Tuesday, June 3, 2025
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संस्कृति विवि ने शुरू किए विशेष पाठ्यक्रम, नौकरी के मौके मिलेंगे

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में कुछ ऐसे विशेष कोर्स शुरू किए गए हैं जिनमें विद्यार्थियों को रोजगार मिलने की सुनिश्चितता है। कौशल आधारित इन कोर्सेज में विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ स्टाइपंड के साथ इंटर्नशिप की गारंटी भी दी जा रही है। इंटरशिप के दौरान विद्यार्थियों को स्टाईपंड भी दिया जाएगा।
संस्कृति विश्वविद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने एक जानकारी में बताया कि बैचलर ऑफ बिजनेज एडमिनिस्ट्रेशन के अतंर्गत मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक, कास्मेटोलाजी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट कोर्स शुरू किए गए हैं। इसके अलावा स्नातक शिक्षा में बैचलर आफ वोकेशन इन हास्पिटेलिटी, में बैचलर आफ वोकेशन इन कास्मेटोलाजी शुरू किये गए हैं। इनमें पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप/एप्रेंटिसशिप जॉब स्टाइपंड के साथ मिलेगी। इसके अलावा एमबीए वेल्थमैनेजमेंट कोर्स रोजगार की सुनिश्चितता के साथ शुरू किया जा रहा है। कुछ अन्य महत्वपूर्ण वेल्युएडेड कोर्सेज भी शुरू किए गए हैं, जो रोजगार दिलाने में सहायक सिद्ध होंगे, जिनमें आईआईटी क्रेडिट टीआरएफ कोर्सेज, एमबीए में आईआईएम सर्टिफिकेट कोर्सेज, पालीटेक्निक विद इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल हैं।
सीईओ ने बताया कि ये सभी पाठ्यक्रम उद्योग जगत की मांग को देखते हुए शुरू किये जा रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि औद्योगिक कंपनियां भी इन पाठ्यक्रमों में भागीदारी करेंगी। ये कंपनियां अपने यहां इन विद्यार्थियों को इंटर्नशिप भी देंगी ताकि पाठ्यक्रम पूरा करने के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षित करने और रोजगार देने में सहजता हो सके। श्रीमती शर्मा ने कहा कि संस्कृति विवि निरंतर इस प्रयास में है कि तेजी से बदलते औद्योगिक और सेवा प्रदाता कंपनियों के काम के अनुसार विद्यार्थियों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया जा सके। विद्यार्थी अपनी रुचि के आधार पर कोर्सेज का चयन कर सकें और जब रोजगार पाएं तो उनको जो काम मिले उससे वे अपरिचित न हों। विद्यार्थियों के भविष्य के निर्माण की दृष्टि से संस्कृति विवि औद्योगिक जगत की भागीदारी के साथ इन कोर्सों शुरू करने जा रहा है।

इस्कॉन इंडिया के चेयरमैन पूजनीय गोपाल कृष्ण गोस्वामी का निधन

-5 मई को शाम 4:00 बजे नई दिल्ली में ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में रखा जाएगा उनका पार्थिव शरीर

-6 मई को वृंदावन की पवित्र भूमि में दी जाएगी उन्हें समाधि

वृंदावन। इस्कॉन के सबसे वरिष्ठ संन्यासियों में से एक और इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष पूजनीय गोपाल कृष्ण गोस्वामी का आज देहरादून में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण सुबह 9.20 पर निधन हो गया। 1944 में नई दिल्ली में जन्मे पूजनीय गोपाल कृष्ण गोस्वामी एक मेधावी छात्र थे, जिन्हें सोरबोन विश्वविद्यालय (फ्रांस) और मैकगिल विश्वविद्यालय (कनाडा) में अध्ययन करने के लिए दो छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई थीं। उन्होंने 1968 में कनाडा में अपने गुरु और इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य श्रील प्रभुपाद से मुलाकात की और तब से उन्होंने सभी की शांति और कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण और सनातन धर्म की शिक्षाओं को दुनिया के साथ साझा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। इसके बाद, आने वाले वर्षों में, उन्होंने भारत, कनाडा, केन्या, पाकिस्तान, सोवियत संघ और दुनिया के अन्य हिस्सों में आउटरीच और समुदाय-निर्माण के प्रयासों की देखरेख की। उन्होंने दुनिया भर में दर्जनों मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों के निर्माण का बीड़ा उठाया, जिसमें नई दिल्ली में प्रसिद्ध ग्लोरी ऑफ इंडिया वैदिक सांस्कृतिक केंद्र शामिल है, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था, और पुणे में इस्कॉन एनवीसीसी, जिसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने किया था। उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन के दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशक भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में भी काम किया, जो 70 से अधिक विश्व भाषाओं में भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम जैसे पवित्र ग्रंथों के अनुवाद और प्रकाशन की देखरेख करता है और आज तक 60 करोड़ से अधिक पुस्तकों की छपाई करता है। उन्होंने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की, जो आज भारत के 20,000 से अधिक स्कूलों में 12 लाख से अधिक सरकारी स्कूली छात्रों को ताजा और पौष्टिक भोजन परोसता है। अपनी समर्पित सेवा और भक्ति के वर्षों के माध्यम से, उन्होंने अनगिनत लोगों को उनकी सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना आध्यात्मिकता और सेवा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके हजारों प्रवचनों के माध्यम से उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर, 70 से अधिक देशों के 50,000 से अधिक लोगों को परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी द्वारा भक्ति योग की प्रक्रिया में दीक्षित किया गया। राष्ट्राध्यक्षों से लेकर प्रमुख व्यवसायियों, छात्रों और समाज के आम लोगों से मिलने-जुलने तक, वे एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में सभी के लिए समान रूप से सुलभ थे। भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी को याद करते हुए लिखा, “श्री गोस्वामी महाराज का जीवन, आदर्श और शिक्षाएँ मानव जाति के लिए आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा हैं। 5 मई को शाम 4 बजे पार्थिव शरीर को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए रखा जाएगा और 6 मई को परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी के पार्थिव शरीर को वृंदावन की पवित्र भूमि में समाधि में रखा जाएगा।

गौरैया संरक्षण के बारे में स्कूली बच्चों को किया जागरूक

बच्चों को पक्षियों के रहन-सहन एवं उनके खान-पान के बारे में दी जानकारी

वृंदावन। एमआरसी वृंदा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में गौरैया संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इंडियन पब्लिक स्कूल में गौरैया संरक्षण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सैकड़ों स्कूली बच्चों ने इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
आपको बताते चलें कि गौरैया संरक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों को पर्यावरण और गौरैया संरक्षण के लिए जागरूक करना था। जिसमें बच्चों ने कई तरह के घोसले गौरैया के लिए तैयार किए। बच्चों के प्रतियोगिता में तीन बच्चों को प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार भी वितरित किया गया। जिसमें अनामिका प्रथम, आरव द्वितीय और अक्षरा को तृतीय स्थान मिला।
देवेंद्र शर्मा ने बताया कि गौरैया को बचाने के लिए बच्चों को पक्षियों का रहन-सहन पक्षियों के खान-पान और किस तरह पक्षियों की देखभाल करनी चाहिए। पूजा चौधरी ने बताया कि एमआरसी वृंदा चैरिटेबल के द्वारा पूर्व में भी समाज हित में कई कार्य किए जा चुके हैं। जैसे पौधरोपण जिसमें हजारों वृक्ष वृंदावन क्षेत्र में लगाए गए हैं, गरीब और असहाय लोगों की मदद ट्रस्ट द्वारा समय समय पर किया गया है।
डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने गौरैया के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आधुनिक शैली में बनते आवास और मोबाइल रेडिएशन गौरैया की घटती संख्या का एक बड़ा कारण है। कीटनाशक का बढ़ता प्रयोग भी इसकी अहम वजह माना जा रहा है। कार्यक्रम में वन गुर्जरों के मिट्टी के घरों को गौरैयाओं की प्रकृति के अनुकूल बताया गया।
समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि ऊंची-ऊंची इमारतें, वाहनों का बढ़ता शोर गौरैया के लिए संकट खड़ा कर रहा है। एक समय हमारे घर-आंगन में चहचहाने वाली ये चिड़िया अब हमसे दूर होती जा रही है। इतना ही नहीं लोग इसे बचाने के लिए अपने घरों में काठ का घोसला लटका रहे हैं।

हमारे साहब तो संतो से भी बड़े संत हैं

मथुरा। बात काफी दिन पहले की है। मेरी बात संत शैलजाकांत मिश्र की स्क्वैड के ड्राइवर सत्य प्रकाश से हो रही थी। चर्चा चल पड़ी मिश्रा जी के बारे में, इसी दौरान वे बोले कि हमारे साहब तो संतो से भी बड़े संत हैं। मैंने पूंछा कैसे? तो वे बोले कि अभी कुछ दिन पहले की बात है साहब ने मुझसे मेरे निजी जीवन के बारे में कुछ कहा वह बात पांच सात दिन के बाद ही सच हो गई। उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या बात थी और मैंने पूंछा भी नहीं।
     वे यहीं नहीं रुके और बोले कि उसके बाद अभी दो-चार दिन पहले की बात है। साहब कहीं निकलने को थे। तभी उनकी नजर बंगले की छत पर बैठे एक मोर पर पड़ी उसे देखकर वे ठिठक गए इसके पश्चात वे एकटक मोर को देखते रहे फिर उसके बाद ड्यूटी पर तैनात लोगों से कहा कि इस मोर का ध्यान रखना कहीं मर न जाय। शाम होते होते वह बेचारा मोर मर ही गया। शायद मोर की जिंदगी इतनी ही थी और मिश्रा जी को इस बात का पूर्वाभास हो गया होगा।
     मेरा मिश्रा जी से संपर्क तभी से है जब वे मथुरा में पुलिस कप्तान रहे थे। कुछ बातें तो मैंने भी महसूस की हैं कि ब्रह्म ऋषि देवराहा बाबा जो मिश्रा जी से बेहद लगाव रखते थे, द्वारा इन्हें अपनी अलौकिक शक्तियों में से कुछ न कुछ अंश जरूर दे रखा होगा। मैंने उनसे इस बाबत कोई पूंछा ताछी  भी नहीं की क्योंकि मुझे पता है कि उनका क्या उत्तर होगा। कुछ बतायें उससे पहले तो यही कहेंगे कि विजय बाबू इसे छापा छूपी मत करना। विजय बाबू इतने भले कहां जो अपनी मन की बात को अखबार में छापे या फेसबुक पर लिखे बगैर रह जांय। कुछ मामलों में तो मैं उनकी बात को मान भी जाता हूं और जब मेरे ऊपर छापने या फेसबुक पर लिखने का भूत सवार होता है तो फिर अनुनय विनय करके अनुमति ले ही लेता हूं।
     संत शैलजाकांत में ऐसी क्या खास बात है जो सर्विस के दौरान और सर्विस से रिटायर होने के बाद भी मौज में हैं? इसका सीधा-सीधा उत्तर है कि यह इनके इस जन्म के और शायद पूर्व जन्मों के सद्कर्मों का ही फल है। ऊपर से सौने में सुगंध का कार्य ब्रह्म ऋषि देवराहा बाबा की विशेष कृपा ने किया है। बाबा ने तो उसी समय इनसे यह कह दिया था, जब ये पुलिस कप्तान थे, कि शैलेश भगत तुमको रिटायर होने के बाद भी बृजभूमि की सेवा करने को आना है और यहीं की मिट्टी में लोटपोट होना है। तुम्हें सेवा के लिए यहां पर खुद सरकार ही भेजेगी वह भी मनामने करके। मिश्रा जी ने काफी दिन पूर्व मुझसे कहा था कि मैं बड़े असमंजस में रहता कि रिटायर होने के बाद सरकार यहां पर क्यों और कैसे भेजेगी? जो बाद में समझ आया।
     बाबा ने मिश्रा जी से कहा था कि बच्चा शैलेश कभी अपने रहने के लिए जमीन मत खरीदना और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंजरी देवी से कहा कि बेटी कभी सौना धारण मत करना। आज मिश्रा जी की पूरे देश में कहीं एक इंच भी जमीन नहीं है और उनकी धर्मपत्नी ने सौने का एक कांटा भी धारण नहीं कर रखा है। इसीलिए यह दंपत्ति सुख शांति का जीवन व्यतीत कर रहा है। यदि हम लोगों को अपने जीवन को सुखमय बनाना है तो धन लिप्सा से दूर रहकर सद्कर्मों में लगे रहना और सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए।
     यदि हम इस दिशा में आगे बढ़ते हैं तो न सिर्फ हमारा यह जन्म अपितु अगला जन्म भी सुखमय रहेगा। यही नहीं देखा देखी हमारी अगली पीढ़ी भी इस ओर अग्रसर हो कर लाभान्वित होगी यानी पूरी वंशावली की दिशा और दशा बदल जायगी।

विजय गुप्ता की कलम से

संस्कृति विवि में शुरू हुआ कानूनी सहायता क्लीनिक

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज द्वारा अपना कानूनी सहायता क्लिनिक शुरू किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि कानूनी सहायता के क्षेत्र में यह क्लीनिक एक मील का पत्थर साबित होगा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री सौम्या आनंद, सहायक अभियोजन अधिकारी बिहार और प्रवर्तन निदेशालय में पूर्व कानूनी सलाहकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने में कानूनी सहायता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ लॉ एंड लीगल स्टडीज द्वारा किया गया यह कार्य बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि न्याय चाहने वाले किसी भी व्यक्ति को कानूनी सहायता यदि समय पर मिल जाए तो इससे बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि समाज में बहुत सारे लोग हैं जिन्हें अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी नहीं होती, बहुते से ऐसे हैं जो जानकारी तो रखते हैं लेकिन उन अधिकारों के लिए अपने इन अधिकारों की रक्षा के लिए सहज कानूनी सहायता नहीं मिलती। ऐसे लोगों की मदद के लिए यह क्लीनिक बहुत बड़ी मदद साबित हो सकता है।
सुश्री सौम्या आनंद ने न्याय और समानता को बनाए रखने के लिए कानूनी पेशेवरों की नैतिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कानूनी सहायता क्लिनिक स्थापित करने की पहल के लिए संस्कृति विश्वविद्यालय की सराहना की और छात्रों से कानूनी सहायता गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि सौम्या आनंद ने स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज के छात्रों के साथ प्रश्नावली सत्र में भी भाग लिया। इस सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए अनेक सवाल पूछे, जिनका मुख्य अतिथि ने संतुष्टिपूर्ण जवाब भी दिया और विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि की।
कानूनी सहायता क्लीनिक के उद्घाटन समारोह की शुरुआत एसएलएलएस, संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर हरि मोहन मित्तल के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने वंचित समुदायों को कानूनी सहायता प्रदान करने और जनता के बीच कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने में कानूनी सहायता क्लीनिक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय में कानूनी सहायता क्लीनिक का उद्देश्य कानूनी सेवाओं और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के बीच अंतर को पाटना है। यह क्लीनिक कानून के छात्रों के लिए नि:शुल्क कानूनी सेवाओं के माध्यम से समाज के कल्याण में योगदान करते हुए व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
उद्घाटन समारोह संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज की सहायक प्रोफेसर सुश्री समीक्षा पांडे द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सुश्री सौम्या आनंद को उनके व्यावहारिक व्याख्यान के लिए और सभी उपस्थित लोगों को स्थापना के प्रति उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया।

उत्तर प्रदेश राज्य में लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के तृतीय चरण में चुनाव

मथुरा 04 मई/ उत्तर प्रदेश राज्य में लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के तृतीय चरण में जनपद-आगरा एवं हाथरस तथा जनपद-हाथरस क्षेत्र में जनपद अलीगढ की इगलास विधानसभा सम्मिलित हैं, जिसमें दिनांक 07.05.2024 को मतदान तथा मतगणना के दिन दिनांक 04 जून 2024 को आबकारी दुकानों की बन्दी तथा मादक पदार्थों की बिक्री को प्रतिबन्धित किये जाने से सम्बन्धित आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश शासन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश तथा भारत निर्वाचन आयोग के पत्र के अनुपालन में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-135 (ग) के खण्ड (एक) में यथा उपबन्धित प्राविधान के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जनपद-आगरा, हाथरस एवं अलीगढ जनपद में इगलास विधानसभा से जनपद-मथुरा की सीमावर्ती 08 कि०मी० की परिधि में संचालित समस्त देशी मदिरा, विदेशी मदिरा एवं बीयर तथा भॉग की दुकानें दिनांक 05.05.2024 की सायं 06.00 बजे से दिनांक 07.05.2024 को सायं 06.00 बजे / मतदान समाप्ति तक तथा मतगणना के दिनांक 04.06.2024 को भी पूर्णरूप से बन्द रखने के आदेश दिए है।
उक्त अवधि में बन्दी का कोई प्रतिकर अनुज्ञापीगण को देय नहीं होगा। आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

मातृभारती, कन्याभारती का हुआ गठन, पदाधिकारियों को दिलाई शपथ

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में कन्या भारती व मातृ भारती का गठन किया गया। जिसके अंतर्गत 27 मातृ शक्ति बहनों ने सहभागिता की।
बैठक का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से प्रारंभ हुआ जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की सहप्रबंधिका रेखा माहेश्वरी व प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद जी द्वारा की गई। जिसमें उन्होंने बालिका के चरित्र निर्माण पर जोर दिया छात्रा के चरित्र निर्माण में माता की भूमिका को बताते हुए मातृ भारती के कार्यों व दायित्वों का बोध कराया बालिका राष्ट्र का भविष्य है अगर बालिका को वैचारिक, शारीरिक, मानसिक रूप से सुधारना होगा, तभी एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकेगा।
बैठक में माता ने भी विभिन्न विषयों धर्म समाज व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य सोशल मीडिया के उपयोग व दुष्परिणाम समाज राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व देशभक्ति भाव पर अपने विचार साझा किये। मातृ भारती के अध्यक्ष के रूप में चित्रा, उपाध्यक्ष इंदिरा, मंत्री किरण, सह मंत्री रिंकी का चुनाव किया गया। साथ ही बालिका की नैसर्गिक मनोवैज्ञानिक भावात्मक एवं संस्कारों से निर्मित विकास के लिए विद्यालय में कन्या भारती का भी गठन किया गया, जिससे बालिकाओं में परस्पर सहयोग समन्वय स्वावलंबन संवाद आदि कुशलताएं विकसित हो ऐसा लक्ष्य बनाया गया।
कन्याभारती भारतीय दर्शन में मेघा सारस्वत, व्रत पर्व उत्सव में योगिता, पर्यावरण सुरक्षा में ध्वनि, राष्ट्रबोध परिषद में राशि, परिवार प्रबोधन में नीलम, ललितकला में खुशी, कौशल विकास एवं स्वसुरक्षा परिषद में दिव्या एवं निकिता, जीवनचर्या एवं जीवनशैली में टीना सैनी को प्रमुख बनाया गया।
बैठक की समाप्ति पर पदाधिकारियों द्वारा शपथ ली गई साथ ही यह संकल्प किया गया कि आने वाले समय में एक ऐसी टीम का निर्माण किया जाये जो समाज में राष्ट्रभक्ति, सामाजिक दायित्व एवं पारिवारिक कर्तव्य की भावना भर सके साथ ही सुन्दरता व सज्ज्नता से आगे बढ़े।
कार्यक्रम का संचालन कुसुम सैनी व रमा शर्मा के द्वारा किया गया।
प्रबंध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, बाॅकेबिहारी शर्मा, विश्वनाथ गुप्ता, रेखा माहेश्वरी, मंयक मृणाल, महेश अग्रवाल एवं प्रधानाचार्य डाॅ अंजू सूद ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए पदाधिकारियों को बधाई दी।

वीपीएस में हुआ साइक्लोथॉन रेस प्रतिस्पर्धा का आयोजन

वृंदावन। मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में कक्षा प्री प्राइमरी से यूकेजी के बच्चों के लिए साइक्लोथॉन रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी बच्चों ने मनोरंजन व आनंद के साथ भाग लिया। बच्चों की साइकिलों को रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। रेस का आरंभ हरी झंडी दिखाकर किया गया।
रेस शुरुआत होते ही बच्चों के उत्साह व जोश का ठिकाना नहीं रहा। एक दूसरे से जीतने की प्रतिस्पर्धा ने उनका मनोबल बढ़ाया। मैदान में उपस्थित सभी गुरुजनों ने तालियां बजाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
इस साइक्लोथॉन रेस का मुख्य उद्देश्य खेलकूद व स्वास्थ्य की प्रति बच्चों को जागृत करना था। कार्यक्रम में स्वेका राज, सपना शर्मा, ज्योति शर्मा, राधा प्रजापति, भारती शर्मा, शिवानी, पंकज, तान्या मौजूद रहे। रेस में प्री प्राइमरी से प्रथम स्थान प्राप्त कर कार्तिकेय स्वर्ण पदक व सुदर्शन ने द्वितीय स्थान प्राप्त पर रजत पदक प्राप्त किया। एलकेजी से विहान ने स्वर्ण पदक, स्तुति ने रजत पदक, अथर्व ने कांस्य पदक जीता। यूकेजी से वेद ने ओवर ऑल ट्राफी जीत कर स्वयं को गौरवान्वित किया। वैभवश्री ने रजत पदक व वर्तिका ने कांस्य पदक हासिल किया।

मैप विजार्ड प्रतियोगिता ने की छात्रों की भौगोलिक ज्ञान में वृद्धि

वृंदावन। पुस्तक के ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी छात्रों के बौद्धिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में सामाजिक अध्ययन विषय पर आधारित मैप विजार्ड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
जिसमें तीन चरणों के मध्य में से छात्रों से भारत के विभिन्न भौगोलिक स्थान की जानकारी ली गई। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपने बुद्धि कौशल से निर्णायक मंडल को अनूठा अनुभव करवाया। प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 तक के वर्ग में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर क्रमश: स्पर्श, विनय सैनी व कृष्णा रहे। वहीं वर्ग 9 से 12 में क्रमश: कामिनी, नंदिनी व शालू ने बाजी मारी। प्रधानाचार्य प्रदीप शर्मा ने विजई प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। इस आयोजन के सफल संयोजन में सामाजिक अध्ययन विभाग के सदस्य रागिनी श्रीवास्तव, दिशी गोस्वामी, गार्गी, अभिलाषा सारस्वत, शिवांगी हरियाणा और निधि गौर ने सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

विशेष ट्रेनों का आगरा कैंट स्टेशन पर ठहराव और मथुरा स्टेशन पर समय में संशोधन किया है।

रेल प्रशासन द्वारा सर्व साधारण को सूचित किया जाता है की गाडी संख्या -06225/06226 हुब्बली जं.-योग नगरी ऋषिकेश- हुब्बली जं. ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनों का आगरा कैंट स्टेशन पर ठहराव और मथुरा स्टेशन पर समय में संशोधन किया है। जिसका विवरण इस प्रकार हैं-

गाडी संख्या 06225
हुब्बली जं.-योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन गाडी संख्या – 06226
योग नगरी ऋषिकेश -हुब्बली जं.
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

  • 21.45 सोमवार हुब्बली जं. 17.30 शनिवार *
    07.55 08.00 आगरा कैंट 02.35 02.40
    08.43 08.45 मथुरा जं. 01.48 01.50
    18.45 बुधवार * योग नगरी ऋषिकेश * 17.55 गुरुवार