मथुरा। मथुरा-वृंदावन प्राधिकरण सभागार में वन टाइम सेटलमेंट योजना-2020 को लेकर बैठक आहूत की गई। उपाध्यक्ष नगेंद्र प्रताप ने शमन योजना 2020 व ओटीएस 2020 के लाभ व मुख्य आकर्षक बिन्दुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरल शमन योजना 2020 छः माह की अवधि के लिए लागू की जानी है।
बैठक में प्रतिभागियों ने अपने सुझाव भी प्रस्तुत किये गये, जिन्हें उपाध्यक्ष द्वारा शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये। जिन व्यक्तियों को प्राधिकरण द्वारा अपनी योजनाओं में भवन/भूखण्ड आवंटित किये गये हैं, तथा उनके द्वारा प्राधिकरण को सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है। उनके लिए प्रस्तावित ओटीएस 2020 में विलम्ब अवधि के लिए, लिये जाने वाले सम्पूर्ण धनराशि पर ब्याज की माफी, समस्त बकाया धनराशि एक मुश्त जमा करने पर दो प्रतिशत की अतिरिक्त छूट का लाभ तथा 50 लाख से अधिक बकाया राशि को किस्तो में धनराशि जमा किये जाने की सुविधा के लाभ से भी अवगत कराया गया। यह योजना 06 मार्च 2020 से 05 जून 2020 तक लागू रहेगी, तथा इसका लाभ आॅनलाइन/आॅफलाइन आवेदन कर प्राप्त किया जा सकेगा।
मथुरा – एमवीडीए बकायेदारों के लिए सरकार जारी करने जा रही है वन टाइम सेटलमेंट योजना
सेना में भर्ती टली, डीएम ने बताई ये वजह
मथुरा। 22 फरवरी से 6 जिलों के युवाओं के लिए आयोजित होने वाली सेना की भर्ती फिलहाल टाल दी गई है इसका कारण जनपद के अधिकारियों द्वारा होली के त्यौहार के चलते फोर्स ना देना बताया गया है ।जल्द ही नई तारीख का ऐलान किया जाएगा ।
सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिविल लाइन क्षेत्र के ईगल ग्राउंड में 6 जिलों के युवाओं की सेना में भर्ती के लिए 22 फरवरी को भर्ती शुरू होनी थी। इसके लिए सेना के अधिकारियों द्वारा जिला अधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्रा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर को मिलकर लेटर दिया गया। परीक्षा भर्ती के दौरान फोर्स उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आगरा आने के कारण काफी फोर्स आगरा गया है इसके अलावा होली का पर्व व अन्य कार्यक्रमों के चलते अधिकारियों द्वारा फोर्स न दिए जाने की बात कहते हुए भर्ती प्रक्रिया कुछ समय टालने की बात कही थी। फोर्स उपलब्ध न होने के कारण फिलहाल सेना के अधिकारियों द्वारा इस भर्ती परीक्षा को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।

मथुरा – ग्रामीणों के दो पक्षों में खूनी संघर्ष, 12 घायल
मथुरा। थाना मांट इलाके के गांव सुदामा में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब आवारा गोवंश को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले दोनों पक्षों के करीब 12 लोग घायल हो गए। गांव सुदामा स्थित एक पंचायती गौशाला है, गौशाला के अंदर आवारा गोवंश को बंद कर रखा है। गौशाला की देखरेख महेंद्र करता है, महेंद्र द्वारा गौशाला से रात्रि के समय गोवंश को बाहर निकाल दिया जाता है। जिससे किसानों की फसल को गोवंश खा जाते हैं, और फसल को पूरी तरह तहस-नहस कर देते हैं। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए, और दोनो पक्षो में कहासुनी होने लगी थोड़ी ही देर में देखते ही देखते दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया और लाठी-डंडे चलने लगे। करीब 1 घंटे तक दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई, मारपीट के दौरान दोनों पक्षों के 12 लोग घायल हो गए। घायलों में विजय सिंह, अपर सिंह, रमेश, बिहारी, भूरी, कालीचरण, लक्ष्मण, वीरपाल, रिंकू, अमीरचंद आदि है।
पत्नी से विवाद के बाद युवक ने उठा लिया ऐसा कदम कि परिजनों के उड़ गए होश
मथुरा के कोतवाली क्षेत्र के कच्ची सड़क इलाके में एक युवक ने पत्नी से विवाद होने पर कास्टिक सोडा पी लिया। जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। गंभीर हालत में पीड़ित युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के संबंध में पीड़ित के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि पत्नी से विवाद हो गया था उसके बाद उसने कास्टिक सोडा का सेवन कर लिया।
मथुरा – बहन ने भाई पर लगाया ऐसा आरोप कि पवित्र रिश्ता भी हो गया शर्मसार
विनोद उपाध्याय
थाना राया में एक युवती द्वारा अपने ही सगे भाई पर दुष्कर्म का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। युवती की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना हाईवे क्षेत्र में रहने वाली युवती जो मूल रूप से थाना सुरीर के गांव की है। उसने अपने ही भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस को दी गई तहरीर के आधार पर भाई ने उसके साथ रिश्तेदार के यहां जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार पीड़ित की मां की शादी सुरीर क्षेत्र के गांव में हुई थी। इसके बाद उसके बच्चे हुए। महिला अपनी बेटी को लेकर थाना हाईवे क्षेत्र में रहने लगी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
वृंदावन – रात को पुलिस ने अपना घर में पहुंचाया वृद्ध, सुबह हो गई मौत
अरुण यादव
वृंदावन। गांव छटीकरा में रात्रि में स्टेट बैंक के पास से एक बुजुर्ग दंपति को पुलिस द्वारा छटीकरा राधाकुंड रोड स्थित राधिका अपना घर पर भिजवा दिया। यहां वृद्ध पुरुष की सुबह तड़के मौत हो गई । आश्रम संचालक मुकेश शर्मा ने बताया कि छटीकरा से रात्रि में पीआरवी पुलिसकर्मियों द्वारा बुजुर्ग महिला मीराबाई 69 वर्ष व पुरुष प्रेमदास 71 वर्ष निवासी अंबा जिला मुरैना हाल निवासी नंदगांव रोड कोसीकलां को आश्रम में भिजवाया था। रात्रि में स्टाफ द्वारा उनके रुकने का इंतजाम किया गया व खाना पीना खिलाने के बाद सुला दिया। सुबह तड़के जब स्टाफ सभी को चाय देने पहुंचा तो वृद्ध प्रेमदास की सांसें कमजोर पड़ने लगीं। तुरंत एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया । जानकारी मिलने पर उसके परिजन राधिका अपना घर पहुंचे।
वीडियोः रमणरेती जहां रेत में लोट-पोट होते थे भगवान श्रीकृष्ण, अदभुत होता है होली उत्सव, इस बार शामिल हो सकते है सीएम
मथुरा। ब्रज में रमणरेती वो दुर्लभ स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के चिंह्न आज भी मौजूद है। गोकुल के निकट इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण यमुना की रेती में लोट-पोट (रमणते) थे। रमण बिहारी के मनमोहक दर्शनों के साथ ही गुरू शरणानंद के आश्रम की आभा प्राचीन ब्रज की अनुभूति कराती है। इस आश्रम में होली के उत्सव को मनाने का अंदाज भी निराला है।
27 फरवरी को रमणरेती धाम स्थित काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में दिव्य भव्य होली महोत्सव का आयोजन होगा। इस उत्सव की खासियत ये है कि यहां संत, भक्त अपने आराध्य के साथ होली खेलते है। ब्रज की प्राचीन संस्कृति का जीवंत रूप यहां देखने को मिलता है। शुद्ध टेसू के फूल, अबीर गुलाल की मार श्रद्धालुओं को आनंदित कर देती है।
इस उत्सव में शामिल होनेे के लिए देश के प्रख्यात संत, कथावाचक और देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते है। मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इस बार राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, योग गुरू बाबा रामदेव, गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, आचार्य गोविंद देव गिरी, अवधेशानंद गिरी, रमेश भाई ओझा, महंत महेश्वर दास, श्रीकृष्ण चंद्र ठाकुर जी इस उत्सव में मौजूद रहेंगे।
सीएम और डिप्टी सीएम हो सकते है शामिल
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद र्मौर्य का रमणरेती आश्रम में आना-जाना लगा रहता है। वो पिछले साल होली उत्सव में शामिल हो चुके है। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य होली उत्सव में शामिल हो सकते है।
पांच दिवसीय उत्सव के नित नये रंग
काष्र्णि गुरू शरणानंद आश्रम में होली का पांच दिवसीय उत्सव मनाया जाता है। इसका शुभारंभ 24 फरवरी को प्रातः साढ़े सात बजे गणेश पूजन, मंगल कलश स्थापना से होता है। आठ बजे अखंड श्रीमद गोपाल विलास, श्रीमद भगवद् गीता, वेदपाठ, एवं संकीर्तन, महापुरूषों के उपदेश, 25 फरवरी को प्रातः छह बजे सदगुरू देव जी का अभिषेक, संकीर्तन, नौ बजे बालकों के उपनयन संस्कार, 26 फरवरी को सुबह छह बजे श्रीगुरू काष्र्णि कलापाचार्य जी का अभिषेक, संकीर्तन सायं पांच बजे पाठ विसर्जन, झांकी और कीर्तन होगा। 27 फरवरी होली का मुख्य उत्सव 28 को यज्ञान्त स्नान होगा।
फेसबुक पर दोस्ती, प्यार और फिर धोखा, कोलकाता की बदहवास युवती ने सुनाई दास्तां
मथुरा। फेसबुक पर पहले युवक से दोस्ती हुई, फिर प्यार और फिर उसने युवक को अपना सब कुछ सौंप दिया। युवक से हुए प्यार के बाद कोलकाता की युवती मथुरा आ गई। उसके प्रेमी ने उसे अपने पास रखा और खाने में नशीला पदार्थ देकर रफूचक्कर हो गया।
कोलकाता की युवती को करीब 4 वर्ष पूर्व फेसबुक पर मिले मुकेश नाम के एक युवक से प्यार हो गया। उसके बाद मुकेश के बुलाने पर युवती उससे मिलने आती रही। उसने बताया कि उसका प्रेमी मुकेश सेना में है। मुकेश के बुलाने पर युवती 16 फरवरी को पठानकोट गई थी। युवती ने बताया कि यहां मुकेश ने उसके साथ होटल में शारीरिक संबंध बनाए और मारपीट कर खाने में बेहोशी का पदार्थ देकर ट्रेन में छोड़ गया। उसने बताया कि मुकेश पिछले 4 साल से वह उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। युवती के अनुसार मुकेश शादी शुदा है और भरतपुर का रहने वाला है। ट्रेन से बदहवास हाल में मथुरा स्टेशन पर उतरी युवती को देखकर जीआरपी ने चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया।
यूपी बोर्ड परीक्षा में काॅलेज प्रबंधक, प्रधानाचार्यो के इस कृत्य को शासन ने माना गलत, सख्त आदेश जारी
यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के लिए मोबाइल से मॉनीटरिंग पर शासन ने रोक लगा दी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राजेश कुमार ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे पत्र में मोबाइल से मॉनीटरिंग को अनधिकृत बताया है और इसे तत्काल रोकने को कहा है।
विशेष सचिव का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे से नकल की मॉनीटरिंग के लिए जिला और राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। शासन के संज्ञान में आया है कि स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य अपने स्कूल की मॉनीटरिंग मोबाइल से भी कर रहे हैं, जो कि अनाधिकृत है। अधिक संख्या में देखे जाने के कारण जिला और राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में मॉनीटरिंग में बाधा आ रही है। उन्होंने मोबाइल से हो रही मॉनीटरिंग तत्काल रुकवाते हुए इस निर्देश का अनुपालन प्रमाण पत्र राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम को ई-मेल से भेजने को कहा है।
पुण्यतिथि शिवरात्रि पर विशेष, सचमुच के लाल थे कन्हैया लाल
ब्रज के इस गांधी के जीवन परिचय को पाठ्य पुस्तकों में स्थान मिलना चाहिए
मथुरा। शिवरात्रि जैसे पर्व पर नश्वर शरीर त्यागने वाले ब्रज के गांधी कन्हैयालाल गुप्त से आत्मिक लगाव रखने वाले लोग उन्हें भुला नहीं पा रहे हैं। श्री गुप्त के कर्म ऋषि मनीषियों जैसे रहे। राजनीति में भी वे सच्चाई व ईमानदारी के लिये संघर्ष करते रहे। उनके आलौकिक जीवन से ब्रज ही नहीं बल्कि संपूर्ण प्रदेश दैदीप्य मान रहा। उनके उच्च आदर्श और सादा जीवन को भुलाया नहीं जा सकता।
7 मार्च सन् 1917 में जन्मे श्री कन्हैयालाल गुप्त ने शिक्षा अध्ययन पूर्ण करके शिक्षक के रूप में अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ की। प्रारंभ में क्लेंसी इंटर कालेज मथुरा हजारीमल सोमानी नगर पालिका इंटर कालेज वृंदावन में पहले अध्यापक फिर प्रधानाचार्य के पद के बाद चंपा अग्रवाल इंटर कालेज मथुरा के प्रधानाचार्य पद को सुशोभित करते हुए सेवानिवृत्त हुए। इस दौरान शिक्षक हितों की लड़ाई सत्य व ईमानदारी के साथ लड़कर नये कीर्तिमान स्थापित किये।
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ की स्थापना उन्हीं की देन थी। उप्र में अध्यापकों की हालत सुधारने के लिये पहले पहल अलख जगाने वाले श्री गुप्त की पहचान प्रदेश स्तर पर हुई जिसके फलस्वरूप वह दो बार शिक्षक विधायक (विधान परिषद सदस्य) चुने गये। तीसरी बार का टिकट नियम विरुद्ध बताते हुए लौटा दिया। उन दिनों श्री गुप्त प्रदेश की राजनीति में दबदबा बनाने वाले कांग्रेस नेता श्री चंद्रभान गुप्त के सहयोगियों में प्रमुख थे। इन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री बनवारीदास गुप्त ने शिक्षा मंत्री बनाने का न्यौता दिया। श्री गुप्त शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए।
इससे पूर्व श्री चंद्रभान गुप्त ने भी अपने मंत्री मंडल में शामिल करने की पहल की लेकिन अपने सिद्धांतों की खातिर श्री गुप्त ने दोनों बार मंत्री बनना अस्वीकार कर दिया। बुराई से लड़ने और सच्चाई से न डिगने वाले श्री गुप्त के लिये सत्तर का दशक चुनौतीपूर्ण रहा। समय था सन् 1975 में देश में आपातकाल लागू होने का। नसबंदी का विरोध करने पर अध्यापकों के साथ हो रहे उत्पीड़न पर आंदोलन खड़ा कर दिया। इस पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया।
श्री गुप्त के ऊपर डीआईआर मीसा की कार्यवाही की तीव्र प्रतिक्रिया हुई। बीसीसी लंदन ने अपने प्रसारण में इन्हें मथुरा का गांधी की संज्ञा दी तो विदेशी मीडिया ने भी प्रमुख स्थान देकर प्रसारित किया। जेल में कदम रखते ही उन्होंने जेलर से गीता की पुस्तक उपलब्ध कराने की मांग की और देर रात्रि जब गीता उपलब्ध हुई तब उन्होंने भोजन ग्रहण किया। आपातकाल बंदी श्री गुप्त को कांग्रेस सरकार ने सशर्त रिहा करने का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होंने अस्वीकार करते हुए जेल यातनायें सहने की सहमति दी। आखिरकार केंद्र व प्रदेश की सरकारों को प्रबल जनाक्रोश को देखते हुए झुकना पड़ा। मथुरा जिले में उस समय यही एक ऐसे व्यक्ति थे जिनको बिना शर्त रिहा किया गया था।
इस घटना से उद्वेलित श्री गुप्त ने कांग्रेस छोड़ दी। आपातकाल समाप्त होने के बाद सन् 1977 में प्रदेश विधानसभा चुनाव हुए। कांग्रेस के विरुद्ध गठित जनता पार्टी ने इन्हें मथुरा शहरी क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया जिसमें वह प्रचंड बहुमत से चुनाव जीते। सन् 1977 से सन् 1979 तक जनता पार्टी की सरकार रही। अपने विधायक कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र के विकास और जनसमस्याओं का निराकरण सत्य और ईमानदारी के साथ किया।
चंपा अग्रवाल इंटर कालेज में प्रधानाचार्य पद पर रह कर आंदोलन की अगुवाई के कारण अनुपस्थित दिनों की वेटन कटौती हुई थी जिससे आगे उनकी पेंशन में रूकावट पैदा हुई। इसलिये श्री गुप्त ने उच्चाधिकारियों को लिखापढ़ी की। इसकी पुनः जांच हुई जिसमें पाया गया कि श्री गुप्त ने अपने कार्यकाल में जितने भी अवकाश लिये, उससे ज्यादा निर्धारित समय से अतिरिक्त कक्षायें चलाकर अध्यापन कार्य किया है। अतः इस मामले में सत्य की विजय रही और उच्चाधिकारियों को शार्मिंदा होना पड़ा। वृंदावन में टीवी सेनेटोरियम स्थापित करने की बात थी। धार्मिक नगरी में टीवी के मरीजों के इलाज और उससे होने वाली अपवित्रता को लेकर नगरवासियों ने इसका विरोध किया। सेठ हरगुलाल ने इस पुनीत कार्य को सम्पन्न कराने का दायित्व कन्हैयालाल गुप्त को सौंप दिया। श्री गुप्त इसमें पूरी लगन के साथ लग गये। एक तरफ वृंदावनवासियों का विरोध तो दूसरी ओर एक मात्र कन्हैयालाल गुप्त थे। अंततः विजय श्री गुप्त को मिली। आज यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त देश का सबसे बड़ा अस्पताल है।
मथुरा में छोटी लाइन के रेलवे पुल पर सैंकड़ों लोग रेल से कटकर काल के गाल में समा जाने की घटना थी। पुल पर गैलरी की मांग चल रही थी। इसमें श्री गुप्त ने भागदौड़ कर गैलरी का निर्माण कराने में महती भूमिका निभाई। इस प्रकार श्री गुप्त ने समाज सेवक, शिक्षक, विधायक सभी भूमिकाओं में सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा और पूरी तरह गांधीजी के आदर्शों को अपनाया। अपने व्यक्तित्व व कृतित्व के आधार पर श्री गुप्त मथुरा-वृंदावन के गांधीजी के रूप में जाने जाते थे।
जीवन के अंतिम पड़ाव पर श्री गुप्त आध्यात्म की ओर उन्मुख हो गये। उनका जीवन संत समान हो गया। वह ब्रज के प्रमुख संत गया प्रसाद जी के शिष्य थे। ब्राह्मण का सदैव सम्मान करते थे। आध्यात्मिक चिंतन मनन कर मानव कल्याण की विचारधारा में लीन रहे। वृद्धावस्था के बावजूद देव भाषा संस्कृत का अध्ययन अपने गुरु (संस्कृत शिक्षक) के घर पर बालक की तरह नित्यप्रति जाना और उनकी दैनिक क्रिया में शुमार हो गया और अंत तक विद्यार्थी बने रहे।
सत्य, ईमानदार, कर्तव्यपरायण और अनुशासन प्रेमी श्री कन्हैयालाल गुप्त के आदर्श प्रेरणास्प्रद हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिये कि श्री गुप्त के जीवन, व्यक्तित्व व कृतित्व को पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित करें जिससे की आगामी युवा पीढ़ी उनके आदर्शों से प्रेरणा ले सकें।