Friday, June 27, 2025
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भगवान दास को के.डी. हॉस्पिटल में मिली किडनी कैंसर से निजातकैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने की सफल सर्जरी

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने एक ऐसे इंसान का जीवन बचाया है जिसकी सर्जरी करने से ही मथुरा के कुछ डॉक्टरों ने मना कर दिया था। डॉ. माथुर ने जन्मजात एक किडनी के साथ पैदा हुए जगनेर, आगरा निवासी भगवान दास (54) पुत्र रामनिवास की किडनी से कैंसरग्रसित गांठ निकाल कर उसे नई जिन्दगी दी है। भगवान दास की पेशाब न आने की समस्या पूरी तरह से सही हो गई है तथा स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है।
जानकारी के अनुसार भगवान दास कई दिनों से पेशाब न होने की समस्या से परेशान था। कुछ दिन पहले उसके पेशाब के रास्ते खून भी आया था। भगवान दास को मथुरा के कुछ चिकित्सालयों में दिखाया गया, वहां जांचें भी करवाई गईं लेकिन जांच रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सकों ने इलाज से मना कर दिया तथा दिल्ली ले जाने की सलाह दी। 24 घण्टे से पेशाब न होने तथा पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होने से भगवान दास को 24 अप्रैल को उनके बड़े भाई संतोष कुमार के.डी. हॉस्पिटल लाए। यहां के चिकित्सकों ने मरीज की जांच रिपोर्टें देखने के बाद विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से परामर्श लेने की सलाह दी।
डॉ. माथुर ने सबसे पहले मरीज की सीटी स्कैन कराई। सीटी स्कैन देखने से पता चला कि भगवान दास तो एक ही किडनी से जी रहा है। एकमात्र किडनी में भी बड़ी गांठ है। मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. माथुर ने परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा आंशिक नेफरेक्टोमी सर्जरी की गई। सर्जरी में गुर्दे का लगभग एक चौथाई कैंसर संक्रमित हिस्सा हटाकर बाकी गुर्दे को सुरक्षित रखा गया। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. प्रवीण अग्रवाल, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. दलवीर, डॉ. बाली, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, डॉ. पुष्पेन्द्र, ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में ऐसे कम मामले देखने को मिलते हैं। यह मामला पेशाब सम्बन्धी विकार के साथ ही कैंसर समस्या से गम्भीर हो गया था। डॉ. माथुर का कहना है कि अब भगवान दास सामान्य जीवन जिएंगे क्योंकि मरीज की सर्जरी के बाद रिकवरी बहुत जल्दी हो रही है। इस मामले में भगवान दास का कहना है कि जब मुझे अपनी बीमारी के बारे में पता चला तो मैं आशंकित था, लेकिन डॉ. मयंक माथुर ने मुझे उम्मीद दी कि सब ठीक होगा। अब मैं इस बात से हैरान हूं कि कितनी जल्दी ठीक हो रहा हूं। भगवान दास कहते हैं कि उन्हें जो नया जीवन मिला है, उसके लिए वह चिकित्सकों, नर्सेज तथा के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन के आभारी हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा भगवान दास के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः भगवान दास और उसका ऑपरेशन करने वाले विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर एवं उनकी टीम।

राजीव एकेडमी के छह विद्यार्थियों का उच्च पैकेज पर चयन7.20 लाख रुपए सालाना वेतन पर हाइक एज्यूकेशन में देंगे सेवाएं

मथुरा। अपनी उच्चस्तरीय शिक्षा प्रणाली तथा उपलब्धियों के लिए साल भर चर्चा में रहने वाले राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए, बीबीए तथा बी-ईकॉम के छह विद्यार्थियों का 7.20 लाख रुपए सालाना पैकेज पर लीडिंग एज्यूकेशन टेक्नोलॉजी कम्पनी हाइक एज्यूकेशन में चयन हुआ है। उच्च पैकेज पर मिले इस शानदार अवसर से विद्यार्थी ही नहीं अभिभावक भी खुश हैं।
ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि विगत दिनों हाइक एज्यूकेशन कम्पनी के पदाधिकारियों द्वारा राजीव एकेडमी में कैम्पस प्लेसमेंट प्रक्रिया के तहत छात्र-छात्राओं का बौद्धिक मूल्यांकन किया गया। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कार्तिक सारस्वत, अवनीत ओबेरॉय, दिवाकर भारद्वाज, प्रियांशी शर्मा, लक्ष्य शर्मा तथा प्रताप सिंह को रुपये 7.20 लाख के पैकेज पर कम्पनी में सेवा का अवसर प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने बताया कि विद्यार्थियों का आईक्यू टेस्ट लेने से पहले कम्पनी पदाधिकारियों ने बताया कि इस कम्पनी की स्थापना 2014 में हुई
अपनी स्थापना वर्ष से ही कम्पनी एज्यूकेशन एडमिनिस्ट्रेशन प्रोग्राम संचालित कर रही है। इतना ही नहीं लगातार प्लेसमेंट के माध्यम से मेधावी छात्र-छात्राओं को उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर भी दे रही है। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्थान की उच्चस्तरीय शैक्षिक गतिविधियों को देते हुए कहा कि शिक्षा पूरी करने से पहले इस तरह की उपलब्धि उनके लिए किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं है। छात्रों ने कहा कि यह सफलता मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे अभिभावकों के लिए भी एक तरह से खुशी का बड़ा पैगाम है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह संस्थान की गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा बच्चों की मेहनत का सुफल है। उन्होंने कहा कि उच्च पैकेज पर प्लेसमेंट होने से बच्चों को स्वयं तो संतुष्टि मिलती ही है, अभिभावकों की खुशी का ठिकाना भी नहीं होता। आखिर हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज का विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ उच्च पैकेज पर जॉब पाने के लिए अलग से परिश्रम करता है, प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी करता है।
निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी छात्रहित को ध्यान में रखते उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण, नवीनतम तकनीकी संसाधन जुटाने तथा युवा पीढ़ी के करिअर निर्माण में सही दिशा-निर्देश देने को प्रतिबद्ध है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि विद्यार्थी प्लेसमेंट प्रक्रिया में खरा उतरने के बाद मनमाफिक प्लेसमेंट मिलने से प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। हमें अपने विद्यार्थियों पर गर्व है कि वे प्लेसमेंट पाकर राजीव एकेडमी को लगातार गौरवान्वित कर रहे हैं।
चित्र कैप्शनः कैम्पस प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान छात्र-छात्राओं का बौद्धिक मूल्यांकन करते हुए हाइक एज्यूकेशन कम्पनी की पदाधिकारी।

आरआईएस के छात्र-छात्राओं को बताए डिजिटल खतरों से बचने के उपायभावी पीढ़ी को साइबर सुरक्षा की जानकारी होना बहुत जरूरी

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज के आडिटोरियम में गुरुवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा के उपाय बताए गए। मुख्य अतिथि डॉ. बबीता सिंह चौहान प्रेसीडेंट स्टेट वूमेन्स कम्युनिकेशन (उत्तर प्रदेश) ने कहा कि आज के समय में इंटरनेट किशोरों के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, इससे उनके सामने डिजिटल खतरों की सम्भावना बढ़ गई है। हम भावी पीढ़ी को साइबर सुरक्षा की जानकारी देकर ही इस वैश्विक समस्या से निजात पा सकते हैं।
गुरुवार को सिंधी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा रजिस्टर्ड मिशन स्माइल ट्रस्ट के साथ मिलकर राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा स्टूडेंट्स सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. बबीता सिंह चौहान ने छात्र-छात्राओं को सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं, जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार, फिशिंग, साइबरबुलिंग तथा डेटा उल्लंघनों जैसे साइबर खतरों की जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन सामग्री, गोपनीयता सेटिंग्स, व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की सलाह दी। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आजकल हमारी दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा डिजिटल दुनिया से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया आदि सभी चीजें ऑनलाइन होती हैं। साइबर सुरक्षा की जानकारी के अभाव में लोग साइबर अपराधों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में यदि स्कूली स्तर से ही छात्र-छात्राओं को साइबर खतरों से आगाह किया जाए तो एक बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैम मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा हमारे देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। सुरक्षित साइबर स्पेस के बिना कोई भी व्यवसाय प्रभावी ढंग से संचालित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है। परिवार ऑनलाइन सुरक्षा को हम बातचीत का नियमित विषय बनाकर एक बड़ी समस्या से बच सकते हैं। चेयरमैन श्री अग्रवाल ने कहा कि सतर्कता, जिज्ञासा और निरंतर सीखने की मानसिकता ही हमें साइबर खतरों से बचा सकती है।
समापन अवसर पर स्कूल हेड प्रिया मदान ने कार्यक्रम में पधारे आगंतुकों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने साइबर सुरक्षा को लेकर जो जानकारी हासिल की है, उसे अपने दैनिक जीवन में अमल में जरूर लाएं। अंत में सिंधी वेलफेयर सोसाइटी की प्रेसीडेंट गीता नथानी एवं जनरल सेक्रेटरी अनिता चावला एडवोकेट ने स्टूडेंट्स सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक-दूसरे से सीखकर, आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके ही एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाना सम्भव है।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा की जानकारी देते हुए मुख्य अतिथि डॉ. बबीता सिंह चौहान। मुख्य अतिथि को बिहारी जी की प्रतिकृति भेंट करते हुए स्कूल हेड प्रिया मदान।

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के सात छात्रों का उच्च पैकेज पर चयनप्रीतम फार्मा इंटरनेशनल रुड़की में करेंगे प्रोडक्शन और क्वालिटी कंट्रोल

मथुरा। ब्रज मण्डल के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में शुमार राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के सात डी.फार्मा छात्रों का देश की नामचीन फार्मास्युटिकल कम्पनी प्रीतम फार्मा इंटरनेशनल रुड़की (उत्तराखंड) में उच्च पैकेज पर चयन हुआ है। चयनित छात्र प्रोडक्शन एवं क्वालिटी कंट्रोल विभाग में अपनी सेवाएं देंगे। चयनित छात्रों ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्थान के शिक्षकों के मार्गदर्शन को दिया है।
संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट अधिकारी प्रो. पवन पाण्डेय ने बताया कि बीते दिनों फार्मास्युटिकल कम्पनी प्रीतम फार्मा इंटरनेशनल रुड़की के पदाधिकारियों द्वारा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में कैम्पस प्लेसमेंट प्रक्रिया सम्पन्न की गई। कम्पनी पदाधिकारियों ने छात्र-छात्राओं के बौद्धिक मूल्यांकन के लिए उनकी लिखित परीक्षा ली। उसके बाद उनका साक्षात्कार लिया गया। साक्षात्कार के बाद प्रीतम फार्मा इंटरनेशनल रुड़की की विभागीय अधिकारी मोनिका त्यागी ने रोहित, नीरज कुमार, लक्की बघेल, प्रवीण कुमार, अनुज कुमार, ब्रजेश कुमार यादव तथा राजीव कुमार के चयन पर अपनी मुहर लगाई।
ज्वाइनिंग लेटर प्रदान करने से पहले मोनिका त्यागी ने छात्रों को संस्थान की कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रीतम इंटरनेशनल की परिचालन राजस्व सीमा 600 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने छात्रों को कम्पनी के प्रोडक्शन एवं क्वालिटी कंट्रोल विभाग की भी जानकारी दी। शिक्षा पूरी करने से पहले मिले इस शानदार अवसर से छात्र प्रसन्न हैं। चयनित छात्रों का कहना है कि हर व्यक्ति स्वयं तथा अपने परिवार के लिए जॉब करना चाहता है। यह अवसर उनके सपनों को साकार करेगा तथा करियर में स्थायित्व लाएगा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने चयनित छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। चेयरमैन डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि फार्मेसी के क्षेत्र में नौकरियों के असीम अवसर हैं। उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में लगातार ग्रोथ बढ़ रही है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बीते वर्षों में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने ड्रग इंस्पेक्टर के पदों पर भी सफलता हासिल की है। यह संस्थान के लिए गौरव की बात है कि समूचे उत्तर प्रदेश में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के विद्यार्थी बतौर ड्रग इंस्पेक्टर कार्यरत हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने चयनित छात्रों के लिए इसे बड़ी उपलब्धि मानते हुए कहा कि जो छात्र लगन और मेहनत से प्रयास करेंगे उन्हें सफलता मिलना तय है। निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने बताया कि प्रीतम फार्मा इंटरनेशनल रुड़की का ख्यातिनाम कम्पनियों में शुमार है। प्रो. चोपड़ा ने सभी छात्रों को बधाई देते हुए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी हैं।
चित्र कैप्शनः कैम्पस प्लेसमेंट के बाद चयनित होने की खुशी जताते छात्र।

मातृ दिवस पर आरआईएस के नन्हे-मुन्नों ने अपनी प्रस्तुतियों से मोहा मनतू कितनी अच्छी है, कितनी भोली है मां, गीत पर हर कोई हुआ भावविभोर

मथुरा। शनिवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मातृ दिवस पर छात्र-छात्राओं ने ममतामयी मां की महत्ता पर मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर हर किसी का दिल जीत लिया। नौनिहालों ने जैसे ही तू कितनी अच्छी है, कितनी भोली है माँ, गीत सुनाया हर कोई भावविभोर हो उठा। मातृ दिवस का शुभारम्भ बच्चों की गणेश वंदना तथा मुख्य अतिथि रेणुका गोस्वामी फाउंडर निमाई पाठशाला, विशिष्ट अतिथि गीतांजलि शर्मा (यश भारती अवॉर्ड विनर, प्रसिद्ध लोक गायिका, कत्थक नृत्यांगना) एवं प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
श्रीगणेश वंदना तथा केक कटने के पश्चात नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से उपस्थित अतिथियों और अभिभावकों का दिल जीत लिया। प्राइमरी के छात्र-छात्राओं ने माताओं को समर्पित नृत्य नाटिका तथा अपनी कविताओं, भाषण व गीतों में दर्शाया कि मां अनमोल खजाना है, जिसके आगे सभी खजाने व्यर्थ हैं। दुनिया की सारी दौलत देकर भी मां का प्यार नहीं खरीदा जा सकता। मातृ दिवस पर किसी ने मां के लिए गुलदस्ता बनाया तो किसी ने मां की ममता को शब्दों में पिरोया। कोई मां की दी सीख को साझा करता दिखा तो किसी ने मां को भगवान की बनाई सबसे सुन्दर चीज बताया। मनोहारी कार्यक्रमों के बीच नौनिहालों ने जहां अपने-अपने तरीके से मां के प्रति प्यार जताया वहीं उपस्थित मातृशक्ति ने भी बच्चों को लेकर अपने-अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में उपस्थित मातृशक्ति के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के गेम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मातृ दिवस पर मातृशक्ति ने रैंप वॉक कर कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मात-शक्ति को जहां सम्मानित किया गया वहीं नन्हें-मुन्ने बच्चों के कार्यक्रमों की हर किसी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं को मातृ दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सही मायने में मां के चरणों में ही स्वर्ग समाया होता है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी कहा गया है, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी यानी जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने मातृ दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि मां के समान कोई गुरु नहीं तथा मां से बढ़कर इस संसार में कोई दूसरा सहारा नहीं हो सकता। सच कहें तो मां की छत्रछाया में ही जीवन का सुख है। श्री अग्रवाल ने जीजाबाई जैसी माताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि मातृशक्ति ही सृष्टि का आधार है।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने उपस्थित अतिथियों तथा छात्र-छात्राओं को मातृ दिवस की बधाई देते हुए कहा कि माता का गौरव सर्वोपरि है। मां दुनिया का एकमात्र ऐसा शब्द है जिसे किसी परिभाषा की जरूरत नहीं क्योंकि यह शब्द नहीं अहसास है। अंत में उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रतिपल मां के मान-सम्मान की सीख दी। कार्यक्रम का संचालन पाखी, एंजल, कृषिका तथा नम्रता ने किया।
चित्र कैप्शनः मां सरस्वती की पूजा तथा केक काटकर मातृदिवस का शुभारम्भ करतीं मुख्य अतिथि रेणुका गोस्वामी तथा गीतांजलि शर्मा एवं अन्य। कार्यक्रम प्रस्तुत करते नन्हें-मुन्ने छात्र-छात्राएं।

के.डी. हॉस्पिटल में कैंसर पीड़ित चंद्रवती को मिला नया जीवनविशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने की मुश्किल सर्जरीचिकित्सकों की टीम ने अण्डाशय और पेट के निचले हिस्से की गांठें हटाईं

मथुरा। चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में ब्रज की विशिष्ट पहचान के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में 19 अप्रैल को जीने की आस छोड़ चुकी वृद्धा चंद्रवती को नया जीवन मिला। जाने-माने विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम ने गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती पत्नी हरी के अण्डाशय, बच्चेदानी तथा पेट के निचले हिस्से की गांठें हटाकर उसे नई जिन्दगी दी है। इस मुश्किल सर्जरी में चिकित्सकों की टीम को लगभग 10 घण्टे लगे। सर्जरी के बाद वृद्धा के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती लगभग एक महीने से असहनीय पेट दर्द, भूख न लगने, खट्टी डकारें आने, जी मिचलाने से बहुत परेशान थी। उसका वजन भी लगातार कम हो रहा था। वृद्धा की गम्भीर स्थिति को देखते हुए परिजन उसे 15 अप्रैल को के.डी. हॉस्पिटल लाए तथा विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से मिले। डॉ. माथुर ने मरीज की आवश्यक जांचें कराईं जिनसे पता चला कि उसके अण्डाशय के साथ ही पेट और पेट के निचले हिस्से में गांठें हैं। बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. माथुर ने परिजनों को मरीज के ऑपरेशन की सलाह दी।
परिजनों की स्वीकृति के बाद 19 अप्रैल को डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा वृद्धा की साइटोरिडैक्टिव सर्जरी (पोस्टेरियर पेल्विक एक्सेंटेरेशन) की गई। इस सर्जरी में डॉ. माथुर और उनकी टीम द्वारा अण्डाशय, बच्चेदानी के कुछ हिस्से तथा पेट के निचले हिस्से की गांठों को निकाला गया तथा मलाशय और सिग्मॉइट के रास्ते को जोड़ा गया। सर्जरी बहुत जोखिम भरी थी लेकिन चिकित्सकों की सूझबूझ से पूरी तरह सफल रही। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. प्रवीण अग्रवाल, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. दलवीर, डॉ. अनेरी, डॉ. सदाशिव, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू, डॉ. प्रतिमा तथा ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर ने बताया कि अंडाशयी कैंसर मरीज के पेट में फैल चुका था। कैंसर ने बच्चादानी, बड़ी आंत, उल्टे पैर की खून सप्लाई करने वाली नसों तथा पेशाब की थैली को जकड़ लिया था। इसके अलावा कैंसर का संक्रमण पेट की चर्बी वाली झिल्ली में भी पाया गया। डॉक्टर माथुर का कहना है कि इस तरह के जटिल कैंसर का इलाज विशेषज्ञ सर्जन तथा अनुभवी टीम के माध्यम से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की तकनीकी सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन हैं लिहाजा यहां हर तरह की सर्जरी और उपचार सम्भव है। डॉ. माथुर ने बताया कि सर्जरी के बाद वृद्धा चंद्रवती अच्छा महसूस कर रही है। उसे असहनीय पेट दर्द से छुटकारा मिल गया तथा खाना भी खा रही है। डॉ. माथुर का कहना है कि अगर यह ऑपरेशन समय से नहीं होता तो मरीज की हालत और बिगड़ सकती थी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा वृद्धा के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः वृद्धा चंद्रवती तथा उसे नई जिन्दगी देने वाले विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम।

हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय के संरक्षक मदन मोहन धानुका को दी श्रद्धांजलि

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर विद्यालय के संरक्षक मदन मोहन धानुका के आकस्मिक निधन पर विद्यालय परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
सभा में दिवंगत मदन मोहन धानुका की आत्मा की शांति के लिए पुष्पार्चन व प्रार्थना के साथ की गई।विद्यालय के प्रमुख पद्मनाभ गोस्वामी ने उनके जीवन, कार्यों और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हनुमान प्रसाद धानुका परमेश्वरी देवी धानुका व श्याम सुंदर धानुका इन तीनों विद्यालयों के संस्थापक के रूप में मदन मोहन धानुका का साथ व सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। बालिकाओं की शिक्षा के लिए सदैव उत्साह के साथ योगदान दिया।विद्यालय की विषम परिस्थितियों में भी आपका सहयोग ऊर्जा का संचार करता रहा आपका जाना तीनों धानुका विद्यालयों के लिए अपूरणीय क्षति है।विद्यालय की प्रधानाचार्य ने अपने श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि श्री मदन मोहन धानुका जी का विद्यालय के प्रति समर्पण व सेवा भावना सदैव प्रेरणास्रोत रहेगी। उन्होंने विद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
विद्यालय के अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी उनके सादगीपूर्ण जीवन, अनुशासनप्रियता और समाजसेवा के प्रति उनकी निष्ठा को याद किया। संगीताचार्य ने श्रद्धांजलि गीत प्रस्तुत कर दिवंगत आत्मा को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन विद्यालय के आचार्य कृष्ण कुमार तिवारी के द्वारा किया गया। सभा का समापन दो मिनट मौन व कल्याण मंत्र के साथ हुआ।

सभा में उच्च शिक्षण संस्थान विद्या भारती के उपाध्यक्ष प्रकाश, मयंक धानुका सुपुत्र स्वर्गीय मदन मोहन धानुका, राजकुमारी धानुका, हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय के प्रबंधक पद्मनाभ गोस्वामी, परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय के प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, चंद्र प्रकाश द्विवेदी, विश्वनाथ गुप्ता, कमल खंडेलवाल, अशोक अग्रवाल, सोहन झा, बांके बिहारी शर्मा, डॉ अंजू सूद, विपिन शर्मा एवं विजयलक्ष्मी समेत सभी विद्यालय के प्रबंध समिति के सदस्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नई दिल्ली में फहराया परचमनेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत सहित जीती ट्रॉफी

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक और मानसिक क्षमता का नायाब उदाहरण पेश करते हुए नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित 45वीं नेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत सहित चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर समूचे मथुरा जनपद को गौरवान्वित किया। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के सैकड़ों स्कूलों के हजारों छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाई।
कम उम्र में ही छात्र-छात्राओं का सम्पूर्ण मस्तिष्क विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवर्ष ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता विभिन्न शहरों में आयोजित की जाती है। इसी कड़ी में विगत दिवस देश की राजधानी नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में नेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने न केवल सहभागिता की बल्कि कुछ मिनट के अंदर ही सैकड़ों कठिन प्रश्नों के सही उत्तर देकर स्वर्ण, रजत पदक के साथ चैम्पियन ट्रॉफी अपने नाम क
विद्यालय हेड प्रिया मदान ने बताया कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नई दिल्ली में आयोजित ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में आरआईएस के कक्षा 6 के छात्र मानस सारस्वत ने अपनी बौद्धिक क्षमता से जहां चैम्पियन्स ट्रॉफी पर कब्जा जमाया वहीं कक्षा 4 की दर्शिका ने गोल्ड मेडल तथा कक्षा 9 की वैदांशी लवानिया ने सिल्वर मेडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का गौरव बढ़ाया। सुश्री मदान ने मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के ज्ञान और कौशल में इजाफा करना है ताकि बच्चे हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नई दिल्ली में शानदार सफलता हासिल करने वाले मेधावी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि स्कूल-कॉलेजों का उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ब्रेनोब्रेन अबेकस जैसी प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों की गणितीय तथा बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता कोई हो उससे बच्चों को जीत या सीख जरूर मिलती है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने विजेता बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर समस्या का समाधान है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे की गणितीय तथा सीखने की क्षमता को लेकर चिंतित रहते हैं। आरआईएस प्रत्येक बच्चे को जल्दी और प्रभावी ढंग से सीखने, कल्पना करने, ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रशिक्षित करता है ताकि वह अपने मस्तिष्क को पहले से कहीं अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग में ला सकें। श्री अग्रवाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से ही बच्चों का सम्पूर्ण मानसिक तथा बौद्धिक विकास होता है।
चित्र कैप्शनः 45वीं नेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में शानदार सफलता हासिल करने वाले राजीव इंटरनेशनल स्कूल के होनहार विद्यार्थी।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रो. अहरार हुसैन को डीन डॉ. रैनू गुप्ता पटका, पौधा देकर सम्मानित करते हुए।

संस्कृति विवि में उभरती हुई शैक्षिक प्रौद्योगिकियों पर हुई विशेषज्ञ वार्ता
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन द्वारा उभरती हुई शैक्षिक प्रौद्योगिकियों पर एक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय के डीन और जेएमआई, नई दिल्ली के दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के पूर्व निदेशक प्रो. अहरार हुसैन ने भाग लिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में आधुनिक शिक्षा को नया रूप देने में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर ज्ञानवर्धक जानकारी दी।
प्रो. हुसैन ने शिक्षण और सीखने में पहनने योग्य और गैर-पहनने योग्य प्रौद्योगिकियों पर एक उपयोगी व्याख्यान दिया। उन्होंने स्मार्ट डिवाइस, एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म और इमर्सिव वर्चुअल टूल जैसे नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की, कक्षाओं और दूरस्थ शिक्षा वातावरण में उनकी बढ़ती प्रासंगिकता पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे ये प्रौद्योगिकियां निकट भविष्य में शैक्षिक पहुँच, जुड़ाव और वितरण को फिर से परिभाषित करेंगी।
इस कार्यक्रम में सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने भाग लिया, जिन्होंने आगे की सोच वाली शैक्षणिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस पहल की सराहना की। उन्होंने छात्रों को तकनीक से प्रेरित दुनिया के लिए तैयार होने के दौरान सूचित और अभिनव बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया। सत्र की शुरुआत डॉ. पूनम गुप्ता के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने कार्यक्रम की समन्वयक के रूप में भी काम किया। मुख्य अतिथि प्रो. अहरार हुसैन को डीन डॉ. रैनू गुप्ता द्वारा पटका और एक पौधा देकर सम्मानित किया गया। प्रो. डॉ. सरस्वती घोष ने अतिथि वक्ता का परिचय कराया और डॉ. निशा चंदेल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। डीन डॉ. रैनू गुप्ता ने भी छात्रों के साथ अपने आशीर्वाद और प्रेरक शब्द साझा किए। कार्यक्रम का समापन शानदार तरीके से हुआ, जिससे छात्रों और शिक्षकों को शिक्षा में प्रौद्योगिकी को सार्थक और नैतिक रूप से एकीकृत करने के नए दृष्टिकोणों से समृद्ध किया गया।

डिग्रियां मिलते ही भावी दंत चिकित्सकों के खिले चेहरेके.डी. डेंटल कॉलेज में हर्षोल्लास से मना दीक्षांत समारोह137 यूजी तथा पीजी छात्र-छात्राओं को प्रदान की डिग्रियां

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में उत्साह और उमंग के बीच शनिवार शाम हुए दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री अवॉर्डी प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा, प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी आदि ने जैसे ही बीडीएस तथा एमडीएस के छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कीं भावी दंत चिकित्सकों के चेहरे खुशी से झूम उठे। दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा विद्या की आराध्य देवी की पूजा-अर्चना कर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने भावी दंत चिकित्सकों से निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से राष्ट्र कल्याण के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया तथा जीवन में उतार-चढ़ाव को सामान्य तरीके से लेने की सलाह दी। डॉ. वर्मा ने कहा कि सेवा का उद्देश्य करियर के विकास के लिए तैयार होने में मदद करेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से समय प्रबंधन के प्रति सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी युवा स्नातकों को बधाई दी तथा उन्हें अपने जीवन में नैतिक, मानवीय और समर्पित होने के लिए प्रेरित किया।
प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, डीन, डेंटल फैकल्टी, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ तथा प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, डीन, एसजीटी डेंटल साइंसेज, गुरुग्राम ने भी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा ने अपने संदेश में कहा कि भारतीय दंत चिकित्सा पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी इस शिक्षा का उपयोग बिना किसी भेदभाव के पूरी मानवता के साथ करें। जो लोग ईमानदारी से सेवाभाव के साथ काम करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता अवश्य मिलती है। डॉ. चंद्रा ने कहा कि दंत चिकित्सा पेशा बहुत शानदार पेशा है लिहाजा हमेशा सक्रिय रूप से सीखने में संलग्न रहें।
प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी ने छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र बदलाव के दौर से गुजर रहा है लिहाजा हमें अपने आपको हमेशा अपडेट रखना चाहिए। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं से जीवन में सेवाभाव को मूलमंत्र मानने की सलाह दी। दीक्षांत समारोह में 120 यूजी तथा 17 पीजी सहित कुल 137 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं।
डॉ. अजय नागपाल, डॉ. अतुल सिंह, डॉ. विनय मोहन आदि ने स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कर उनकी हौसलाअफजाई की। डॉ. रामबल्लभ उपाध्याय ने जहां मुख्य अतिथि का परिचय दिया वहीं डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, डॉ. श्रेय और डॉ. सुषमा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. नवप्रीत कौर ने भावी दंत चिकित्सकों को सेवाभाव की शपथ दिलाई। दीक्षांत समारोह की सफलता में डॉ. सिद्धार्थ, सिसोदिया, डॉ. अनुज गौर, डॉ. अनुश्री, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जुही, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, स्टूडेंट क्वार्डिनेटर मनीष मिश्रा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अंत में डॉ. उमेश चंद्रा ने सभी का आभार माना।
चित्र कैप्शनः मुख्य अतिथि पद्मश्री अवॉर्डी प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा से उपाधि ग्रहण करती पीजी छात्रा साथ में हैं प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी। दूसरे चित्र में उपाधियां मिलने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करते छात्र-छात्राएं।