Friday, October 17, 2025
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आकाशवाणी बचाओ को मेल भरो आन्दोलन की तैयारी

  • प्रसार भारती की अदूरदर्शिता नंबर बढ़ाने के चक्कर में गिरा रहे आकाशवाणी की साख
  • रिले केन्द्र बनाने से विशेषज्ञ वार्ताकार कंपेयर एनाउंसर होंगे प्रभावित
  • सुबह की सभा बंद करने की तैयारी

मथुरा। आकाशवाणी बचाओ का कोहराम आखिर क्यों मचा है। इसके पीछे कयी कारण हैं। प्रसार भारती के आला अफसरों की गलत नीतियां ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। देश के करीब एक सैकड़ा केन्द्रों पर कार्यक्रम निर्माण का कार्य कैजुअल एनाउंसर -कंपेयर ही कर रहे हैं। प्रसार भरती तीन दशक बाद भी इन्हें किसी तरह का कर्मचारी नहीं मानती। अब इन्हें एसायनी बना दिया है। प्रबुद्ध तबके का काम और पारिश्रमिक भी कयी-कयी माह बाद दिया जाने लगा है। अब इस अभियान को मेल भरो आन्दोलन बनाया
उल्लेखनीय है कि प्रसार भारती की गलत नीतियां आकाशवाणी के अस्तित्व को खतरे में डाल रही हैं। छोटे -छोटे सैटअप से लोगों ने करोड़ों में पहुंच और संचालन हेतु धन का इंतजाम किया हुआ है वहीं मोटी तनख्वाह के मातहतों ने केन्द्रों को सफेद हाथी बना दिया है। प्रसार भारती के अफसर अब आकाशवाणी केन्द्रों की प्रातः कालीन सभा को रिले करने की तैयारी कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के सभी केन्द्र अध्यक्षों की मीटिंग 30 दिसंबर को लखनऊ में हो चुकी है। अफसर सुबह की सभा को लखनऊ – दिल्ली से प्रसारित (रिले)करने की तैयारी कर चुके हैं। इंजीनियरिंग स्टाफ जरूरत से ज्यादा होने के बाद भी रेडियो कार्यक्रम प्रसार भारती के ऐप पर कमी बार नहीं चलता और लोग सोए रहते हैं। सुबह की सभा रिले होने से केन्द्र के कुछ एसायनी कंपेयर व एनाउंसर की ड्यूटी कटेंगी वहीं परमानेंट प्रोग्राम सेक्शन के स्टाफ को आफिस समय से आने का झंझट नहीं रहेगा।
उत्तर प्रदेश के केन्द्रों को रिले केन्द्र बनाने के पीछे स्टाफ की कमी और हर केंद्र से चलने वाले फिल्म संगीत की रायल्टी की करीब 18 करोड़ की धनराशि बचाने का तर्क दिया जा रहा। सरकार के लिए इस धन की बचत बहुत बड़ी चीज नहीं लेकिन रेडियो से हर राज्य के विभिन्न क्षैत्रीय भाषा- शैली, लोक संस्कृति के संरक्षण का क्या होगा। लोक विधाओं का क्या होगा। छोटे छोटे इलाकों से अन्तर्राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का जज्बा क्षेत्रीय कलाकरों में कौनसा केन्द्र पैदा करेगा। यह कमी सवाल मुंह बाये खड़े हैं।
आकाशवाणी मथुरा के कैजुअल कंपेयर व एनाउंसर ने नववर्ष के पहले दिन तीन माह के बाकी भुगतान को तीन दिन में कराने की मुहिम छेड़ी। कमी केन्द्रों के ऊपर बनाये आगरा क्लस्टर हैड मयंक अग्रवाल को व्हाट्सअप मैसेज किए। यही मैसेज दर्जनों की तादाद में आईएनबी मिनिस्ट्री सचिव को मेल किए। गुरुवार को आगरा क्लस्टर हेड ने मथुरा केन्द्र का निरीक्षण किया।
विदित होकि पूर्व में अनुराग ठाकुर आकाशवाणी के कैजुअल कंपेयर व एनाउंसर के नियमितीकरण की बात सालों पूर्व लोकसभा में एक प्रश्न के जबाब में कह चुके हैं लेकिन प्रसार भारती 95 फीसदी कार्यक्रम निर्माण का काम कर रहे कैजुअल एनाउंसर -कंपेयर के हकौं पर ताबड़तोड़ डाका डाल रही है। अब उक्त लोग मिनिस्टर को मेल भेजो आन्दोलन की तैयारी कर रहे हैं। आगामी एक हफ्ते में देशभर से तीन से चार हजार मेल भेजे जाएंगे। विभिन्न केन्द्रों की यूनियनों से संपर्क किया जा रहा है। श्रोता, कलाकार और समाज के प्रबुद्ध तबके को भी आकाशवाणी बचाओ अभियान में जोड़ा जा रहा है। इस अभियान में जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रबुद्धजन भी जुड़ रहे हैं। अभियान में संजय सारस्वत,मनीष श्रीवास्तव, दिलीप कुमार यादव, देवराज दीक्षित, ब्रज भूषण चतुर्वेदी, अंशुल शर्मा, पुष्पेंद्र एडवोकेट, विनोद चतुर्वेदी, अनुराग पाण्डेय, जितेन्द्र, मृणालिनी दीक्षित, उषा पाण्डेय, रश्मी शर्मा, दुर्गेश, खूशबू, दीपिका शर्मा, ममता रानी सहित करीब 50 लोग सतत संघर्षरत हैं।

मथुरा – परचून की दुकान में आग लगने से लाखों का सामान स्वाहा

मथुरा में एक परचून की दुकान में आग लग गई। आग लगने की सूचना पर पहुंची दमकल ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक दुकान में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया, थाना कोतवाली के अंतर्गत बीएसए कॉलेज के समीप प्रोफेसर कॉलोनी में शॉर्ट सर्किट के चलते एक परचून की दुकान में भीषण आग लग गई। दुकान स्वामी नीलेश गुप्ता ने बताया कि उनकी नीलेश ट्रेडर्स के नाम से प्रोफेसर कॉलोनी में परचून की दुकान हैं। शुक्रवार की देर शाम वह रोजाना की तरह दुकान बंद कर घर चले गए थे। रात को घर पर खाना खाकर सो गए।
रात को करीब 3 बजे उनकी दुकान के ऊपर रह रहे छात्र उनके घर पहुँचे और बताया कि उनकी दुकान में आग लग गई हैं। इस सूचना पर वह भागकर आये तो देखा कि उनकी दुकान में भीषण आग लगी है और आग की ऊँची-ऊँची लपटें दिखाई दे रही थीं। दुकान स्वामी नीलेश ने आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी, दुकान में लगी आग को देख आसपास के लोगों में भी भय व्याप्त हो गया और लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर आ गए।
आग को देखने के लिए काफी लोगों के भीड़ एकत्रित हो गई। निलेश ने बताया कि दमकल विभाग को सूचना देने के बावजूद करीब 1 घंटे देरी से पहुंची। दमकल की गाड़ी ने पहुंचते ही दुकान में लगी आग पर पानी की बौछार मारना शुरू कर दिया और करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन नीलेश का कहना था कि दमकल की गाड़ी आई तब तक उनकी दुकान में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। जिसमें उनके करीब 25 से 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।

कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 आरोपियों को आजीवन कारावास कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला

कासगंज (कासगंज )में 7 साल पहले हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने गुरुवार (2 जनवरी) को इन्हें दोषी करार दिया था। शुक्रवार को आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। चंदन के माता-पिता और बहन ने तिरंगा लहराकर न्यायपालिका के प्रति आभार जताया। कहा, आज चंदन की आत्मा को शांति मिली होगी।
गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा में हुई थी मौत
उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस पर युवाओं द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें चंदन सहित सैकड़ों की संख्या में युवा शामिल थे। यात्रा जैसे ही मुस्लिम बहुल इलाक़े में पहुंची, पत्थरबाज़ी शुरू हो गई। हालात इतने बिगड़े की दोनों ओर से गोलियां चलने लगीं। इस गोलीबारी में चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी।
इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले की जांच कर 31 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट पेश की थी। शुक्रवार को NIA की स्पेशल कोर्ट ने 28 को दोषी मानते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है। एक की मौत हो चुकी है।
एडीजे विवेकानंदशरण त्रिपाठी ने धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), और 147 (दंगा), 149 (ग़ैर-क़ानूनी सभा में शामिल होने) के तहत दोषी करार दिया है। धारा 124 ए (राजद्रोह) का मामला अभी विचाराधीन है।
NIA कोर्ट ने इन्हें सुनाई सजा
एनआईए कोर्ट ने जिन 28 अभियुक्तों को सजा सुनाई है, उनमें वसीम, सलीम, नसीम, असलम क़ुरैशी, आशिक क़ुरैशी, जाहिद, तौफ़ीक, अकरम, खिल्लन, शादाब, सलमान, राहत, मोहसिन, शाकिब, आसिफ, बबलू, वासिफ, निशू, शमशाद, जफ़र, इमरान, साकिर, परवेज़, फैज़ान, खालिद इमरान क़य्यूम, मुनाज़िर, शाकिर सिद्दीकी और आमिर शामिल हैं।

जीएलए विश्वविद्यालय के साथ जान हापकिंस और लंदन स्कूल करेंगे मलेरिया पर शोध

  • अमेरिकी के प्रसिद्ध नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने दी शोध को लगभग 30 करोड़ रुपए की धनराशि

मथुरा : मलेरिया जैसी घातक बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ पिछले कई दशकों से निरंतर शोध कर रहा है। इसी के चलते इस वर्ष विभिन्न देशों के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के वैज्ञानिकों को करीब 30 करोड़ की धनराशि अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने इस शोध को आगे ले जाने के लिए दी है। इस बड़ी उपलब्धि में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा भी शामिल है।

मलेरिया पर किए जाने वाले शोध में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के साथ जान हापकिंस मलेरिया इंस्टीट्यूट, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसिन, रीजनल मेड़िकल रिसर्च सेंटर, भुवनेश्वर एवं उडीसा के कम्यूनिटी वेलफेयर सोसाइटी हॉस्पिटल में किया जाएगा।
इस शोध दल में जीएलए विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. हिमांशु गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। डा. हिमांशु गुप्ता लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन में लगभग तीन वर्ष तक मलेरिया पर शोध कर चुके हैं एवं वह मलेरिया पर शोध करने वाले विश्व में श्रेष्ठतम वैज्ञानिकों में शुमार भी हैं। हाल ही में उनको हार्वर्ड विश्वविद्यालय की ओर से सेनेगल देश में हुए मलेरिया को समाप्त करने वाले विशिष्ट वैज्ञानिकों के दल के साथ एक मलेरिया पर होने वाले लीडरशिप कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।

यह शोध दल पूर्वी आदिवासी राज्य उडीसा में शोध करेगा। डा. हिमांशु एवं उनकी टीम मलेरिया संक्रमण से जुडे़ बायोमार्कर का भी मूल्यांकन करेगी, जिससे पूरे भारत में मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सके।

डा. हिमांशु ने बताया कि भारत में मलेरिया के अधिकांश मामलों में पालज्मोडियम वाईवैक्स जिम्मेदार है, जो कि मादा मच्छर के काटने से फैलता है और यह परजीवी महीनों या वर्षां तक शरीर में निष्क्रिय रूप में जिंदा रह सकता है एवं मनुष्य की रोगनिरोधक क्षमता को कभी भी कम होने पर सक्रिय हो सकता है। मलेरिया के संक्रमण को कम करने के लिए इन व्यक्तियों को पहचान करना और उनका उपचार करना मलेरिया उन्मूलन के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

लन्दन स्कूल ऑफ हाइजीन एवं ट्रोपिकल मेडिसन के वैज्ञानिक प्रो. सैमुअल वासेमर ने जीएलए विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि अन्य सहयोगी संस्थान जीएलए विश्वविद्यालय के साथ मिलकर मलेरिया की विभिन्न पहलुओं पर गहन शोध करेंगे, ताकि भारत में मलेरिया उन्मूलन प्रयासों को और मजबूत बनाया जा सके।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डा. हिमांशु गुप्ता ने अमेरिका के प्रसिद्ध नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से यह शोध की राशि हासिल करके संस्थान को गौरवान्वित किया है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि विश्वविद्यालय के बायोटेक्लॉजी विभाग की उत्कृष्टता को दर्शाती है एवं वैश्विक सहयोग के प्रति विश्वविद्यालयों के समर्पण की पुष्टि करती है।

जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ नीरज अग्रवाल एवं सीएफओ विवेक अग्रवाल ने विश्वविद्यालय को मिली बड़ी उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले वर्षों में शोध के क्षेत्र कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके साथ कई भारत सरकार एवं निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा प्रायोजित शोध परियोजनाओं पर कार्य किया और कर रहे हैं। यही कारण है कि आज विश्वविद्यालय स्तर से 74 से पेटेंट ग्रांट तथा 630 से अधिक पेटेंट पब्लिश हो चुके हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में लंबित चल रहे ऑडिट प्रकरण को लेकर के मुख्य विकास अधिकारी ली अधीनस्थों के साथ बैठक

मथुरा,मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना जी द्वारा अपने कार्यालय कक्ष मे जिला पंचायत,क्षेत्र पंचायत एंव ग्राम पंचायतो मे लम्बित चल रहे आडिट प्रस्तरो के निस्तारण के सम्बन्ध मे समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक मे मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विकास खण्ड बार लम्बित आडिट प्रस्तरो की समीक्षा की गई तथा शेष चल रहे आडिट प्रस्तरो के सम्बन्ध मे शीध्र कार्यवाही करते हुये प्रस्तरो के निस्तारण हेतु समस्त खण्ड विकास अधिकारियो को निर्देशित किया गया। तथा समस्त खण्ड विकास अधिकारियो को निर्देशित किया गया कि सभी खंड विकास अधिकारी एवं लेखाकार स्वयं उपस्थित होकर के राजीव भवन के कार्यालय में अपने
साथ लम्बित आडिट प्रस्तरो की अद्यतन स्थिति एंव प्रस्तरो से सम्बन्धित अभिलेख / साक्ष्य सहित उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

छात्र-छात्राएं अपने ज्ञान में सद्गुणों के निर्माण पर जोर दें

  • जीएल बजाज में हुई सार्वभौमिक मानव मूल्यों पर कार्यशाला
  • दैनिक जीवन में नैतिक मूल्य विषय पर नाटक का मंचन

मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में शुक्रवार को शिक्षा के साथ समाज में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अनुप्रयुक्त विज्ञान और मानविकी विभाग द्वारा उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के साथ संस्थान की नवाचार परिषद (आईआईसी) के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को सार्वभौमिक मानव मूल्यों से अवगत कराया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी तथा विशिष्ट वक्ता डॉ. अजय उपाध्याय द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
एक बेहतर दुनिया के लिए मूल्य एक मानव-केन्द्रित नैतिकता विषय पर विशिष्ट वक्ता डॉ. अजय उपाध्याय ने कहा कि मूल्य और नैतिकता किसी भी समाज या राष्ट्र के विकास का सही परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। नैतिकता एक राष्ट्र, एक धर्म, एक जलवायु और एक दर्शन की सम्पत्ति नहीं बल्कि दुनिया भर के मनुष्यों के कल्याण से सम्बन्धित है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान में सद्गुणों के निर्माण पर जोर दें क्योंकि गुणों के बिना न केवल ज्ञान बेकार है बल्कि वह समाज के लिए विनाशकारी भी है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि मूल्य और नैतिक आधारित समाज के लिए आध्यात्मिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है और इस आवश्यकता को शिक्षा के माध्यम से ही काफी हद तक पूरा किया जा सकता है।
कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को स्क्रिप्ट प्रदर्शन एवं वृत्तचित्र के माध्यम से यूएचवी यानी सार्वभौमिक मानव मूल्यों को विस्तार से समझाया गया। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं को कई गतिविधियों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में यूएचवी के महत्व और अनुप्रयोगों का पता लगाने, सद्भाव विकसित करने तथा आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। विशिष्ट वक्ता डॉ. अजय उपाध्याय ने छात्र-छात्राओं के साथ सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण को साझा करने के साथ ही उनमें दैनिक जीवन में नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए जोश और जुनून भी जगाया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के एक समूह ने हमारे दैनिक जीवन में नैतिक मूल्य विषय पर एक नाटक प्रस्तुत किया। एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, जिसमें यूएचवी के साथ नैतिक मूल्य गतिविधि के कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरण दिखाए गए। इसके बाद निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने आज की दुनिया में यूएचवी आवश्यकताओं की प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज में सद्भाव विकसित करने के लिए यूएचवी के साथ अपने नैतिक कर्तव्यों को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विशिष्ट वक्ता का स्वागत करते हुए प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को मोमेंटो और प्रमाण-पत्र प्रदान किए।
कार्यक्रम के अंत में अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार देवलिया ने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की तथा उन्हें यूएचवी गतिविधियों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का कुशल समन्वय इंजीनियर विवेक मिश्रा, डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल तथा इंजीनियर बृजेश कुमार उमर ने किया।

मथुरा – हाईवे पर गैस कैप्सूल टैंकर अनियंत्रित होकर पलटा

  • सोनीपत से प्रोपलीन गैस खाली कर रिफाइनरी आ रहा था टैंकर

मथुरा में आगरा दिल्ली नेशनल हाईवे पर एक बड़ा हादसा होने से टल गया जिसमें एक गैस कैप्सूल टैंकर ओवरटेक करने के चक्कर में अनियंत्रित होकर पलट गया, गैस कैप्सूल टैंकर पलटने से अफरा तफरी का माहौल बन गया और हाईवे पर लंबा जाम लग गया। शहर कोतवाली क्षेत्र की कृष्णा नगर चौकी के अंतर्गत रात करीब 9 बजे जैन मंदिर के समीप उस समय एक बड़ा हादसा होने से टल गया जब सोनीपत से खाली होकर रिफाइनरी मथुरा के लिए आ रहा प्रोपलीन गैस का कैप्सूल टैंकर ओवरटेक करने के चक्कर में हाईवे पर पलट गया इस कैप्सूल टैंकर के पलटने से आसपास के लोगों में व हाइवे पर हड़कम्प मच गया।
कैप्सूल टैंकर के पलटने की सूचना पर इलाका पुलिस रिफाइनरी के कर्मचारी व दमकल विभाग के टीम मौके पर पहुंची। बताया गया कि कैप्सूल टैंकर चालक इसमें चोटिल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची रिफाइनरी की टेक्निशियन टीम के द्वारा टैंकर की जांच पड़ताल की गई और उसके बाद उसे हाइड्रा के माध्यम से करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सीधा कराया गया।
कैप्सूल गैस टैंकर तेज रफ्तार होने की वजह से रेलिंग को तोड़ता हुआ काफी आगे तक पहुंच गया और पलटने के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया मौके पर पहुंची इलाका पुलिस और कर्मचारियों के द्वारा इसकी बारीकी से जांच की गई, सूचना प्राप्त होते ही मौके पर हादसे को नियंत्रित करने के लिए दमकल की गाड़ी भी पहुंच गई इस संबंध में मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक गैस कैप्सूल टैंकर अनियंत्रित होकर पलट गया है इस सूचना पर उनकी दमकल की गाड़ी व टीम मौके पर पहुंची लेकिन खाली कैप्सूल टैंकर होने की वजह से कोई भी हतातत नहीं हुआ है।

मथुरा – यमुना एक्सप्रेस-वे पर चलती बस में आग लगी

मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर दौड़ती बस में अचानक से आग लग गई। आग लगते देख चालक ने कूद कर अपनी जान बचाई, आग लगने की सूचना पर गस्त कर रही पीआरबी 1939 की गाड़ी घटना स्थल पर पहुंची और पीआरबी पुलिस ने इलाका पुलिस एवं यमुना एक्सप्रेसवे की अधिकारियों को घटना की सूचना दी। थाना बलदेव क्षेत्र के अंतर्गत यमुना एक्सप्रेसवे के माइलस्टोन 135 के समीप एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
गुरुवार सुबह करीब 10ः30 बजे नोएडा के परी चौक से महाराष्ट्र के लिए चली एक प्राइवेट बस में अचानक से धुआं निकलने लगा, धुंआ निकलता देख बस चालक ने बस को साइड किनारे खड़ा कर दिया। और देखते ही देखते उसमें आग लग गई आग की ऊंची लपटों को देख हाईवे पर हड़कंप मच गया और दौड़ते वाहनों के पहिए थम गए। घटना को देख राहगीरों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाकर हाईवे पर गस्त कर रही पीआरबी 1939 की गाड़ी मौके पर पहुंची। पीआरबी पुलिस ने थाना बलदेव पुलिस और यमुना एक्सप्रेसवे के अधिकारियों को घटना की सूचना दी।
सूचना पाकर इलाका पुलिस एवं यमुना एक्सप्रेसवे की दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और बस में लगी भीषण आग को बुझाने का प्रयास किया। बस में भीषण आग लगी हुई थी और हाईवे पर भी अन्य वाहनों के पहिये थम गई, सूचना पाकर पहुंची दमकल की गाड़ी ने बस में लगी आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह से जलकर खाक हो गई।
बलदेव थाना प्रभारी निरीक्षक त्रिलोकी सिंह ने बताया गया कि बस में कोई भी सवारी नहीं थी बस पूरी तरह से खाली थी और केवल चालक था चालक को जैसे ही बस से दुआ ने निकलता हुआ दिखाई दिया तो उसने साइड से बस को लगा दिया और कूद कर अपनी जान बचाई, थाना प्रभारी ने बताया गया कि बस चालक देवदास पुत्र काशीनाथ निवासी बीलबाड़ी थाना बसवा जिला विदर कर्नाटक का रहने वाला है जो खाली गाड़ी को नोएडा के परी चौक से महाराष्ट्र के लिए लेकर जा रहा था।

वृन्दावन – धर्मनगरी में दिखा कोहरा का असर, धीमी पड़ी वाहनों की रफ्तार

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धर्म नगरी वृंदावन सुबह से ही कोहरे की चादर में लिपटी दिखाई दी। कोहरे के चलते सड़कों पर दूर-दूर तक विजिबिलिटी शून्य के लगभग थी। वहां हेडलाइट जलाकर काफी धीमी गति से चल रहे थे वहीं यमुना किनारे कोहरे के बावजूद लोग नौका विहार करते हुए दिखाई दिए वहीं बेलवन में चल रहे माता लक्ष्मी के मेला के दर्शन लिए भी लोग पांटून पुल से गुजर रहे थे।
सबसे ज्यादा हाल बेहाल खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों का था।
सीजन के पहले कोहरे के चलते मंदिरों की नगरी वृंदावन में सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा पसार रहा। वाहन चालक गाड़ियों की हेडलाइट जलाकर काफी धीमी गति से चल रहे थे। मंदिरों के आसपास भी श्रद्धालुओं की भीड़ काफी कम रही। खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वालों का हाल बेहाल था। कोहरा एवं ठंड के चलते गरीब एवं असहाय वर्ग के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मथुरा मार्ग हो या फिर यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन की ओर आने वाला मार्ग हर तरफ कोहरा के चलते वाहनों की रफ्तार धीमी रही। वहीं यमुना किनारे कोहरा होने के बावजूद बाहर से आए सैलानी यमुना में नौका विहार कर रहे थे तथा मांट के गांव बेलवन में पौष माह में लगने वाले माता लक्ष्मी के मेला में माता लक्ष्मी के दर्शन के लिए भक्त पांटून पुल से गुजरते दिख रहे थे।

के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जनों ने मजदूर परिवार की खुशियां लौटाईं

  • डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने किया नवल की रीढ़ का सफल ऑपरेशन

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने चलने-फिरने में असमर्थ नवल की रीढ़ का सफल ऑपरेशन कर उसके जीवन में खुशहाली लौटा दी है। ऑपरेशन के बाद बेलदारी करने वाला नवल जहां अपने पैरों खड़ा हो गया वहीं वह सपोर्ट के साथ चल-फिर भी रहा है। नवल के ठीक होने से उसका परिवार बहुत खुश है क्योंकि वही परिवार के जीवन-यापन का जरिया है।
ज्ञातव्य है कि कुछ माह पहले गांव बसौती, राल जिला मथुरा निवासी नवल (32) पुत्र यादराम बेलदारी करते समय छत से नीचे गिर गया। काफी ऊंचाई से गिरने के चलते उसकी रीढ़ की हड्डी के एल-2 और एल-1 के बीच की डिस्क खिसक गई तथा दोनों पैरों की नसों ने काम करना बंद कर दिया। दोनों पैरों की ताकत चले जाने के बाद वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया तथा उसकी लैट्रिन-पेशाब भी अपने आप निकल जाती थी।
परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन नवल ठीक नहीं हुआ। आखिरकार उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया जहां न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह तथा डॉ. दीपक चौधरी ने मरीज की एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी के एल-2 और एल-1 के बीच की डिस्क खिसक गई है, इसी वजह से उसके पैरों की ताकत चली गई है। मरीज की खराब स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की सहमति के बाद विगत दिवस न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी द्वारा मरीज की रीढ़ का ऑपरेशन किया गया जोकि सफल रहा।
इस सर्जरी में डॉ. अवतार सिंह एवं डॉ. दीपक चौधरी का सहयोग डॉ. धनंजय, डॉ. शेख हुसैन, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी तथा टेक्नीशियन देवेन्द्र प्रताप सिंह, संदीप ठाकुर, राजवीर सिंह ने किया। अब नवल सपोर्ट के साथ उठ-बैठ पा रहा है तथा उसके पैरों की कमजोरी भी धीरे-धीरे दूर हो रही है। डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि मरीज को जब के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था तब उसकी स्थिति बहुत खराब थी, सर्जरी के बाद उसके पैरों की ताकत लौट रही है तथा कुछ दिन में वह बिना सपोर्ट चलने-फिरने लगेगा।
विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि समय के साथ स्पाइन सर्जरी में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। हाल के वर्षों में यह सर्जरी काफी सुरक्षित हो गई है और इसके परिणाम भी बेहतर हैं। उन्होंने बताया कि चूंकि के.डी. हॉस्पिटल में स्पेशलाइज्ड स्पाइनल सर्जरी सेण्टर है, इसलिए अब तक जो भी ऑपरेशन हुए हैं, वे पूरी तरह से सफल रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने नवल की सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।