Friday, August 15, 2025
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पूर्व पालिका अध्यक्ष मनीषा गुप्ता, कर्मचारियों से होगी 1.74 करोड़ की वसूली एसटीपी संचालन में पकड़ा था घालमेल

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मथुरा। नगर पालिका के एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) संचालन में वर्ष 2014-15 में हुई अनियमितता की जांच के बाद नगर विकास मंत्रालय के निर्देश पर पूर्व पालिका अध्यक्ष समेत कर्मचारियों से 1.74 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी।
वर्ष 2014-2015 में नगर पालिका द्वारा एसटीपी संचालन का टेंडर फरीदाबाद की एक कंपनी को दिया था। इस कंपनी में तकनीकी खामी होने के बाद भी इसे ठेका दे दिया। इसकी शिकायत मंडलायुक्त से की थी। इसकी जांच डीएम के निर्देश पर एडीएम ने की थी। जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद तत्कालीन डीएम ने पालिकाध्यक्ष मनीषा गुप्ता, अधिशासी अधिकारी केपी सिंह, अवर अभियंता जलकल केआर सिंह, सहायक अभियंता उदयराज सिंह, लेखाकार विकास गर्ग व लिपिक जलकल विभाग टुकेश शर्मा को दोषी माना और सभी से कंपनी को भुगतान की गई धनराशि 1.74 करोड़ रुपये की वसूली की संस्तुति मंडलायुक्त से की थी। मंडलायुक्त ने इसे नगर विकास मंत्रालय भेज दिया। जब कार्रवाई नहीं हुई तो एक बार फिर पार्षद उमेश भारद्वाज द्वारा शिकायत की गई। अब मंत्रालय के निर्देश पर नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ ने अकेंद्रीयकृत कर्मचारी रिटायर्ड बाबू टुकेश शर्मा से वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी है। अन्य से वसूली की कार्रवाई नगर विकास मंत्रालय द्वारा की जाएगी।

ढाय गिरी मजदूर दबकर मर गया, हादसे में इस एक बात ने कर दिया इंसानियत को शर्मसार

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मथुरा। सीवर की खुदाई का कार्य कर रहा मजदूर विपिन मात्र दो मीटर गहरे गड्ढे में फंसा था और लोग उसे बचाने के बजाय सड़क पर खड़े होकर वीडियो से फेसबुक लाइव कर रहे थे। यहां तक कि जो युवक उसके साथ दबा था वह बचकर बाहर आ गया पर अपने साथी को बचाने के स्थानर पर वो भी वीडियो बनाने में मशगूल था। नतीजा ये रहा कि विपिन का दम घुट गया और वो मर गया।
मसानी पंपिंग स्टेशन से पीएमवी पॉलीटेक्निक कॉलेज के निकट स्थित एसटीपी प्लांट तक सीवर पाइप लाइन डाली जा रही है। इस पाइप लाइन को डालने की जिम्मेदारी त्रिवेणी कंपनी की है। मथुरा-वृंदावन रोड पर बिरला मंदिर के निकट मोहन नगर से गुजर रही पानी की पाइप लाइन लीक हो गई। इसे ठीक करने के लिए त्रिवेणी के ठेकेदार द्वारा कुछ स्थानीय मजदूरों को भी बुला लिया था। इन्हीं मजदूरों में से दो मजदूर विपिन (22) पुत्र राकेश निवासी मोहन नगर तथा अवनीश पुत्र रामगोपाल कनकोर टीला दोपहर करीब ढाई बजे उक्त पानी की पाइप लाइन की लीकेज सही करने का काम कर रहे थे। इसी दौरान पीछे से ढाय गिर गई, जिसमें विपिन और अवनीश दब गए। अवनीश तो तत्काल निकलकर बाहर आ गया लेकिन विपिन उसी में दबा रह गया। जब तक उसे बाहर निकाला गया उसकी मौत हो चुकी थी।

वीडियोः विदेशी महिला के साथ अश्लील हरकत करने का मामले में 6 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

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वृन्दावन। केशवधाम पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत एक कालोनी निवासी विदेशी महिला के साथ कथित साधु सहित आधा दर्जन नामजदों द्वारा घर में घुसकर छेड़छाड़ व अश्लील हरकत करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता रशियन महिला के अनुसार 2 जून की सुबह उसके पति व ससुर परिक्रमा करने के लिए गए थे और वह घर में अकेली थी। इसी दौरान पड़ौसी साधु वेशधारी सुदर्शन दास अपने साथी विपिन पांडे, बलराम तिवारी, शिवेंद्र उपाध्याय, शुभम पांडे एवं कार्तिक वाघवानी के साथ आया। नामजद आरोपी उसके पति व ससुर से मिलने के बहाने घर मे घुस आए और महिला के साथ अश्लील हरकत करने लगे। महिला ने किसी तरह भागकर खुद को बचाया। पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर 6 नामजदों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

 

सीवर लाइन की खुदाई के दौरान मिट्टी की ढाय गिरी, मजदूर की मौत

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मथुरा। ये हादसा थाना गोविंद नगर के बिरला मंदिर क्षेत्र की है। यहां सीवर की खुदाई का कार्य चल रहा था तभी मिट्टी ढाय गिर गई। बंगाली कालोनी निवासी मजदूर विपिन को अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है।

भगवान जगन्नाथ का पहले महाभिषेक हुआ, इसके बाद बीमार पड़े और 16 दिन के लिए हुए होम क्वारंटीन

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ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर धर्मनगरी के मंदिरों में जलयात्रा का पर्व सादगी के साथ मनाया गया। परिक्रमा मार्ग में राजपुर स्थित विश्रामवट जगन्नाथ मंदिर एवं जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ का गंगा जल, यमुना जल एवं फलों के रस समेत जड़ी बूटियों से महाभिषेक किया गया। जिसमें ठाकुरजी अस्वस्थ हो जाने पर विश्रामगृह (क्वारंटाइन) में चले गए। अब 22 जून को स्वस्थ्य होने पर ही भक्तों को दर्शन देंगे। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के कारण भक्त अपने आराध्य के महाभिषेक दर्शन नहीं कर सके।
प्राचीन मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ का जल, फलों के रस व जड़ी बूटियों आदि से महाभिषेक किया जाता है। जिसमें अधिक स्नान के कारण ठाकुरजी ज्वर से पीड़ित होने पर विश्रामगृह (क्वारंटाइन) में चले जाते हैं। जो 16 दिन उपचार के पश्चात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को रथयात्रा से एक दिन पूर्व संध्या के समय भक्तों को दर्शन देते हैं।

8 जून से खुल जाएंगे मंदिर, लेकिन नियमों के बारे में पहले जान लें

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर पूरी सावधानी व सतर्कता बरतना आवश्यक है। धर्मस्थलों को खोले जाने से पूर्व प्रशासन व पुलिस के अधिकारीगण धर्मस्थलों के प्रबन्धन से जुड़े लोगों से संवाद बनाए तथा उन्हें सभी सावधानियां बरतने को कहा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक धर्म स्थल पर सेनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था रहनी चाहिए। धर्मस्थल के अन्दर एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु न हों। धर्म स्थल में प्रतिमा अथवा धार्मिक ग्रन्थों को कोई भी स्पर्श न करे। धर्म स्थलों के परिसर में श्रद्धालु जूता-चप्पल पहनकर न जाएं। जूता-चप्पल रखने के लिए धर्म स्थल की व्यवस्था से जुड़े लोग इस सम्बन्ध में समुचित इन्तजाम करें। उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि लोग यथा-सम्भव अपने वाहन आदि में जूता-चप्पल उतारने के बाद ही धर्म स्थल की ओर प्रस्थान करें।
मुख्यमंत्री ने यह सभी निर्देश शुक्रवार को टीम 11 की मीटिंग में दिए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे समस्त मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों से प्रतिदिन सीधे संवाद कर कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों को पीने के लिए गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने उद्योग बन्धु, पिकप आदि संस्थाओं को उद्योगों के संचालन की अनुकूल परिस्थितियां सृजित करने के सम्बन्ध में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश भी दिए।

अपडेटः वरिष्ठ अधिवक्ता संक्रमित, अस्थाई जेल के बंदी के संपर्क में आने के बाद इंस्पेक्टर समेत दस पुलिसकर्मी क्वारंटीन

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मथुरा। जिले में कोरोना पाॅजिटिव के आठ नए केस मिले हैं। बृहस्पतिवार की देर रात आई रिपोर्ट में 6 लोग छाता के रहने वाले हैं, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता और अस्थाई जेल का बंदी भी शामिल है। जनपद में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 96 हो गई है। बंदी को गिरफ्तार करने वाले थाना हाईवे के इंस्पेक्टर सहित 10 पुलिसकर्मी क्वारंटीन किए गए हैं।
तहसील छाता निवासी सब्जी विक्रेता की पिछले दिनों कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आई थी। इसके बाद उसके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। बृहस्पतिवार की रात आई रिपार्ट में 6 लोग कोरोना पाॅजिटिव निकले हैं। इनमें 5 और 6 वर्ष के दो बच्चे, 15 वर्षीय किशोरी और तीन अन्य व्यक्ति शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया है।
इधर, मथुरा शहर के गुरुनानक नगर निवासी 68 वर्षीय अधिवक्ता की भी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है। कोरोना पाॅजिटिव को आइसोलेट किया गया है। परिवार के साथ संपर्क में आए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। मथुरा की अस्थाई जेल में बंदी कोरोना पाॅजिटिव मिला है। बंदी की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप है। बंदी को गिरफ्तार करने वाली थाना हाईवे पुलिस टीम को क्वारंटीन किया गया है। इसमें एक इंस्पेक्टर सहित 10 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

डीआईओएस और स्कूल प्रबंधकों की मीटिंग, सरकार-प्रशासन के आदेशों के साथ काम करने की बात कही

 

मथुरा। लगभग 78 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करते हुए एसोसिएशन आॅफ सीबीएसई एफिलेटेड स्कूल के पदाधिकारियों ने जिला विद्यालय निरीक्षक को अफवाहों की स्थिति से अवगत कराया। डा. अनिल यदुवंशी ने बताया कि जनपद के विद्यालयों में दो माह बीतने पर भी अभी तक सिर्फ कुछ बालकों की फीस आई है। ऐसे में स्टाॅफ को वेतन देना तथा विद्यालय के मेंटीनेंस के कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया इस वर्ष जनपद के सभी विद्यालयों ने स्कूल फीस में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की है। प्रतिनिधिमंडल में दीपक मुकुटवानी, कुलदीप लवानिया सहित अन्य प्रतिनिधियों ने बताया कि राज्य सरकार और न ही मथुरा जिला प्रशासन की ओर से फीस माफ करने को लेकर कोई आदेश जारी किया है। इस पर डीआईओएस ने स्कूल प्रतिनिधियों को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

नगर निगम में सफाई कर्मी भर्ती घोटाले के बाद बोले नगर आयुक्त, कोई भ्रम में न रहे, नियमों से होगी भर्ती

 

मथुरा। जमुनापार स्थित नगर निगम का कूड़ा निस्तारण प्लांट का एक कंपनी द्वारा संचालन किया जा रहा था। करीब दो माह पूर्व कंपनी ने काम बंद कर दिया। इस कार्य की जिम्मेदारी निगम ने ही ले ली थी। निगम द्वारा आवश्यकता के अनुसार यहां पर चालक तथा अन्य स्टाफ के लिए बैकलाॅग के सफाईकर्मियों से काम लेना प्रारंभ कर दिया लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए सफाईकर्मियों की आवश्यकता थी। निगम द्वारा शुरुआत में करीब 42 सफाईकर्मियों को लिया जाना था।
इन सफाईकर्मियों के लिए निगम में घमासान मचा हुआ था। जनप्रतिनिधियों ने इसी मामले को लेकर भर्ती में प्रमुख भूमिका निभा रहे सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी की भी धुनाई कर डाली थी।
नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ ने उक्त अधिकारी से यह जिम्मेदारी हटा दी है। उन्होंने बताया कि सफाईकर्मचारी बनने वाले लोग भ्रम में ना रहें। अभी तक कोई सूची तैयार नहीं की गई है। हम भर्ती के लिए सफाईकर्मचारियों के नाम डूडा के माध्यम से ही लेंगे। नगर आयुक्त ने बताया कि वह स्वयं जांच करेंगे कि भर्ती होने वाले सभी निर्बल आय वर्ग के ही हों। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की दलाली में संलिप्त पाया गया और पर्याप्त साक्ष्य मिले तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।

निर्मल इनीशिएटिव ट्रस्ट की अभिनव पहल, बच्चों को कोरोना और बाल यौन हिंसा और सुरक्षा के बारे में समझाया, किट बांटी

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मथुरा। निर्मल इनीशिएटिव ट्रस्ट ने जिले की आटस ग्राम पंचायत के सात गांवों में परिषदीय विद्यालयों जाकर बच्चों को बाल सुरक्षा किट प्रदान की। इस कार्यक्रम में बच्चों को कोरोना से बचाव, बाल यौन सुरक्षा के बारे में बताया गया। सुरक्षा किट में हाथ धोने के लिये साबुन, कोरोना से बचाव समझाती कलरिंग शीट्स, बाल यौन सुरक्षा पर केन्द्रित रंग-पुस्तिका, क्रेयान्स और साथ ही पौधे उगाने के लिये बीज और एक पत्र था।
कार्यक्रम संयोजक खुर्शीद आलम कुरैशी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाॅकडाउन के दौरान भी बच्चों एवं पाठशाला के बीच रचनात्मक सम्पर्क को बनाये रखना हैं। यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे प्रत्येक 5 व्यक्तियों में से 2 के पास हाथ धोने के लिए साबून नही है। साबुन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए बच्चों के लिए सुरक्षा किट में साबुन दिए गए हैं। बच्चों के लिए रंगों के 1000 डिब्बे समाजसेविका रीना गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए।
संस्था की निदेशिका श्वेता गोस्वामी ने बताया कि ऐसी कई रिपोर्ट सामने आयी हैं जो यह बताती हैं कि कोविड-19 की रोकथाम के लिये लागू लाॅकडाउन में महिलाओं एवं बच्चों के प्रति हिंसा में तीव्र वृद्धि हुयी है। इस समस्या को स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के अंतर्गत देखा जाना चाहिए। उन्होंने समझाया कि किस तरह लाॅकडाउन ने हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहले से भी अधिक समय बिताने तथा उनके साथ और अधिक निकटता बढ़ाने का अवसर दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस लाॅकडाउन के समय का सदुपयोग हम अपने छोटे बच्चों के साथ उन असहज विषयों पर बात करने के लिए कर सकते हैं, जिनके बारे में बात करना निषेध माना जाता है, जैसे- यौन शोषण की पहचान और रोकथाम के बारे में उन्हें समझाना। ग्राम पंचायत स्तर पर यौन हिंसा की रोकथाम एवं किशोरी स्वस्थ सुरक्षा को ग्राम प्रधान द्वारा सुनियोजित तरीके से किया जा सकता है। इस पर सरकार एवं प्रशासन को जोर देना चाहिए। उन्होंने संस्था द्वारा किये जा रहे अन्य कार्यक्रम की भी जानकारी दी जिसमें राजपुर गांव के साथ इन सात गाँवों मे 12-20 वर्ष की बच्चियों को निःशुल्क सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं। अंत में कार्यक्रम के सह-संयोजक जितेन्द्र वर्मा ने आटस ग्राम पंचायत प्रधान चंदन सिंह, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।