Tuesday, October 14, 2025
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चित्र परिचय: श्री राम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी द्वारा चयनित संस्कृति विश्विद्यालय के विद्यार्थी अधिकारियों के साथ।

संस्कृति विश्वविद्यालय के 60 विद्यार्थियों को मिली नौकरी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के 60 विद्यार्थियों का श्रीराम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी द्वारा कैंपस प्लेसमेंट किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गई हैं।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रीराम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस ने कैंपस में तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के पश्चात 60 विद्यार्थियों को ऑफर लैटर प्रदान किए। इन विद्यार्थियों में 22 विद्यार्थी नर्सिंग, 5बीपीटी, 15 बीएमएलटी , 7 डीएमएलटी, 9 सीवीटी, एक ओटीटी और एक ऑप्टोमेट्री विभाग के हैं।
बताते चलें कि श्री राम जानकी हॉस्पिटल स्टाफिंग सर्विस कंपनी स्वास्थ्य और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। कंपनी प्रत्येक स्वास्थ्य सेवा सुविधा की स्टाफिंग की ज़रूरतें और ऐसे समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो इष्टतम रोगी देखभाल सुनिश्चित करते हैं। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की समर्पित टीम योग्य और सेवाभावी कर्मचारियों को प्रदान करने पर केंद्रित है जो रोगी की सेवा का अनुभव रखते हैं। कंपनी कुशल नर्सों से लेकर सहायक कर्मचारियों तक, विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सही कर्मियों का चुनाव करने के लिए लगन से काम करते हैं।
विद्यार्थियों के इस चयन पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो एमबी चेट्टी ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।

वृंदावन पब्लिक स्कूल में मस्ती व धमाल के साथ मनाया पूल डे-संगीतमय वातावरण में रेनडांस के साथ लिया भरपूर मजा-ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में लाती हैं शारीरिक व मानसिक स्वतंत्रता : ओमजी

वृंदावन। गर्मी में बच्चों को शीतलता का स्पर्श तथा मनोरंजनात्मक एहसास की अनुभूति कराने हेतु वृंदावन पब्लिक स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के सभी बच्चों के लिए दो दिवसीय (पूल डे) का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने भरपूर मस्ती व आनंद का लुफ्त उठाया। ठंडे-ठंडे पानी का शीतल स्पर्श ने बच्चों का मन मोह लिया, साथ ही सुमधुर संगीतमय वातावरण में रेनडांस के साथ भरपूर मजा किया। बच्चों की खुशी का ठिकाना देखते हीं बन रहा था । बच्चों के मनोरंजन व हर्षोल्लास को देखकर विद्यालय निदेशक डॉ ओम जी व निधि शर्मा ने उनका उत्साहवर्धन किया। कहा कि समय-समय पर होने वाली ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में शारीरिक व मानसिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। बच्चों के लिए शैक्षिक गतिविधियों के साथ- साथ मनोरंजनात्मक गतिविधियों का भी होना बहुत आवश्यक है। इस अवसर पर भारत भूषण उपाध्याय, स्प्राइट सिसोदिया, सत्येन्द्र चौधरी, आदित्य शर्मा, हेमलता वर्मा दिनेश आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

पंच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का हुआ उदघाटन-परमेश्वरी देवी धानुका विद्यायल में आयोजित हो रहा ग्रीष्मकालीन शिविर

वृंदावन । परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में कक्षा 6 से लेकर 9 तक के छात्रों ने अनुशासन पूर्वक एवं पूर्ण मनोयोग से शिविर को सफल बनाने का संकल्प लिया l
सर्वप्रथम विद्यालय के प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम और प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ शिविर का शुभारंभ किया l कक्षा नवम के छात्र वैभव ने सभी छात्रों को शपथ ग्रहण कराई। प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने कहा कि शिविर के माध्यम से हम लोग एक अनुशासित जीवनचर्या को समझने का प्रयास करते हैं और स्वयं अनुशासन की भावना को अपने हृदय में जगाते हुए स्वावलंबन एवं सहकारिता के गुणों से स्वयं को समृद्ध करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस ग्रीष्म शिविर में बालक अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं का और अधिक विस्तार कर सकेंगे और एक अपूर्व अनुभव लेकर घर लौटेंगे। प्रबंधक शिवेंद्र गौतम ने ग्रीष्म शिविर के औपचारिक उद्घाटन कि उद्घोषणा की। शिविर संयोजक रविन्द्र सिंह ने बताया कि शिविर में प्रातः जागरण से लेकर रात्रि 10 बजे स्वयं तक के कालखंड को अलग-अलग गतिविधियों में बांटा गया है। जिसमें बालक को विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों के माध्यम से रचनात्मकता की ओर प्रेरित किया जाएगा जिससे बालक अपनी प्रतिभा का विकास कर सके। संपूर्ण शिविर को अलग-अलग हाउस में बाँटा गया है जिसके अलग-अलग हाउस इंचार्ज नियोजित किये गये है और प्रत्येक हाउस की गतिविधियों पर नजर रखेंगे l इस ग्रीष्म शिविर में छात्रों को प्रतिदिन संक्षिप्त शैक्षिक भ्रमण पर भी ले जाया जाएगा जिसमें धार्मिक एवं मनोरंजन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
इस ग्रीष्म शिविर में 125 छात्र भाग ले रहे हैं और यह पूर्ण आवासीय शिविर है जो 5 दिन तक चलेगा l
पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर के पहले दिन सायं कालीन सत्र में छात्रों ने पारंपरिक खेलकूद के माध्यम से अपनी भुलाई जा चुकी विरासत से परिचित होने का अवसर प्राप्त किया। प्रत्येक हाउस के बालकों ने अपने अपने हाउस इंचार्ज के निर्देशन में दौड़, खो- खो, वृत्त कबड्डी, हनुमान दौड़, बिच्छू दौड़, विष – अमृत, रण कबड्डी आदि खेलों का आनंद उठाया। खेल प्रमुख सतेंद्र तोमर ने बताया कि आजकल मोबाइल की दुनिया में बच्चे इतना रम गए हैं कि वह इन खेलों को जान ही नहीं पाते जिम बिना किसी उपकरण के एकाग्रता सहकारिता सहयोग शक्ति प्रदर्शन जैसे मानवीय गुणों को बड़ी आसानी से आत्मसात किया जा सकता है। खेलों का निर्देशन हाउस प्रमुख ने किया।
पारंपरिक खेलों के पश्चात वंशी वादन के सिद्ध हस्त कलाकार गोपाल प्रसाद एवं ऋषभ शर्मा ने छात्रों को वेणु वादन प्रशिक्षण दिया गया जिसमें बालकों ने वाद्ययंत्र की बारीकियों को समझा और उसके प्रारंभिक स्वरूप से परिचित हुए।
रात्रिकालीन अनौपचारिक सत्र में राहुल गोस्वामी के निर्देशन में छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद उठाया। शिवेंद्र गौतम ने भी सुंदर भजन प्रस्तुतियों के माध्यम से बालकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। समर कैंप छात्रों को आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के मानवीय मूल्यों से परिचित कराता है और यह कैंप इस उद्देश्य में पूरी तरह खरा उतरता है।
सभी अध्यापक बन्धुओं द्वारा शिविर की सम्पूर्ण व्यवस्था की गयी I शिविर में ओमप्रकाश शर्मा, ललित गौतम, सुजान सिंह, राजेश कुमार , नवीन शर्मा, सत्येन्द्र द्विवेदी, प्रभाकर ठाकुर, अरुण दीक्षित, यतेंद्र प्रताप, ब्रजमोहन अवस्थी, योगेश अग्रवाल, राहुल गोस्वामी आदि मौजूद रहे ।

जी.एल. बजाज ने ग्रामीणों को दी साइबर सुरक्षा की जानकारी

संकाय सदस्यों ने गांव बड़ौत में चलाया जागरूकता अभियान
मथुरा। आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा हर नागरिक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनजान लिंक पर क्लिक करना या संदिग्ध संदेशों पर प्रतिक्रिया देना आपकी व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, लिहाजा हम सतर्क रहें, अनजान लिंक से बचें तथा अपनी साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दें। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं ने बड़ौत गांव के लोगों को बताईं।
जी.एल. बजाज संस्थान द्वारा छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू कराया जाता है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा मथुरा जनपद के पांच गांवों को गोद लिया गया है। इन गांवों में समय समय पर जी.एल. बजाज के संकाय सदस्य तथा छात्र-छात्राएं उन्नत भारत अभियान के तहत न केवल जाते हैं बल्कि उन्हें साफ-सफाई, शिक्षा, नशामुक्ति तथा साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक भी करते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जी.एल. बजाज की टीम गांव बड़ौत पहुंची तथा ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. प्रवीण अग्रवाल तथा डॉ. राजेश देवलिया ने ग्रामीणों को बताया कि सुरक्षित व्यवहार ही डिजिटल सशक्तीकरण की नींव है। संकाय सदस्यों ने कहा कि साइबरस्पेस हमें दुनिया भर के करोड़ों ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं से वर्चुअली जोड़ता है। साइबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग, साइबर उत्पीड़न, बाल पोर्नोग्राफी, बलात्कार सामग्री आदि भी तेजी से बढ़ रहे हैं लिहाजा ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए हमें हर पल सावधान रहने की जरूरत है।
संकाय सदस्यों ने ग्रामीणों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें, उनके व्यवहार में बदलाव के संकेतों पर ध्यान दें। यदि आपका बच्चा ऑनलाइन ज्यादा समय बिताने लगा है तथा अपनी ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में रक्षात्मक या गुप्त रहने लगा है, तो यह साइबर ग्रूमिंग का संकेत हो सकता है। साइबर ग्रूमिंग एक ऐसी प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति यौन शोषण के लिए उनका विश्वास हासिल करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया या चैट विंडो के माध्यम से बच्चे के साथ भावनात्मक संबंध बनाता है।
बच्चे ज्यादा दोस्त बनाने के लिए सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग हटा देते हैं। ऐसे में प्रत्येक माता-पिता को बच्चों से सोशल मीडिया के जिम्मेदाराना इस्तेमाल के बारे में चर्चा करनी चाहिए। साथ ही उनकी मजबूत प्राइवेसी सेटिंग चुनने में मदद करनी चाहिए। संकाय सदस्यों ने सलाह दी कि कभी भी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी ग्रामीणों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी। ग्रामीणों ने जी.एल. बजाज द्वारा चलाये गए साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पहले हमें इसकी जानकारी नहीं थी। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की सराहना की तथा कहा कि जी.एल. बजाज शिक्षा ही नहीं सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करने को प्रतिबद्ध है।
चित्र कैप्शनः ग्रामीणों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से साइबर सुरक्षा की जानकारी देते जी.एल. बजाज के विद्यार्थी।

मथुरा।मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना द्वारा जनपद मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे से वृन्दावन (पागल बाबा मन्दिर) तक (अन्य जिला मार्ग) 04 लेन मार्ग के निर्माण का निरीक्षण किया

मथुरा।मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना द्वारा जनपद मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे से वृन्दावन (पागल बाबा मन्दिर) तक (अन्य जिला मार्ग) 04 लेन मार्ग के निर्माण का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त ब्रिज के आवागमन मार्ग जो कि लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित कराया गया है, जहाँ पानी की पाइप लाइन टूटे जाने के कारण पानी भरा पाया गया। जिस हेतु अधिशासी अभियन्ता, जल निगम ग्रामीण को निर्देशित किया गया कि उक्त रोड़ पर टूटी हुई पानी की पाइप लाइन को तत्काल सही कराया जाये। साथ ही अधिशासी अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया वह अधिशासी अभियन्ता जल निगम शहरी से समन्वय कर टूटी हुई पाइप लाइन को तत्काल सही कराकर मरम्मत होने के उपरान्त सडक मार्ग को सही कराया जाये, जिससे उक्त मार्ग से वृन्दावन आने-जाने वाले यात्रियों/आम जनमानस को किसी भी प्रकार का अवरोध आवागमन में न हो।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल की प्रियांशा ने मेरठ में फहराया परचमदक्षिण एशियाई कराटे चैम्पियनशिप में जीता सिल्वर मेडलअब जापान में होने वाली वर्ल्ड कराटे चैम्पियनशिप में दिखाएगी दम

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल की प्रतिभाशाली छात्रा प्रियांशा उपाध्याय ने हाल ही में मेरठ में हुई 13वीं दक्षिण एशियाई हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करते हुए न केवल सिल्वर मेडल जीता बल्कि जापान के टोक्यो शहर में होने वाली वर्ल्ड हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप में खेलने का टिकट भी कटा लिया है। प्रियांशा जापान में होने वाली वर्ल्ड हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप के लिए कड़ा अभ्यास कर रही है।
स्कूल की प्रधान अध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि जापान कराटे दो हाकुआकाई ऑर्गेनाइजेशन की देखरेख में उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में 17 से 18 मई तक हुई 13वीं दक्षिण एशियाई हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप में राजीव इंटरनेशनल की कक्षा चार की छात्रा प्रियांशा उपाध्याय ने सिल्वर मेडल जीतकर मथुरा ही नहीं उत्तर प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है। होनहार प्रियांशा अब जापान के टोक्यो में होने वाली वर्ल्ड हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व कर मेडल जीतने की कोशिश करेगी। वर्ल्ड हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप टोक्यो में नौ से 10 अगस्त के बीच खेली जाएगी।
प्रधान अध्यापिका मदान ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। यहां छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ ही खेलों की तरफ भी प्रेरित किया जाता है यही वजह है कि आरआईएस के खिलाड़ी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर उत्तर प्रदेश और देश को गौरवान्वित कर रहे हैं।
होनहार छात्रा प्रियांशा उपाध्याय की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ मथुरा नहीं बल्कि समूचे देश के लिए गौरव की बात है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, यह बिटिया टोक्यो में होने वाली वर्ल्ड हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप में भी मेडल जीतेगी, ऐसा मुझे भरोसा है। उन्होंने प्रियांशा को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य विद्यालय की छिपी प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें उनकी पसंद के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है। श्री अग्रवाल ने प्रियांशा की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि सिर्फ नौ साल की उम्र में उसने देश के लिए मेडल जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है, यह समूचे ब्रज और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का पल है। प्रियांशा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को देते हुए कहा कि जापान में होने वाली प्रतियोगिता के लिए वह दिन-रात मेहनत कर रही है। वह टोक्यो में देश के लिए पदक जीतने की जीतोड़ कोशिश करेगी।
चित्र कैप्शनः 13वीं दक्षिण एशियाई हाकुआकाई कराटे चैम्पियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट प्रियांशा उपाध्याय।

ज्यादा अंक पाकर इतराने का बुखार चरम पर

मथुरा। बोर्ड के परीक्षा फल आने के बाद ज्यादा अंक पाकर इतराने इठलाने का बुखार चरम पर है। समाचार पत्रों में अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थी उंगलियां से वी का चिन्ह बनाकर या उनके माता-पिता उन्हें मिठाई खिलाते हुए खूब फोटो छपवा रहे हैं। इस दौड़ में स्कूल वाले तो और भी आगे हैं क्योंकि उन्हें अपने स्कूली व्यवसाय को चमका कर ज्यादा धंधा जो करना है। यह सिलसिला नया नहीं यह ढर्रा तो पहले से चला आ रहा है। यह सब कुछ देखकर मुझे बड़ी कोफ्त होती है। लोग सोचेंगे कि होनहार विद्यार्थियों की खुशी देखकर जलन क्यों? शायद इसलिए कि यह खुद अनपढ़ है, इसीलिए पढ़ने वालों से चिढ़ रहा है। हो सकता है उनकी बात सही हो किंतु मेरी सोच लीक से हटकर यानी कुछ अलग है।
 मेरा मानना है कि शिक्षा उसे कहते हैं, जो जीवन को सफल बनाए यानी हम लोग अच्छे नागरिक बने और सद्कर्म के द्वारा ज्यादा से ज्यादा परमार्थी कार्य करें। झूठ नहीं बोले सच्चाई पर डटे रहें तथा हर प्रकार के गलत कार्यों से दूरी बनाए रखते हुए ईमानदारी के साथ सदाचारी जीवन जियें। किताब वाली पढ़ाई में अधिक नंबर हासिल करके ज्यादा इतराना तो मुझे बड़ा बुरा लगता है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर जरा गौर करके देखें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है। जरा सोचो कि छोटे-छोटे बच्चों के ऊपर ढेरों किताब कॉपियों का गठ्ठा लाद दिया जाता है। पहले तो कच्ची उम्र में स्कूल भेजना और फिर ऊपर से ट्यूशन की बीमारी। मेरा दाखिला 6 वर्ष की उम्र में कक्षा 1 में हुआ। अब तो कक्षा एक से पहले भी कई क्लासें होती हैं और दो ढाई साल के बच्चों को ही स्कूल भेजना शुरू करा दिया जाता है। जब परीक्षा के दिन आते हैं तब तो विद्यार्थियों को तैयारी के नाम पर ऐसे जुटा दिया जाता है कि पूंछो मत। बस किताब कापियों का घोल बनाकर उसकी घुट्टी पिलाने की कसर बाकी रह जाती है। दिन और रात बस रटंत और पढ़न्त इसके अलावा और कुछ नहीं।
 मेरा मानना तो यह है भले ही कम अंक मिले हों तो भी कोई हर्ज नहीं पर पूरे वर्ष साधारण तरीके से पढ़ना श्रेयकर है। मैं तो यह कहता हूं की टॉपर या प्रथम श्रेणी में पास होने के से ही क्या हम महान बन जाएंगे? भले ही हम साधारण नंबरों से पास हों तो कौन सी आफत का पहाड़ टूट पड़ेगा? ज्यादा से ज्यादा नंबरों से पास होने की यह होड़ा होड़ी मुझे बिल्कुल पसंद नहीं। मुझे तो यह पसंद है कि भले ही हमारी किताब वाली पढ़ाई कम हो या कम नंबर मिलें किंतु हमें ऐसी शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए जिससे हमारा जीवन सुधरे, आचार विचार संस्कार अच्छे हों, परोपकारी जिंदगी जीकर अपना और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। सच्ची और अच्छी शिक्षा तो मेरी नजर में यह है। एक बात और जो मेरे मन की है वह यह कि थोड़ी बहुत काम चलाऊ शिक्षा उच्च शिक्षा से ज्यादा बेहतर है। जितनी ज्यादा ऊंचाई वाले विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय हैं इनमें विद्यार्थी बनते कम और बिगड़ते ज्यादा हैं। यह मैं नहीं कह रहा यह तो समय-समय पर अखबारों में छपने वाली खबरें कह रही हैं। माता-पिताओं को अपनीं संतानों को नजर के सामने रखना चाहिए ना कि दूर दराज के शहरों या विदेशों में भेज कर उन्हें बिगाड़ना चाहिए। ज्यादा ऊंची तनख्वाह या ज्यादा ऊंचा पद ही सब कुछ नहीं होता। सादा जीवन उच्च विचार की जिंदगी से ऊंचा कुछ नहीं। चली बात पर एक प्रसंग मुझे याद आ गया। एक बार मैं अपनी ससुराल महाराष्ट्र में गया हुआ था। वहां मेरे साले के एक जिगरी दोस्त जो गुजराती थे, मिले वे तथा उनकी पत्नी बड़े सरल स्वभाव के संस्कारी थे। उनके दो बच्चे भी उन्हीं के पदचिन्हों वाले थे। उन दोनों ने मुझसे कहा कि हम अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई से ज्यादा उनके संस्कारों पर ध्यान देते हैं। उनकी यह बात मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगी। भले ही इस बात को 40 साल से भी ज्यादा हो गए पर मेरे मन में आज भी रची बसी हुई है।
 अब अंत में कहना चाहता हूं कि मैं कोई पढ़ाई लिखाई विरोधी नहीं हूं। हम 10 भाई बहन हैं और मेरे अलावा सभी पढ़े लिखे हैं। हमारी सबसे बड़ी बहन गीता देवी जो गीता जयंती पर जन्मी थीं ने तो लगभग 6 दशक पूर्व बी. ए. तक की पढ़ाई पढ़ी थी। उस जमाने में तो पढ़ाई का तरीका ज्ञानवर्धक होता था आज के जमाने से बिल्कुल भिन्न। ऐसा लग रहा है कि मूर्ख आदमी विद्वानों के बीच में बैठकर बहस कर रहा है। ठीक उसी प्रकार जैसे वजन ढोने वाला मजदूर इंजीनियरों के बीच तर्क वितर्क करने में मगन हो। सौ की सीधी बात "पढ़-पढ़ कै पत्थर भये और लिख लिख कै कमजोर, चढ़ जा बेटा छत्त पै लैके पतंग और डोर" इति शिक्षा पुराण। 

काम को व्यवस्थित और आसान बनाता है डाटा स्ट्रक्चरः सचिन कुमारराजीव एकेडमी में डाटा स्ट्रक्चर पर वर्कशॉप आयोजित

मथुरा। सूचना क्रांति के युग में बिना डाटा कोई काम नहीं चल सकता। डाटा संरचना डाटा को व्यवस्थित करने, संसाधित करने, पुनर्प्राप्त करने तथा संग्रहित करने का एक विशेष प्रारूप है। डाटा संरचनाओं के कई बुनियादी और उन्नत प्रकार हैं, जोकि विशिष्ट उद्देश्य के अनुरूप डाटा को व्यवस्थित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। डाटा स्ट्रक्चर उपयोगकर्ताओं के लिए आवश्यक डाटा तक पहुंचना और उसके साथ काम करना आसान बनाता है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा आयोजित वर्कशॉप में रिसोर्स परसन सचिन कुमार टेक्निकल ट्रेनर डुकैट कम्पनी (नोएडा) ने बीसीए के छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कम्प्यूटर विज्ञान और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में डाटा संरचना को विभिन्न एल्गोरिदम के साथ उपयोग करने के उद्देश्य से डाटा को संग्रहित करने के लिए चुना या डिजाइन किया जा सकता है जिसे आमतौर पर डाटा संरचना और एल्गोरिदम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बीसीए के छात्र-छात्राओं को सभी प्रकार के डाटा की जानकारी होना आवश्यक है। यह उनके व्यावसायिक कोर्स के लिए अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने एल्गोरिदम एण्ड डाटा स्ट्रक्चर कंसेप्ट, अप्लाई एल्गोरिदम एण्ड डाटा स्ट्रक्चर प्राब्लम, अनालाइज एल्गोरिदम एफिसिएंसी, फाइण्ड एफिसिएट एल्गोरिदम, सॉल्व एल्गोरिदम सहित अन्य एडवांस टॉपिकों पर छात्र-छात्राओं से अपने अनुभव साझा
वर्कशॉप में रिसोर्स परसन से छात्र-छात्राओं ने प्रोग्रामिंग तथा इसके फायदे व नुकसान के बारे में भी प्रश्न किए। उन्होंने सभी की प्राब्लम सॉल्व करते हुए टाइम स्पेश ट्रेड ऑफ एल्गोरिदम, एनालिसिस ऑफ एल्गोरिदम और टाइप्स ऑफ रिकर्सन के बारे में अपडेट जानकारी देते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने लिंक्ड लिस्ट, स्टैक, क्यू, ट्री, ग्राफ, सॉर्टिंग व प्रोग्राम यूजिंग पर भी विस्तार से जानकारी दी। वर्कशॉप में प्रतिभागियों को डाटा संरचनाओं के मूल सिद्धांतों से भी परिचित कराया गया, जो कुशल और अनुकूलित प्रोग्राम लिखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राजीव एकेडमी के अनुभवी संकाय सदस्यों ने वर्कशॉप का संचालन किया तथा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक उदाहरणों एवं अभ्यासों के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया। डॉ. विकास जैन विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने बताया कि वर्कशॉप में प्रतिभागियों को अपने ज्ञान को वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर लागू करने का भी अवसर प्रदान किया गया। कुल मिलाकर यह वर्कशॉप उन छात्र-छात्राओं और पेशेवरों के लिए एक बेहतरीन अवसर थी, जो प्रोग्रामिंग में रुचि रखते हैं तथा अपने कोडिंग कौशल को बेहतर बनाना चाहते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने वर्कशॉप को बीसीए के छात्र-छात्राओं के लिए मील का पत्थर निरूपित किया। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने रिसोर्स परसन सचिन कुमार का आभार मानते हुए कहा कि यह वर्कशॉप बीसीए के छात्र-छात्राओं के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसका लाभ छात्र-छात्राओं को भविष्य में जरूर मिलेगा।
चित्र कैप्शनः वर्कशॉप के बाद टेक्निकल ट्रेनर सचिन कुमार के साथ राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राएं।

के.डी. हॉस्पिटल में युवक के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशनन्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी के प्रयासों से अब प्रीतम स्वस्थ

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी और उनकी टीम ने ब्रेन ट्यूमर की परेशानी से जूझ रहे छटीकरा, मथुरा निवासी प्रीतम (32) का मुश्किल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है। अब प्रीतम ठीक है तथा उसकी बुखार, सिरदर्द और उल्टियां होने की परेशानी पूरी तरह से दूर हो गई है।
जानकारी के अनुसार छटीकरा, मथुरा निवासी प्रीतम पुत्र रोशन लाल काफी दिनों से बुखार, सिरदर्द तथा उल्टियां होने की परेशानी का सामना कर रहा था। उसकी आंखों की रोशनी भी लगातार कम हो रही थी। उसे कई चिकित्सालयों में दिखाया गया जहां चिकित्सकों ने जांच में ब्रेन ट्यूमर होने की पुष्टि की तथा दिल्ली ले जाने की सलाह दी। परिजनों द्वारा मरीज को दिल्ली न ले जाकर के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी ने प्रीतम की पहले से ही चुकी विभिन्न जांचों को देखने के बाद सर्जरी की सलाह दी
परिजनों की स्वीकृति के बाद डॉ. चौधरी और उनकी टीम द्वारा दीपक के ब्रेन ट्यूमर का लगभग चार घण्टे में मुश्किल ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में डॉ. चौधरी का सहयोग डॉ. धनंजय, डॉ. शेख हुसैन, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी, ओटी टेक्नीशियन राजवीर, देवेन्द्र, संदीप आदि ने किया। डॉ. चौधरी का कहना है कि मस्तिष्क की सर्जरी बहुत ही नाजुक और उन्नत शल्य क्रिया है। ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन की सफलता कई चीजों पर निर्भर करती है। यदि ट्यूमर गैर-कैंसरयुक्त है तो सफलता की दर काफी अधिक होती है, जबकि कैंसरयुक्त ट्यूमर का इलाज करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते बीमारी का पता चल जाए तो सफल उपचार की सम्भावना उतनी ही बेहतर होती है।
डॉ. चौधरी का कहना है कि स्वस्थ जीवनशैली, नियमित जांच और एक अच्छी सहायता प्रणाली सर्जरी के बाद मरीज के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में अत्याधुनिक तकनीक से अन्य बड़े शहरों के मुकाबले बहुत कम खर्च पर इलाज किया जाता है। चूंकि यहां हर तरह की व्यवस्थाएं और सुविधाएं अद्यतन हैं लिहाजा किसी भी तरह का ऑपरेशन बिना दिक्कत के सम्भव है। प्रीतम के स्वास्थ्य में हो रहे सुधार से परिजन खुश हैं तथा उसे छुट्टी दे दी गई है। परिजनों ने ऑपरेशन करने वाले शल्य चिकित्सकों तथा हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार माना है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने प्रीतम की सफल सर्जरी के लिए डॉ. दीपक चौधरी तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी के बाद प्रीतम तथा न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी एवं उनकी टीम।

संस्कृति विवि में प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के बताए सहज उपाय

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में “प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने: समग्र दृष्टिकोण” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के योग और फिटनेस क्लब , योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग तथा संस्कृति आयुर्वेदिक चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल के सहयोग से आयोजित इस सेमिनार में अतिथि वक्ताओं ने योग, एक्यूप्रेशर और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के सहज उपाय और इन तरीकों के महत्व को विस्तार से बताया।
इस कार्यक्रम में डॉ. बालमुकुंद (बीएनवाईएस, एमएससी योग, शांति मार्ग योग आश्रम, यूएसए के संस्थापक), डॉ. गोकुल (बीएनवाईएस, एसपीपीसी, पतंजलि वेलनेस), डॉ. मीना गुप्ता (एमडी पैथोलॉजी, सहायक प्रोफेसर), डॉ. एंडरसन (एमडी योग और एक्यूपंक्चर, सहायक प्रोफेसर) और डॉ. अनुधि (बीएनवाईएस, (ऑनर्स साइकोलॉजी, सहायक प्रोफेसर) ने विद्यार्थियों को विषय संबंधी जानकारियां देकर जागरूक किया।
सेमिनार में योग, एक्यूपंक्चर और प्राकृतिक उपचारों सहित प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के समग्र दृष्टिकोणों पर अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए विशेषज्ञों के लिए एक मंच प्रदान किया। डॉ. तनुश्री (एचओडी) और डॉ. स्नेहा (सहायक प्रोफेसर) के मार्गदर्शन में बीएनवाईएस छात्रों द्वारा कार्यक्रम का अच्छी तरह से समन्वय किया गया और डॉ. अनूप (सहायक प्रोफेसर) के साथ उपयोगी बातचीत हुई।
बीएनवाईएस प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों अंकिता,सारा,सफक,अंजलि,कनिष्का, सचिन, रुषिकेश, गुंजन द्वारा कुशलतापूर्वक हमारे पंच तत्व के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम का संचालन नेहा, मोहम्मद सूफियान, अनुपम ने किया। स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डॉ. डीएस तोमर की देख रेख में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में योग और फिटनेस क्लब की टीम, जिसमें अध्यक्ष कुमोदिनी राणावत, उपाध्यक्ष देवांशु, सचिव सुमित चौधरी, संयुक्त सचिव आस्था श्रीवास्तव, कार्यक्रम समन्वयक शरद मिश्रा, मीडिया समन्वयक इशांत शेंडे और कोषाध्यक्ष छवि शामिल थीं, ने सेमिनार की सफलता सुनिश्चित की।