Wednesday, October 22, 2025
Home Blog Page 71

120 करोड़ की योजनाओं पर काम कर रहा है ब्रज तीर्थ विकास परिषद

  • परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधियों को परिषद के वर्तमान कार्य योजना की दी जानकारी, बजट बढ़ाने का प्रस्ताव
  • वृंदावन में यमुना पार 10 एकड़ में मल्टी लेवल पार्किंग और बनेगी टीएफसी, होगा ट्रैफिक कंट्रोल

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद वर्तमान वित्तीय वर्ष में 120 करोड़ की परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसमें 30 प्रतिशत राशि नई योजनाओं के लिए है जबकि बजट की 70 प्रतिशत राशि क्रियान्वित हो रही योजनाओं के लिए है। मथुरा जनपद तीर्थ क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के साथ पौराणिक महत्व बनाए रखने की अनेक योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधियों को दी।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय सभागार में चीनी मिल गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और नगर आयुक्त शशांक चौधरी मौजूद रहे। इस दौरान परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ ब्रज के प्राचीन स्वरूप और संस्कृति को पुनर्जीवित रखने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए कृष्णकालीन 37 वन विकसित किए जाएंगे।
परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप वृंदावन व अन्य स्थलों पर अतिरिक्त पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) और मल्टी लेबल कार पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं। गोकुल से वृंदावन के मध्य तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए जल मार्ग पर क्रूज चलाए जाने के लिए दो चरणों में यमुना किनारे स्टेशन बनाए जाने हैं। फिलहाल आठ स्टेशन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उक्त परियोजना भारत सरकार द्वारा संचालित कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि वृंदावन में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्तमान में संचालित टीएफसी के विस्तारीकरण का प्रस्ताव है। राधा बिहारी इंटर कालेज बरसाना की जमीन पर 300 लोगों की डोरमेट्री सुविधा वाली एक नई टीएफसी बनाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया कि वृंदावन में यमुना पार 10 हेक्टेयर जमीन में मल्टी लेवल कार पार्किंग व टीएफसी बना कर वृंदावन में बढते ट्रैफिक को कम किया जाएगा। यहां सस्पेंशन पुल भी प्रस्तावित हैं, जहां से इलैक्ट्रिक वाहनों से तीर्थयात्री यमुना पार कर बिहारी जी के दर्शन को आ- जा सकेंगे।
गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के सुझाव पर बैठक में वृंदावन में बन रहे ऑडिटोरियम का नाम स्वामी हरिदास ऑडिटोरियम करने की घोषणा की गई। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने परिषद के बजट की बढ़ाने का भी आग्रह किया।
राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह, विधायक पूरन प्रकाश, राजेश चौधरी, ठाकुर मेघ श्याम सिंह, ठा ओम प्रकाश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव और नए प्रस्ताव भी दिए।

के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सा महाशिविर में हजारों मरीज लाभान्वित

  • अब 19 अक्टूबर तक सामान्य वार्डों में भर्ती मरीजों की बेसिक जांचें होंगी मुफ्त
  • अब तक सैकड़ों मरीजों के हो चुके निःशुल्क ऑपरेशन

मथुरा। ब्रजवासियों को स्वास्थ्य लाभ देने की खातिर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर द्वारा दो अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक लगाए गए निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर में अब तक हजारों मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। पिछले 10 दिनों में विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों ने सैकड़ों मरीजों के निःशुल्क ऑपरेशन कर उन्हें नया जीवन दिया है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन ने निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर को 19 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
के.डी. हॉस्पिटल के निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर में जहां पीड़ितों की सभी तरह की बेसिक जांचें निःशुल्क की जा रही हैं वहीं गम्भीर पीड़ित मरीजों को सम्पूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए भर्ती भी किया जा रहा है। सामान्य वार्डों में भर्ती मरीजों को खाने-रहने तथा बेसिक जांचें और सामान्य दवाएं बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सा शिविर की जानकारी देते हुए डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बताया कि मथुरा एवं उसके आसपास के जिलों के गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने की खातिर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर प्रबंधन द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया है।


19 अक्टूबर तक चलने वाले चिकित्सा महाशिविर में रोगियों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांचें और उपचार किया जा रहा है। विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन रोगियों की आंखों, रक्तचाप, शुगर, हार्ट अटैक, सिरदर्द, लकवा, दौरे, मिर्गी, हड्डी रोग, सांस संबंधी रोगों तथा वायरल आदि का परीक्षण और उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। डॉ. अशोका का कहना है कि जनरल वार्डों में भर्ती मरीजों का अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से मुफ्त तथा सीटी स्कैन और एमआरआई आधे दामों में की जा रही है।


डॉ. अशोका का कहना है कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक श्री मनोज अग्रवाल के सेवाभावी प्रयासों के चलते ही इस नि:शुल्क स्वास्थ्य महाशिविर का लाभ ब्रजवासियों को मिल रहा है। के.डी. हॉस्पिटल द्वारा लगाए गए निःशुल्क चिकित्सा शिविर की मरीजों ने प्रशंसा की तथा कहा कि क्षेत्र में बहुत से ऐसे लोग हैं जो पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह शिविर किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने ब्रज क्षेत्र के लोगों से 19 अक्टूबर तक चलने वाले निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर का प्रातः नौ से शाम चार बजे तक लाभ उठाने का आग्रह किया है।


आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल का उद्देश्य हर पीड़ित को अच्छी व बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। हम चाहते हैं कि ब्रज के किसी पीड़ित को उपचार के लिए महानगरों की तरफ न भागना पड़े। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है चिकित्सा सेवा सबसे बड़ी मानवीय सेवा है लिहाजा ब्रज क्षेत्र को निरोगी रखने के लिए समय-समय पर के.डी. हॉस्पिटल द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है।

संस्कृति विवि में प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक, श्रद्धांजलि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में देश प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और अधिकारियों ने विश्वविख्यात उद्योगपति रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दीं।
शोकसभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि पद्मविभूषण रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने देश के विकास में हमेशा आगे बढ़कर काम किया। आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान को कभी भूला नहीं जाएगा। उन्होंने सिर्फ टाटा समूह को ही नहीं बल्कि देश के विकास की नींव रखने का काम किया। ऐसी शख्सियत का जाना हमारे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। आज सारा देश उनके निधन पर शोक मना रहा है। उनकी सरलता, सादगी लोगों के दिल में हमेशा बसी रहेगी।
संस्कृति स्टूडेंट वेलफेयर के डीन ने कहा कि शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, हर क्षेत्र में उनकी पहल ने एक गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने बताया कि 8 दिसम्बर 1937 को बम्बई, ब्रिटिश भारत (वर्तमान मुंबई) में जन्मे रतन टाटा, नवल टाटा और सूनी कमिसारिएट के पुत्र थे। जब रतन टाटा 10 वर्ष के थे, तब वे अलग हो गये। इसके बाद उन्हें उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने जे. एन. पेटिट पारसी अनाथालय से उन्हें गोद लिया। टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा ने किया। रतन टाटा ने कैंपियन स्कूल, मुंबई, कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, बिशप कॉटन स्कूल, शिमला और रिवरडेल कंट्री स्कूल, न्यूयॉर्क शहर में शिक्षा प्राप्त की। वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र हैं।
छात्र यश ने रतन टाटा के बताया कि जब जेआरडी टाटा ने 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनके नेतृत्व में टाटा संस की अतिव्यापी कंपनियों को एक समन्वित इकाई के रूप में सुव्यवस्थित किया गया। उनके 21 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राजस्व 40 गुना से अधिक तथा लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर तथा टाटा स्टील को कोरस का अधिग्रहण करने में मदद की, जिससे यह संगठन मुख्यतः भारत-केंद्रित समूह से वैश्विक व्यवसाय में परिवर्तित हो गया। अंत में उपस्थित सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने रतन टाटा के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित कीं।

टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा से मुलाकात मेरे लिए उत्सव था : नीरज

  • प्रमुख उद्योगपति से मुलाकात के वो पल याद कर भावुक हुए जीएलए के सीईओ
  • प्रमुख उद्योगपति के निधन पर जीएलए परिवार ने नम आंखों से जताया शोक

मथुरा : प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा के निधन पर जीएलए विश्वविद्यालय परिवार ने शोक जताया है।

शोक व्यक्त करते हुए जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने कहा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी प्रमुख उद्योगपति, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। इनके जाने के बाद मैं इतना भाव में आ गया हूं कि अभी चार पांच दिन पहले मुंबई में था। वहां टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग में विजिट के दौरान मैंने बडे़ टाटा साहब को देखा, मतलब इन लोगों के लिए नमन और सैल्यूट करने का मन करता है।
रतन टाटा जी के लिए दुनियां आज रो रही होगी। आज भी जिसने टाटा साहब की खबर सुनी होगी, पढ़ी होगी और देखी होगी वह वाकई बहुत परेशान होकर रो रहा होगा।

नीरज ने उनसे मुलाकात के वो भावुक पल के बारे में बताते हुए कहा कि जब रतन टाटा जी मथुरा में नयति हॉस्पीटल के शुभारंभ करने के लिए आए थे तो उस दौरान मैं बाहर था। मुझे ऐसी दयालु सख्शियत से मिलने की इसलिए भी जल्दी थी कि जो मौका मिला है वह कहीं हाथ से न निकल जाए, लेकिन मैं समय पर ही पहुंच गया और उनसे मिला, लेकिन पहली मुलाकात में मेरा मन बिल्कुल भी नहीं भरा। मन में वही बात चल रही थी कि ‘अभी न जाओ छोड़ के कि जी अभी भरा नहीं‘। मैं दोबारा मिला और हाथ मिलाया। उनके हाथ को मैं छोड़ नही रहा था। इस दौरान बस एक बात याद आ रही थी कि ‘इनका प्यार मैं उससे ज्यादा भी नहीं, लेकिन उससे आधा का आधा भी नहीं।

एक बटा अरब वां हिस्सा भी इनकी सोच का और इनकी समझ का मिल जाए तो आनंद हो जाएं। जबकि वह मुझे कुछ नहीं जानते थे, तब भी गुफ्तगु करने की कोशिश की कि इनके साथ बस खड़ा रहूं। क्योंकि उस दौर का उत्सव था मेरे लिए। ऐसे महापुरूष ऐसे दिव्य पुरूष, बहुत कम होते हैं इस सृष्टि पर। उनको जीएलए नमन करता है।

सफलता के लिए समय प्रबंधन की कला में निपुणता जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

  • जीएल बजाज की फ्रेशर्स पार्टी में छात्र-छात्राओं ने जमाया रंग
  • मयंक-अवंतिका तथा यश-हिमानी चुने गए मिस-मिस्टर फ्रेशर

मथुरा। कठोर परिश्रम और सच्ची लगन से जीवन में हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को लक्ष्य छोटे-छोटे तय करना चाहिए तथा धीरे-धीरे बड़े लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए। इससे आसानी से कामयाबी पाई जा सकती है। यही सफलता का मूलमंत्र है। यह बातें बुधवार शाम जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में बीटेक तथा एमबीए फ्रेशर्स पार्टी आरम्भ-2024 में आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। समय प्रबंधन में निपुणता जिसे आ जाती है वह जीवन में आगे बढ़ता रहता है। विद्यार्थी जीवन में अच्छे गुरु का होना भी जरूरी है क्योंकि हम उसी के मार्गदर्शन में अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं। डॉ. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से अनुशासन में रहते हुए नियमित कक्षाओं में जाने का आह्वान किया तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


मां सरस्वती की आराधना तथा श्रीगणेश वन्दना से शुरू हुई फ्रेशर्स पार्टी में बी.टेक और एमबीए प्रथम वर्ष के साथ-साथ द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा रात आठ बजे तक नयनाभिराम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से हर किसी को मंत्रमुग्ध किया गया। छात्र-छात्राओं ने एकल डांस, सोलो सांग, शेरो-शायरी आदि से अपने गुरुजनों तथा साथियों का मनोरंजन किया। फ्रेशर्स पार्टी में जहां पश्चिमी धुनें बजीं वहीं छात्र-छात्राओं ने पंजाबी भांगड़ा, राजस्थानी नृत्य तथा गरबा पर जमकर धमाल मचाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिस्टर एण्ड मिस फ्रेशर्स कार्यक्रम रहा, जिसमें तीन राउंड हुए।
प्रथम राउंड रैम्पवॉक, द्वितीय राउंड टैलेंट तथा अंतिम राउंड में चयनित छात्र-छात्राओं से विविध ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछे गए। अंत में निर्णायकों ने अंडर-ग्रेजुएट स्तर पर बीटेक के मयंक महावर तथा अवंतिका त्रिपाठी को क्रमशः मिस्टर और मिस फ्रेशर चुना। इसी कड़ी में पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर पर एम.बी.ए. के यश गुप्ता तथा हिमानी खत्री को क्रमशः मिस्टर और मिस फ्रेशर चुना गया। संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने मिस और मिस्टर फ्रेशर्स को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर मिस और मिस्टर फ्रेशर चुने गए छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए विश्वास दिलाया कि वे अपनी लगन और मेहनत से संस्थान की गरिमा को चार चांद लगाएंगे। कार्यक्रम को अनुशासित तरीके से चलाने में कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिखा गोविल, डॉ. राजीव सिंह आदि के साथ सभी शिक्षकों तथा कर्मचारियों का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिखा गोविल ने सभी का आभार माना।

फिल्म अभिनेता राजकुमार राव और त्रिप्ति डिमरी पहुंचे जीएल बजाज कॉलेज

फिल्म अभिनेता राजकुमार राव और त्रिप्ति डिमरी अपनी पूरी टीम के साथ अपनी आने वाली फ़िल्म विक्की विद्या का वो वाला विडिओ का प्रमोशन करने जीएल बजाज कॉलेज पहुंचे। फिल्म का टीज़र ट्रैलर कॉलेज में लॉन्च किया गया और फिल्म के सोंग्स “सजना वे सजना तुम जो मिले हो, मेरे महबूब, मुश्किल है, ना ना ना रे” पर सभी कलाकार छात्रों के साथ जमकर थिरके। फ़िल्म के कलाकारों ने छात्रों के उत्साह की तारीफ़ करते हुए कहा की आप सभी ने हमारी हर फिल्म को सराहा है उसी तरह से इस फिल्म को भी प्यार दें और मूवी जरूर देखने जाएं। अंत में दोनों कलाकारों ने फिल्म से जुड़े सवालों के जवाब दिए और बताया कि यह फिल्म बहुत ही स्पेशल है कियोंकि यह फिल्म हास्य और व्यंग से भरी हुई जो आप सभी को परिवार के साथ हसने के लिए मजबूर कर देगी। फिल्म 11अक्टूबर को सिनेमा घरों में रिलीज हो रही है। फिल्म का निर्देशन राज शांडिल्य ने किया है। फिल्म का निर्मांण टी-सीरीज़ फ़िल्म्स और बालाजी मोशन पिक्चर्स द्वारा किया गया है। फिल्म की कहानी एक दम्पति और उनसे जुडी विडिओ के ईद गिर्द घूमती है। कहानी की मांग के लिए “सजना वे सजना” और ना ना ना रे” जैसे सुपर हिट गीतों को दोबारा से फिल्माया गया हैं। संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल और सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल ने दोनों कलाकारों को पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया और फ़िल्म के लिए शुभकामनायें दीं।

संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल साइंस में शुरू हुई ‘फिजियोथैरेपी ओपीडी‘

मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज में ‘फिजियोथैरेपी ओपीडी’ का शुभारंभ हुआ। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने मंत्रोच्चार के मध्य विधिविधान से पूजन कर इस बहुप्रतीक्षित चिकित्सा पद्धति केंद्र का उद्घाटन किया।
उद्घाटन अवसर पर डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कालेज और वेलनेस सेंटर में आने वाले मरीजों के द्वारा लगातार इच्छा व्यक्त की जा रही थी कि यहां एक ऐसा केंद्र भी होना चाहिए जहां फिजियोथैरेपी की व्यवस्था हो। वर्तमान जीवन शैली के चलते अक्सर लोगों को शरीर के विभिन्न अंगों में ऐसी दिक्ततें या दर्द हो जाते हैं जो लगते तो सामान्य हैं लेकिन बहुत तकलीफदेह होते हैं। अब यहां आधुनिक मशीनों और फिजियोथैरेपी विशेषज्ञों द्वारा इन तकलीफों का इलाज संभव हो सकेगा।
संस्कृति मेडिकल एंड एलाइड साइंस के विभागाध्यक्ष डा.आशीष चौहान ने बताया कि फिजियोथैरेपी ओपीडी में अनुभवी चिकित्सक पीठ दर्द, गर्दन का दर्द, कंधे की समस्याएं, डिस्क से जुड़ी समस्याएं, टेंडोनाइटिस, बर्साइटिस, मोच, अव्यवस्था, गठिया, डिस्क स्लिप फ्रैक्चर, कार दुर्घटना की चोटें फाइब्रोमायल्जिया, पुराने दर्द, श्वसन संबंधी विकार, दिमाग, तंत्र- तंत्रिकाओं से जुड़ी समस्याएं बच्चों और बुज़ुर्गों की उम्र से जुड़ी बीमारियां के लिए व्यायाम, मालिश, और शारीरिक उत्तेजनाओं जैसे गर्मी, ठंड, विद्युत धारा, या अल्ट्रासाउंड जैसे उपचार देंगे। उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपिस्ट, रोगियों को दर्द से राहत देने, बेहतर तरीके से चलने में मदद करने, और कमज़ोर मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद करते हैं। फिजियोथेरेपी से रोगियों को यह भी सिखाया जाता है कि वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।
इस मौके पर कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता के अलावा कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी, डा. ब्रजवीर, डा. डिंपल, फिजियोथैरेपिस्ट विधिसिंह, प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव आदि भी उपस्थित रहे।

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को बताईं आईटी क्षेत्र की खूबियां

  • स्किल स्ट्रांग बनाएं, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शानदार करियर बनाएं

मथुरा। आज हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी ने अपनी जगह बना ली है। सूचना प्रौद्योगिकी कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी उद्योग की रीढ़ है। यह तकनीकी उद्योग में करियर बनाने वाले इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं के लिए विशेषज्ञता का प्रमुख क्षेत्र है। यदि आप आईटी क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखते हैं तो सबसे पहले आईटी क्षेत्र में अपनी रुचियों और करियर लक्ष्यों का आकलन करें। विभिन्न विशेषज्ञताओं पर शोध करें तथा निर्धारित करें कि कौन सी विशेषज्ञता आपके जुनून और आकांक्षाओं के साथ मेल खाती है। उक्त बातें बुधवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में रिसोर्स परसन अर्पित अग्रवाल (सीनियर टेक्निकल कंसल्टेंट) ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री अग्रवाल ने हाउ टू मेक ए सक्सेजफुल करियर इन आईटी इण्डस्ट्री विषय पर बोलते हुए कहा कि आईटी इण्डस्ट्री आपको करियर की ऊंची उड़ान दे सकती है बशर्ते आपमें सीखने की भूख हो। उन्होंने डेटा साइंस एज्यूकेशन के पायथन, एक्सक्यूएल, न्यू एमपी, पांडा, सीबॉर्न, स्किकिटर्न टेन्सरफ्लो, केरास, हर्गिंगफेस, डॉकर, कुबेरनेट्स, पायटॉर्च आदि को आईटी क्षेत्र की मुख्य ब्रांचेज बताया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि वह ऐसे कार्यक्रमों की तलाश करें जो प्रोग्रामिंग, साइबर सुरक्षा, डेटा प्रबंधन, नेटवर्किंग और सॉफ़्टवेयर विकास सहित प्रासंगिक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हों।
रिसोर्स परसन ने इण्डस्ट्री में कारपोरेट लाइफ पर चर्चा करते हुए कहा कि आज कार्पोरेट लाइफ मुश्किल लाइफ है आपको सर्वप्रथम अपनी ग्लोबल जॉब मैचिंग चेक करनी होगी। यदि आपने आईटी सेक्टर को बतौर करियर सेलक्ट किया है तो इसके लिए आपको कठिन परिश्रम के लिए तैयार रहना होगा। आपकी ग्लोबल वर्क लाइफ बैलेंस इण्डेक्स आपका बचाव कर सकेगी। इसके लिए आपको अपनी स्किल स्ट्रांग बनानी होगी। हालांकि जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन यदि ग्लोबल वर्क लाइफ बैलेंस अच्छा है तो आप कठिन दौर में भी रिलेक्स महसूस करेंगे।
उन्होंने कहा कि कार्य को अच्छी तरह से सम्पन्न कीजिए और उसे करते समय अपने पूरे मनोयोग से उसमें रुचि लीजिए। ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में आ रही समस्याओं का समाधान प्राप्त होगा। इस प्रकार से आप एमसीए डिग्री पूर्ण करके आईटी एक्सपर्ट बन सकते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि आईटी सेक्टर में स्किल्स का अत्यधिक महत्व है लिहाजा इस दिशा में हमेशा सतत मेहनत करते रहें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से व्यावहारिक शिक्षा, इंटर्नशिप और उद्योग से जुड़ने के लिए उपलब्ध संसाधनों तथा अवसरों का मूल्यांकन करने का भी आह्वान किया।
श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज आईटी क्षेत्र में बहुत प्रतिस्पर्धा है। लाखों लोग हर दिन आईटी की दुनिया में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए, जब आप आईटी में एक सफल करियर बनाने की योजना बनाते हैं, तो आपको बाजार में होने वाली उच्चस्तर की प्रतिस्पर्धा के बारे में निश्चिंत होना चाहिए। अगर आप बाजार में घूमेंगे तो पाएंगे कि लगभग हर कोई सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक उज्ज्वल भविष्य सुरक्षित करना चाहता है। उद्योग के शिखर तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन इसके लिए निश्चित रूप से आपके पास क्षेत्र के लिए जुनून और कौशल होना चाहिए जो आपकी सहायता कर सके। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स परसन अर्पित अग्रवाल का आभार माना।

सीबीएसई नॉर्थ जोन क्लस्टर-IV शतरंज प्रतियोगिता में लहराया धानुका की छात्राओं का परचम

वृंदावन। सीबीएसई नॉर्थ जोन क्लस्टर-IV द्वारा आयोजित शतंरज प्रतियोगिता नालन्दा वर्ल्ड स्कूल, सहारनपुर में आयोजित हुई। जिसमें
सीबीएसई नॉर्थ जोन से लगभग 200 विद्यालयों के 4000 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की।
इस प्रतियोगिता में हनुमान प्रसाद धानुका से अंडर-19 में आराध्या पाण्डेय, नन्दिनी बंसल, सोनिया सिंह, लकिता ने द्वितीय स्थान, अंडर-17 में हिमानी गोयल, ईशिका, साक्षी अग्रवाल, युविषा गुलाटी ने चतुर्थ व अंडर-14 में रूही गौतम, सुप्रिया, आन्या पाण्डेय व राशि गौतम ने पंचम स्थान प्राप्त कर रजत व कांस्य पदक व शील्ड प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया।
छात्राओं की सफलता में विद्यालय की आचार्या रागिनी आजाद एवं अरुणा शर्मा का निर्देशन रहा।प्रधानाचार्य अंजू सूद ने छात्राओं की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्लस्टर-IV सीबीएसई के खेल कैलेंडर का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न खेलों में छात्र छात्राओं की प्रतियोगिता होती है। छात्राओं का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। इस प्रकार के प्रोत्साहन से ही सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी निकलकर कॉमनवेल्थ एवं खेलो इंडिया में प्रतिभागिता कर देश को गौरवान्वित करते है।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, बाँके बिहारी शर्मा, विश्वनाथ अग्रवाल, रेखा माहेश्वरी, उमेश चंद शर्मा, मंयक मृणाल महेश अग्रवाल आदि ने विजयी छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दी एवं आगामी प्रतियोगिताओं के लिए विजयश्री का आशीर्वाद दिया।

स्किल एक्सपो 2024 में वी पीएस के छात्रों ने रचनात्मकता रंग बिखेरे

वृंदावन। छात्रों के चहुंमुखी विकास की प्रक्रिया में तत्पर मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में सीबीएसई स्किल एक्सपो और गाइडेंस फेडरेशन 2024 में नोएडा क्षेत्र से दूसरी बार चयनित होकर न केवल विद्यालय को अपितु समस्त जनपद को गौरवान्वित किया।
गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा कौशल एक्सपो और मार्गदर्शन महोत्सव 2024 में विद्यालय ने दूसरी बार इस गौरव को प्राप्त किया है। पिछले वर्ष विद्यालय के विज्ञान विभाग के मार्गदर्शन में छात्रों ने बृजहाट में ब्रज की कलाओं का प्रदर्शन कर सभी मुख्य अतिथियों व निर्णायक मंडल द्वारा सराहा गया। इस वर्ष बज के गांव नामक थीम को आधार बनाकर छात्रों ने एक ड्रीम प्रोजेक्ट तैयार किया। जिसमें 10 क्षेत्र के अज्ञात ग्राम क्षेत्र का संपूर्ण इतिहास का संगोपन जी चित्रण आर्ट व क्राफ्ट के माध्यम से किया गया जो कि युक्त क्षेत्र में सबके आकर्षण का केंद्र रहा। विद्यालय द्वारा भारत की सांस्कृतिक विरासत के “प्रकाण पुंज वन क्षेत्र” के गांव को प्रदर्शित करने वाले अस्तित्व वह पर्यटन को प्रोजेक्ट में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में आर. पी.सिंह (सयुक्त सचिव कौशल शिक्षा), सतीश चहल (उप सचिव) की गरिमामय में उपस्थिति रही। विद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाली छात्रों के दल में वंशिका पाठक, कृति पाठक, हिमांशी गुलाटी,राधारानी, मुस्कान अरोरा ने इस प्रोजेक्ट में अपनी सृजनात्मकता व रचनात्मकता से ब्रज की सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित किया। जूही मिश्रा, स्वेका राज, हेमलता वर्मा, लवी अग्रवाल,रेणुका ने सकारात्मक सहयोग दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने छात्रों के इस प्रयास की भूरी भूरी सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम एक अनुभव था। जिसने छात्रों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाया और साथ ही उनके भविष्य के प्रयासों को प्रेरित किया।