वृंदावन में रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को अब भारत की नागरिकता मिलेगी। यूपी सरकार ने जिन 32 हजार शरणार्थियों की सूची केंद्र को भेजी है उनमें ये भी शामिल है। यह पाकिस्तानी नागरिक पिछले चार दशक से यहां शरण लिए हुए हैं।
योगी सरकार की ओर से केंद्र को भेजी गई सूची में चार नाम जिले के वृंदावन से जुड़े हैं। इसमें सबसे वृद्ध 65 वर्षीय राधारानी निवासी कांशीराम कॉलोनी है। इसके अलावा वृंदावन में रसियन बिल्डिंग के निकट निवासी जयाबाई और उनके दो पुत्र आनंद और ऋषिकेश भी सूची में शामिल हैं। यह सभी लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो कई दशक पहले पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे। डीएम ने इस बात की पुष्टि की है।
वृंदावन में शरण लिए चार पाकिस्तानियों को अब मिलेगी भारतीय नागरिकता
सरकारी कार्यालयों से नदारद मिले अधिकारी और कर्मचारी, पढ़िए किस कार्यालय से कौन-कौन मिला अनुपस्थित
मथुरा। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, नगर मजिस्टेªट एवं सभी डिप्टी कलेक्टरों के माध्यम से प्रातः 10 बजे विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण कराया। उन्होंने कलेक्टेªट स्थित विभिन्न कार्यालयों के उपस्थिति रजिस्टरांे का स्वयं निरीक्षण किया। श्री मिश्र द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में सुशील कुमार पचैरी चकबन्दी लिपिक, धीरज सिंह लेखपाल, लवकेश सिंह चाहर चकबन्दी लेखपाल अनुपस्थित पाये। इसी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के यहां ताराचन्द, हुकुम सिंह, सत्य प्रकाश सारस्वत, मुकेश कुमार, मनीषा शर्मा, नन्द किशोर यादव, सोमनाथ, शैलेन्द्र रावत, अनिल कुमार आनन्द, गजराज सिंह अनुपस्थित पाये गये।
मुख्य विकास अधिकारी रामनेवास ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में प्रातः 10ः25 पर मारे गए छापे में डा0 धुरेन्द्र कुमार उप कृषि निदेशक, शिरीश चन्द श्रीवास्तव लेखाकार, बन्टी सिंह प्रधान सहायक, विनोद कुमार जीप चालक, अभिषेक अग्रवाल कनिष्ठ सहायक, शिवकुमार कनिष्ठ सहायक, अमित चैधरी कनिष्ठ सहायक, सुनील कुमार चतुर्थ श्रेणी, अफजल अहमद चतुर्थ श्रेणी, गोविन्द पाल चतुर्थ श्रेणी अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार मुख्य विकास अधिकारी को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 57 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये, जिसमें सीएमओ द्वारा अवगत कराया गया कि डा. बीएन खन्ना मेडीकल लीव पर चल रहे हैं एवं दो कर्मचारी संतोष कुमार एवं अमन यादव निरीक्षण के दौरान उपस्थित हुए। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी के स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने कृषि रक्षा कार्यालय, उप संभागीय कृषि प्रसार के यहां भी औचक निरीक्षण किया तथा अनुपस्थित कर्मचारियों के स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिये।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बृजेश कुमार ने समाज कल्याण, दिव्यांग, सशक्तिकरण, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहाकारिता, उप निबंधक प्रथम एवं द्वितीय के यहां आकस्मिक छापे मारे, जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के यहां बसीम अहमद, राजेश कुमार, शिवेन्द्र प्रताप, राजवीर सिंह अनुपस्थित पाये गये। इसी प्रकार कार्यक्रम अधिकारी के यहां राशिद अहमद सिद्धकी, दुष्यन्त तौमर, नरेन्द्र कुमार एवं उप निबंधक प्रथम के यहां कुलदीप सक्सेना अनुपस्थित पाये गये।
नगर मजिस्टेªट मनोज कुमार सिंह द्वारा मांट ब्रांच गंग नहर, अपर खण्ड आगरा नहर, सिंचाई निर्माण खण्ड गोकुल बैराज का औचक निरीक्षण किया, जिसमें उन्हें मांट ब्रांच गंग नहर में दुष्यन्त कुमार, रचना कुमारी अनुपस्थित पाये। नितिन कुमार की तैनाती अलीगढ़ जनपद बतायी गई। अपर खण्ड आगरा नहर में राजकुमार, श्रवण कुमार अनुपस्थित पाये गये। इसी प्रकार सिंचाई निर्माण खण्ड में मंजू शर्मा अनुपस्थित पायी गई। ऋषि कुमार की आकस्मिक अवकाश अंकित था, किन्तु प्रार्थना पत्र मांगने पर अवकाश स्वीकृत नहीं था।
डिप्टी कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने जिला सेवा योजन कार्यालय में आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें मनोज कुमार लवांनिया एवं आशीष चन्द्र बंसी अनुपस्थित पाये गये। डिप्टी कलेक्टर कृष्णानन्द तिवारी ने जिला विद्यालय निरीक्षण के यहां आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें रामेश्वर दयाल शर्मा, अंजू शर्मा, संगीता शर्मा, अरूण कुमार लवानिया, देश दीपक, संजय चतुर्वेदी, कृष्ण गोपाल, सुशांत शर्मा, उदवीर सिंह आदि को अनुपस्थित पाया। डिप्टी कलेक्टर श्याम अवध चैहान द्वारा अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण के यहां 04, कृष्णा नगर सबडिवीजन के यहां 04, , बीपीएनएल हेल्प डेस्क के यहां 02, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम के यहां 05, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय के यहां 01, कम्प्यूटर आॅपरेटर विद्युत वितरण के यहां 03 एवं ईयूडीसी के यहां 06 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये।
विश्व विद्यालय की परीक्षा में पकड़े गए 18 मुन्ना भाई, दिल्ली, भरतपुर, बरेली, अलीगढ़ से आए थे परीक्षा देने
रवि यादव
मथुरा। डा.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में बड़ी पफर्जीबाड़ा पकड़ में आया है। इन परीक्षाओं में दिल्ली, भरतपुर, बरेली और मथुरा के मुन्ना भाई परीक्षा देते पकड़े गए है।
सोमवार को विश्व विद्यालय के परीक्षा केंद्र राजीव एकेडमी टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट काॅलेज में बीएससी एग्रीकल्चर की परीक्षा थी। परीक्षा के दौरान काॅलेज प्रशासन ने जांच की तो चौंकाने वाली बात सामने आयी। दस्तावेजों की पड़ताल मंे यहां अलग-अलग जिलों से आए 18 ऐसे छात्र पकड़े गए जो दूसरे छात्रों के स्थान पर बैठकर परीक्षा दे रहे थे। काॅलेज प्रशासन ने इन सभी को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
जो छात्र पकड़े गए है उनमें गौरव पुत्र भिक्की नौहझील, वीरेंद्र पुत्र संतोष चैमुहां, आशुतोष पुत्र विनय नई दिल्ली, गगन पुत्र गोपाल भरतपुर, रामकुमार पुत्र ओमी टप्पल, महिपाल पुत्र भोजराम भरतपुर, प्रशांत पुत्र जितेंद्र अलीगढ़, कुलदीप पुत्र राम मिलन चित्रकूट, प्रशांत पुत्र ब्रह्मदत्त अतरौली अलीगढ़, रोहित पुत्र ठाकुर दास बरेली, रामू पुत्र कन्हैया छाता, महिपाल पुत्र हरीश मथुरा, ऋषि पुत्र इंद्रपाल चित्रकूट, महेश पुत्र राजेंद्र मथुरा, करण पुत्र दिगंबर जैंत, बाॅबी पुत्र सुरेंद्र भरतपुर, अनिल पुत्र शिवचरण कोसी, मुकेश पुत्र रामवीर कोसी है।
दुर्घटना से देर भली के अपने ही नारे को ठेंगा दिखा रही हैं सरकार की रफ्तार बढ़ाने वाली योजनायें
विजय कुमार गुप्ता
मथुरा। रेल गाड़ियों और सड़क पर चलने वाले वाहनों की दिनोंदिन बढ़ती रफ्तार दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
एक ओर सरकार दुघटना से देर भली का नारा प्रचारित करती है, वहीं दूसरी ओर दिन-प्रतिदिन रेल गाड़ियों की रफ्तार बढ़ा कर शेखी बघारी जाती है कि इतने कम समय में दिल्ली से बंबई, कलकत्ता, मद्रास आदि-आदि स्थानों पर रेल गाड़ी पहुंचेगी।
मुसाफिर भी उसी रेल से सफर करना पसंद करते हैं जो कम से कम समय में गतंव्य तक पहुंचा दे। इस बात पर कोई नहीं सोचता कि तेज रफ्तार की रेलगाड़ियों या सड़क पर चलने वाले वाहनों से कितनी अधिक दुर्घटनायें हो रही हैं?
आज से लगभग 5-6 दशक पूर्व मथुरा से दिल्ली रेलगाड़ियों करीब चार-साढ़े चार घंटे में पहुंचती थीं। उस समय रेलगाड़ियों से लोग कम कटते थे। अब तो न सिर्फ इंसान सब्जी की तरह कट रहे हैं बल्कि निरीह पशुओं की मौत भारी मात्रा में हो रही है इन तेज रफ्तार रेलगाड़ियों से।
यही स्थिति सड़क पर चलने वाले वाहनों की है। रेलगाड़ियों और सड़क पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार आधी से भी कम होनी चाहिये तभी दुर्घटना से देर भली का नारा सार्थक हो सकेगा।
कई दशक पूर्व मुझे महाराष्ट्र में नैरोगेज की रेलगाड़ियों में बैठने का मौका मिला। मैंने देखा कि वह इतनी कम रफ्तार में चलती थी कि उस रेलगाड़ियों के किसी यात्री को प्यास लगे तो रास्ते में पड़ने वाले नल पर चलती गाड़ी से उतर कर पानी पीले और दौड़ कर फिर गाड़ी में बैठ जाये। खैर अब तो नैरोगेज (सबसे छोटी रेल लाइन) काफी समय पूर्व ही बंद हो चुकी है।
सरकार और जनता को सोचना चाहिये कि तेज रफ्तार ज्यादा अच्छी या जिंदगी? शायद लोग यही उत्तर देंगे कि जिंदगी ज्यादा कीमती है।
रेलगाड़ियों की रफ्तार तेज करके शान दिखाने के बजाय रफ्तार घटाकर जान बचाने की शान ज्यादा सार्थक होगी। इसी प्रकार सड़क पर चलने वाली गाड़ियों में ऐसा सिस्टम होना चाहिये जो सौ किलोमीटर की रफ्तार से अधिक गाड़ी चल ही न सके।
शायद लोग इस बात पर हंसेंगे और मजाक बनायेंगे लेकिन जब कभी हंसने और मजाक बनाने वालों पर बीतेगी तब वे इस बात का मर्म समझेंगे। जब किसी का घर उजड़ता और बिगड़ता है तब उसपर जो बीतती है, उसे वही जानता है। उन बेचारे निरीह पशुओं की जान भी तो कम कीमती नहीं है जो रोजाना हजारों की संख्या में काल के गाल में समा रहे हैं तथा अंग-भंग होकर तड़प-तड़प कर मर रहे हैं।
इस तीव्र गति के युग से तो बैलगाड़ी युग लाख गुना ज्यादा अच्छा था।
बाबा जयगुरुदेव की मौत पर उठाए सवाल, बताया षडयंत्र, जयगुरूदेव धर्मप्रचारक संस्था के उपाध्यक्ष रामप्रताप के आरोप
मथुरा। बाबा जयगुरुदेव महाराज का निधन स्वाभाविक नहीं था। वह अपने निकटस्थ धोखेबाज लोगों के षड्यंत्र का शिकार हुए हैं। धोखेबाजों का लक्ष्य उत्तराधिकारी बनकर संस्था और ट्रस्ट की संपत्तियों पर कब्जा करना था। षड्यंत्र में तत्कालीन सत्तारुढ़ पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल रहा है। उक्त आरोप संत स्वामी तुलसीदास महाराज और जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के उपाध्यक्ष रामप्रताप ने लगाए है।
उन्होंने बताया कि 18 मई 2012 को मेदांता हॉस्पिटल ने बाबा जयगुरुदेव को डिस्चार्ज करके अन्य अस्पताल ले जाने को कहा था, लेकिन चरण सिंह और पंकज यादव वेंटीलेटर एंबुलेंस से सीधे मथुरा ले आए। यहां पर रात को बाबा के देह त्यागने की घोषणा कर दी, जबकि बाबा जयगुरुदेव को विदेश भी एयर एंबुलेंस से ले जाकर बढ़िया इलाज कराया जा सकता था।
तत्कालीन सत्तारुढ़ पार्टी के इशारे पर पंकज यादव को काबिज करा दिया गया, जबकि पंकज का संस्था और ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है। पंकज यादव के साथ उमाकांत तिवारी भी कब्जा करने में शामिल रहे। अधिवक्ता प्रदीप राजपूत ने बताया कि पंकज यादव और उमाकांत तिवारी संस्था के बैंक खातों का बखूबी इस्तेमाल करते रहे। वहीं नए खाते भी खुलवाकर संचालन कर रहे हैं। स्वयंभू संस्था का पदाधिकारी बताकर यह षड्यंत्र रचा गया।
घर बैठे पाएं पार्ट टाइम नौकरी, हजारों में होगी सेलरी, ऐसे होती थी ठगी मथुरा का है सरगना
मथुरा। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के लोगों को घर बैठे पार्ट टाइम जाॅब कर 25 से 30 हजार रुपये कमाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गैंग छह महीने में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है।
रजिस्ट्रेशन और जीएसटी के नाम पर खातों में रकम जमा कराई जाती थी। गैंग के दो खातों में तकरीबन दस लाख रुपये के ट्रान्जेक्शन की जानकारी पुलिस को मिली है। गैंग का सरगना अभी फरार है।
दयालबाग निवासी तूलिका गुप्ता से पिछले दिनों ठगी की गई थी। उनसे घर बैठे एक कंपनी में नौकरी लगवाने का झांसा दिया गया। इसके बाद रजिस्ट्रेशन और टैक्स के नाम पर तीन बार में 10800 रुपये जमा करा लिए गए।
उन्हें मैनेजर और डायरेक्टर बनकर काॅल किया गया। उनसे कहा गया कि इंडियन सक्सेस मंतरा कंपनी में नौकरी लगवाकर घर बैठे एक घंटे कंप्यूटर में डाटा फीडिंग करनी होगी। इसके लिए हर माह कंपनी 25 से 30 हजार रुपये देगी। ठगी का पता चलने पर तूलिका गुप्ता ने पुलिस से शिकायत की थी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। पुलिस के पास और भी शिकायत थी।
पुलिस ने जनपद से तीन आरोपियों को पकड़ लिया गया है। इनमें सादाबाद के गांव नौपुरा निवासी योगेश कुमार, अलीगढ़ के इगलास का हरीश कुमार और सादाबाद के गढ़ उमराऊ का रोहिताश शामिल है। साइबर सेल के मुताबिक गैंग का सरगना मथुरा निवासी सचिन है।
भोला, हरीश और योगेश उसके साथी हैं। योगेश ने अपना बैंक खाता सचिन को किराये पर दिया था। इसके लिए हर महीने तय रकम लेता था। गैंग के सदस्य लोगों के मोबाइल नंबर का डाटा लेते हैं। इसके बाद काॅल करके नौकरी का झांसा देते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने पर लोगों से शैक्षिक दस्तावेज मांगते थे। इसके लिए 2160 रुपये लेते थे। लोगों से खातों में रकम जमा कराई जाती है।
पुलिस की पूछताछ में गैंग के छह खातों की जानकारी मिली है। इनमें मथुरा की भारतीय स्टेट बैंक और केनरा बैंक की शाखा के खातों में छह महीने में पांच-पांच लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। बाकी चार खातों की डिटेल भी बैंक से मांगी गई है। गैंग का सरगना सचिन 12वीं पास है। वह छह महीने से गैंग चला रहा है। योगेश के बैंक खातों को किराये पर ले रखा था। जिन नंबरों से काॅल की जाती थी, उनको ठगी के कुछ समय बाद बंद कर दिया जाता है। इसके लिए फर्जी आईडी पर सिम लेते थे। योगेश की मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। हरीश काम नहीं करता है। सचिन ही खातों से रकम निकालता था। पकडने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक विनोद कुमार, एसआई अमित कुमार, सिपाही विजय तोमर, बबलू कुमार, इंतजार सिंह, जितेंद्र हैं।
ऊर्जा मंत्री के जिले में अफसरों की लापरवाही का नमूना देखिए, एक किलोवाट के कनेक्शन का बिल आया साढ़े सात लाख रुपया
मथुरा। विद्युत कनेक्शन एक किलोवाट का और बिजली बिल आया साढ़े सात लाख रुपया। ये देख उपभोक्ता के पैरों तले जमीन खिसक गई। अब उपभोक्ता इस बिल को ठीक कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने उसका कनेक्शन भी काट दिया है।
थाना हाइवे क्षेत्र के गांव नरहौली निवासी हरिओम सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने भाई शिवशंकर के नाम से एक किलोवाट का कनेक्शन लिया था। उन्होंने बताया कि घर में एक पंखा, एक सीएफएल और छोटी सबर्सिबल है। ढाई साल से बिल नहीं आया तो बिल के बारे में पता करने के लिए वह कैंट बिजली घर गए और बिल जनरेट कराया तो उन्हें 7, 64, 432 रुपये का बकाया बिल थमा दिया। इतनी बड़ी रकम का बकाया देख उपभोक्ता सकपका गया। 15 दिन पहले बिजली विभाग के लोग उनका मीटर भी उखाड़ ले गए और कनेक्शन काट दिया।
जरारा रजवाह में मिला मेरठ के युवक का शव
मथुरा। थाना सुरीर इलाके में एक व्यक्ति का शव मिलने से आस-पास के इलाके में हड़कंप मच गया। शव मिलने की खबर सुनकर धीरे-धीरे ग्रामीणों का जमावाड़ा लग गया। जब ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी तो सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। मृतक की तलाशी ली तो उसके पास से 21 हजार रुपये की नगदी और आधार कार्ड आदि बरामद हुए। युवक की शिनाख्त जनपद मेरठ के गांव अजरारा निवासी कासिम खान के रूप में हुई, जिसके बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी।
वहीं पुलिस ने बताया कि शव 3-4 दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृत्यु का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना था कि शव को देख हत्या कर फेंके जाने की आशंका प्रतीत होती है।
तेज रफ्तार कार ने रौंद दिए आठ लोग, दो की हालत गंभीर
मथुरा। थाना छाता क्षेत्र में शुक्रवार की रात तेज रफ्तार कार ने हाईवे किनारे आग ताप रहे आठ लोगों को रौंद दिया।
नेशनल हाईवे-2 पर स्थित वैकमेट कंपनी के कर्मचारी रात तकरीबन 9.30 बजे ड्यूटी करने के लिए आए थे। कंपनी के गेट नंबर 2 के पास अलाव जल रहा था। ठंड के कारण कर्मचारी आग तापने लगे।
तभी अचानक गलत दिशा से आई कार ने अलाव के पास खड़े कर्मचारियों को रौंद दिया। घटना से कंपनी में अफरा-तफरी मच गई। अन्य कर्मचारियों ने पीछा कर दो कार सवारों को पकड़ लिया और उन्हें छाता पुलिस के हवाले कर दिया।
घायलों में प्रकाश, मदन मोहन, विनोद, नरेंद्र, भगवान सिंह, राकेश, हरिओम, सहदेव है। ये सभी कंपनी में काम करने आए थे। वहीं पुलिस कार सवारों को थाने लेकर आई। इनमें एक का नाम रोहताश है। दोनों युवक गौहरी के रहने वाले हैं।
अवैध सबंधों के शक में की थी पति ने हत्या, आरोपी गिरफ्तार
मथुरा। थाना मांट क्षेत्र में एक सप्ताह पूर्व अवैध सबंधों के शक में पत्नी की हत्यारोपित पति को आला कत्ल समेत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। थाना मांट क्षेत्र के गांव डांगोली में बीते 6 जनवरी को ललिता देवी की पति राजकुमार ने लोहे के सब्बल से प्रहार कर घायल कर दिया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। मृतका के भाई प्रवीण निवासी नीमगांव ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीओ महावन विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि हत्यारोपित राजकुमार को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त सब्बल बरामद कर लिया है। हत्या के पीछे पत्नी के दुष्चरित्र होने का पति को शक था। इस बात को लेकर कई बार आपस में झगड़ा भी हुआ था।