Monday, December 22, 2025
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असली रंग में आने लगा तालिबान, इमामों से कहा- जनता को सिखाइए सत्ता के आदेशों का पालन करें


काबुल। दुनिया के अलग-अलग देशों से शांति समझौता कर के वादा तोड़ने वाला तालिबान अब अपने असली रंग में आने लगा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफरातफरी के बीच एक ओर जहां लोग मुल्क छोड़कर जाना चाहते हैं तो वहीं तालिबान उन्हें जाने से रोक रहा है। बीते दिनों खबरें आई थीं कि तालिबान अफगान नागरिकों को बाहर जाने से रोक रहा है।

वहीं अब समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह शुक्रवार यानी जुमे के दिन खास उपदेश दें। इस उपदेश में सत्ता के आदेशों का पालन करने की बातें कहीं जाएं। रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह लोगों को ‘सरकार की बातें मानने’ यानी आदेश मानने के बारे में ‘उपदेश’ दें।

तालिबान ने यह आग्रह ऐसे वक्त में किया है जब राजधानी काबुल में विस्फोट से 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इससे पहले बीते हफ्ते एक मैसेज में तालिबान ने इमामों से कहा, ‘हमारे हमवतन को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इमामों को दुश्मन के नकारात्मक प्रचार का जवाब देना चाहिए।’ उधर अफगानियों को चेतावनी दी गई थी कि वो जुमे की नमाज़ से भागे नहीं।

अफगान सिख, हिंदू श्रद्धालुओं को भारत आने से रोक रहा तालिबान!

इससे पहले दिल्ली की संस्था ‘इंडियन वल्र्ड फोरम’ ने दावा किया था कि तालिबान सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर शामिल होने के लिए आने वाले 140 अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत आने की इजाजत नहीं दे रहा है। संस्था के बयान के अनुसार, सिख गुरु का जयंती कार्यक्रम रविवार को ‘कीर्तन दरबार’ के साथ शुरू होगा जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हिंदू और सिख समुदायों के तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है।

कौन होगा मायावती का उत्तराधिकारी? जानिए बसपा सुप्रीमो का जवाब

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मेरा स्वस्थ्य अभी ठीक है। मुझे अभी किसी को अपना उत्तराधिकारी बनाने की ज़रुरत नहीं। जब स्वास्थ्य सही नहीं रहेगा तब ज़रूर बनाउंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा उत्तराधिकारी केवल दलित ही होगा।


वहीं, मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पेट में दर्द इसलिए हो रहा है, क्योंकि वह चुनावी जनसभाओं में भीड़ जुटाने के लिए दिहाड़ी पर लोग लाती है। वहीं, दिहाड़ी मजदूर बहुत खुश होते हैं, क्योंकि बिना काम किए ही कांग्रेस की रैली में जाने पर ज्यादा पैसे मिलेंगे और खाना भी मिलता है। इसी से कांग्रेस का हाल समझ में आता है।

मायावती ने कहा कि यूपी में चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस को प्रत्याशी तक नहीं मिलते हैं। बसपा कांग्रेस की तरह पैसे देकर चुनाव नहीं लड़ाती बल्कि जो खुद लड़ सके और जनाधार बढ़ा सके ऐसे उम्मदवारों को टिकट देती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए।

यूपी पुलिस के 4729 हेड कांस्टेबल का हुआ प्रमोशन, बने सब इंस्पेक्टर

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लखनऊ। यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल के लिए खुशखबरी है। 4729 हेड कांस्टेबल प्रमोशन पाकर सब इंस्पेक्टर बन गए हैं। पुलिस मुख्यालय की ओर से गुरुवार को प्रमोशन लिस्ट जारी की गई है। जल्द ही यूपी पुलिस की वेबसाइट पर यह सूची अपलोड कर दी जाएगी।


इस प्रमोशन के लिए वर्षो से हेड कांस्टेबल इंतजार कर रहे थे। बतादें कि 10 जुलाई को पुलिस भर्ती बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया था। इसके बाद 4729 हेड कांस्टेबल को प्रमोशन के लिए उपयुक्त पाए जाने पर डीजीपी ने अनुमोदन किया है।

प्रमोशन के दौरान कैरेक्टर रोल रहा अहम

जानकारी के मुताबिक करीब 6000 हेड कांस्टेबल की पदोन्नति की सूची बनाकर लखनऊ मुख्यालय भेजी गई थी। इसमें कुल 4729 हेड कांस्टेबल प्रमोशन पाकर सब इंस्पेक्टर बने हैं। प्रोन्नति के दौरान कैरेक्टर रोल अहम रहा। उसी आधार पर उनका प्रमोशन हुआ है। सजा पाने वाले सिपाहियों का प्रमोशन रुक गया है।

दरोगा के लिए जरुरी होता है 10 साल का अनुभव

सिपाही से हेड कांस्टेबल की पदोन्नति पाने के लिए कम से कम सात साल का अनुभव जरुरी होता है। इसी तरह हेड कांस्टेबल से दरोगा बनने के लिए तीन साल का अनुभव चाहिए। दस साल का अनुभव होते ही दरोगा बनने का रास्ता साफ हो जाता है।

संस्कृति विवि ने किया टीसीएस आयॉन के साथ महत्वपूर्ण करार


इंजीनिरिंग और कामर्स के विद्यार्थियों को होगा बड़ा लाभ

मथुरा। विद्यार्थियों को अंतर्ऱाष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और कौशल देने की दिशा में संस्कृति विश्वविद्यालय ने एक और बड़ा कदम उठाया है। संस्कृति विवि ने टीसीएस आयॉन से करार कर इंडस्ट्री आनर प्रोग्राम की शुरुआत करते हुए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डाटा साइंस, आर्टिफिशयल इंटेलीजेंसी, मैकेनिकल और वाणिज्य के क्षेत्र में बी.काम., बीबीए, एमबीए, फाइनेंशियल मार्केट, बैंकिंग, इंश्योरेंस, बिजनेस एनालिटिक कोर्सेज की उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था की है। इतना ही नहीं इस प्रोग्राम के तहत इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी टीसीएस के डिजिटल एक्सामिनेशन में भाग ले सकेंगे और उच्च वेतनमान वाली नौकरियां हासिल कर सकेंगे।

संस्कृति विवि के कुलपति डा. राणा सिंह ने बताया कि यह करार उच्च शिक्षा में ब्रज क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि तो है ही साथ ही संस्कृति विवि के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा मौका भी है। करार के तहत टीसीएस आयॉन के साथ मिलकर संस्कृति विवि इंडस्ट्री आनर प्रोग्राम के तहत डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी, इमर्सिव एक्सपीरियेंस में बी.टेक(कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनिरिंग), मैकेनिकल इंजीनियरिंग का डिग्री कोर्स कराया जायेगा।

इसी प्रकार वाणिज्यिक शिक्षा के अंतर्गत फाइनेंशियल मार्केट, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस, बीएफएसआई, बिजनेस एनालिटिक्स में बी.काम. आनर्स, बीबीए, एमबीए का डिग्री कोर्स कराया जाएगा। महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि इन सभी पाठ्यक्रमों को देश के जाने माने शिक्षक, विशेषज्ञ डिजिटल प्लेटफार्म पर पढ़ाएंगे। विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कौशल और ज्ञान उपलब्ध हो सकेगा। इंजीनियरिंग के विद्यार्थी टीसीएस के उन डिजिटल एक्सामिनेशन में बैठने के लिए अधिकृत होंगे जिनको क्लीयर करने के बाद उच्च वेतनमान वाले अवसर हासिल करने में कामयाब हो सकेंगे।

डा. राणा ने बताया कि आधुनिकतम शिक्षा हासिल करने वाले इन विद्यार्थियों को विश्व की टॉप कार्पोरेट कंपनियों में रोजगार के मौके मिल सकेंगे। करार के तहत संस्कृति विवि के इन विद्यार्थियों को टीसीएस आयोन में इंटर्नशिप का सुनिश्चित मौका मिलेगा। वाणिज्य के क्षेत्र में विद्यार्थियों को ट्रेडिंग, रिटेल इन्वेस्टिंग की थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल जानकारी भी हासिल हो सकेगी। यानी की वित्तीय जगत की व्यवहारिक शिक्षा में विद्यार्थी पारंगत हो सकेंगे। डा. राणा ने बताया कि यह करार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

रेप पीड़िता आत्मदाह के मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार

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लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने रेप पीड़िता आत्मदाह के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा यह कार्रवाई एसआईटी जांच की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इससे पहले मंगलवार को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और आईपीएस अमित पाठक से जांच समिति ने पूछताछ की थी। इस जांच समिति में डीजी आरके विश्वकर्मा और एडीजी मीरा रावत शामिल हैं।

बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की ने अपने एक साथी के साथ पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के गेट के बाहर आत्मदाह कर लिया था। आत्मदाह से ऐन पहले उन्होंने फेसबुक लाइव करते हुए यूपी के कई पुलिस अफसरों समेत कुछ अन्य लोगों पर परेशान करने और दबाव बनाने का आरोप लगाया था। बाद में दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई।

दरअसल बलिया की रहने वाली पीड़िता वाराणसी के एक कॉलेज की छात्रा थी। उसने फेसबुक लाइव में वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी रहे अमित पाठक, तत्कालीन सीओ भेलुपुर अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय समेत अन्य पर सांसद को बचाने और उसे परेशान करने का आरोप लगाया था।

कौन हैं अमिताभ ठाकुर

1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे अमिताभ ठाकुर मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। उनका करियर काफी विवादों से घिरा रहा। वह कई जिलों में एसपी रहे। अमिताभ ठाकुर नेशनल आरटीआई फोरम के संस्थापक भी रहे हैं। उनकी पत्नी भी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। साल 2015 में अमिताभ ठाकुर ने उस वक्त सनसनी फैला दी थी, जब पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगा दिया था। वह सर्विस में रहते हुए सरकारों के खिलाफ मुखर रहे। इसी साल उन्हें जबरन रिटायर कर दिया है। कुछ दिनों अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए नगर निगम ने जगह-जगह बनाए निशुल्क रैन बसेरा

मथुरा। जन्माष्टमी पर्व पर देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नगर निगम ने मथुरा एवं वृंदावन में जगह-जगह रैन बरेसा बनाए हैं। जो कि पूरी तरह निशुल्क होंगे। नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधार्थ नगर निगम द्वारा मथुरा नगर में 02 स्थानों पर एवं वृन्दावन नगर में 02 स्थानों पर रैन-बसेराओं का नि:शुल्क संचालन कराया जायेगा।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्रद्धालुओं की सुविधार्थ मथुरा नगर में यमुनपार क्षेत्र में नगला कोल्हू स्थित रैन बसेरा एवं विश्राघाट पुलिस चौकी के निकट रैन-बसेरा का नि:शुल्क संचालन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त वृन्दावन नगर में अटल्लाचुंगी चौक पर एवं विद्यापीठ चौक के निकट परशुराम पार्क रैन-बसेरा का संचालन कराया जायेगा।
रैन-बसेरों में श्रद्धालुओं के विश्राम हेतु पेयजल, सफाई, प्रकाश, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था के लिए निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एस पी मिश्रा को प्रभारी नामित किया गया है।

जन्माष्टमी पर मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ क्या देगी कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक?

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लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का भय और उसकी पीड़ा अभी भी लोगों के दिलो-दिमाग से उतरी नहीं है कि तीसरी लहर की आहट ने एक और खतरे की घंटी बजा दी है। देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। संभावित तीसरी लहर और भी खतरनाक होने के साथ ही तेजी पकड़ सकती है। क्योंकि पूरे देश में त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। केरल में ओणम की धूम के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये खड़ा हो जाता है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में क्या हालात होंगे।


देखने को तो अभी यूपी में कोरोना के मामले फिलहाल नियंत्रण में हैं। कुछ ही शहरों में इक्का- दुक्का नये केस आ रहे हैं लेकिन, कोरोना हमारे बीच मौजूद है। 26 अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कोरोना के एक्टिव केस 342 हैं। थोड़ी सी लापरवाही 342 की यह संख्या हजारों में पहुच सकती है। चिन्ता की बात यह है कि लापरवाही का दौर शुरू भी हो गया है।

जन्माष्टमी पर बड़ी चुनौती

सबसे बड़ी चुनौती 30 अगस्त को मनायी जाने वाली जन्माष्टमी है। मथुरा में अपार भीड़ उमड़ती ही है। देशभर से लोग यहां आते हैं। मथुरा स्थित श्री कृष्णजन्मभूमि मंदिर प्रबंधन के मुताबिक इस साल जन्माष्टमी पर 50 लाख लोग शहर में आ सकते हैं। मंदिर के गर्भगृह में एक साथ सैकड़ों लोगों का जमावड़ा बेहद खतरनाक हो सकता है। जाहिर है तमाम एहतियात बरतने के बावजूद श्रीकृष्ण जन्म स्थान, बाँकेबिहारी मंदिर सहित अन्य मंदिर कोरोना के नये सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं।केरल इसका ताजा उदाहरण है जहां ओणम त्यौहार पर लापरवाही अब भारी पड़ रही है। केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे हालात से सबक लेना और डरना जरूरी है।

श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर के आसपास माइक से ये अनाउंस किया जा रहा है कि लोग कोरोना नियमों का पालन करें। इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर रखे गये हैं। गर्भगृह में ज्यादा भीड़ न हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। हालांकि ये भी सच है कि किसी भी मंदिर में दो गज की दूरी मेण्टेन करना संभव नहीं होगा।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच ठा. बाँकेबिहारी मंदिर में लाखों श्रद्धालु देशभर से दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। यहां कोविड-19 के सभी नियमों की अनदेखी लंबे समय से की जा रही है। मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की लगातार अनदेखी कहीं भारी न पड़ जाए। कहीं बाँकेबिहारी मंदिर सहित अन्य मदिर सुपर स्पे्रेडर बन सकते हैं। इसे लेकर लगातार मीडिया द्वारा आगाह किया जा रहा है। इसके बावजूद लापरवाही बरती जा रही है।

बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में प्लेसमेंट पाकर खिले विद्यार्थियों के चेहरे

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राजीव एकेडमी का बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) कोर्स बन रहा वरदान

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट का बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) कोर्स विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह कोर्स विद्यार्थियों के स्वर्णिम भविष्य को साकार कर रहा है। यहां से कम शुल्क में गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी लगातार उच्च पैकेज पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में नौकरी प्राप्त कर रहे हैं। यहां के छात्र-छात्राओं को लगातार राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में उच्च पैकेज पर प्लेसमेंट मिल रहे हैं।

हाल ही बीएससी (सीएस) के विद्यार्थियों की प्रतिभा से प्रभावित होकर नामचीन कम्पनियों ने उन्हें उच्च पैकेज पर जॉब की पेशकश की है। बीएससी की छात्रा यशिका सारस्वत को चार कम्पनियों विप्रो, इन्फोसिस, टैक महेन्द्रा और हैक्सावेयर से आफर लेटर मिले हैं। यशिका अपनी इस सफलता पर कहती हैं कि यह हमारे इंस्टीट्यूट से प्राप्त शिक्षा और मेरे परिश्रम का नतीजा है। राजीव एकेडमी श्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों में है, यहां हर वह सुविधा है जोकि किसी युवा के लिए जरूरी होती है।

प्रियंका अग्रवाल का चयन विप्रो तथा इन्फोसिस दोनों कम्पनियों ने किया है। प्रियंका का कहना है कि राजीव एकेडमी में मिलने वाला शिक्षण और यहां की पीडीपी कक्षाओं में स्किल सिखाने की प्रक्रिया का कोई जवाब नहीं है। यहां मिले ज्ञान की बदौलत ही आज हमें मनमुताबिक सफलता मिली है।

प्रतीक गौतम को टैक महेन्द्रा और प्लेनेटस्पार्क ने उच्च पैकेज जॉब के लिए चयनित किया है। इसके अलावा आशीष तथा रोहन उपाध्याय को टैक महेन्द्रा द्वारा चयनित किया गया है। इन छात्रों का कहना है कि राजीव एकेडमी ही ऐसा संस्थान है जहां आधुनिक तकनीक से युक्त अनुभवी प्राध्यापकों द्वारा हर विषय की प्रायोगिक जानकारी दी जाती है। वैज्ञानिक तकनीकी से युक्त आधुनिक प्रयोगशाला में यहां युवाओं को ज्ञान प्रदान किया जाता है। हम यंगस्टर्स के लिए बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) कोर्स किसी तोहफे से कम नहीं है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने उच्च पैकेज पर चयनित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने स्वीट सेंटरों पर छापेमारी, दी हिदायत

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मथुरा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने डीओ डॉ गौरी शंकर के निर्देशन में श्री कृष्ण जन्मभूमि के आसपास एवं शहर में संचालित रेस्टोरेंट्स, स्वीट सेंटर, जूस कॉर्नर ,टी स्टॉल पर छापेमारी की है। खाद्य पदार्थों की जांच करते हुए डीओ ने सभी खाद्य कारोबारियों को कड़ी हिदायत दी है।


उन्होंने जांच के दौरान निर्देश दिए कि तैयार खाद्य पदार्थों ढक कर रखें साथ ही अपने अपने खाद्य प्रतिष्ठानों के बाहर ढक्कन बंद डस्टबिन का उपयोग करें । कई खाद्य प्रतिष्ठानों से प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त की गई। साथ ही सभी खाद्य कारोबार करता ,रेस्टोरेंट मालिकों, टी स्टाल एवं स्वीट सेंटर के संचालकों हिदायत दी गई है कि वह प्रतिबंधित पॉलीथिन, प्लास्टिक के कप -प्लेट आदि का उपयोग ना करें।

इसके स्थान पर मिट्टी के बने कुल्हड़ एवं प्राकृतिक रूप से बने हुए पत्तलो तथा बायोडिग्रेडेबल कपड़ों के थैले का उपयोग करें। यदि किसी खाद्य एवं अन्य प्रतिष्ठान पर प्रतिबंधित पॉलीथिन व प्लास्टिक से बने कप, प्लेट ,गिलास पाये जाते हैं तो उन पर विधिक कार्यवाही करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा। टीम में खाद्य वरिष्ठ खाद सुरक्षा अधिकारी गजराज सिंह ,देवराज सिंह तथा मुकेश कुमार उपस्थित रहे।

वैक्सीन की डोज लेने के बावजूद आखिर क्यों हो रहा है कोरोना संक्रमण? जानिए मुख्य वजह

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पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से दुनियाभर में कोरोना महामारी ने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लिया है। इसके संक्रमण से बचने के लिए भारत सहित अधिकांश देशों में वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। जानकार इससे बचने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता बता रहे है, वह है वैक्सीनेशन लगवाने का। लेकिन बहुत से लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लेली फिर भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।


ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल लगातार बना हुआ है कि आखिर वैक्सीन लगवाने वालों को कोरोना का संक्रमण क्यों हो रहा है और अगर लोग संक्रमित हो ही रहे हैं तो वैक्सीनेशन कराने से क्या लाभ है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण के बाद भी लोगों का संक्रमित होना निश्चित ही चिंता का विषय है, इसके लिए कोरोना के नए वैरिएंट्स को मुख्य कारक माना जा सकता है। कोरोना के डेल्टा जैसे नए वैरिएंट्स शरीर में बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा देने में सफल हो जा रहे है, यही कारण है कि इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। तो क्या ऐसी जटिलताओं से मुकाबले के लिए वैक्सीन को सुरक्षात्मक नहीं माना जा सकता है? क्या टीकारण करने और न कराने वाले लोगों में कोई फर्क नहीं है? आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप जारी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौजूदा समय की बात करें या भारत में दूसरी लहर की, संक्रमण के मामले उन स्थानों पर अधिक देखने को मिल रहे हैं, जहां पर डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप अधिक है। ऐसे में टीकाकरण करा चुके लोगों में भी संक्रमण के मामले देखे जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि जिन लोगों ने वैक्सीन की केवल एक डोज लगवाई है उनमें संक्रमण के मामले, पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों के मुकाबले कम देखे जा रहे हैं। दोनों डोज ले चुके लोगों में इसका खतरा फिर भी कम है।

नए वैरिएंटस प्रतिरक्षा को दे रहे हैं चकमा

विशेषज्ञ कहते हैं, किसी भी रोग के लिए बनी वैक्सीन को 100 फीसदी प्रभावी नहीं माना जा सकता है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए तैयार किए गए टीके अध्ययनों में असरदार साबित हुए हैं। कोरोना की गंभीर बीमारी और इससे होने वाली मौत को रोकने में वैक्सीन को काफी असरदार माना जा रहा है, हालांकि बावजूद इसके टीकाकरण करा चुके लोगों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। कोरोना की सभी वैक्सीन वायरस के मूल वैरिएंट को लक्षित करके तैयार की गई हैं। अब चूंकि म्यूटेशन के बाद मूल से हटकर कहीं अधिक संक्रामक वैरिएंट्स के मामले सामने आ रहे हैं, इस वजह से जिन लोगों ने टीकाकरण करा लिया है, वह भी संक्रमण की चपेट में आ जा रहे हैं।

तो क्या वैक्सीनेशन कराने से कोई लाभ नहीं है?

डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीनेशन करने वाले लोगों में भले ही संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, पर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि टीके अप्रभावी हैं। सभी लोगों को टीके की दोनों डोज जरूर लेनी चाहिए। अधिकांश टीके शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने और रोगसूचक के जोखिम को कम करने में सक्षम हैं। इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं, उनमें संक्रमण के कारण होने वाली गंभीर जटिलताओं, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का जोखिम कम होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को टीके जरूर लगवाने चाहिए।

सिर्फ वैक्सीन लगवाने से नहीं मिलेगी सुरक्षा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वैक्सीन लगवाने के बाद खुद को कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित मान लेने की गलती बिल्कुल न करें। वैक्सीन सिर्फ बीमारी के खतरे को कम कर सकती है, ऐसे में वैक्सीनेशन के साथ-साथ कोरोना से बचाव के सभी उपायों को जरूर प्रयोग में लाते रहना चाहिए। बाहर जाते समय नियमित रूप से अच्छे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और हाथों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना सभी के लिए जरूरी है। इसमें की गई कोई भी चूक आपको संक्रमण का शिकार बना सकती है।