Wednesday, June 25, 2025
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छात्र-छात्राओं ने हासिल की शीतल पेय निर्माण और वितरण की जानकारीजीएल बजाज के विद्यार्थियों ने शीतल पेय कम्पनी का किया शैक्षिक भ्रमण


मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के एमबीए विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ ही उद्योगों के आंतरिक कामकाज और वास्तविक कामकाजी माहौल की जानकारी से रूबरू कराने के लिए शुक्रवार को उन्हें शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया। अपने शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां (मथुरा) में शीतल पेय उत्पादन व बॉटलिंग प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी हासिल की।
डॉ. तनुश्री गुप्ता और स्तुति गौतम के मार्गदर्शन में वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां पहुंचे छात्र-छात्राओं को संयंत्र प्रमुख पंकज गुप्ता ने प्रमुख पेय उत्पादों पेप्सी, माउंटेन ड्यू, 7अप, मिरिंडा आदि के उत्पादन व बॉटलिंग प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को पैकेजिंग, फिलिंग, लेबलिंग, ट्रांसपोर्टेशन, रॉ मटेरियल, कंस्ट्रक्शन आदि के बारे में भी विस्तार से बताया। श्री गुप्ता ने विद्यार्थियों को असेम्बली लाइन से लेकर क्वालिटी कंट्रोल प्रयोगशालाओं तक का विस्तृत भ्रमण करवाया और प्रत्येक प्रक्रिया की बारीकी से जानकारी दी।
इस शैक्षिक भ्रमण पर विद्यार्थियों को बड़े पैमाने पर उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और वितरण प्रक्रिया की गहन जानकारी हासिल हुई। छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्होंने शैक्षिक भ्रमण में यह भी जाना कि जिस पेय पदार्थ को वे बड़े चाव से पीते हैं, उसे किस तरह अत्यधिक शुद्धता के साथ तथा सरकार द्वारा नियत मानकों के तहत तैयार किया जाता है। डॉ. तनुश्री गुप्ता और स्तुति गौतम ने बताया कि इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था। इस भ्रमण में विद्यार्थियों को उद्योग की वास्तविक कार्यप्रणाली, मशीनरी संचालन तथा कार्य संस्कृति का प्रत्यक्ष अनुभव मिला। यह शैक्षणिक यात्रा विद्यार्थियों के सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने में भी उपयोगी सिद्ध हुई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थियों के करियर निर्माण में शैक्षिक भ्रमण का विशेष महत्व है। इस तरह के भ्रमण के दौरान विद्यार्थी खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते हैं। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं में एक अनुभूति जागृत होती है तथा शिष्टाचार की भावना भी पैदा होती है।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थी जीवन में शैक्षिक भ्रमण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि अर्जित ज्ञान के मूल्यांकन और उसकी कमियों का पता छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण के दौरान ही चलता है। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं को वास्तविक ज्ञान प्राप्त होता है जोकि जीवन पर्यंत मानस में अंकित रहता है। उन्होंने कहा कि जीएल बजाज में युवा पीढ़ी को नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वावलम्बी बनाने की कोशिश की जाती है।
चित्र कैप्शनः शीतल पेय कम्पनी वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां के मुख्य द्वार पर खड़े जीएल बजाज के विद्यार्थी।

सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों मंदिर, इसीलिये कर रहे ‘सनातन बोर्ड’ की मांग – देवकीनंदन ठाकुरजी बांके बिहारी कॉरीडोर, मंदिर न्यास पर बोले देवकीनंदन महाराज

स्थानीय नागरिकों की भावना अनुरूप हो विकास, परम्परागत सेवा-पूजा की व्यवस्था में न हो बदलाव

कंक्रीट का गलियारा नहीं, तुलसी, लता-पताओं के प्राकृतिक श्रंगार से सजें वृन्दावन के मार्ग

माँस-मदिरा से मुक्त वृन्दावन में बहे स्वच्छ यमुना, तभी वृन्दावन का सही विकास – देवकीनंदन महाराज

वृन्दावन । बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर एवं न्यास गठन पर धर्मगुरू देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का बयान सामने आया है । देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम शुरू से ही मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सनातन बोर्ड’ बनाकर हिंदु मंदिर एवं तीर्थ स्थलों की व्यवस्था स्थानीय सनातनी भावनाओं के अनुरूप करनी चाहिये । वृन्दावन में कंक्रीट का गलियारा न बने, बल्कि स्थानीय लोगों के सहयोग से तुलसी, लता-पता, वृक्षों से सजा मार्ग बने, जिसमें प्रवेश करते समय वास्तविक वृन्दावन का आभास हो। कहा कि मंदिर दर्शन को आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये व्यवस्था बनाना सरकार और प्रषासन का दायित्व है।
गंगोत्री धाम में भागवत कथा कह रहे देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि बांके बिहारी जी मंदिर की परंपरागत सेवा-पूजा एवं व्यवस्था में बदलाव नहीं होना चाहिये। मुख्य मार्ग चौड़े होने चाहिये लेकिन वृन्दावन का सही मायने में विकास तभी माना जा सकता है जब निर्मल यमुना की जलधारा आने लगे। स्वच्छ यमुनाजल से ठाकुरजी को स्नान कराकर सेवा पूजा की जा सके। ब्रज-वृन्दावन मांस और मदिरा से मुक्त हो जायें।
बुधवार को कथा के दौरान उन्होंने कहा कि तिरूपति मंदिर दुषित प्रसाद मामले के बाद से हम ‘सनातन बोर्ड’ की मांग इसीलिये करते आ रहे हैं कि मंदिरों की पूजा पद्धिति एवं संस्कृति बची रहे। हिंदुओं के मंदिरों पर किसी भी माध्यम से सरकारी हस्तक्षेप न हो। स्थानीय नागरिक जिस तरह का धार्मिक विकास चाहते हैं, सरकार भी वैसा ही कार्य करे।
कुम्भ में ‘सनातन बोर्ड’ के लिये ‘धर्म संसद’ बुलाने वाले देवकीनंदन महाराज ने कहा कि नमाज पढ़वाने के लिये सरकार और प्रशासन सड़क पर भी व्यवस्था करवा देते हैं, इसके लिये ट्रैफिक को कंट्रोल कर डायवर्ट तक कर दिया जाता है। फिर बांके बिहारी जी जैसे मंदिरों में दर्शन को आने वाले यात्रियों के लिये उचित व्यवस्थायें क्यों नहीं बनायी जा सकती ?
मंदिर मार्गों पर बढ़ते जाम पर उन्होंने कहा कि भगवान के दर्शन को पैदल चलकर जाने का शास्त्रीय विधान है । मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर वाहन रोककर पैदल जाना चाहिये। जिससे तीर्थों में स्थानीय नागरिकों को भी परेशानी न हो।

एचपीवी से रूबरू हुए राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के विद्यार्थी

ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का निदान टीकाकरण से ही सम्भवः डॉ. विशाल गुप्ता
मथुरा। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) बहुत ही आम वायरस है जो यौन सम्पर्क के माध्यम से फैलता है। यह वायरस अक्सर बिना किसी लक्षण के रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह जननांग मस्से या कैंसर का कारण बन सकता है। ज्यादातर लोगों का शरीर एक-दो साल के भीतर वायरस से खुद ही छुटकारा पा लेता है। एचपीवी का सही उपचार सिर्फ टीकाकरण है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता डॉ. विशाल गुप्ता ने बताईं।
एमएसडी एड्यूकर कम्पनी एवं राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अतिथि व्याख्यान में डॉ. विशाल गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एचपीवी त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से फैलता है। एचपीवी के कई अलग-अलग प्रकार हैं जो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों में एचपीवी कोई लक्षण पैदा नहीं करता और वायरस अपने आप ही ठीक हो सकता है। एचपीवी किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है जो यौन रूप से सक्रिय है, भले ही उसने केवल एक बार ही यौन सम्पर्क का अनुभव किया हो। डॉ. गुप्ता ने बताया कि अधिकांश लोगों को जीवन में कभी न कभी एचपीवी जरूर होता है। उन्होंने कहा कि एचपीवी से स्वयं को और दूसरों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपीवी को नजरंदाज करना ठीक नहीं, यदि उपचार न किया जाए तो ये ग्रीवा कैंसर, गुदा कैंसर, योनि कैंसर, लिंग कैंसर, ऑरोफरीन्जियल कैंसर का कारण बन सकते हैं। एचपीवी रोग की रोकथाम पर प्रकाश डालते हुए अतिथि वक्ता ने सलाह दी कि यदि कोई व्यक्ति एचपीवी की गिरफ्त में आ गया है तो उसे समय-समय पर अपने डॉक्टर से प्रॉपर डायग्नोसिस करानी चाहिए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपी वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव में काफी कारगर सिद्ध हुई है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें अतिथि वक्ता से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर जो जानकारी मिली है, उस पर विचार मंथन करते हुए सामाजिक जागरण का काम करें। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने अतिथि वक्ता का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें एचपीवी की समुचित जानकारी होनी चाहिए। इतना ही नहीं वैक्सीन के विषय में समाज को जागरूक करना भी युवाओं का अहम दायित्व है। प्रो. चोपड़ा ने कहा कि फार्मा का क्षेत्र बहुत बड़ा है, युवा पीढ़ी ज्ञानार्जन कर स्वस्थ समाज और राष्ट्र के संकल्प को पूरा कर सकती है।
परीक्षा नियंत्रक आर.के. चौधरी ने भी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर अपने विचार रखे। अतिथि व्याख्यान का संचालन सांस्कृतिक विभाग की अधिकारी प्रतीक्षा राजोरिया, मनु शर्मा, पवन पाण्डेय, कुलदीप सिंह ने किया। डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, सोनम शाह, विभा, बृजनंदन दुबे, आकाश गर्ग, शिवेंद्र कुमार, सोनम बंसल, ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, अविनाश मिश्रा, बृजेश शर्मा आदि ने कार्यक्रम की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
चित्र कैप्शनः अतिथि वक्ता डॉ. विशाल गुप्ता के साथ राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के संकाय सदस्य, दूसरे चित्र में अतिथि वक्ता को सुनते छात्र-छात्राएं।

बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित सेवायतों को रुक्मिणी विहार में बसाने की योजना

मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने चार बड़े प्लाट चयनित कर ग्रुप हाउसिंग में 350 फ्लैट बनाने की तैयारी

मथुरा। वृंदावन में बिहारीजी कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को बसाने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली हैँ। 275 प्रभावित परिवारों केब्लिए आवासीय योजना बनाने को रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन का चयन मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया है, जहाँ फ्लैट बनाकर प्रभावित लोगों को मांग के अनुरूप उपलब्ध कराए जाने की योजना है।
वृंदावन में श्रीबाँकेबिहारी जी के दर्शन को आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए
कॉरिडोर निर्माण की दिशा में जिला प्रशासन तेजी से आगे बढ़ रहा है। जहाँ एक तरफ प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए करीब 5.5 एकड़ जमीन का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ इससे प्रभावित परिवारों को बसाने की योजना भी तैयार कर ली गई है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि कॉरिडोर से प्रभावित भू स्वामियों को रुक्मिणी विहार या फिर सुनरख में बसने का विकल्प दिया जाएगा। इन दोनों ही स्थानों पर जमीन का चयन कर लिया गया है। चयनित क्षेत्र में आवासीय योजना के रूप में फ्लैट बनाए जाएंगे। यह कार्य मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बिहारीजी कॉरिडोर के लिए चिन्हित जमीन अधिग्रहण से 275 भवन स्वामी प्रभावित हो रहे हैँ, जिसमें 200 दुकान भी शामिल हैँ। यहाँ प्रभावित इन सभी दुकानदारों को कॉरिडोर में दुकान आवंटित की जाएंगी। साथ ही सभी प्रभावित लोगों को जमीन और भवन के अनुसार मुआवजा भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर से प्रभावित होने वाले परिवारों को एक ही क्षेत्र में बसने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके लिए आवासीय योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है।
बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित परिवारों के लिए प्रस्तावित आवासीय योजना की जानकारी देते हुए मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि रुक्मिणी विहार आवासीय योजना में चार बड़े प्लाट इसके लिए चयनित किए गए हैँ जहाँ वन और टू बीएचके 325-350 फ्लैट तैयार करने की योजना है। विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एस बी सिंह का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर आसपास के क्षेत्र में जमीन चिन्हित कर प्लेटो की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा सुनरख बांगर में भी करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन भी चयनित की गई है। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी विहार में 3924.91 स्क्वायर मीटर, 2844 स्क्वायर मीटर, 1800 स्क्वायर मीटर तथा 1504 स्क्वायर मीटर के प्लाट इस योजना के लिए चयनित किए गए हैँ। जहाँ 325 से 350 फ्लैट तैयार हो जाएंगे। ग्रुप हाउसिंग में यह सभी फ्लैट वन बीएचके और टू बीएचके होंगे। विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद द्विवेदी ने बताया कि बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित लोगों के लिए प्रस्तावित फ्लैट की योजना का डिजायन भी तैयार कर लिया गया है।वृंदावन में रुक्मिणी विहार योजना में घर बनाना पहली प्राथमिकता है।

एमबीए के जूनियर्स ने सीनियर्स को दी भावभीनी विदाईजीएल बजाज में हर्षोल्लास से दी गई फेयरवेल पार्टी

एमबीए के जूनियर्स ने सीनियर्स को दी भावभीनी विदाई
जीएल बजाज में हर्षोल्लास से दी गई फेयरवेल पार्टी
मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में मंगलवार की शाम हंसी-खुशी, यादों और ढेर सारी अच्छी भावनाओं से भरी हुई थी। फेयरवेल पार्टी में युवा पेशेवरों के जीवंत नयनाभिराम कार्यक्रमों को जहां विदा ले रहे सीनियर्स साथियों की वाहवाही मिली वहीं प्राध्यापकों ने अपने आशीष वचनों से उनमें नई ऊर्जा का संचार किया। फेयरवेल पार्टी का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर किया।
इस अवसर पर प्रो. नीता अवस्थी ने एमबीए की विदा ले रही युवा तरुणाई से कहा कि जब आप कॉलेज से बाहर निकलें तो अपने कर्तव्यों और आचार-विचार से लोगों में यह प्रभाव जरूर डालें कि जी.एल. बजाज में उन्हें शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिले हैं। प्रो. अवस्थी ने अपने सम्बोधन में तेजी से बदलते नौकरी बाजार, तकनीकी प्रगति के प्रभाव और आने वाले वर्षों में उच्च मांग वाले कौशल पर अपनी अंतर्दृष्टि, दृष्टिकोण और ज्ञान साझा किया।
मां सरस्वती की वंदना के बाद छात्र-छात्राओं ने राजस्थानी, पंजाबी, हरियाणवी तथा पाश्चात्य गीत-संगीत के साथ मनमोहक नृत्य से अपने वरिष्ठ साथियों का खूब मनोरंजन किया। इस अवसर पर संस्थान से विदा ले रहे छात्र-छात्राओं की यात्रा को दर्शाने वाला एक वीडियो प्रजेंटेशन भी किया गया। फेयरवेल पार्टी में न केवल विदा लेने वाले वरिष्ठों के लिए जश्न मनाया गया बल्कि अविस्मरणीय यादों का खजाना भी संजोया गया, जिसे आने वाले वर्षों तक संजोकर रखा जाएगा। चूंकि वरिष्ठ नए सफर पर निकल रहे हैं, इसलिए पूरा बैच उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता है। इस अवसर पर विदा ले रहे छात्र-छात्राओं ने भी अपने संस्मरण सुनाए तथा संस्थान की खूबियों पर अपने विचार व्यक्त किए।
फेयरवेल पार्टी की योजना और समन्वय सोनिया चौधरी ने सावधानीपूर्वक किया, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सजावट से लेकर निष्पादन तक हर पक्ष कृतज्ञता और उत्सव की भावना को दर्शाता हो। माहौल खुशी और पुरानी यादों से भरा हो। डॉ. शशि शेखर विभागाध्यक्ष (एमबीए) ने अपने सम्बोधन में विदा ले रहे छात्र-छात्राओं की शिक्षणेत्तर गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक उपलब्धियों, व्यक्तिगत विकास और संस्थागत कार्यक्रमों तथा पहलों में सक्रिय भागीदारी पर प्रकाश डाला। इतना ही नहीं उन्होंने सक्षम पेशेवर और जिम्मेदार विद्यार्थी के रूप में उनके विकास पर गर्व भी व्यक्त किया।
सृष्टि अग्रवाल, लतिका रावत तथा यश गुप्ता ने फेयरवेल पार्टी का जहां जीवंत और आकर्षक संचालन किया वहीं कुकी वार्ष्णेय, प्रिया रावत तथा कनक के जीवंत नृत्य प्रदर्शन ने फेयरवेल पार्टी को चार चांद लगा दिए। फेयरवेल पार्टी में संकाय सदस्यों स्तुति गौतम, रामदर्शन सारस्वत, डॉ. भारती मेघानी, डॉ. शताक्षी मिश्रा आदि ने युवा तरुणाई का जमकर उत्साहवर्धन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं ने जी.एल. बजाज में जो शिक्षा और संस्कार हासिल किए हैं उनका जीवन में निडरता पूर्वक इस्तेमाल करें।
चित्र कैप्शनः संकाय सदस्यों के साथ फेयरवेल पार्टी का लुत्फ उठाते एमबीए के छात्र-छात्राएं।

सोमवार को मदनमोहन पुत्र फूलचन्द निवासी फ्लेट नं. 181 प्रथमतल राधा सिटी गोवर्धन मथुरा मूलपता ब्रज नगर नियर शिव मन्दिर काका जी की कोठी भरतपुर राजस्थान के द्वारा रेलवे

सोमवार को मदनमोहन पुत्र फूलचन्द निवासी फ्लेट नं. 181 प्रथमतल राधा सिटी गोवर्धन मथुरा मूलपता ब्रज नगर नियर शिव मन्दिर काका जी की कोठी भरतपुर राजस्थान के द्वारा रेलवे स्टेशन मथुरा जं. पर 50000 रूपये गुम हो जाने की सूचना दी गयी। पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा के निर्देश एवं प्रभारी निरीक्षक थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन के द्वारा थाना जी.आर.पी. मथुरा जं. पुलिस द्वारा तत्काल प्रयास कर शमरूद्दीन पुत्र स्व. इतवारी निवासी 222/310 सुखदेव नगर सोख रोड कृष्णानगर थाना कोतवाली मथुरा के सहयोग से सर्कुलेटिंग एरिया मथुरा जं. से गुम हुये 50,000/- रूपये बरामद कर पीड़ित मदनमोहन के सुपुर्द किये गये।अपने रूपए पाकर उनके द्वारा थाना जी.आर.पी. मथुरा जं. पुलिस के कार्य की प्रशसा की।

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को टैबलेट मिले, चेहरे खिलेविद्यार्थियों का संकल्प, ज्ञानार्जन के लिए करेंगे टैबलेट का सदुपयोग


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं को मंगलवार को भारत सरकार की डीजी शक्ति स्कीम के तहत टैबलेट प्रदान किए गए। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया के करकमलों से टैबलेट मिलते ही जहां छात्र-छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान दिखी वहीं उन्होंने संकल्प लिया कि वे इनका इस्तेमाल ज्ञानार्जन के लिए करेंगे।
छात्र-छात्राओं को टैबलेट प्रदान करने के बाद निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि शिक्षा का स्वरूप बदल रहा है। आज की शिक्षा पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी पर निर्भर है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जो टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उनका इस्तेमाल आप लोग ज्ञानार्जन के लिए करेंगे, ऐसा विश्वास है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए यह टैबलेट बहुत उपयोगी साबित होंगे। इनकी सहायता से छात्र-छात्राओं को डिजिटल इंडिया अभियान से जुड़ने में मदद मिलेगी।
डॉ. भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को टैबलेट का उपयोग शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने, तकनीकी कौशल विकसित करने तथा विभिन्न विषयों को सीखने में करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं इन टैबलेटों के माध्यम से अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इतना ही नहीं शिक्षकों के साथ संवाद कर सकते हैं तथा नई तकनीकों से परिचित हो सकते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी विवेकानन्द यूथ इम्पावरमेंट स्कीम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक अभिनव योजना है, इसका उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना है। यह योजना युवाओं को कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें सक्षम बनाने के लिए केन्द्रित है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इन टैबलेटों के माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई सुचारु रूप से सम्पन्न कर सकेंगे। सरकार द्वारा इस प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का मूल उद्देश्य युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराना भी है।
उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार की डीजी शक्ति योजना का उद्देश्य युवाओं को ऑफलाइन से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है, क्योंकि आज के समय में अधिकांश उद्योग-व्यापार ऑनलाइन स्तर पर ही चल रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. विकास जैन ने कहा कि जिस देश की सरकार युवाओं को उच्च शिक्षित करने के लिए ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चला रही है, निश्चित रूप से इस देश की युवा शक्ति अपने स्किल और ज्ञान की शक्ति के बल पर एक दिन विश्व में भारत को प्रथम शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाला देश बना देगी। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से प्राप्त डिजिटल उपकरण का सटीक उपयोग करने तथा इसके बल पर अपना ऑनलाइन ज्ञान-स्तर बढ़ाने का आह्वान किया।
चित्र कैप्शनः टैबलेट प्राप्त करने के बाद निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया के साथ छात्र-छात्राएं।

बड़े डॉक्टर से ठीक होने के बजाय नीम हकीम के हाथ से मर जाना अच्छा

 मथुरा। पुरानीं कहावत है कि नीम हकीम के हाथ से ठीक होने के बजाय डॉक्टर के हाथ से मर जाना अच्छा, लेकिन वर्तमान हालातों के देखते हुए मेरा विचार इसके एकदम उलट है। मेरी सोच अब यह है कि ऊंचे और नामचीन डॉक्टरों के हाथ से ठीक होने के बजाय नीम हकीम के हाथ से मर जाना अच्छा।
 ज्यादातर नामी गिरामी अस्पतालों व डॉक्टरों की स्थिति मरीज का अच्छा उपचार करके उसे ठीक करने वाली सेवा भावना तो रही नहीं। अब तो कैसे धन ऐंठा जाए यह उद्देश्य रह गया है। नयति अस्पताल इसकी जीती जागती मिसाल है। यही कारण रहा की नयति जैसे अत्याधुनिक सुविधा संपन्न अस्पताल को बंद होना पड़ा। अनेक अस्पतालों का दिखावटी रूप स्वरूप भले ही चमक दमक का हो किंतु सही मायने में तो ज्यादातर ये कट्टी घर हो चुके हैं। मरीज को ठीक करने में इनकी रुचि कम और तिल तिल कर मारने और तो और मरने के बाद भी जिंदा बताकर उसका इलाज करने के नाम पर परिजनों से लूटपाट की जाती है। यानी बगैर हथियारों के ही हत्या और डकैती साथ-साथ। न इन पर कोई केस दर्ज होता है और ना ही इनकी गिरफ्तारी होती है।
 ऐसे एक नहीं अनेक मामले सामने आते रहते हैं कि मृतक मरीज को वेंटिलेटर पर बताकर या अन्य कोई भी बहाना लगाकर उसके परिजनों को लूटा जाता है। मृतक मरीज को तो आई.सी.यू. में अंदर पटक दिया जाता है और उसके पास किसी को जाने भी नहीं देते।  ऐसे लोग कसाई के समान है। इनसे तो कम पढ़ाई किए हुए छोटे और अनुभवी कंपाउंडर या नीम हकीम जिन्हें झोलाछाप का बेहूदा नाम दे दिया गया है, अच्छे होते हैं। इसीलिए किसी ने कहा है कि बड़े डॉक्टर मुर्दों का इलाज करते हैं और नीम हकीम जिन्दों का।
 ऐसा लिखकर मैं यह नहीं सिद्ध करना चाहता कि 100% बड़े डॉक्टर या बड़े अस्पताल ऐसे होते हैं। कुछ प्रतिवाद भी हैं। मैं स्वयं का अनुभव भी साझा करता हूं। पिछले वर्ष मुझे प्रोस्टेट की परेशानी हुई और के.डी. मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन कराया तथा एक सप्ताह के लिए भर्ती होना पड़ा। वहां डॉ. मनु गुप्ता जो लीलावती अस्पताल बम्बई में कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं तथा मूलतः मथुरा के लोहवन गांव निवासी हैं, के द्वारा ही मेरा ऑपरेशन किया गया।
 मैं डॉ. मनु गुप्ता की योग्यता और सेवा भाव से चमत्कृत रह गया। उनकी सहयोगी डॉ. विनायका जो बनारस की हैं तथा डॉ. कार्तिकेय जो गोरखपुर के हैं, इन तीनों की टीम के अंदर मैंने जो सेवा भाव देखा उससे मैं अभिभूत हो गया। डॉ. विनायका जिनके पिता बनारस में सुविख्यात चिकित्सक हैं, के बारे में बता रही थीं कि मेरे पिताजी कहते हैं कि मरीज का आधा दुःख तो डॉ. अपने व्यवहार से दूर कर देते हैं। इसके अलावा मैंने के.डी. मेडिकल में नाम मात्र के खर्चे पर मरीजों का जो उपचार देखा वह भी सराहनींय है। यही कारण है कि वहां मरीजों और उनके तीमारदारों की भारी भीड़ लगी रहती है।
 अंत में पुनः वही लौटता हूं जहां से चला था, यानी हम लोगों को ज्यादा बड़े और नामचीन डॉक्टर व अस्पतालों की शरण में जाने की बजाए छोटे व अनुभवी डॉक्टरों की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। भले ही कंपाउंडर या अनुभव का ज्ञान रखने वाला बगैर डिग्री वाला चिकित्सक नीम हकीम या झोलाछाप ही क्यों न हो। यदि हमें बड़ों की शरण में जाना भी हो तो उनकी में जाएं जिनकी साख सेवा भावी वाली ज्यादा और धनोपाजर्न वाली कम हो। एक बात और कहूंगा कि जहां तक हो सके घरेलू उपचार सादा खान-पान शारीरिक श्रम व पेट को साफ रखने का फार्मूला सर्वोत्तम है। यदि आपका पेट साफ रहेगा तो बीमारियां स्वतः ही दूर रहेंगी। यदि बीमारी दूर रहेंगी तो तन और मन दोनों प्रफुल्लित रहेंगे। तन और मन प्रफुल्लित रहेंगे तो फिर आचार विचार और संस्कार भी स्वच्छ रहेंगे। यदि आचार विचार और संस्कार अच्छे रहेंगे तो फिर 84 लाख योनियों के बाद मिला यह अनमोल जीवन ही सार्थक हो जाएगा।

समाधान दिवस बढ़ रही शिकायतें

मथुरा। मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीणा की अध्यक्षता में तहसील मॉंट के सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें राजस्व विभाग की 24, पुलिस विभाग की 07, वन विभाग की 02, पूर्ति विभाग की 05, विकास विभाग की 05 एवं विद्युत विभाग की 06 कुल 49 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से मौके पर 02 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया गया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समस्त सम्बन्धित विभागों को तहसील दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करने एवं शिकायतकर्ता को भी अवगत कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। तहसील दिवस में मुख्य विकास अधिकारी के साथ, उपजिलाधिकारी मॉंट, तहसील का समस्त स्टॉफ एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

दो साल के तरुण का के.डी. हॉस्पिटल में हुआ सफल ऑपरेशनशिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने फेफड़े से निकाली गांठ


मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा ने गांव बैरी, जिला मथुरा निवासी हरवान के दो साल के पुत्र तरुण को नया जीवन दिया है। डॉ. शर्मा और उनकी टीम द्वारा बच्चे के फेफड़े की गांठ की सफल सर्जरी की गई। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसकी सांस लेने की परेशानी भी दूर हो गई है।
जानकारी के अनुसार गांव बैरी, मथुरा निवासी हरवान का पुत्र तरुण लगातार खांसी आने तथा सांस लेने की परेशानी से जूझ रहा था। उसे कई जगह दिखाया गया लेकिन चिकित्सकों को बच्चे की असली परेशानी समझ में नहीं आई। आखिरकार उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया तथा शिशु औषध विभाग में दिखाने के बाद चिकित्सकों ने उसे शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा को दिखाने की सलाह दी। डॉ. शर्मा ने बच्चे का एक्सरा तथा सीटी स्केन कराया जिससे पता चला कि उसके फेफड़े में गांठ है जो दिल (हृदय) से चिपकी हुई है।
बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी। हरवान की स्वीकृति के बाद डॉ. शर्मा द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर बच्चे तरुण का ऑपरेशन किया गया। लगभग तीन घंटे चले ऑपरेशन में डॉ. शर्मा द्वारा बच्चे की गांठ जोकि हृदय से चिपकी हुई थी, उसे पूरी तरह से निकाल दिया गया। गांठ 10 गुणा 8 गुणा 5 सेंटीमीटर की थी तथा द्रव पदार्थ से भरी हुई थी। इस गांठ को पैथोलॉजी विभाग में सूक्ष्मदर्शी यंत्र से जांच के लिए भेज दिया गया है।
इस ऑपरेशन में डॉ. शर्मा का सहयोग डॉ. आशीष, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह तथा ओटी टेक्नीशियन योगेश ने किया। ऑपरेशन के बाद बच्चे की देखरेख डॉ. संध्या लता आचार्य शिशु औषध के निर्देशन में हुई। इस ऑपरेशन पर डॉ. शर्मा का कहना है कि दो वर्ष के बच्चे के फेफड़े में गांठ होना अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विकृति है। ऐसी परेशानी 50 हजार बच्चों में एकाध को ही होती है। उन्होंने बताया कि मेडिकल भाषा में इसे ब्रोन्कोजेनिक सिस्ट कहते हैं तथा कुछ बच्चों में एंटेरोजीनंस सिस्ट होती है।
डॉ. शर्मा का कहना है कि बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। बच्चे का वजन भी बढ़ गया है तथा अब वह सामान्य रूप से भोजन भी करने लगा है। बच्चे के सफल ऑपरेशन के लिए हरवान ने डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार मानते हुए कहा कि वह तो नाउम्मीद हो गया था। उसे डर था कि कहीं बच्चे को कुछ हो न जाए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्चे की सफल सर्जरी के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई दी।
चित्र कैप्शनः पिता की गोद में तरुण तथा उसका ऑपरेशन करने वाले शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्यामबिहारी शर्मा।