Tuesday, June 3, 2025
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1- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करते एमएलसी योगेश नौहवार, साथ हैं उनकी पत्नी चेतना चौधरी।

मुख्यमंत्री योगी से मिले एमएलसी योगेश नौहवार, विकास कार्यों के लिए दिए कई प्रस्ताव नौहझील।

क्षेत्रीय विकास कार्यों को गति देने के लिए विधान परिषद सदस्य योगेश नौहवार ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने मांट विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। एमएलसी ने अपने गृह जनपद मथुरा में संचालित तमाम जरूरी परियोजनाओं को लेकर बात रखी। उन्होंने बताया कि मांट विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश लोग खेती किसानी पर ही निर्भर हैं। ऐसे में यहां कृषि मंडी होना अति आवश्यक है। एमएलसी ने नौहझील ब्लॉक क्षेत्र में नवीन कृषि मंडी बनवाने की मांग भी रखी। सीएम योगी को दिए गए प्रस्तावों में एमएलसी योगेश नौहवार ने मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे आईटी-हब बनाने व मांट विधानसभा क्षेत्र में गांव से गांव को जोड़ने वाली दस बड़ी सड़कों को बनवाने की मांग रखी है। इसके अलावा उन्होंने चार पुलों का निर्माण व दो दर्जन से ज्यादा सड़कों की मरम्मत कराने की मांग रखी है। जिनको जल्दी ही स्वीकृति मिल सकती है। सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान एमएलसी योगेश नौहवार की पत्नी चेतना चौधरी भी साथ रहीं।

मांट में बनें पांच नई नगर पंचायत: नौहवार
एमएलसी योगेश ने सीएम योगी से मुलाकात के दौरान मांट विधानसभा क्षेत्र में पांच नई नगर पंचायत बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कस्बा नौहझील, शेरगढ़, सुरीर, मांट व सोनई नगर पंचायत बनने के सभी मानकों को पूरा करतीं हैं लेकिन आज भी ग्राम पंचायत हैं। इनको नगर पंचायत बनाने की मांग एमएलसी ने रखी

राजीव एकेडमी के बी.ई-कॉम के 26 विद्यार्थियों ने भरी उड़ानउच्च पैकेज पर जॉब मिलने से छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर

मथुरा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के 26 बी.ई-कॉम के विद्यार्थियों ने ऊंची उड़ान भरी है। इन छात्र-छात्राओं की तकनीकी तथा बौद्धिक क्षमता से प्रभावित होकर कैम्पस प्लेसमेंट को आईं विभिन्न कम्पनियों ने इन्हें उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर प्रदान किया है। इस सफलता से छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर व्याप्त है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी सफल छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. विकास जैन ने बताया कि प्लेसमेंट की त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात प्लेसमेंट को आई अलग-अलग कम्पनियों ने बी.ई-कॉम के 26 छात्र-छात्राओं को उच्च पैकेज पर ऑफर लेटर प्रदान किए। चयनित विद्यार्थियों में प्रियांशी वार्ष्णेय (लर्निंग रूट, जारो एज्यूकेशन, सेलेरियस) लक्ष्य शर्मा, यश प्रताप सिंह (हाइक एज्यूकेशन), विशाल मित्तल (लर्निंग शाला), नैना गौतम (कॉगजेण्ट), अभय माथुर, अक्षरा माहेश्वरी, आसिफ खान, दिग्विजय सिंह, दिव्या वार्ष्णेय, गौरव सिंह (वैको बाइनरी व कोफोर्ज), मोहम्मद फैज (वैको बाइनरी), विदित (इनरजायर), अमित शर्मा, अनन्त सिंह डागुर, आयुषी पाण्डेय, हरेकृष्णा तिवारी, कोमल गुप्ता, कृष्ण गोपाल, मोहम्मद जीशान, नकुल रूहेला, प्रहलाद पाण्डेय, प्रांजल यादव, रिजवान कुरैशी (कैब बाजार), हर्षित दीक्षित (एच.डी.बी. फायनेंस व सैलेरियस) तथा शिव शर्मा (एच.डी.बी. फायनेंस) शामिल हैं। डॉ. जैन ने बताया कि बी.ई.कॉम के विद्यार्थियों को कैम्पस में आई 38 कम्पनियों द्वारा 44 ऑफर लेटर दिए गए जिसमें अधिकतम पैकेज रुपये 8.58 लाख का
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी में प्रत्येक व्यावसायिक कोर्स में गुणवत्तायुक्त अध्ययन की व्यवस्थाएं होने से छात्र-छात्राओं को लगातार सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलता रहता है। यही वजह है कि यहां के विद्यार्थी उच्च पैकेज के प्लेसमेंट क्रेक कर न केवल अपना करियर संवारते हैं बल्कि अपने अभिभावकों की उम्मीदों को भी पूरा करते हैं। उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजीव एकेडमी से गुणवत्तायुक्त शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यार्थी कारपोरेट जगत में अपनी धाक जमा रहे हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी में व्यावसायिक कोर्सों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हर नया अपडेट प्रदान कर उन्हें उच्च पैकेज पर जॉब मुहैया कराने का हरसम्भव प्रयास किया जाता है। डॉ. भदौरिया ने बताया कि यहां व्यावसायिक कोर्स की हर एक्टिविटी इण्डस्ट्रियल विजिट, पीडीपी कक्षा, लैब इण्टर्नशिप, समर इण्टर्नशिप, डिबेट, गेस्ट लेक्चर, वर्कशॉप, सेमिनार तथा अन्य इलेक्ट्रानिक साधनों द्वारा विद्यार्थियों को स्वर्णिम पायदान की ओर अग्रेसित किया जाता है। यही वजह है कि यहां के विद्यार्थी लगातार सफलता हासिल कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
चित्र कैप्शनः विभिन्न कम्पनियों में चयनित राजीव एकेडमी के बी.ई-कॉम के छात्र-छात्राएं।

जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है सच्ची शिक्षा : डॉ अजय शर्मा-समर कैंप में छात्रों ने किया शारीरिक प्रतिभा का प्रदर्शन-परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय ग्रीष्म शिविर का हुआ समापन

वृंदावन। गौशाला नगर स्थित परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय ग्रीष्म शिविर का समापन रविवार को हुआ। जिसमें छात्रों ने समर कैंप में सीखे गए गुरों का प्रदर्शन कर खूब तालियां बटोरीं।

मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षाविद एवं श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ अजय शर्मा ने कहा कि सच्ची शिक्षा जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है और जीवन के अनुभव कक्षा से बाहर निकल कर लिए जाते हैं, क्योंकि कक्षा में हम विषय के सैद्धांतिक स्वरूप को समझते हैं पर कक्षा से बाहर की दुनिया हमें नवीन प्रयोगों के लिए प्रेरित करती है। समर कैंप इसी प्रकार का प्रयोग है जो छात्रों को नवीन अनुभवों से जोड़ता है।
बालकों ने पांच दिवसीय शिविर में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त ज्ञान का मंचीय प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम मल्लखंभ के प्रशिक्षक ललित और सुजल के निर्देशन में छात्रों ने मल्लखंभ पर शानदार तरीके से योगासन और मीनार इत्यादि का प्रदर्शन किया। जिसने अभिभावकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।ताइक्वांडो प्रशिक्षक कौशल जोशी के निर्देशन में छात्रों ने मार्शल आर्ट में आत्मरक्षा के लिए प्रयुक्त विभिन्न दांवपेचों को सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया। एरोबिक्स की प्रशिक्षिका मीरा सिंह के निर्देशन में छोटे छोटे बालकों द्वारा संगीत की धुन पर प्रस्तुत शारीरिक व्यायाम की सभी दर्शकों द्वारा विशेष प्रशंसा की गई। योगाचार्य गगन शर्मा के निर्देशन में छात्रों ने विभिन्न योगासन और प्राणायाम की विभिन्न स्थितियों का बड़ी स्पष्टता व सटीकता पूर्वक प्रदर्शन किया। वेणुवादक गोपाल शर्मा एवं ऋषभ शर्मा के निर्देशन में 40 से अधिक छात्रों ने सस्वर सुमधुर वंशी वादन प्रस्तुत किया। शिविर संयोजक प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने कहा कि इस ग्रीष्म शिविर में पांच दिन तक बालकों ने अपने घर से दूर किंतु अपने आचार्य गणों के मध्य पूर्णता आत्मीय और घरेलू वातावरण में जो समय व्यतीत किया है, वह उनके विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों का एक अविस्मरणीय हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा किया गया यह अभिनव प्रयोग कई अर्थों में महत्वपूर्ण है और इसके बहुआयामी दूरगामी परिणाम छिपे हुए हैं। जिनका प्रभाव आगामी दिनों में बालकों के क्रियाकलाप एवं कार्य व्यवहार में भी प्रकट होगा। शिविर के प्रधान संचालक रविन्द्र सिंह ने बताया कि शिविर में सूर्य नमस्कार, योग आसन, ताई क्वाँडो, मलखम्ब और एरोविक्स के अभ्यास द्वारा शारीरिक सुदृढ़ता का महत्व समझाया गया। वहीं वेणु वादन, शैक्षिक भ्रमण, मंदिर दर्शन आदि
से बालकों को सांस्कृतिक जीवन मूल्यों से जोड़ा गया।
समर के कैंप के दौरान कराई गई विभिन्न गतिविधियों में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रों में भैया जतिन कौशिक, शौर्य, श्रेष्ठ, धार्मिक एवं नरेंद्र सिसोदिया ने इंग्लिश रन में, तनिष्क रावत, प्रतीक ने, इंग्लिश स्लोगन राइटिंग में और ऋषभ पाराशर, हर्ष अग्रवाल, वैभव, सरस, समर, रविराज, नवीन ने मेंटल रन में , अभिषेक वर्मा, मुकुल चौधरी, गौरव चौधरी, नवीन अग्रवाल ने मैथ्स रन में तथा संदीप पोइट्री राइटिंग में विशेष स्थान प्राप्त किया। जिन्हें विद्यालय प्रबंधन द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि इस ग्रीष्म शिविर की सफलता में यह सिद्ध कर दिया है कि जब एक समूह के रूप में सभी लोगों का विचार और चिंतन एकात्म भाव से किसी कार्य में जुड़ जाता है तो उस कार्य की सफलता असंदिग्ध रहती है। समापन समारोह का संचालन भी कैंप में प्रतिभाग कर रहे शिवांश यादव, गर्वित गुप्ता ने किया। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर छाता के प्रधानाचार्य शशांक तिवारी, प्रबंध समिति कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, उपप्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा, शिविर संचालक ललित गौतम, अरुण दीक्षित, राहुल शर्मा, शैलेन्द्र गोयल, राहुल गोस्वामी, योगेश अग्रवाल, मनोज वार्ष्णेय, सुरभि चरन सोनी, लवली शर्मा, अर्चना, गिरीश तोमर, ब्रज मोहन, सुजान सिंह, अमित चौधरी, राजेश कुमार, अनिल यादव, नवीन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

चित्र परिचय: संस्कृति विवि और अनरियल एज एजुकेशन के मध्य हुए समझौते को प्रदर्शित करते अनरियल एज के संस्थापक मणिगंदन मंजूनाथन, यूनीकौशल की संस्थापक श्रीमती मृदुला त्रिपाठी और संस्कृति विश्विद्यालय की ओर से मनीष मिश्रा, डिप्टी रजिस्ट्रार और डॉ. गजेंद्र सिंह, सीईओ, संस्कृति इनक्यूबेशन।

मथुरा। अनरियल एज संस्कृति विश्वविद्यालय में चार करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक अनरियल इंजन लैब और ग्रीन स्क्रीन स्टूडियो स्थापित करेगा।

संस्कृति यूनिवर्सिटी ने अनरियलएज एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और यूनीकौशल के साथ मिलकर अत्याधुनिक, उद्योग-संरेखित कार्यक्रम- इंटरएक्टिव और रियल-टाइम 3डी (अनरियल इंजन जनरलिस्ट) में एमबीए और इंटरएक्टिव और रियल-टाइम 3डी (अनरियल इंजन जनरलिस्ट) में बीबीए शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस रणनीतिक गठबंधन के हिस्से के रूप में, अनरियलएज यूनिवर्सिटी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा, जिसमें 4 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक अनरियल इंजन लैब और ग्रीन स्क्रीन स्टूडियो होगा। यह सुविधा छात्रों को मजबूत तकनीकी सहायता और गहन, व्यावहारिक शिक्षण अनुभव प्रदान करेगी।

इस समझौता ज्ञापन पर अनरियलएज एजुकेशन के संस्थापक मणिगंदन मंजूनाथन, यूनीकौशल की संस्थापक श्रीमती मृदुला त्रिपाठी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। संस्कृति विश्विद्यालय की ओर से मनीष मिश्रा, डिप्टी रजिस्ट्रार और डॉ. गजेंद्र सिंह, सीईओ, संस्कृति इनक्यूबेशन सेंटर मौजूद रहे।

यह सहयोग विशेषज्ञ सलाह, हाइब्रिड लर्निंग और 100% प्लेसमेंट सहायता प्रदान करके अकादमिक-उद्योग अंतर को पाटने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य छात्रों को गेमिंग, एनीमेशन, AR/VR और इमर्सिव मीडिया तकनीकों में भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करना है।
अनरियल इंजन, एक विश्व-अग्रणी 3 डी निर्माण प्लेटफ़ॉर्म है, जो छात्रों को गेमिंग, फ़िल्म, आर्किटेक्चर और अन्य क्षेत्रों में करियर और उद्यमशीलता के अवसरों से सशक्त बनाएगा। अपने उच्च-निष्ठा दृश्यों, क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म विकास क्षमताओं, सहज ज्ञान युक्त इंटरफ़ेस और ब्लूप्रिंट विज़ुअल स्क्रिप्टिंग के साथ, अनरियल इंजन डिजिटल नवाचार की अगली लहर का नेतृत्व करने के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है।

मृत्यु पूर्व रोने का रहस्य

मथुरा। कुछ दिन पहले की बात है मेरा मन हुआ कि देशभक्ति जी के घर चलूं और परिजनों के साथ बैठकर दुःख साझा करूं। दरअसल मैं उसी दिन का गया हुआ था जब उन्होंने देह त्यागी थी। उसके बाद जाना ही नहीं हो पाया। वहां बड़ी विलक्षण बातें पता चलीं।
 उनकी पत्नी व पुत्र ने बताया कि जिस समय उन्होंने प्राण त्यागे उससे कुछ घंटे पूर्व देशभक्त जी रोने लगे। घर वालों ने कारण पूंछा तो वे कुछ नहीं बोले। इस पर उनकी पत्नी व्यथित होकर खुद भी रोने लगीं। पत्नी के बार-बार आग्रह करने पर उन्होंने कहा कि मैं पिछले दो दिन से गिर्राज जी की पूजा नहीं कर पा रहा हूं। इसी वजह से मेरा मन दुःखी है। दरअसल देशभक्त जी प्रतिदिन रचपच कर बड़े मनोयोग से अपने घर के अंदर बने मंदिर में गिर्राज जी की पूजा अर्चना किया करते थे। चूंकि पिछले एक-दो दिन से उनका यह कर्म टूट गया क्योंकि वे अस्वस्था की वजह से काफी कमजोरी महसूस कर रहे थे। हालांकि उस दिन शिवरात्रि थी और उन्होंने अमरनाथ विद्या आश्रम स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी पर जलाभिषेक किया तथा घर में चल रहे हवन में शामिल होकर आहुतियां भी डालीं। यह पूरा घटनाक्रम मृत्यु से कुछ घंटे पूर्व का था।
 इसके बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई। देशभक्त जी ने अपने पुत्र से कहा कि जल्दी से गिर्राज जी का प्रसाद लाओ पुत्र तुरंत प्रसाद लाया और घर में बने आटे का प्रसादी लड्डू खाते ही उनके हाथ पैर शिथिल होने लगे तथा कुछ ही देर में उनका शरीर शांत हो गया। साधारण तरीके से यानीं सरसरी तौर पर देखने से यह कोई बहुत असाधारण सी बात महसूस नहीं होगी। ऐसा लगेगा कि वे गिर्राज जी के परम भक्त थे और गिर्राज जी की भक्ति में यह सब घटनाक्रम हुआ, किंतु जब इस सब घटनाक्रम पर गहनता से विचार किया जाए तो समझ में आ जाएगा कि यह केवल असाधारण घटनाक्रम ही नहीं बल्कि भगवान और भक्त के मध्य का जो अलौकिक रिश्ता था, उसकी दिव्यता का प्रत्यक्ष प्रमाण था।
 अब और आगे चलो और देखो भगवान और भक्त के प्यार की ऐसी अजब गजब की लीला और उसकी महिमा क्या होती है? सुप्रसिद्ध संगीतकार कवि एवं साहित्यकार डॉ राजेंद्र कृष्ण अग्रवाल से मेरी वार्ता चल रही थी। उन्होंने बताया कि जब देशभक्त जी के पार्थिव शरीर को शमशान घाट ले जाने की तैयारी चल रही थी, तब बिहारी जी मंदिर से पुजारी वह सब कुछ लेकर आए जो बांके बिहारी ने उस दिन प्रातः धारण किया था। वस्त्र माला आदि सभी प्रसादी सामग्री देशभक्त जी के पार्थिव शरीर को धारण कराई। इसके बाद जब उन्हें ले जाने की नौबत आई तो गिर्राज जी से मंदिर के पुजारी भी भागे भागे आए और बोले कि रुको रुको और कुछ क्षण के लिए उनकी अंतिम यात्रा रुक गई।
 इसके बाद गिर्राज महाराज ने उस दिन जो कुछ धारण किया, सब कुछ देशभक्त जी के पार्थिव शरीर को धारण कराया गया। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार बिहारी जी की प्रसादी धारण कराई। इस दृश्य को देखकर सभी लोग हत-प्रत से रह गए कि देखो भक्त और भगवान के बीच प्रेम की यह कैसी अनूठी लीला है? उस समय तो ऐसा लग रहा था जैसे बिहारी जी और गिर्राज जी देशभक्त जी की शवयात्रा में अदृश्य रूप से स्वयं शामिल हो रहे हों। इसीलिए भगवान को भक्त वत्सल कहा जाता है।

उत्साह-उमंग के बीच आरआईएस में समर कैम्प का शुभारम्भसप्ताह भर छात्र-छात्राएं खेल-खेल में निखारेंगे अपना कौशल


मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को उत्साह और उमंग के बीच समर कैम्प का शुभारम्भ किया गया। एक सप्ताह तक चलने वाले इस समर कैम्प के पहले ही दिन नन्हे-मुन्ने बच्चों ने विविध विधाओं में हाथ आजमाए। 31 मई तक चलने वाले इस समर कैम्प में सुबह सात से 10 बजे तक विशेषज्ञ प्रशिक्षक छात्र-छात्राओं को उम्र के हिसाब से खेल खेल में विभिन्न विधाओं में पारंगत करेंगे।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि एक सप्ताह तक चलने वाले इस समर कैम्प में प्राइमरी के छात्र-छात्राओं को एरोबिक्स, ओरीगेमी, ड्राइंग एण्ड कलरिंग, क्राफ्ट, कैलिग्राफी, कर्सिव राइटिंग, स्प्लैश पूल, कुकिंग विदाउट फायर, ताइक्वांडो, स्केटिंग, बैडमिंटन, क्रिकेट, बास्केटबाल, व्यक्तित्व विकास, पेंटिंग, डांस, म्यूजिक आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा, वहीं कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राएं कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्यूटी वेलनेस, कोडिंग, डिजिटल सिटीजनशिप, फाइनेंशियल लिटरेसी, डाटा साइंस, हैंडीक्राफ्ट, मास्क मेकिंग, कविता पाठ, हरबल हैरिटेज आदि में अपना कौशल निखारेंगे।
प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने कहा कि समर कैम्प से बच्चों में नई ऊर्जा और आपसी सद्भाव की भावना विकसित होती है। इतना ही नहीं ऐसे प्रशिक्षण शिविरों से बच्चों में खेलों के प्रति अभिरुचि पैदा होती है तथा उनकी छिपी प्रतिभा निखरती है। समर कैम्प में होने वाले इनडोर-आउटडोर गेम्स से बच्चों में कॉन्फिडेंस पैदा होता है। उन्होंने बताया कि समर कैम्प के अंतिम दिन सभी विद्यार्थी अपने द्वारा सीखे गए हुनर की प्रदर्शनी लगाएंगे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का अपना अलग महत्व होता है। इससे बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कैम्प की अपनी अनूठी विशेषताएं होती हैं। एक महत्वपूर्ण बात जो हर माता-पिता अपने बच्चे में चाहते हैं, वह है आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता, जो ये कैम्प बच्चों को काफी हद तक सिखाते हैं। समर कैम्प बच्चों को नए अवसरों का पता लगाने, नए माहौल में समय बिताने और नई चीजों को आजमाने का मौका देता है, जो उनके आत्मविश्वास को विकसित करने का सबसे अच्छा तरीका है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए समर कैम्प बहुत जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि समर कैम्प का उद्देश्य छात्र-छात्राओं की भाषाई एवं गणितीय आधारभूत अवधारणाओं पर समझ विकसित करना तथा उन्हें खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जाना है। समर कैम्प में कई तरह की एक्टिविटीज होती हैं, जिससे बच्चों का टैलेंट सामने आता है तथा दोस्तों संग मौज-मस्ती से उनके मन से पठन-पाठन का दबाव कम हो जाता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में छात्र-छात्राओं को हर विषय का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। उन्होंने अभिभावकों का आह्वान किया कि समर कैम्प में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित करें ताकि उनकी रुचि और क्षमता में इजाफा हो और वे हर गतिविधि में शानदार कौशल दिखा सकें। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास के लिए समर कैम्प जैसी गतिविधियां बहुत जरूरी हैं।
चित्र कैप्शनः समर कैम्प के पहले दिन विभिन्न विधाओं में हिस्सा लेते राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं।

चित्र परिचय: श्री राम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी द्वारा चयनित संस्कृति विश्विद्यालय के विद्यार्थी अधिकारियों के साथ।

संस्कृति विश्वविद्यालय के 60 विद्यार्थियों को मिली नौकरी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के 60 विद्यार्थियों का श्रीराम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी द्वारा कैंपस प्लेसमेंट किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गई हैं।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रीराम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस ने कैंपस में तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के पश्चात 60 विद्यार्थियों को ऑफर लैटर प्रदान किए। इन विद्यार्थियों में 22 विद्यार्थी नर्सिंग, 5बीपीटी, 15 बीएमएलटी , 7 डीएमएलटी, 9 सीवीटी, एक ओटीटी और एक ऑप्टोमेट्री विभाग के हैं।
बताते चलें कि श्री राम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी स्वास्थ्य और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। कंपनी प्रत्येक स्वास्थ्य सेवा सुविधा की स्टाफिंग की ज़रूरतें और ऐसे समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो इष्टतम रोगी देखभाल सुनिश्चित करते हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की समर्पित टीम योग्य और सेवाभावी कर्मचारियों को प्रदान करने पर केंद्रित है जो रोगी की सेवा का अनुभव रखते हैं। कंपनी कुशल नर्सों से लेकर सहायक कर्मचारियों तक, विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सही कर्मियों का चुनाव करने के लिए लगन से काम करते हैं।
विद्यार्थियों के इस चयन पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो एमबी चेट्टी ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।

वृंदावन पब्लिक स्कूल में मस्ती व धमाल के साथ मनाया पूल डे-संगीतमय वातावरण में रेनडांस के साथ लिया भरपूर मजा-ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में लाती हैं शारीरिक व मानसिक स्वतंत्रता : ओमजी

वृंदावन। गर्मी में बच्चों को शीतलता का स्पर्श तथा मनोरंजनात्मक एहसास की अनुभूति कराने हेतु वृंदावन पब्लिक स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के सभी बच्चों के लिए दो दिवसीय (पूल डे) का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने भरपूर मस्ती व आनंद का लुफ्त उठाया। ठंडे-ठंडे पानी का शीतल स्पर्श ने बच्चों का मन मोह लिया, साथ ही सुमधुर संगीतमय वातावरण में रेनडांस के साथ भरपूर मजा किया। बच्चों की खुशी का ठिकाना देखते हीं बन रहा था । बच्चों के मनोरंजन व हर्षोल्लास को देखकर विद्यालय निदेशक डॉ ओम जी व निधि शर्मा ने उनका उत्साहवर्धन किया। कहा कि समय-समय पर होने वाली ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में शारीरिक व मानसिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। बच्चों के लिए शैक्षिक गतिविधियों के साथ- साथ मनोरंजनात्मक गतिविधियों का भी होना बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर भारत भूषण उपाध्याय, स्प्राइट सिसोदिया, सत्येन्द्र चौधरी, आदित्य शर्मा, हेमलता वर्मा दिनेश आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

पंच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का हुआ उदघाटन-परमेश्वरी देवी धानुका विद्यायल में आयोजित हो रहा ग्रीष्मकालीन शिविर

वृंदावन । परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में कक्षा 6 से लेकर 9 तक के छात्रों ने अनुशासन पूर्वक एवं पूर्ण मनोयोग से शिविर को सफल बनाने का संकल्प लिया l
सर्वप्रथम विद्यालय के प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम और प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ शिविर का शुभारंभ किया l कक्षा नवम के छात्र वैभव ने सभी छात्रों को शपथ ग्रहण कराई। प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने कहा कि शिविर के माध्यम से हम लोग एक अनुशासित जीवनचर्या को समझने का प्रयास करते हैं और स्वयं अनुशासन की भावना को अपने हृदय में जगाते हुए स्वावलंबन एवं सहकारिता के गुणों से स्वयं को समृद्ध करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस ग्रीष्म शिविर में बालक अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं का और अधिक विस्तार कर सकेंगे और एक अपूर्व अनुभव लेकर घर लौटेंगे। प्रबंधक शिवेंद्र गौतम ने ग्रीष्म शिविर के औपचारिक उद्घाटन कि उद्घोषणा की। शिविर संयोजक रविन्द्र सिंह ने बताया कि शिविर में प्रातः जागरण से लेकर रात्रि 10 बजे स्वयं तक के कालखंड को अलग-अलग गतिविधियों में बांटा गया है। जिसमें बालक को विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों के माध्यम से रचनात्मकता की ओर प्रेरित किया जाएगा जिससे बालक अपनी प्रतिभा का विकास कर सके। संपूर्ण शिविर को अलग-अलग हाउस में बाँटा गया है जिसके अलग-अलग हाउस इंचार्ज नियोजित किये गये है और प्रत्येक हाउस की गतिविधियों पर नजर रखेंगे l इस ग्रीष्म शिविर में छात्रों को प्रतिदिन संक्षिप्त शैक्षिक भ्रमण पर भी ले जाया जाएगा जिसमें धार्मिक एवं मनोरंजन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
इस ग्रीष्म शिविर में 125 छात्र भाग ले रहे हैं और यह पूर्ण आवासीय शिविर है जो 5 दिन तक चलेगा l
पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर के पहले दिन सायं कालीन सत्र में छात्रों ने पारंपरिक खेलकूद के माध्यम से अपनी भुलाई जा चुकी विरासत से परिचित होने का अवसर प्राप्त किया। प्रत्येक हाउस के बालकों ने अपने अपने हाउस इंचार्ज के निर्देशन में दौड़, खो- खो, वृत्त कबड्डी, हनुमान दौड़, बिच्छू दौड़, विष – अमृत, रण कबड्डी आदि खेलों का आनंद उठाया। खेल प्रमुख सतेंद्र तोमर ने बताया कि आजकल मोबाइल की दुनिया में बच्चे इतना रम गए हैं कि वह इन खेलों को जान ही नहीं पाते जिम बिना किसी उपकरण के एकाग्रता सहकारिता सहयोग शक्ति प्रदर्शन जैसे मानवीय गुणों को बड़ी आसानी से आत्मसात किया जा सकता है। खेलों का निर्देशन हाउस प्रमुख ने किया।
पारंपरिक खेलों के पश्चात वंशी वादन के सिद्ध हस्त कलाकार गोपाल प्रसाद एवं ऋषभ शर्मा ने छात्रों को वेणु वादन प्रशिक्षण दिया गया जिसमें बालकों ने वाद्ययंत्र की बारीकियों को समझा और उसके प्रारंभिक स्वरूप से परिचित हुए।
रात्रिकालीन अनौपचारिक सत्र में राहुल गोस्वामी के निर्देशन में छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद उठाया। शिवेंद्र गौतम ने भी सुंदर भजन प्रस्तुतियों के माध्यम से बालकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। समर कैंप छात्रों को आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के मानवीय मूल्यों से परिचित कराता है और यह कैंप इस उद्देश्य में पूरी तरह खरा उतरता है।
सभी अध्यापक बन्धुओं द्वारा शिविर की सम्पूर्ण व्यवस्था की गयी I शिविर में ओमप्रकाश शर्मा, ललित गौतम, सुजान सिंह, राजेश कुमार , नवीन शर्मा, सत्येन्द्र द्विवेदी, प्रभाकर ठाकुर, अरुण दीक्षित, यतेंद्र प्रताप, ब्रजमोहन अवस्थी, योगेश अग्रवाल, राहुल गोस्वामी आदि मौजूद रहे ।

जी.एल. बजाज ने ग्रामीणों को दी साइबर सुरक्षा की जानकारी

संकाय सदस्यों ने गांव बड़ौत में चलाया जागरूकता अभियान
मथुरा। आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा हर नागरिक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनजान लिंक पर क्लिक करना या संदिग्ध संदेशों पर प्रतिक्रिया देना आपकी व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, लिहाजा हम सतर्क रहें, अनजान लिंक से बचें तथा अपनी साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दें। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं ने बड़ौत गांव के लोगों को बताईं।
जी.एल. बजाज संस्थान द्वारा छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू कराया जाता है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा मथुरा जनपद के पांच गांवों को गोद लिया गया है। इन गांवों में समय समय पर जी.एल. बजाज के संकाय सदस्य तथा छात्र-छात्राएं उन्नत भारत अभियान के तहत न केवल जाते हैं बल्कि उन्हें साफ-सफाई, शिक्षा, नशामुक्ति तथा साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक भी करते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जी.एल. बजाज की टीम गांव बड़ौत पहुंची तथा ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. प्रवीण अग्रवाल तथा डॉ. राजेश देवलिया ने ग्रामीणों को बताया कि सुरक्षित व्यवहार ही डिजिटल सशक्तीकरण की नींव है। संकाय सदस्यों ने कहा कि साइबरस्पेस हमें दुनिया भर के करोड़ों ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं से वर्चुअली जोड़ता है। साइबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, साइबर उत्पीड़न, बाल पोर्नोग्राफी, बलात्कार सामग्री आदि भी तेजी से बढ़ रहे हैं लिहाजा ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए हमें हर पल सावधान रहने की जरूरत है।
संकाय सदस्यों ने ग्रामीणों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें, उनके व्यवहार में बदलाव के संकेतों पर ध्यान दें। यदि आपका बच्चा ऑनलाइन ज्यादा समय बिताने लगा है तथा अपनी ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में रक्षात्मक या गुप्त रहने लगा है, तो यह साइबर ग्रूमिंग का संकेत हो सकता है। साइबर ग्रूमिंग एक ऐसी प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति यौन शोषण के लिए उनका विश्वास हासिल करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया या चैट विंडो के माध्यम से बच्चे के साथ भावनात्मक संबंध बनाता है।
बच्चे ज्यादा दोस्त बनाने के लिए सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग हटा देते हैं। ऐसे में प्रत्येक माता-पिता को बच्चों से सोशल मीडिया के जिम्मेदाराना इस्तेमाल के बारे में चर्चा करनी चाहिए। साथ ही उनकी मजबूत प्राइवेसी सेटिंग चुनने में मदद करनी चाहिए। संकाय सदस्यों ने सलाह दी कि कभी भी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी। ग्रामीणों ने जी.एल. बजाज द्वारा चलाये गए साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पहले हमें इसकी जानकारी नहीं थी। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की सराहना की तथा कहा कि जी.एल. बजाज शिक्षा ही नहीं सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने को प्रतिबद्ध है।
चित्र कैप्शनः ग्रामीणों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से साइबर सुरक्षा की जानकारी देते जी.एल. बजाज के विद्यार्थी।