Sunday, June 29, 2025
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वीडियोः एक दिन पहले से गायब प्रेमी युगल के शव कुंए में मिले, परिवारों में कोहराम

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राघव शर्मा

बरसाना। सोमवार को थाना बरसाना के गांव कमई में एक सनसनीखेज घटना सामने आई। यहां एक कुएं में प्रेमी युगल के शव मिले। जैसे ही ये खबर गांव में फैली ग्रामीणों का हुजूम लग गया। युवक-युवती बीती शाम से ही अपने घरों से गायब थे। परिजन उनकी तलाश कर रहे थे, सुबह लड़के की मां कंडे थापने गई तो कुएं के पास लड़के की चप्पलें देखीं। कुंए में झांकने पर दोनों के शव देखकर चीख पड़ी। घटना के बाद दोनों ही घरों में कोहराम मच गया है।
परिजनों के मुताबिक युवक योगेश पुत्र रामहरि रविवार की शाम अपने घर से बाहर घूमने के लिए गया था। लेकिन लौट कर नही आया। इधर लड़की खुशबू पुत्री पप्पू भी अपने घर से गायब थी। समझा जा रहा है कि दोनों पहले से ही इस दुनिया को अलविदा कहने का मन बना चुके थे। बताया जाता है कि दोनों में प्रेम प्रसंग चल रहा था। योगेश का लड़की के भाई से दोस्ताना था। ऐसे में दोनों का घरों में आना जाना था। लेकिन परिजनों के अनुसार वे इस सब से अनजान थे। एक दिन पहले ही योगेश के लिए रिश्ता आया। इससे घर में खुशियों का माहौल था। इस घटना के बाद दोनों ही परिवारों में कोहराम मच गया है। ग्रामीणों ने बताया लड़के हाथ में एक सुसाइड नोट भी था लेकिन पुलिस इस बात से इंकार कर रही है। पुलिस आनर किलिंग के बिंदु सहित सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

इस संयोग को जानकर तो ठिठक जाते ट्रंप के भी कदम, ताज का दीदार करने वाले पुतिन, डायना समेत दुनिया की 6 हस्तियों के साथ हो गया कुछ ऐसा

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आगरा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सपरिवार 24 फरवरी को ताजमहल देखने आ रहे हैं। वैसे तो कहा जाता है कि ताजमहल का दीदार करने वालों का प्यार अमर हो जाता है। लेकिन, एक संयोग ऐसा भी है जिसमें दुनिया की छह हस्तियों ने ताजमहल का दीदार किया और कुछ समय बाद वे सभी अपने पार्टनर से अलग हो गए। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही ब्रिटिश राजकुमारी डायना भी शामिल हैं। दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में जो तथ्य दिए गए है वो आपको भी चौंका देंगे।

दुनियाभर की वे हस्तियां जो ताजमहल देखने पहुंचीं

व्लादिमीर पुतिन- 2000 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पत्नी ल्यूडमिला के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे। लेकिन, तीन साल बाद दोनों का तलाक हो गया।

प्रिंसेस डायना- 1992 में ब्रिटिश राजकुमारी डायना भी ताजमहल देखने पहुंची थीं। हालांकि, वे यहां अकेले ही आई थीं। प्रिंस चार्ल्स की गैर-मौजूदगी को लेकर किए गए सवाल पर डायना ने कहा था कि अच्छा होता अगर वो भी यहां होते। दस महीने बाद ही डायना और चार्ल्स के तलाक की खबर ने सभी को चौंका दिया था।

टॉम क्रूज- 2011 में टॉम क्रूज फिल्म ‘मिशन इम्पॉसिबलरू घोस्ट प्रोटोकॉल’ के वर्ल्ड प्रीमियर से पहले भारत पहुंचे थे। हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज, अनिल कपूर के साथ ताजमहल देखने गए थे। वहां से लौटने के बाद 2012 में टॉम क्रूज का उनकी तीसरी पत्नी कैटी होम्स से तलाक हो गया था।

रसेल ब्रांड- 2009 (दिसंबर) में हॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन एक्टर रसेल ब्रांड ताजमहल देखने पहुंचे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड कैटी पेरी भी आई थीं। यहां से लौटने के बाद दोनों ने शादी भी की, मगर 14 महीनों बाद ही दोनों का तलाक हो गया।

बोरिस बेकर- 2012 में दुनिया के महान टेनिस प्लेयर बोरिस बेकर पत्नी लिली के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे। बाद में इन दोनों का भी तलाक हो गया। बेकर ने 17 साल की उम्र में विंबलडन ग्रैंडस्‍लैम जीता था।

जैकलीन कैनेडी- 1962 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलीन कैनेडी अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहते हुए भारत-पाकिस्तान की गुडविल ट्रिप पर आई थीं। इस दौरान वे ताजमहल देखने भी पहुंची थीं। यहां से लौटने के बाद 1963 में राष्ट्रपति जॉन एफ.कैनेडी की हत्या हो गई और जैकलीन अकेली रह गई थीं।

भवनों को किराए पर देने वाले लोगों की इनकम पर लगेगा सर्विस टैक्स, वाणिज्य कर विभाग करेगा चिंहित

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लखनऊ। अगर आपने बड़े-बड़े व्यावसायिक भवनों को बनवाकर उसे किराए पर चलाने का धंधा कर रखा है तो आप सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाले है। आयुक्त वाणिज्य कर अमृता सोनी ने इस संबंध में सभी जोन प्रभारियों से इस संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार कराते हुए मुख्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।
उन्होंने जोन प्रभारियों को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की बैठक में टैक्स बढ़ाने के दौरान इन बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। इसमें पूछा गया था कि व्यावसायिक भवन बनवाकर उन्हें किराए पर चलवाने वालों से सर्विस टैक्स लेने का क्या प्रावधान है। इसके आधार पर ही आयुक्त वाणिज्य कर ने प्रदेशभर के जोन प्रभारियों को पत्र लिखकर पूछा है कि ऐसे भवन स्वामी जिनके द्वारा अपने भवनों को बड़े-बड़े शोरूम के लिए किराए पर दे दिया गया है क्या उनके द्वारा नियमानुसार सर्विस टैक्स दिया जा रहा है या नहीं।
इस पत्र में कहा गया है कि सप्लाई ऑफ सर्विसेज और सर्विसेज के सप्लायर्स के लिए पंजीकरण कराने की व्यवस्था है। इसके लिए उसे 20 लाख रुपये पंजीकरण शुल्क देना होता है। इसलिए सर्वे करके यह पता लगाया जाए कि उनके यहां करयोग्य व्यावसायिक भवनों की संख्या कितनी है। इसमें कितनों ने पंजीकरण करा रखा है। पंजीकृत व्यक्तियों द्वारा कितना पैसा सालाना जमा किया जा रहा है। व्यवसायिक भवनों में कितने ऐसे है जिनके भवन स्वामियों द्वारा पंजीकरण नहीं कराया गया है। वाणिज्य कर मुख्यालय जोन से सूचना मिलने के बाद इस संबंध में विधिक प्रक्रिया के आधार पर ऐसे भवनों को सर्विस टैक्स के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

आरक्षण और वोट तंत्र ने देश को कोढ़ी जैसा बनाकर रख दिया

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विजय कुमार गुप्ता

मथुरा। देश की प्रगति में सबसे ज्यादा घातक है तो वह है आरक्षण और वोट तंत्र। यह दोनों हमारे देश में घुन व दीमक की तरह लग गए हैं। इन्होंने देश को खोखला करके रख दिया है। जब तक ये दोनों रहेंगे, देश आगे नहीं बढ़ेगा। इन दोनों ने देश की हालत कोढ़ी जैसी कर रखी है। यदि देश की लाज इस समय बचा रखी है तो नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यक्तिगत बलबूते पर। यदि राजनैतिक नजरिये से हटकर सोचा जाये तो यह 100 प्रतिशत सही है।
पिछले कुछ समय पूर्व जब संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत ने यह कहा कि आरक्षण पर विचार मंथन होना चाहिये। बस इसी बात को लेकर देश में भूचाल सा आ गया। जबकि उन्होंने आरक्षण समाप्त करने की कोई बात नहीं की सिर्फ विचार मंथन की चर्चा की थी।
वोट तंत्र यानी लोक तंत्र बल्कि मैं तो कहूंगा कि यदि जो आज कल हो रहा है, यही लोक तंत्र है तो यह लोक तंत्र नहीं कोढ़ तंत्र है। ऐसा लोक तंत्र किस काम का जो देश द्रोही और जयचंद जैसे गद्दारों को प्रोत्साहित करके वोट प्राप्त करने का अपना उल्लू सीधा करें और फिर भी हम इतरा-इतरा कर कहते हैं कि हमारा लोक तंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोक तंत्र है।
हम लोगों को चीन से सबक लेना चाहिये और सोचना चाहिये कि वह कैसे विश्व की बड़ी ताकत बन गया। वहां देश विरोधी ताकतों को जूते के बल पर रौंद दिया जाता है और हमारे यहां देश विरोधी ताकतों को सर आंखों पर बिठाकर रखा जाता है और उनके जूते चाटे जाते हैं। यही कारण है कि चीन का डंका बज रहा है और हमारा जो हश्र हो रहा है वह सभी के सामने है।
इससे अच्छा तो आपात काल था जब संजय गांधी भले ही तानाशाह बन गए लेकिन उन्होंने तानाशाह बनकर भी पूरे देश को प्रगति की राह पर ला दिया। ट्रेनें समय पर चलने लगी। भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं दिखाई देता था। हालांकि इंदिरा गांधी ने आपातकाल अपने आप को सत्ता में बनाये रखने के लिये लागू किया था। दूसरी ओर यह भी मानना होगा कि भले ही इंदिरा गांधी में लाख कमियां हों किंतु बांग्लादेश बनवाकर पाकिस्तान के दो टुकड़े करने का साहसिक कार्य उन्होंने ही किया।
यह भी सही है कि आपातकाल में ज्यादतियां भी बहुत हुई और उसी का परिणाम सामने आया कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी की भारी दुर्गति हुई वे खुद अपना चुनाव तक हार गये। लेकिन सच्चाई तो सच्चाई है, इसे स्वीकार करने में हिचकिचाना नहीं चाहिये।
आरक्षण को आजादी के बाद कांग्रेस ने 10 साल के लिये यह कहकर लागू किया था कि निचले तबके के लोगों को राहत दी जा सके लेकिन वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने निचले तबके के लोगों की सहानुभूति लेकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने के इरादे से यह चालबाजी खेली थी जिसकी सजा अब पूरा देश भुगत रहा है।
10 वर्ष के नाम पर किया गया आरक्षण अब 100 साल में भी नहीं समाप्त होगा। अब तो आरक्षण का रोग फैल रहा है और हर कौम आरक्षण मांग रही है। आरक्षण के नाम पर अयोग्य व्यक्तियों को योग्यों के ऊपर बैठाकर देश तरक्की करेगा क्या? तांगे में घोड़ों के स्थान पर गधों को प्रमोशन देकर जोत दिया जाये और यह कहा जाये कि इससे गधों का स्तर ऊँचा होगा और वे घोड़ों के समकक्ष हो सकेंगे तो क्या होगा? आप स्वयं समझ सकते हैं।
ठीक यही हाल देश रूपी तांगे का हो रहा है। होना यह चाहिये कि चाहे जिस जाति धर्म या समाज का व्यक्ति हो यदि योग्य है तो वह योग्य है और अयोग्य है तो अयोग्य है। यदि पिछड़े वर्ग के लोगों को उठाना है तो उन्हें पहले योग्य बनायें, फिर वे स्वयं ऊँचे उठ जायेंगे। अयोग्य होते हुए उनके ऊपर आरक्षण का लेबल चिपका कर योग्यता की श्रेणी खड़ा करना देश के साथ गद्दारी है।
पिछड़ा वर्ग तो हर जाति के लोगों में होता है, हर जातियां एवं सम्प्रदाय में तरक्की किये और पिछड़े लोग होते हैं। खास जाति के लोगों को पिछड़ा मान लिया जाना गलत है। क्या संत रैदास अगड़ी जाति के थे? ऐसे एक नहीं अनेक महापुरुष हुए हैं जिनको पूजा जाता है।
सबसे ज्यादा शर्मनाक बात महिला आरक्षण है। महिलाओं को हर जगह आरक्षण देकर सरकारें महिलाओं के साथ भी ज्यादती कर रही है। मान लीजिये कोई महिला सरकारी नौकरी में है और उसे प्रसव होता है। उस अवधि में उसे मातृत्व अवकाश दिया जाता है। ठीक है मातृत्व अवकाश कुछ समय के लिये होता है, फिर उसके बाद बच्चे के लालन-पालन की जिम्मेदारी क्या समाप्त हो जाती है? इस सबसे हटकर एक बात और वह यह कि इन बेचारियों का कार्यालयों में भी किस-किस प्रकार का शोषण होता है, सभी जानते हैं।
महिलाओं को घर जाकर गृहस्थी भी संभालनी, खाना बनाना आदि सब कुछ देखना यानी चैबीसों घंटे खटते ही रहना होता है। पहले कार्यालय फिर घर और घर वाले भी यही चाहेंगे कि मरे या जिये कमाई करके ला। इससे भी बड़ी बात यह है कि उस नवजात के अधिकारों का कितना भयंकर हनन होता होगा जिनके लिये उसका पूरा हक है। बच्चे की परवरिश और उसके सही लालन-पालन में कितनी कटौती होती होगी, यह भी किसी ने सोचा है। माँ तो माँ नवजात बच्चों के लिये कितनी तकलीफ होती होगी? इस ओर भी ध्यान देना होगा। उनके नवजात अधिकार कहां जायेंगे?
एक दूसरा पहलू और देखना होगा, वह यह कि एक घर में तो लड़के, बहू, बेटी यानी पूरा कुनबा नौकरी कर रहा है और दूसरी ओर पड़ौस में ही दूसरा घर है जिसमें कमाने वाला केवल एक ही मुखिया है, उसको रोजगार भी पूरी तरह से नहीं मिल रहा, बेकारी से परेशान है। घर में बच्चों को भरपेट खाना भी नसीब नहीं है।
कहने का मतलब है कि महिलाओं को मुख्यतः घर गृहस्थी में ध्यान देना चाहिये तथा बच्चों की परवरिश व उन्हें अच्छे संस्कारवान बनाना चाहिये। मजबूरी की बात दूसरी है। कमाई करना मर्दों का काम है ना कि औरतों का। इसीलिये उन्हें घरवाली कहा जाता है।
लेकिन अब तो हल बेहाल है। पहले जमाने में औरतों और लड़कियों से काम करना हेय दृष्टि से देखा जाता था। औरतों व लड़कियों को नौकरी या व्यवसाय सिर्फ विपरीत परिस्थितियों में या यों कहिये कि मजबूरी में करना चाहिये। बेरोजगारी का एक मुख्य कारण यह भी है।
देखने में आता है कि ग्राम प्रधान या नगर पालिका अथवा नगर पंचायतों आदि में जिन वार्डों में महिलाओं का आरक्षण होता है, वहां ज्यादातर चुनी हुई महिलायें घर में घुसी रहती हैं और उनके पति या अन्य सदस्य सब कुछ काम करते हैं। महिलाओं से तो सिर्फ हस्ताक्षर कराये जाते हैं। अब तो पुलिस प्रशासन छोड़िये, सेना में भी महिलाओं को भर्ती का फरमान अदालत दे रही है। क्या इनकी शारीरिक संरचना ऐसी है जो युद्ध भूमि में दुश्मन को परास्त कर सकेंगी। महारानी लक्ष्मीबाई आदि वीरांगनाओं के कुछ अपवादों को छोड़कर हमें सच्चाई को स्वीकारना होगा।
सबसे ज्यादा विचारणीय बात यह भी है कि रज पीरियड में महिलाओं को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा? घर भी देखना और कार्यालय अथवा अन्य प्रतिष्ठानों में भी नौकरी करने जाना। क्या सरकार मातृत्व अवकाश के साथ-साथ रजस्वला अवकाश भी देगी? सच बात यह है कि बेचारी इन अबलाओं के साथ कितना अन्याय हो रहा है इसकी किसी को परवाह नहीं, बस वोटों का लोभ इनके लिये दिखावटी सहानुभूति दर्शा रहा है।
अंत में यह भी कहना जरूरी है कि पहले इनके दहेज के लिये उत्पीड़न और फिर बाद में इस प्रकार से इनका शोषण यादि बच्चा पैदा करो, उसे पालो और घर गृहस्थी संभालो तथा ऊपर से कमाई और करके लाओ। हालांकि कुछ लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे तथा दकियानूसी सोच बतायेंगे और तरह-तरह से कुतर्क करेंगे।

5 आईपीएस अफसरों पर कार्यवाही की तलवार, एसआईटी ने पूरी कर ली जांच, ये था पूरा मामला

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एसआईटी ने प्रदेश के पांच आईपीएस अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी कर ली है। एसआईटी अगले हफ्ते अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप सकती है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा भी एसआईटी को कुछ दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं। शिकायतकर्ता ने पेन ड्राइव में सभी डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इसमें दो आईपीएस अफसरों की वायस रिकॉर्डिंग भी है। इसमें ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन की बात कर रहे हैं।
एक जिले के कप्तान ओवरलोड गाड़ियों को पास कराने का सौदा कर रहे हैं। हालांकि ये सभी दस्तावेज एसएसपी गौतमबुद्ध नगर रहे वैभव कृष्ण ने जांच अधिकारी को पूर्व में ही सौंप दिए थे।
ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन मामले की एसआईटी जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो पांचों आरोपी आईपीएस अफसरों को महंगा पड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इनमें से कुछ अफसरों के निलंबन से लेकर विभागीय जांच तक की सिफारिश की जा सकती है।
जिन आईपीएस की शिकायत की गई थी उनमें गाजियाबाद के एसएसपी रहे सुधीर कुमार सिंह, रामपुर के एसपी रहे अजय पाल शर्मा, बांदा के एसपी रहे गणेश साहा और सुल्तानपुर के एसपी रहे हिमांशु कुमार शामिल थे। इसके अलावा कुशीनगर में एसपी रहे राजीव नारायण मिश्रा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

वीडियो: मथुरा को अपराध मुक्त करना पहली प्राथमिकता-एसएसपी

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मथुरा/वृंदावन। मथुरा के नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर अपना चार्ज ग्रहण करने से पूर्व रविवार को विश्वविख्यात ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने ठाकुरजी के दर्शन व पूजा अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
दर्शनों के पश्चात पत्रकारों से मुखातिब हुए नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मथुरा जनपद को अपराध मुक्त करना ही उनकी प्राथमिकता होगी। नियो न्यूज़ से खास बातचीत में एसएसपी ने कहा..

भीम आर्मी के शांति मार्च में मौजूद रहा पुलिस बल

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रविवार को देशभर में भीम आर्मी ने भारत बंद का ऐलान किया ।इस दौरान मथुरा में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शांति मार्च निकाला । भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने डीग गेट, होली गेट होते हुए विकास मार्केट तक शांति मार्च निकालकर महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन मथुरा जिला प्रशासन को सौंपा। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी के विरोध में शांति मार्च निकाला तो वही सरकार से आरक्षण के साथ छेड़छाड़ न करने और संविधान के अनुसार आरक्षण की व्यवस्था को बनाए रखने की मांग की है।

वीडियो: निरंकारी भक्तों का अनूठा प्रयास, जिला अस्पताल में चलाया सफाई अभियान

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रविवार को जिला अस्पताल में संत निरंकारी बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया ।इस दौरान जिला अस्पताल परिसर में संत निरंकारी बाबा के अनुयायियों ने सफाई कर स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। गौरतलब है कि हर वर्ष संत निरंकारी बाबा के जन्म दिवस पर उनके अनुयाई प्रदूषण मुक्त वातावरण के उद्देश्य स्वच्छता अभियान चलाते हैं।

मंडी में अतिक्रमण को लेकर प्रशासन सख्त, व्यापारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

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मथुरा। मंडी में अतिक्रमण को लेकर प्रशासन का रवैया सख्त है। इधर व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए है।
मंडी परिसर में अतिक्रमण को लेकर निदेशक जितेंद्र पाल सिंह के सख्त आदेश के बाद मंडी प्रशासन द्वारा चिंहित 268 अतिक्रमण में से अब भी 50 स्थानों पर अतिक्रमण बाकी है। सब्जी मंडी में अतिक्रमण हटाने के बाद एक बार फिर की सूचना पर मंडी निरीक्षक कंहैया शर्मा ने उन्हें हटाने को कहा तो व्यापारियों ने अभद्रताण् कर दी। इसके बाद मंडी निरीक्षक ने रवि ट्रेडर्स, कुंवरपाल एंड संस के खिलाफ थाना हाइवे में तहरीर दे दी।
शनिवार को इन दोनों व्यापारियों को मंडी प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। बताया जा रहा है मंडी प्रशासन निलंबन की कार्यवाही करके मंडी व्यापारियों खासकर अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों को सख्त संदेश देना चाहता है। मंडी सचिव सुनील शर्मा ने बताया कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अतिक्रमण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सख्त कार्यवाही होगी।

सोनभद्र में सोने के भंडार वाली बात झूठी निकली, जीएसआई के महानिदेशक ने जारी किया पत्र, पढ़िए

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यूपी के सोनभद्र में तीन हजार टन सोना निकलने की बात महज हवा-हवाई साबित हुई। जिले के खनन अधिकारी केके राॅय के दावे के उलट भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई ) के केंद्रीय मुख्यालय से ये पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में अभी तक सोनभद्र की सोनपहाड़ी, हरदी क्षेत्र में तीन हजार टन सोना निकलने की मीडिया रिपोर्ट, सरकारी बयानों पर हैरानी जताई गई है। महानिदेशक श्रीधर ने इन सभी बातों का खंडन किया है, ऐसी कोई खबर न होने की बात कही गई है।
जीएसआई के जनसंपर्क अधिकारी आशीष कुमार नाथ ने कहा है कि हमने 1998 से 2000 तक इस क्षेत्र में खुदाई की थी। जिसमें 52806.25 टन अयस्क होने की जानकारी लगी। इसमें प्रति टन अयस्क 3.03 ग्राम सोना निकलने की संभावना जताई गई थी। उन्होंने सोनभद्र के जिला खनन अधिकारी केके राॅय के इस दावे जिसमे उन्होंने सोहन पहाड़ी में 2943.26 टन, हरदी क्षेत्र में 646.16 किलो सोना होने की बात कही है, उसे पूरी तरह से गलत बताया है।