दिलीप अपने साथी दशरथ मंडल व मो तनवीर आलम के साथ तनवीर के मुर्गा फॉर्म पर खा-पी रहा था। तभी बच्ची बहियार के रास्ते अपने घर जा रही थी। उसे चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और उसे तनवीर के मुर्गा फॉर्म के पास छिपा दिया। इसके बाद मध्य रात्रि में उसकी गला दबा कर हत्या कर दी और उसकी आंख फोड़ कर उससे निकले खून से कपड़ा भिगोकर मौलाना के पास ले गया। जहां से मौलाना ने एक ताबीज बना कर दिलीप को दिया। पुलिस ने उक्त ताबीज के साथ ही घटनास्थल व जहां बच्ची को रखा गया था वहां से भी कुछ सबूत बरामद हुए हैं। सभी को जेल भेज दिया गया।

एक दिन में ही 20 कोरोना पॉजिटिव मिले, जांच हुई तो 17 फर्जी, सीएमएस सहित 6 के विरुद्ध FIR

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कुशीनगर। शनिवार रात को एकसाथ जिन 20 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। डीएम एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दूसरे दिन रविवार को जब 20कोरोना मरीजों की जांच की तो पता चला कि उस नाम और पते के 17 लोग मिले ही नहीं। सिर्फ तीन लोगों ही ट्रैस हो पाए। उनमें भी कोरोना के लक्षण कम थे। उन्हें घर में ही क्वारंटीन रहने के निर्देश दिए गए। इस मामले में सीएमएस सहित छह स्वास्थ्य कर्मियो के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया है।


शनिवार रात 20 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया था। जांच रिपोर्ट में जो नाम-पते दर्शाए गए थे, उनमें 14 व्यक्ति तो सिर्फ रामकोला ब्लॉक से थे। तीन हाटा और दो पडरौना ब्लॉक के रहने वाले थे, जबकि एक व्यक्ति जिले से बाहर का है। रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य महकमा सभी केस के बारे में जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी। देर रात स्वास्थ्य विभाग के अफसर और डीएम संक्रमित व्यक्तियों के बारे में पता कराने में जुटे रहे।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रविवार की शाम को संक्रमित मरीजों की जो सूची जारी की गई, उनमें भी शनिवार की देर शाम संक्रमित मिले इन 20 केस को दर्शाया गया था। उसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित नहीं मिला।

रविवार को सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि जिला अस्पताल के आरटीपीसीआर लैब से संक्रमित मरीजों की जो सूची जारी की गई है, उसमें से 17 लोगों का नाम-पता गलत पाया गया है। तीन व्यक्ति सही मिले, लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण बहुत कम हैं। इसके बावजूद उन लोगों को होम क्वारंटीन रहने का निर्देश दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया द्वारा लिखित शिकायत पत्र देकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ नामजद पडरौना कोतवाली में महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।

डीएम एस. राजलिंगम ने बताया कि शनिवार की देर शाम जिन 20 संक्रमित व्यक्तियों की सूची वायरल हुई थी, उसकी जांच कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है। जो भी लोग उनके संपर्क में आए हैं, उनकी कांटैक्ट ट्रेसिंग कराकर आवश्यकता पड़ी तो उपचार कराया जाएगा।

हरियाणा के किशोर की के.डी. हॉस्पिटल में सफल सर्जरी


विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने बनाया मलद्वार


मथुरा। चिकित्सा के क्षेत्र में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ चिकित्सक सिर्फ ब्रज मण्डल ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों के लिए भी भगवान साबित हो रहे हैं। हाल ही यहां के विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने सर्जरी के माध्यम से गांव खोखियावास, तहसील हतीम, जिला पलवल (हरियाणा) के एक छह साल के बच्चे को जन्मजात परेशानी से निजात दिलाई है। ऑपरेशन न केवल सफल रहा बल्कि अब तरुण पूरी तरह से स्वस्थ है और आसानी से मल त्याग रहा है।


गौरतलब है कि गांव खोखियावास, तहसील हतीम, जिला पलवल (हरियाणा) निवासी महेश कुमार के छह वर्षीय पुत्र तरुण के जन्मजात मलद्वार नहीं था। फरीदाबाद के चिकित्सकों ने बच्चे के जन्म के दूसरे ही दिन उसके पेट से मलद्वार तो बना दिया लेकिन यथास्थान मलद्वार बनाने को कोई चिकित्सक तैयार नहीं हुआ क्योंकि उसकी आंत पेशाब की थैली से जुड़ी हुई थी तथा रीढ़ की हड्डी में भी खराबी थी।

महेश कुमार बेटे तरुण की इस परेशानी का स्थायी समाधान चाहते थे लिहाजा वह तरुण को लेकर के.डी. हॉस्पिटल में विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा से मिले। डॉ. शर्मा ने तरुण की कुछ जांचें कराईं और सर्जरी करने का निर्णय लिया। महेश कुमार की स्वीकृति के बाद डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने तीन अगस्त को तरुण का ऑपरेशन किया।

शल्यक्रिया में डॉ. शर्मा को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि इसमें कई जन्मजात विकृतियां थीं। कई घण्टे की मशक्कत के बाद डॉ. शर्मा द्वारा बड़ी आंत की ट्यूब बनाकर मलद्वार बनाया गया तथा पेशाब की थैली को भी सही किया गया क्योंकि बड़ी आंत और पेशाब की थैली के बीच भी आपस में रास्ता बना हुआ था। इस ऑपरेशन में डॉ. शर्मा का सहयोग डॉ. विक्रम सिंह यादव, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. विवेक शर्मा एवं टेक्नीशियन योगेश ने किया। किशोर तरुण अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

बच्चे के सफल ऑपरेशन पर आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. आर.के. अशोका ने विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें और उनकी टीम को बधाई दी है।

नवनिर्वाचित प्रधानों ने बनाया संगठन, प्रधानों के अध्यक्ष बने दान सिंह गुर्जर

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मथुरा। कृष्णा गार्डन में मंगलवार को मथुरा जिले के नवनिर्वाचित प्रधानों की एक संयुक्त बैठक की गई। जिसमें मथुरा-वृंदावन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गावों के प्रधानों के साथ उनके प्रतिनिधि भी शामिल हुए। प्रधानों ने एक स्वर में अपने शोषण न होने देने की आवाज उठाई। उन्होंने प्रधानों का एक संगठन गठित किया। सर्वसम्मति से नगला बोहरा के प्रधान दान सिंह गुर्जर को संगठन का अध्यक्ष चुना।


प्रधानों ने संगठन के अध्यक्ष दान सिंह गुर्जर का स्वागत करते हुए एक स्वर में प्रधानों के हो रहे शोषण के विरोध में आवाज उठाई। प्रधानों ने प्रण किया कि अब शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे लेकर समय-समय पर शासन एवं प्रशासन स्तर पर आवाज उठाएंगे। जो कि सुविधाएं प्रधानों को आवश्यक हैं, उनकी भी मांग जारी रखेंगे।

इस अवसर पर प्रधान राजेन्द्र, ब्रजबिहारी उपाध्याय, संजय धनगर, मलखान सिंह, हेमंत बाबू, चन्द्रपाल, अशोक प्रधान, रनवीर, निहाल सिंह, अमित प्रधान, योेगेश, आदि उपस्थित थे।

रोड पर ड्राइविंग करने से पहले जान लीजिए नए ट्रैफिक कानून के 19 रुल्स, जो हैं बहुत काम के

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नई दिल्ली। 9 अगस्त 2019 को मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के साथ देश में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया। इसके बाद से लोगों के मन में नए नियमों को लेकर बहुत सवाल है, जिनका उन्हें ठीक से जवाब नहीं मिला है। ऐसे में हम आपके सामने नए मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियम लेकर आए हैं, जिन्हें जानने के बाद आप मोटर वाहन के नए कानून को लेकर टेंशन फ्री हो जाएंगे।

नए कानून के मुताबिक आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने और अयोग्य होने के बावजूद गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने वाले एग्रीगेटर्स पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर 1,000 से 2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

(1) धारा 178 के तहत अब बिना टिकट यात्रा करने पर 500 रुपये जुर्माना देना होगा।
(2) धारा 179 के तहत ऑथोरिटीज के आदेश नहीं मानने पर अब 2000 रुपये जुर्माना देना होगा।
(3) धारा 181 के तहत बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये जुर्माना देना होगा।
(4) धारा 182 के तहत अयोग्य होने के बाद भी वाहन चलाने पर 10,000 रुपये जुर्माना देना होगा।
(5) धारा 183 के तहत अब ओवरस्पीडिंग (तय गति सीमा से ज्यादा तेज वाहन चलाने पर) 1000 रुपये।
(6) धारा 184 के तहत खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर अब 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
(7) धारा 185 के तहत अब शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
(8) धारा 189 के तहत अब स्पीडिंग/रेसिंग पर 5000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
(9) धारा 1921 A के तहत अब बिना परमिट वाला वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक के जुर्माना देना होगा।(10) धारा 193 के तहत लाइसेंस नियमों को तोड़ने पर 25,000 से 1 लाख रु तक के जुर्माने का प्रावधान है।
(11) धारा 194 के तहत ओवरलोडिंग (तय सीमा से ज्यादा सामान होने पर) 2000 रुपये और प्रति टन 1000 रु अतिरिक्त 20,000 रु और प्रति टन 2000 रु अतिरिक्त के जुर्माने का प्रावधान है।
(12) धारा 194 A के तहत अब ओवरलोडिंग (क्षमता से ज्यादा यात्री होने पर) 1000 रु प्रति एक्स्ट्रा पैसेंजर।
(13) धारा 194B के तहत अब सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
(14) धारा 194C के तहत अब स्कूटर और बाइक पर ओवरलोडिंग यानी दो से अधिक लोग होने पर 2000 रु तक का जुर्माना और 3 महीने के लिए लाइसेंस रद्द हो सकता है।
(15) धारा 194D के तहत अब बिना हेलमेट के 1000 रु तक का जुर्माना और 3 महीने के लिए लाइसेंस रद्द हो सकता है।
(16) धारा 194E के तहत अब एंबुलेंस जैसे इमरजेंसी वाहनों को रास्ता ना देने पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
(17) धारा 196 के तहत अब बिना बीमा (इंश्योरेंस) वाला वाहन चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
(18) धारा 199 के तहत अब नाबालिगों के अपराध के मामले में अभिभावक / मालिक को दोषी माना जाएगा।
(19) अधिकारियों को मिले अधिकार धारा 183, 184, 185, 189, 190, 194C, 194D, 194E के तहत ड्राइविंग लायसेंस सस्पेंड करने का अधिकार।

ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल कराने की हो रही तैयारी, आइसीसी ने किया कार्य समिति का गठन

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नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल कराने की तैयारी में है। क्रिकेट प्र्रेमियों को 2028 में लास एंजलिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में क्रिकेट भी दिखाई दे सकता है। आइसीसी ने इसे लेकर खुद जानकारी दी है।

आईसीसी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वह ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल कराने की तैयारी में है। इसके लिए उसने एक कार्य समिति का गठन किया है, जिसपर क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल कराने की जिम्मेदारी होगी। कोशिश होगी कि लास एंजलिस 2028, ब्रिस्बेन 2032 और आगे ओलिंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल कराया जाए।

आइसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने कहा,’सबसे पहले आइसीसी की ओर से मैं आइओसी, टोक्यो 2020 और जापान के लोगों को ऐसी कठिन परिस्थितियों में इस तरह के अविश्वसनीय खेलों के आयोजन के लिए बधाई देना चाहता हूं। इसे देखना वास्तव मे शानदार था और इसने दुनिया को आपनी ओर आकर्षित किया और हम क्रिकेट को भविष्य के खेलों का हिस्सा बनना पसंद करेंगे। हम ओलंपिक में क्रिकेट का लंबा भविष्य देखते हैं। विश्व स्तर पर हमारे एक अरब से अधिक प्रशंसक हैं और उनमें से लगभग 90 प्रतिशत ओलिंपिक में क्रिकेट को देखना चाहते हैं।’

आईसीसी ने अमेरिका में तीन करोड़ क्रिकेट प्रशंसक रहते हैं। ऐसे में 2028 में वहां होने वाले ओलिंपिक में क्रिकेट को शामिल कराना आदर्श होगा। उसने यह भी जानकारी दी कि अब तक ओलंपिक में सिर्फ एक बार क्रिकेट का आयोजन हुआ है। ऐसा 1900 में पेरिस में हुआ था। तब केवल दो टीमों ने इस आयोजन में भाग लिया था। ग्रेट ब्रिटेन और मेजबान फ्रांस। बता दें कि क्रिकेट अगले साल बर्मिंघम 2022 कामनवेल्थ गेम्स में शामिल होगा।

आइसीसी ओलंपिक वर्किंग ग्रुप की अध्यक्षता इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष इयान वाटमोर करेंगे। उनके साथ आइसीसी की स्वतंत्र निदेशक इंदिरा नूयी, जिम्बाब्वे क्रिकेट के अध्यक्ष तवेंगवा मुकुहलानी, आइसीसी के एसोसिएट सदस्य निदेशक और एशियाई क्रिकेट परिषद के उपाध्यक्ष महिंदा वल्लीपुरम और यूएसए क्रिकेट के अध्यक्ष पराग मराठे शामिल होंगे।

जिगोलो बनकर मस्ती के साथ मोटी कमाई के चक्कर में लुटे दर्जनों लोग, तीन गिरफ्तार

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आगरा। आगरा में पुलिस ने जिगोलो बनाने के नाम पर चूना लगाने वाले शाितर बदमाश गिरफ्तार किए हैं। यह सभी जिगोलो बनाने के साथ ही नौकरी लगवाने और बैंक लोन दिलाने के नाम पर लोगों को चूना लगाते थे। तीनों शातिर साइबर बदमाशों को आगरा की सदर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।


पुलिस के मुताबिक गिरोह के सदस्य लोगों को फोन पर जिगोलो बनाने का लालच देकर अपने जाल में फंसाते थे। लोगों को मोटी कमाई साथ में मस्ती के लालच में लेकर गिरोह के सदस्य फोन पर बात करने के बाद अपने खाते में रुपया जमा करवा लेते थे। खाते में रुपया आते ही टाटा बाय-बाय बोलकर मोबाइल नंबर बंद कर लेते थे। इस तरह यह गिरोह अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को को चूना लगा चुकाा है।

निजी बैंक के मैनेजरर करन गुप्ता ने इस मामले की शिकायत सदर थाने में दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस टीम ने साइबर सेल की मदद से कार्रवाई करते हुए गिरोह का सरगना नालंदा बिहार निवासी भोला और आगरा के खेड़ा राठौर निवासी सोनू और मुकेश को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से तीन फर्जी आईडी, फर्जी लोन अपू्रवल लेटर, मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में शातिर भोला ने बताया कि सस्ती दरों पर लोन, स्पा सेंटर, प्ले बॉय के नाम पर ठगी की जाती थी। पहले अखबार में विज्ञापन दिया जाता था। फिर लोगों से 5 से 35 हजार रुपए वसूले जाते थे, पैसे आने पर मोबाइल बंद कर फरार हो जाते थे।

अमेरिका में बच्चों पर कोरोना का कहर, अस्पतालों में भर्ती हुए रिकॉर्ड बच्चे

वॉशिंटगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमण तेजी से फैलने लगा है और बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह डेल्टा वैरिएंट की वजह से हो रहा है, क्योंकि यह अल्फा स्ट्रेन की तुलना में बच्चों को अधिक संक्रमित करता है।


कम टीकाकरण दर से बढ़ रही समस्या

कम टीकाकरण की रफ्तार से जूझ रहे अमेरिका के कई हिस्सों में यह प्रवृत्ति विशेष रूप से सामने आई है। कम वैक्सीनेशन वाले क्षेत्रों में कोविड-19 से संक्रमित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी देखी जा रही है। टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जेम्स वर्सालोविक का कहना है कि ‘जुलाई की शुरुआत से हमने मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी है और हमने अस्पताल में भर्ती बच्चों में भी वृद्धि देखी है।’

डेल्टा वैरिएंट की वजह से बढ़े मामले

डॉ. जेम्स वर्सालोविक ने कहा कि इसे यहां चौथी लहर माना जा रहा है और यह डेल्टा वैरिएंट की वजह से है। डेल्टा वैरिएंट अभी तक ज्ञात कोविड-19 से सभी स्ट्रेन में सबसे ज्यादा संक्रामक है। कोरोना से संक्रमित 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है।

12 साल से कम उम्र के लिए वैक्सीन नहीं

डॉक्टर ने कहा कि हकीकत यह है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अभी तक वैक्सीन नहीं है। 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन कई को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। अभी भी इस क्षेत्र में 50 प्रतिशत से भी कम युवा हैं, जिन्हें पूरी तरह से वैक्सीनेट किया गया है।

12 से ज्यादा उम्र के बच्चों को दी जा रही वैक्सीन

बता दें कि अमेरिका में फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, हालांकि यह 12 से 17 साल के बच्चों को लगाई जा रही है। फाइजर ने मार्च महीने में आंकड़ों को जारी कर बताया था कि 12 से 15 साल के 2,260 वॉलेंटियर्स को ये वैक्सीन दी गई, जिसके बाद किसी भी बच्चे में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया। उन्होंने इस बात का दावा किया था कि उनका वैक्सीन बच्चों पर पूरे 100 प्रतिशत असरदार है।

फ्लोरिडा के अस्पतालों में भर्ती हुए रिकॉर्ड बच्चे

विश्लेषण के अनुसार, फ्लोरिडा ने लगातार आठ दिनों तक बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का रिकॉर्ड बनाया। ये उस समय हो रहा है, जब टेक्सास और फ्लोरिडा में अधिकांश छात्र इस महीने स्कूल में वापस आने वाले हैं। इस बीच कुछ स्कूल इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या बच्चों के लिए मास्क की आवश्यकता है।

मथुरा यमुना प्रदूषण केस: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुछ ही समय में होगी सुनवाई

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मथुरा। उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर लगे पांच लाख रुपए के जुर्माने को लेकर आज दोपहर दो बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। मथुरा में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस एस रविन्द्र भट की कोर्ट में सुनवाई होगी।


13 अप्रेल 2017 को एनजीटी ने मथरा निवासी तपेश भारद्वाज की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया था। एनजीटी ने मथुरा छावनी परिषद पर 10 लाख एवं यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। छावनी परिषद ने जुर्माना मा करा दिया था और कचरे के निस्तारण के लिए एक कूड़ा स्थल भी बनवाया था, जिसका

याचिकाकर्ता तपेश भारद्वाज के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ दलील पेश करर परिषद की याचिका को खारिज कराएंगे। इस मामले की सुनवाई कुछ ही समय में दोपहर दो बजे होने वाली है।