Tuesday, October 21, 2025
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झीलों की नगरी का भ्रमण कर लौटे राजीव इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थी

  • चार दिवसीय शैक्षिक भ्रमण में जाना उदयपुर और चित्तौड़गढ़ का ऐतिहासिक महत्व

मथुरा। विद्यार्थी जीवन में शैक्षिक भ्रमण का बहुत महत्व है। जिन ऐतिहासिक शहरों और स्थलों की बातें छात्र-छात्राएं पुस्तकों में पढ़ते हैं, यदि उन्हें साक्षात देखने का सुअवसर मिले तो इससे अच्छी एवं सुखद बात दूसरी नहीं हो सकती। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजीव इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को ऐतिहासिक उदयपुर और चित्तौड़गढ़ का चार दिवसीय शैक्षिक भ्रमण कराया गया।
अपनी इस शैक्षिक यात्रा में छात्र-छात्राओं ने पहले दिन सिटी पैलेस, जगदीश टेम्पल, प्रताप स्मारक और फतेहसागर झील का भ्रमण किया। दूसरे दिन छात्र-छात्राओं ने हल्दीघाटी, चेतक समाधि एवं महाराणा प्रताप म्यूजियम का दौरा कर वहां के ऐतिहासिक महत्व को जाना और समझा। तीसरे दिन छात्र-छात्राओं ने चित्तौड़गढ़ फोर्ट, विजय स्तम्भ, राणा कुंभा पैलेस, फतेह प्रकाश पैलेस एवं पद्मिनी पैलेस का भ्रमण किया। अपने इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने न केवल ऐतिहासिक स्मारक देखे बल्कि उदयपुर-चित्तौड़ क्षेत्र में स्थित विभिन्न भूवैज्ञानिक सरंचनाओं,चट्टानों और खनिजों का सर्वेक्षण एवं अध्ययन भी किया।
इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने चौथे दिन मानव विज्ञान सर्वेक्षण संग्रहालय का अवलोकन कर मानव की उत्पत्ति व सभ्यता-संस्कृति के साथ-साथ जीवन शैली को समझने का प्रयास किया। इस शैक्षिक यात्रा में विद्यार्थियों के लिए पहाड़ों और प्रकृति की गोद में बसे टर्बन रूफ होटल में रहने का इंतजाम किया गया था। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने डीजे नाइट एवं शॉपिंग का जमकर लुत्फ उठाया।
शैक्षिक भ्रमण से वापस लौटे छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने झीलों की नगरी की सुन्दरता तथा ऐतिहासिक स्थलों के विषय में जो कुछ भी पुस्तकों में पढ़ा उसका साक्षात अवलोकन करना सबसे सुखद अनुभूति है। अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रों ने बताया कि यह टूर उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा क्योंकि उनके साथ गए शिक्षकों ने उन्हें ऐतिहासिक स्थलों का न केवल भ्रमण कराया बल्कि उसके महत्व से भी अवगत कराया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान देना बहुत आवश्यक है। पूरे सत्र पढ़ते-पढ़ते बच्चों को बोरियत होने लगती है, ऐसे में शैक्षिक भ्रमण से उनमें ताजगी का संचार हो जाता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जो बातें हम किताबों में पढ़कर नहीं सीख सकते, वे बातें शैक्षिक भ्रमण में आसानी से समझ में आ जाती हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि नई पीढ़ी को ऐतिहासिक स्थलों के महत्व से रूबरू कराया जाना बहुत जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को किताबी ज्ञान देने के साथ ही उन्हें गौरवमयी संस्कृति की जानकारी देने के लिए ही राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा समय समय पर शैक्षिक भ्रमण पर उन्हें ले जाया जाता है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने बताया कि राजस्थान का गौरवमयी इतिहास देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। अतः नई पीढ़ी को उसकी जानकारी देने का यह बहुत अच्छा माध्यम है।

बरसाना – चमत्कारिक है पिसाये की झड़ी – राधारानी ब्रजयात्रा

राधा रानी ब्रजयात्रा आज चौथे दिन बरसाना से चलकर ब्रजेश्वर महादेव ,करहला ,बज्रनाभ समाधी,पिसाया मंदिर होते हुए पिसाया झाड़ी विश्राम स्थल पहुँची ।
मार्ग में पड़ने वाले लीला स्थलों के संदर्भ में जानकारी देते हुए राधा कान्त शास्त्री ने बताया कि राधा रानी के पिता श्री वृषभानु बाबा के इष्ट ब्रजेश्वर महादेव हैं । सभी यात्रियों ने भोले बाबा के दर्शन किए ।यहीं प्राचीन लीला स्थल रबड़ वन और पाडर वन भी दर्शनीय हैं ।इनके भी यात्रा ने दर्शन किए ।इसके पश्चात यात्रा का कारवां करहला पहुँचा।घमंड देवाचार्य ने यहीं से रास का शुभारंभ किया था ।कहते हैं कि अदृष्ट शक्ति ने घमंड देवाचार्य जी को स्वर्ण मुकुट दिया था । वही मुकुट महारास के दिन आज भी धारण कराया जाता है ।यात्रियों ने रासमण्डल पर खूब रास किया । यहाँ से वज्रनाभ जी की समाधी के दर्शन किए ये भगवान के प्रपौत्र थे ;इन्होंने ब्रज की पुरातन लीला स्थलियों की खोज की थी ।
अंत में पहुँचे ग्राम पिसाया जिसे पिपासा वन कहते हैं यहाँ भगवान श्री कृष्ण को प्यास लगी तो आवाज लगाई वहाँ करहला की गोपी ने हाथ हिलाया की मैं आरही हूँ ।कर हिलाने से गाँव का नाम करहला पड़ गया ।पिपासा वन में यात्रिओं ने भगवन्नाम संकीर्तन की मधुर ध्वनियों का श्रवण करते करते हुए शयन किए ।भक्त शरणजी ने समस्त लीला स्थलों की महिमा का उल्लेख किया ।पिसाया की झड़ी में कहते हैं कि श्रापित अश्वत्थामा आज भी निवास करते हैं। यहाँ से कोई लकड़ी भी नहीं काट सकता है ।यदि कोई लकड़ी काटता भी है तो उसके यहाँ कोई दुर्घटना अवश्य हो जाती है ।इस तरह यह बड़ा ही चमत्कारी स्थान है ।

संस्कृति विश्वविद्यालय ने मनाई कलाम की जयंती, किया याद

मथुरा। संकृति यूनिवर्सिटी के टेक्नो विज़न क्लब द्वारा वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा.एपीजे कलाम की जयंती पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। वक्ताओं ने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे उनकी जीवनी पढ़ेंगे और चुनौतियों से कैसे निबटा जाता है, जानेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृति स्कूल आफ एप्लाइड पालिटिकल साइंस के निदेशक डा. रजनीश त्यागी ने पूर्व राष्ट्रपति के सादगी भरे जीवन के विषय में अनेक रोचक किस्से सुनाते हुए कहा कि उनके जन्मदिवस को हम विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाते हैं। डा. कलाम के जीवन का हर पक्ष प्रेरणादायक है। वे सादगी की मिसाल थे और त्याग क्या होता है उनके जीवन से प्रेरणा लेकर जाना जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हम कमजोर क्यों हैं, हमको ताकतवर बनना है और देश को ताकतवर बनाना है। संस्कृति स्कूल आफ इंजीनिरिंग की डीन डा. एस वेराचेल्ली ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं तमिलनाडु से हूं, जहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ। उन्होंने साबित किया कि सफलता पाने के लिए न भाषा रुकावट होती है और न ही आर्थिक स्थिति। असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है। असफलता से आपको घबराना नहीं चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डीएस तौमर ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में एसओईआईटी के विभागाध्यक्ष डा. पंकज ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के आयोजन आयोजन में टेक्नो विज़न क्लब की वर्किंग कमिटी के अध्यक्ष यश श्रीवास्तव और टेक्नो विज़न क्लब की वर्किंग कमिटी के सदस्यों रंजन शर्मा, रिद्धि, रोहित कुशवाहा, वरुण शर्मा, प्रशांत कुमार, शिवम,और निधि, का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम के अंत में असिस्टेंट डीएसडब्लू, प्रोफेसर डा. रीना रानी ने धन्यवाद देते हुए कहा कि वे सभी अधिकारी और विद्यार्थी धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने ऐसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व को जो हमारे 11वें राष्ट्रपति रहे, को याद करने के लिए ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया।

जीएल बजाज के छात्र-छात्राओं ने दिखाया रचनात्मक कौशल

  • आईईईई दिवस पर हुआ इनोवेटर्स पिच का आयोजन
  • विजेता ग्रुपों को शील्ड और प्रमाण-पत्र देकर किया प्रोत्साहित

मथुरा। संचार और नेटवर्किंग के क्षेत्र में भविष्य की सम्भावनाओं को देखते हुए जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आईईईई के 15 वर्ष पूरे होने पर संचार इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं के ज्ञान और कौशल मूल्यांकन के लिए इनोवेटर्स पिच का आयोजन किया गया। आईईईई स्टूडेंट्स ब्रांच द्वारा आयोजित इनोवेटर्स पिच का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने किया। 30 टीमों के बीच हुई प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। इनोवेटर्स पिच के समापन अवसर पर विजेता तथा उप विजेता टीमों को शील्ड और प्रमाण पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
रिचा मिश्रा और कुणाल माहेश्वरी ने इनोवेटर्स पिच के आयोजन के उद्देश्य तथा आईईईई क्या है, इस पर विस्तार से जानकारी दी। रिचा मिश्रा ने बताया कहा कि बेहतर कल के लिए प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि आईईईई दुनिया का सबसे बड़ा तकनीकी पेशेवर संगठन है। कुणाल माहेश्वरी ने कहा कि छात्र-छात्राओं के ज्ञान का विस्तार करने, नए कौशल का परीक्षण करने तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए ही इनोवेटर्स पिच का आयोजन किया गया।
प्रतिस्पर्धा में 30 टीमों के छात्र-छात्राओं ने लेवरेजिंग टेक्नोलॉजी फॉर ए बेटर टुमॉरो विषय पर अपने-अपने नवाचारी विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत आईईईई के महत्व के बारे में जानकारी देने से हुई, जिसमें तकनीकी पेशेवरों के योगदान को रेखांकित किया गया। प्रतिस्पर्धा में छात्र-छात्राओं की उत्साही भागीदारी देखी गई। सभी टीमों के छात्र-छात्राओं ने अपने अभिनव विचारों को प्रदर्शित किया तथा यह संदेश दिया कि कैसे प्रौद्योगिकी एक उज्ज्वल भविष्य को आकार दे सकती है।
अंत में निर्णायकों संतोष कुमार चौहान, नंदिनी शर्मा तथा विवेक भारद्वाज द्वारा विजेता तथा उप विजेता टीमों की घोषणा की गई। काव्या गोयल और यथार्थ राय के शानदार प्रयासों से टीम इंस्पायर ने पहला स्थान प्राप्त किया। इसी तरह तान्या गुप्ता और यशी लवानिया की टीम सिनौरा को पहला रनरअप तथा टीम इनो वेंचर्स और टीम जीउस को संयुक्त रूप से दूसरे रनरअप का खिताब प्रदान किया गया। टीम इनो वेंचर्स में आदित्य शर्मा और श्रेया मिश्रा तथा टीम जीउस में याज्ञनिक शर्मा तथा समीक्षा शामिल रहे। इनोवेटर्स पिच में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनकी रचनात्मकता के लिए प्रशंसा-पत्र दिए गए।
यह आयोजन आईईईई के साथ जुड़े रहने तथा तकनीकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरणादायक रहा। पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता तथा उप विजेता टीमों को पुरस्कृत करने के बाद संजीव कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन फोटोग्राफी सेशन के साथ हुआ, जिसमें दिन के आनंदमयी पलों को कैमरे में कैद किया गया।

ब्रज का प्रत्येक राज कण साक्षात राधा कृष्ण – रमेश बाबा

राधा रानी ब्रज यात्रा के तृतीय दिवस में जब यात्रा ने प्रातः प्रस्थान किया तो यात्रा संचालक पद्मश्री रमेश बाबा ने यात्रियों को संबोधित करते हुए ब्रजरज का माहात्म्य कथन किया और वे बोले कि ब्रजवसुंधरा का प्रत्येक राज कण राधा माधव का ही स्वरूप है ।इस की प्राप्ति के लिये ब्रह्मा शंकर भी तरसते रहते हैं । ब्रह्माचल व सखी गिरि पर्वत के मध्य रेतीली भूमि होने से सभी यात्री धूल धूसरित होरहे थे ;इसी अद्भुत दृश्य ने बाबा को प्रेरित कर दिया कि बाबा इस धूल की महिमा का वर्णन करें ।राज में स्नान करते हुए यात्री सखी गिरि की चोटियों पर राधा माधव की लीलाओं के साक्षी विविध लीला चिन्हों के दर्शन से आनंद विभोर हुए । हाथी का पैर ,गाय का खुर ,लकुट,दूध कटोरा ,चित्र विचित्र शिला आदि लीला चिन्ह पुरातन काल की लीलाओं के प्रमाण स्वरूप हैं । यहीं सखी कूप भी है ।
इसके पश्चात यात्री देह कुंड पर पहुँचे ।कुंड में आचमन करके ललिता अटा चढ़े तथा दाऊ जी के दर्शन करते हुए सूर्य कुंड पहुँचे जहां यात्रियों को बालभोग कराया गया । यात्री नांचते गाते प्रिय कुंड के दर्शन कर वृषभानु कुंड और कीर्ति कुंड पहुँच कर आत्मतृप्त हुए। बरसाना की गलियों से निकले तो ब्रजवासियों ने बाबा और यात्रियों का पुष्प वर्षा तथा माला दुपट्टा आदि से भव्य स्वागत किया। इसके बाद चित्रा सखी मंदिर माहेश्वर कुंड दोहिनी कुंड माताजी गोशाला होते हुए अपने पड़ाव पर पहुँचे जहां भक्त शरणजी ने सभी स्थलों का माहात्म्य निरूपण किया ।ब्रज शरण जी नृसिंह दासजी राजकुमार जी राधा कान्त शास्त्री संजय सिंह प्रभु दास भगवत भक्त जी आदि सभी यात्रा के साथ चल रहे थे ।बरसाना में राधा कान्त शास्त्री ने भगवन्नाम प्रभात फेरी नित्य धूम धाम से निकालने का अनुरोध किया ।

जीएलए में आयोजित होगी पैराट्यूबरकुलोसिस पर 16वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

  • जीएलए के बायोटेक विभाग द्वारा 21 से 25 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली संगोष्ठी में जुटेंगे देश-विदेश के वैज्ञानिक

मथुरा : पैराट्यूबरकुलोसिस गौवंश के लिए एक खतरनाक बीमारी बनकर उभरी है। इस बीमारी के जड़ से खात्मा के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का बायोटेक्नोलॉजी विभाग विभिन्न शोधों पर जुटा हुआ है। इसी विषय पर गंभीर चर्चा हेतु 16वीं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 21 से 25 अक्टूबर तक आयोजित की जा रही है। संगोष्ठी देश-विदेश के लिए वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता प्रमुख रूप से शामिल होंगे।

यह पहली बार है जब यह संगोष्ठी भारत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए मथुरा के जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित की जा रही है। संगोष्ठी का विषय जैव प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलॉजी, आणविक जीव विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, जीनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पैथोलॉजी, महामारी विज्ञान, निदान, नियंत्रण आदि के क्षेत्रों पर आधारित है। इस संगोष्ठी में जीएलए पहली बार पैराट्यूबरकुलोसिस से ग्रसित गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल और प्रबंधन में वैकल्पिक दवाओं पर सत्र आयोजित कर रहा है।

बायोटेक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने बताया कि पैराट्यूबरकुलोसिस, जिसे जॉन्स रोग के रूप में भी जाना जाता है, जो कि आंतों की एक पुरानी संक्रामक असाध्य जीवाणु जनित बीमारी है। यह बीमारी गोवंश के अतिरिक्त, भेड़, बकरियों, भैंस, ऊंट इत्यादि की उत्पादनशीलता और मवेशियों को प्रभावित करती है। साथ ही माइकोबैक्टीरियम पैराट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण के कारण अन्य जंगली जुगाली करने वाली प्रजातियों नीलगाय, जंगली भैंसा, याक, मिथुन आदि को भी प्रभावित करती है।

उन्होंने बताया कि संगोष्ठी के जीएलए द्वारा आयोजित विभिन्न सत्रों में यह ’संवाद’ कई पुराने तथा युवा शोधकर्ताओं को अपनी शोध प्रस्तुत करने का प्लेटफार्म प्रदान करता है। यह ‘आईसीपी‘ उच्च शिक्षा संस्थानों, व्यवसायों और अनुसंधान केंद्रों, समूहों और व्यक्तियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने, सहयोग को बढ़ावा देने और नेटवर्क समूह बनाने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगी। भारत और एशिया के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों से संकाय, विद्वान, शोधकर्ता और कॉर्पोरेट अधिकारी वर्तमान स्थिति, शोध के सुराग, अनसुलझे प्रश्नों, विचारों और शोध निष्कर्षों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान तथा इस असाध्य रोग पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करेंगे।

यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह तथा टीम में डॉ. जगदीप सोहल, डॉ. सौरभ गुप्ता, डॉ. स्वरूप पांडे, डॉ. नवभारत मेंथाना एवं जिसका निर्देशन जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता के द्वारा किया जा रहा है।

संगोष्ठी में विभाग के अन्य फैकेल्टी मेंबर्स तथा प्रोजेक्ट एवं पीएचडी स्टूडेंट द्वारा योगदान किया जा रहा है। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, सीईओ नीरज अग्रवाल, सीएफओ विवेक अग्रवाल एवं कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने सम्मेलन के आयोजन की सफलता के लिए विभाग को शुभकामनाएं दीं।

राधा रानी ब्रजयात्रा ने किए चारों गढ़ों के दर्शन

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। ब्रह्माचल पर्वत पर स्थित हैं चार गढ़।इन चारों गढ़ों पर राधा माधव की विभिन्न लीलाएँ हुई हैं ।आज इन्ही लीला स्थलियों का दर्शन राधा रानी ब्रज यात्रा के वैष्णवों ने किए और अपने को कृतार्थ किया।
यात्रा में साथ चल रहे मान मंदिर सेवा संस्थान के कार्यकारी अद्ध्यक्ष राधा कांत शास्त्री ने यात्रियों को संबोधित करते हुए बताया कि सर्व प्रथम आज यात्रा मान गढ़ (मान मंदिर)पर श्री राधा मान बिहारी लाल के दर्शन किए ।मान मंदिर पर राधा रानी रूठ कर बैठी हैं और श्याम सुंदर उनके चरणों में अपना मस्तक रख कर उन्हें मनाते हैं ।मान गढ़ के बाद भानु गढ़ जाकर राधा रानी के दर्शन किए ।मंदिर के सेवायत गोस्वामी आनन्दजी ने मानबिहारी लालजी का स्वागत किया ।बाबा नृसिंह दास ब्रज शरण दास राधा कान्त शास्त्री को श्रीजी की प्रसादी चूनरी उढ़ाई।मंदिर में कीर्तन भजन की धूम मची थी ।श्रीजी मंदिर से कुशल बिहारी मंदिर ,दान गढ़ ,मयूर कुटी ,सँकरी खोर, विलास गढ़ ,रसमंदिर दर्शन करते हुए यात्रा वापस पड़ाव स्थल पर पहुँची।
ब्रह्माजी ने 60000 वर्ष तपस्या की तो भगवान ने उन्हें बरसाना में पर्वत रूप प्रदान किया ।इसी पर्वत पर ब्रह्म जी के मुख के प्रतीक चार गढ़ हैं ।

हर चुनौती कुछ सीख देती हैः लक्ष्मीबाई अवॉर्डी पर्वतारोही प्रिया कुमारी

  • खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं विद्यार्थीः डॉ. आर.के. अशोका
  • के.डी. मेडिकल कॉलेज में एक्जोन-2024 का शुभारम्भ

मथुरा। जीवन में आने वाली चुनौतियों से कभी हार मत मानें क्योंकि हर चुनौती कुछ सीख देती है। जिस तरह से एमबीबीएस की पढ़ाई कठिन होती है, उसी तरह स्पोर्ट्स में भी लगन और मेहनत की जरूरत होती है। खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि स्वस्थ तन-मन का एक बेहतर माध्यम हैं लिहाजा अपना कुछ समय स्पोर्ट्स को जरूर दें इससे आप अपने आपको तरोताजा महसूस करेंगे और जो भी लक्ष्य तय करेंगे उसमें सफलता जरूर मिलेगी। उक्त उद्गार लक्ष्मीबाई अवॉर्डी जानी-मानी पर्वतारोही और साइक्लिस्ट प्रिया कुमारी ने के.डी. मेडिकल कॉलेज के वार्षिक आयोजन एक्जोन-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. ए.के. जैन, डॉ. विक्रम शर्मा, उप महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. दुष्यंत, डॉ. अमनजोत, डॉ. राहुल गोयल आदि ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी का स्वागत डीन डॉ. आर.के. अशोका ने किया। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी ने अपनी संघर्ष यात्रा का जिक्र करते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें, यदि करते भी हैं तो उसे यूज करने के बाद डस्टबिन में जरूर डालें। उन्होंने कहा कि हम जब भी यात्रा करते हैं, हमें नई चुनौतियां मिलती हैं, लेकिन इन्हीं चुनौतियों से हम सीखते हैं और मजबूत बनते हैं। यात्रा से हमें अवसाद जैसी समस्याओं से लड़ने की शक्ति मिलती है।
प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थी जीवन में जितना महत्व शिक्षा का है उतना ही जरूरी खेल भी हैं। स्वस्थ रहने का अर्थ रोगरहित तन का होना ही नहीं बल्कि तनावमुक्त मन का होना भी है। शरीर और मन दोनों का स्वस्थ रहना जीवन में सफलता के साथ आनंदमय जीवन जीने का एक सूत्र है। डॉ. अशोका ने कहा कि खेल हमें समयबद्धता, धैर्य, अनुशासन तथा समूह में कार्य करना सिखाते हैं। उन्होंने सभी टीमों के कप्तानों और प्रतिभागियों को सद्भावना की सीख देते हुए कहा कि यदि हम खेलों का नियमित अभ्यास करें तो अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सकते हैं। उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उठो, जागो और तब तक प्रयास करो जब तक कि सफलता नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा कि एक्जोन ऐसा मंच है जिसमें आपकी रुचि और दक्षता दोनों का मूल्यांकन होता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी टीमों के कप्तानों तथा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को अच्छे आयोजन और प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पढ़ाई का महती दायित्व होते हुए भी मेडिकल छात्र-छात्राओं का खेल और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा में उतरना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से सद्भावपूर्ण माहौल में खेलने का आह्वान किया।
21 अक्टूबर तक चलने वाले एक्जोन-2024 में छात्र-छात्राएं दिन में खेलों में अपना दम-खम दिखा रहे हैं वहीं शाम को सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाते हुए अपनी-अपनी टीमों को ओवरआल चैम्पियन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। खेलों का सुचारु संचालन जहां समन्वयक डॉ. राहुल गोयल, स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा, स्पोर्ट्स आफीसर लोकेश शर्मा, स्पोर्ट्स टीचर लोकपाल राणा, स्पोर्ट्स टीचर लक्ष्मीकांत चौधरी, स्पोर्ट्स टीचर रेखा शर्मा आदि के मार्गदर्शन में हो रहा है वहीं सांस्कृतिक गतिविधियां डॉ. अमनजोत की निगरानी में सम्पन्न हो रही हैं। एक्जोन-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मशहूर साइकिलिस्ट प्रदीप कुमार सिंह तथा बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

जीएलए के फार्मेसी विभाग में आयोजित हुई अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

  • जीएलएः अन्तरराष्ट्रीय कॉफ्रेंस में पहुंचे देश-विदेश के विषय-विशेषज्ञ और शोधार्थी

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के फार्मेसी विभाग में दो दिवसीय चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें न केवल भारत के अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी कई विषय-विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।

‘इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजीकल एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज‘ विषय पर आयोजित डीएसटी सर्ब स्पॉन्सॉर्ड अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, मेडिकल कैंप यूनिवर्सिटी सोफिया, बुल्गारिया से डा. एरियाना कोस्टावा, डा. करुप्पैया कन्नन (डेवलपमेंट ऑफिसर, वेल थेरैप्यूटिक्स इंस्टिट्यूट न्यूटन यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका), विशिष्ट अतिथि सेज यूनिवर्सिटी के ऑफिसिएटिंग वाइस चांसलर डा. नीरज उपमन्यु, जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू एवं विभागाध्यक्ष मीनाक्षी बाजपेई तथा अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्व. श्री गणेश श्री लाल अग्रवाल जी के चित्रपट के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

आए हुए विशेष अतिथि प्रो. उपमन्यु ने कहा कि यदि इनोवेशन को वैज्ञानिक तरीके से करें तो वह रिसर्च बन जाती है। डा. एरियाना ने मुख्य अतिथि संबोधन में जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के कन्वेनर प्रो. बाबू के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही विशेष आलेख किया कि प्रो. सुभाष त्रिपाठी के कारण ही इस संगोष्ठी में उपस्थित होने का अवसर मिला।

प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कल्पनाशीलता, रचनात्मक और नवाचार के बीच अंतर संबंधों को बहुत तार्किक ढंग से परिभाषित किया। प्रो. अरोकिया बाबू ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय “इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजिकल एंड फार्मास्युटिकल साइंस” के विषय में अवगत कराया। डा. करुप्पैया कन्नन ने अपने शोध के बारे में बताया और कहा कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

इसी प्रकार अन्य वक़्ता इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, न्यू दिल्ली के डा. आरोकिया अरुलंदु, जीएलए बायोटेक से प्रो. अंजना गोयल, यूसीएसआई यूनिवर्सिटी लंपुर, मलेशिया से डा. माय चुन वाई ने अपने विषय पर व्याख़्यान दिया। सेंटर फ़ॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से डॉ नीतू सिंह, डिवीज़न ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एंड फार्माकोकॉइनेटिक्स सीएसआईआर, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डा. प्रभात रंजन मिश्रा, सीमेप लखनऊ से डा. करुना शंकर, नाईपर कोलकाता फार्मेसी संस्थान से प्रो. सुब्रामणिअन नाटेसन एवं प्रो. संजय जाचक, आईआईटी दिल्ली डॉ रवि सिंह ने अपने रिसर्च लेब्स में चल रहीं रिसर्च के विषय में बताया।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो. शिवा पांडा के नेतृत्व में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पोस्टर एवं ओरल प्रेज़ेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग कर अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंत में प्रो. अरोकिया बाबू एवं मीनाक्षी बाजपेई ने आए हुए मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देते हुए उनका आभार प्रकट किया तथा विजेता छात्रों को ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डॉ. कमल शाह ने द्वि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का संक्षेप वर्णन किया और बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जामिया हमदर्द, न्यू दिल्ली, गौतम इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, हिल्स कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, जेएसएस एकेडमी ऑफ़ एजूकेशन, डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी-सागर, दादा साहब बोल पांडे कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी- नागपुर, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पीएसआईटी- कानपुर, आदि कॉलेजों के छात्र-छात्राआें हिस्सा लिया। अंत में आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डा. जितेंद्र गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मंच का संचालन डा. सोनिया सिंह, डा. पूर्णिमा अग्रवाल एवं डा. नीतू अग्रवाल ने किया।

84 कोस ब्रज यात्रा का पहला दिन लिया संकल्प

  • पंद्रह हजार ब्रज भक्तों ने लिया यात्रा नियम

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। मान मंदिर से प्रारंभ होने वाली राधा रानी वार्षिक ब्रजयात्रा मंगलवार को विधि पूर्वक रूप से प्रारंभ हुई। सभी यात्रियों ने माता जी गौशाला में नियम पूर्वक संकल्प लिया और उसके बाद तुंग विद्या सखी के गांव ढभाला जाकर दर्शन किए।

मान मंदिर के महंत संत रमेश बाबा के द्वारा प्रारंभ की गई राधा रानी वार्षिक यात्रा ने इस बार मंगलवार को नियम संकल्प लिया। करीब 15 हजार यात्री सुबह सात बजे माताजी गौशाला पहुंचे। जहां संत रमेश बाबा ने सबसे पहले मान बिहारी लाल जी और राधा स्वरूप कन्या का पूजन किया। उसके बाद आचार्य महेश चंद्र शास्त्री और सुरेश चंद्र शास्त्री ने सभी यात्रियों को यात्रा के नियमों का संकल्प दिलाया। इस मौके पर संत रमेश बाबा महाराज ने कहा कि ब्रज चौरासी कोस मंडल राधा माधव की नृत्य लीला भूमि है,यह आस्था के साथ दिव्य लीला स्थलियो,पर्वतों, मंदिरों, कुंड सरोवर के दर्शन करें इसे पर्यटन का क्षेत्र न समझे। नियम संकल्प लेने के बाद सभी यात्री ठाकुर जी के डोला के पीछे हरि नाम संकीर्तन करते हुए ढभाला गांव पहुंचे। जहां उन्होंने नौबारी चौबारी,श्याम शिला, रतन कुंड आदि के दर्शन किये। और फिर सभी लोग मस्ती में झूमते हुए अपने पड़ाव पर पहुंचे। भागवताचार्य भक्त शरण महाराज ने दैनिक सतसंग करते हुए सभी ब्रजयात्रियों को ब्रज महिमा सुनाते हुए प्रथम दिवस के दर्शनीयस्थलों का माहात्म्य बताया। यात्रा में प्रमुख रूप से संत रमेश बाबा के साथ राधाकांत शास्त्री नरसिंह दास महाराज, ब्रज दास सुनील सिंह, माधवी शरण, सज्जन शर्मा संजय सिंह आदि प्रमुख रूप से रहे।