Thursday, June 26, 2025
Home Blog Page 9

माँ के अपार प्रेम, त्याग व सम्मान को नमन करने का पर्व है मातृ दिवस-हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मनाया गया मातृदिवस

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मातृदिवस पर एक विशेष और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 150 माताओं की आरती कर मातृ दिवस मनाया गया। विद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सभी बालिकाओं ने अपनी माता की आरती उतारी, कुमकुम चंदन तिलक लगाकर पुष्प वर्षा की और माताओं के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। छात्रा यशी शर्मा ने मां पर कविता पाठ प्रस्तुत किया। कक्षा छठी की छात्राओं ने मैं छाया तेरी गीत के माध्यम से नृत्य प्रस्तुत कर अपने भावों को व्यक्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रबंध समिति से रेखा माहेश्वरी, डॉ प्रमोद सिंह व प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ने माताओं को भावविभोर कर दिया और मां के प्रति सम्मान की भावना को और भी प्रगाढ़ किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्य शालू तिवारी के द्वारा किया गया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य ने मातृशक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मां केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक संपूर्ण भाव है, जिसमें संसार का सारा प्रेम समाहित है। उन्होंने माताओं को उनके त्याग और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर प‌द्मनाभ गोस्वामी, विश्वनाथ गुप्ता, उमेश शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने सभी माताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मातृ दिवस की शुभकामनायें दी।

संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति ने किया मथुरा नराकास का सफल निरीक्षण

मथुरा l दिनांक 7 मई 2025 को संसदीय समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति द्वारा मथुरा नराकास (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) का सफल निरीक्षण किया गया|
दिल्ली के अशोका होटल में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली और आस पास के चार नराकास अध्यक्ष कार्यालय और सदस्य कार्यालयों का निरीक्षण उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया गया | आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति के अध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब (सांसद) व उनकी छह सदस्यीय टीम ने निरीक्षण कर सभी कार्यालयों को राजभाषा के उपयोग को बढ़ाने की सलाह दी| मथुरा नराकास के निरीक्षण के दौरान नराकास अध्यक्ष श्री मुकुल अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख, मथुरा रिफाइनरी ने समिति के सभी सदस्यों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया| अपने स्वागत सम्बोधन में श्री अग्रवाल ने मथुरा नगर की महिमा व मथुरा नराकास द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया| उन्होने कहा कि मथुरा नराकास के सदस्य कार्यालय अपने आधिकारिक कामों में राजभाषा का उचित उपयोग कर रहे हैं साथ ही वार्षिक कार्यक्रम के आधार पर बैठकें, संगोष्ठी, प्रतियोगिताएं आदि नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं|
बैठक में अध्यक्ष कार्यालय के अलावा मथुरा नराकास से भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम, द न्यू इंडिया एश्योरंस और केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान का भी निरीक्षण किया गया और इसे संतोषजनक पाया गया| आलेख एवं साक्ष्य उप समिति के अध्यक्ष महोदय ने राजभाषा के वृहद विकास के लिए सभी कार्यालयों से आश्वासन लिया और हिन्दी की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए मार्गदर्शन दिया|
बैठक के अंत में अध्यक्ष मथुरा नराकास श्री मुकुल अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया| संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षण में मथुरा नराकास के अलावा दिल्ली, बुलंदशहर और मुरादाबाद के कुल 27 कार्यालयों का निरीक्षण किया गया|

वृंदावन पब्लिक स्कूल में पूल डे की धूम-ग्रीष्मकालीन अवकाश से पूर्व आयोजित की गई पूल पार्टी-पूल पार्टी में बच्चों ने खूब धमाल मचाया

वृंदावन। गर्मी के मौसम में बच्चों को शीतलता का स्पर्श तथा मनोरंजनात्मक एहसास कराने के लिए वृंदावन पब्लिक स्कूल में कक्षा नर्सरी से पंचम तक के सभी बच्चों के लिए दो दिवसीय (पूल डे) का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने भरपूर आनंद का लुफ्त उठाया । ठंडे-ठंडे पानी के शीतल स्पर्श ने बच्चों का मन मोह लिया। साथ ही सुमधुर संगीतमय वातावरण में रेनडांस के साथ भरपूर मजा किया। बच्चों की खुशी का ठिकाना देखते नहीं बन रहा था। पूल का भरपूर मजा लेने के बाद बच्चों ने मिक्की बाउंसिंग व टाॅय ट्रेन का खूब लुफ्त उठाया। समय-समय पर होने वाली ऐसी गतिविधियाँ बच्चों में शारीरिक व मानसिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। बच्चों के लिए शैक्षिक गतिविधियों के साथ- साथ मनोरंजनात्मक गतिविधियों का भी होना बहुत आवश्यक है। पूल पार्टी का निर्देशन शिक्षिका सपना ने किया।

के.डी. हॉस्पिटल में कैंसर पीड़ित चंद्रवती को मिला नया जीवनविशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर ने की मुश्किल सर्जरीचिकित्सकों की टीम ने अण्डाशय और पेट के निचले हिस्से की गांठें हटाईं

मथुरा। चिकित्सा-शिक्षा के क्षेत्र में ब्रज की विशिष्ट पहचान के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में 19 अप्रैल को जीने की आस छोड़ चुकी वृद्धा चंद्रवती को नया जीवन मिला। जाने-माने विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम ने गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती पत्नी हरी के अण्डाशय, बच्चेदानी तथा पेट के निचले हिस्से की गांठें हटाकर उसे नई जिन्दगी दी है। इस मुश्किल सर्जरी में चिकित्सकों की टीम को लगभग 10 घण्टे लगे। सर्जरी के बाद वृद्धा के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार गणेशरा, मथुरा निवासी चंद्रवती लगभग एक महीने से असहनीय पेट दर्द, भूख न लगने, खट्टी डकारें आने, जी मिचलाने से बहुत परेशान थी। उसका वजन भी लगातार कम हो रहा था। वृद्धा की गम्भीर स्थिति को देखते हुए परिजन उसे 15 अप्रैल को के.डी. हॉस्पिटल लाए तथा विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से मिले। डॉ. माथुर ने मरीज की आवश्यक जांचें कराईं जिनसे पता चला कि उसके अण्डाशय के साथ ही पेट और पेट के निचले हिस्से में गांठें हैं। बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. माथुर ने परिजनों को मरीज के ऑपरेशन की सलाह दी
परिजनों की स्वीकृति के बाद 19 अप्रैल को डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा वृद्धा की साइटोरिडैक्टिव सर्जरी (पोस्टेरियर पेल्विक एक्सेंटेरेशन) की गई। इस सर्जरी में डॉ. माथुर और उनकी टीम द्वारा अण्डाशय, बच्चेदानी के कुछ हिस्से तथा पेट के निचले हिस्से की गांठों को निकाला गया तथा मलाशय और सिग्मॉइट के रास्ते को जोड़ा गया। सर्जरी बहुत जोखिम भरी थी लेकिन चिकित्सकों की सूझबूझ से पूरी तरह सफल रही। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. प्रवीण अग्रवाल, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. दलवीर, डॉ. अनेरी, डॉ. सदाशिव, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू, डॉ. प्रतिमा तथा ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर ने बताया कि अंडाशयी कैंसर मरीज के पेट में फैल चुका था। कैंसर ने बच्चादानी, बड़ी आंत, उल्टे पैर की खून सप्लाई करने वाली नसों तथा पेशाब की थैली को जकड़ लिया था। इसके अलावा कैंसर का संक्रमण पेट की चर्बी वाली झिल्ली में भी पाया गया। डॉक्टर माथुर का कहना है कि इस तरह के जटिल कैंसर का इलाज विशेषज्ञ सर्जन तथा अनुभवी टीम के माध्यम से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की तकनीकी सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन हैं लिहाजा यहां हर तरह की सर्जरी और उपचार सम्भव है। डॉ. माथुर ने बताया कि सर्जरी के बाद वृद्धा चंद्रवती अच्छा महसूस कर रही है। उसे असहनीय पेट दर्द से छुटकारा मिल गया तथा खाना भी खा रही है। डॉ. माथुर का कहना है कि अगर यह ऑपरेशन समय से नहीं होता तो मरीज की हालत और बिगड़ सकती थी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी तथा वृद्धा के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः वृद्धा चंद्रवती तथा उसे नई जिन्दगी देने वाले विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि के सभागार में आयोजित विशेषज्ञ वार्ता में मुख्य वक्ता के साथ शिक्षक एवं विद्यार्थी।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स द्वारा एंटरप्रेन्योरियल क्लब और इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के सहयोग से “आइडिया से इनकम तक: टैक्स और बिजनेस सेटअप” विषय पर एक विशेषज्ञ कार्यशाला का आयोजन किया गया। विशेषज्ञ वक्ता के द्वारा विद्यार्थियों को वित्तीय क्षेत्र में नवोन्मेष और टैक्स से जुड़ी बारीक जानकारियां दी गईं।
कार्यशाला के दौरान अतिथि वक्ता सीए अतुल अरोड़ा ने विद्यार्थियों को व्यवसाय सेटअप, आयकर और नैतिक कर नियोजन से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाओं का एक संरचित और आकर्षक विश्लेषण प्रदान किया। उन्होंने व्यावसायिक संस्थाओं के प्रकार और उनकी संबंधित कर दरें, नए व्यवसायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीए अरोड़ा ने आयकर की अनिवार्यता से जुड़े वेतन, गृह संपत्ति, पीजीबीपी, पूंजीगत लाभ और अन्य स्रोतों की बारिकियों को समझाया। आयकर की कटौतियों, विभिन्न धाराओं के तहत कौन-कौन सी कटौतियों होती हैं, अनुमानित कराधान योजनाओं, पूंजीगत लाभ कराधान, कर हानि संचयन और हाल ही में बजट 2025 में संशोधन के साथ अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर बड़े सुलझे तरीके से विद्यार्थियों को वक्तव्य दिया। उनके गतिशील वितरण और गहन विशेषज्ञता ने छात्रों को उद्यमशील विचारों को संरचित, आय-उत्पादक उपक्रमों में बदलने के लिए स्पष्ट, व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यशाला में मौजूद संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी ने वास्तविक दुनिया की मांगों के साथ तालमेल बिठाने वाली व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाली कार्यशाला शुरू करने के लिए आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्थायी उद्यम बनाने के लिए छात्रों को वित्तीय और नियामक ज्ञान से लैस करने के महत्व पर जोर दिया। छात्र कल्याण के डीन प्रो. डी. एस. तोमर ने युवा उद्यमियों के लिए कर मानदंडों और अनुपालन ढांचे के बारे में जल्दी जानकारी देने पर जोर दिया। उनके संबोधन में छात्रों के बीच पोषित किए जाने वाले मुख्य मूल्यों के रूप में वित्तीय विवेक और पेशेवर नैतिकता पर प्रकाश डाला गया। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के डीन प्रो. मनीष अग्रवाल ने रणनीतिक कर नियोजन और व्यावसायिक संस्थाओं की कानूनी संरचना की बढ़ती प्रासंगिकता को रेखांकित किया। सत्र की शुरुआत आध्यात्मिक शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई। मुख्य वक्ता सीए अतुल अरोड़ा को पटका और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला का समापन डॉ. शांतम बब्बर, सहायक प्रोफेसर और उद्यमी क्लब के समन्वयक द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि के सेमिनार हाल में स्कूल ऑफ एजुकेशन की डीन डॉ. रैनू गुप्ता मुख्य वक्ता दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य सावन कुमार खन्ना को पौधा देकर सम्मानित करते हुए।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में संस्कृति स्कूल आफ एजूकेशन ने “शिक्षा के वर्तमान दौर में शैक्षणिक व्यावसायिकता” विषय पर एक प्रेरक अतिथि व्याख्यान का सफलतापूर्वक आयोजन किया। अतिथि वक्ता, दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य सावन कुमार खन्ना ने शिक्षक प्रशिक्षुओं और संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए शैक्षणिक व्यावसायिकता के उभरते परिदृश्य पर उपयोगी और अनुभव भभी जानकारियां दीं।
श्री खन्ना ने आज के गतिशील शैक्षणिक वातावरण में शिक्षकों और छात्रों के बीच एक मजबूत संबंध बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षण में व्यावसायिकता अब औपचारिक व्यवहार और नैतिकता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता, अनुकूलनशीलता और डिजिटल योग्यता भी शामिल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षक को स्वयं विषयों से लगातार अपडेट होना पड़ता है। उसकी योग्यता और सफलता उसके इसी परिश्रम पर निर्भर करती है। विद्यार्थियों को जब समयानुकूल ज्ञान हासिल होता है तभी वे प्रतियोगिताओं और चुनौतियों का सही दिशा में सामना कर पाते हैं।
इस सत्र में संस्कृति यूनिवर्सिटी की सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने भाग लिया, जिनकी उपस्थिति ने इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। डॉ. सरस्वती घोष ने विशिष्ट अतिथि का औपचारिक परिचय कराया और उनके स्कूली शिक्षा और नेतृत्व में योगदान पर प्रकाश डाला। अतिथियों के सम्मान की भारतीय परंपरा को कायम रखते हुए, स्कूल ऑफ एजुकेशन की डीन डॉ. रैनू गुप्ता ने श्री खन्ना को पटका ओढ़ाकर और एक पौधा देकर सम्मानित किया।
व्याख्यान का समापन सुश्री शुभ्रा पांडे द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने इस कार्यक्रम की मेज़बान और संकाय समन्वयक के रूप में भी काम किया। कार्यक्रम के सुचारू निष्पादन को सुनिश्चित करने वाले छात्र समन्वयकों में अग्रज, शिवा, दिनेश (बी.ए. बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर), हेमंत (बी.ए. बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर), आयुष कश्यप (बी.एससी. बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर) और अनामिका (बी.ए. बी.एड. छठा सेमेस्टर) शामिल थे।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल हाल में “अलविदा नहीं फेयरवेल पार्टी” का दीप जलाकर शुभारंभ करतीं विवि की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा, साथ में विवि के कुलाधिपति डा.सचिन गुप्ता एवं वरिष्ठ छात्र।

संस्कृति विवि में जूनियर्स ने सीनियर को दी भावभीनी विदाई

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में “अलविदा नहीं फेयरवेल पार्टी” का भव्य आयोजन किय। इस अनूठी पार्टी में विवि से अपनी पढ़ाई पूरी कर जा रहे विद्यार्थियों को विवि के संबंधित शिक्षकों और जूनियर विद्यार्थियों ने भावभीनी विदाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। साथी विद्यार्थियों ने उनके साथ बिताए हुए पलों की याद दिलाकर माहौल को भावुक कर दिया। इस दौरान गीत और संगीत की दिल को छूने वाली प्रस्तुतियों ने जमकर तालियां बटोरीं। ये कोई साधारण शाम नहीं थी, यह एक यादगार एहसास था, जहां दोस्ती, संस्कृति, मस्ती और भावनाओं का खूबसूरत संगम हुआ।
इस भावपूर्ण कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृति विवि के कुलपति डा. सचिन गुप्ता और सीईओ डा.मीनाक्षी शर्मा ने मां सरस्वती की वंदना के मध्य दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण का केंद्र बना संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा.सचिन गुप्ता द्वारा गाया गाना। उन्होंने जैसे ही, “अभी ना जाओ छोड़ कर” लोकप्रिय गीत गाना शुरू किया सारा हाल विद्यार्थियों की तालियों से गूंज उठा। उन्होंने अपने कालेज के दिनों की याद करते हुए अनेक संस्मरण सुनाए। साथ ही विद्यार्थियों को हमेशा बड़ा सपना देखने का मंत्र भी दिया। सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने जीवन की नई शुरुआत के लिए छात्रों को न केवल शुभकामनाएं दीं, बल्कि अपने प्रेरणादायक शब्दों से उन्हें खुद पर विश्वास करने का संदेश भी दिया।
संगीत भरे कार्यक्रम की शुरुआत हुई एंकर के द्वारा प्रस्तुत शेर से। तुरंत बाद स्टेज पर धमाकेदार एंट्री हुई जूनियर्स के हाई-वोल्टेज डांस परफॉर्मेंस हवा-हवाई डांस से, जिसने सबका दिल जीत लिया। छात्रों ने अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए एक यादगार शुरुआत की। इस डांस परफॉर्मेंस ने पार्टी के माहौल को और भी जीवंत बना दिया। छात्रा परी मित्रा ने राजस्थानी लोकनृत्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति की झलक पेश की। हर किसी ने तालियों से इस प्रस्तुति का स्वागत किया। माहौल में जोश इस कदर था कि ऑडिटोरियम की हर दीवार धड़कनों के साथ झूमती महसूस हुई। यूनिवर्सिटी के स्टार सिंगर अश्मित ने “तेरा यार हूँ मैं” जैसे इमोशनल गाने से सीनियर्स की आंखों में नमी और दिलों में दोस्ती की मिठास घोल दी। इस “अलविदा नहीं फेयरवेल पार्टी” में “गेस द सॉन्ग” खेल का आयोजन किया गया, जिसमें सभी छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस खेल में प्रतिभागियों को गीत की कुछ पंक्तियों या धुन को पहचानना होता है और सही उत्तर देने वाले को पुरस्कृत किया जाता है। सभी ने इस खेल का भरपूर आनंद लिया। इस मज़ेदार गेम से सीनियर्स को “आख़िरी बार जीतने” का मौका मिला, जिसे सभी ने पूरे उत्साह से खेला।
थोड़ी ही देर में मंच पर संस्कृति एफएम 91.2 के आरजे जय की दिलकश आवाज गूंज उठी। उनकी जोशीली आवाज़ और रियल लाइफ स्टोरी ने सभी को जोश और जुनून से भर दिया। इसके बाद धमाल मचाया ग्रुप डांस #झूमका गिरा रे… ने, जिसकी ताल पर हर कोई झूम उठा। छात्रा ब्रजबाला के इंग्लिश सॉन्ग पर सोलो डांस परफॉर्मेंस ने भी सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। सीनियर्स ने यूनिवर्सिटी के साथ अपने अंतिम पलों को रैम्प वॉक के ज़रिए जिया। मंच पर उतरीं छात्रा रागिनी, नंदनी, रेखा, प्रीति, किशोरी चौधरी, अनुष्का, वैश्न वी, दीक्षा, महरीन (वाइस प्रेसिडेंट, स्टूडेंट काउंसिल), आनंद प्रताप, लक्ष्य अरोड़ा जैसे छात्र जिन्होंने अपने आत्मविश्वास और अंदाज़ से सभी को प्रभावित किया। डुएट सिंगिंग और छात्रों की तूफानी डांस प्रस्तुति ने समारोह को उत्सव में बदल दिया। युगल संगीत और एकल नृत्य प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा। डांसिंग दीवा के आगमन के साथ ही सभागार की लाइटें डिम कर दी गईं, जिससे वातावरण और भी आकर्षक हो गया। रैंप वॉक की शुरुआत फिर से हुई, लेकिन इस बार प्रतिभागियों का आत्मविश्वास और ऊर्जा देखने के मिली उनसे पूछे गए सवालों के जवाब में। यह एक इंटरैक्टिव और रोमांचक अनुभव था, जिसमें प्रतिभागियों को अपने विचारों और व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने का अवसर मिला।
बॉलीवुड मेशअप और हरियाणवी डांस ने पूरे सभागार का माहौल बदल दिया। आखिर में मिस्टर और मिस फेयरवेल, वर्सेटाइल और टैलेंटेड सीनियर्स को सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। संचालन स्टूडेंड क्लब के अध्यक्ष यश श्रीवास्तव और महरीन ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में छात्रों की टीम में अमित केशरी, दीपिका चौधरी, निखिल, रिया, काव्यांश का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा।

चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में मंच पर आसीन संस्कृति बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) समिति द्वारा आयोजित कार्यशाला के विशेषज्ञ वक्ता।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में संस्कृति बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) समिति द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के महत्व के बारे में छात्रों और संकाय सदस्यों को जागरूक करने के लिए जानकारियां दी गईं और उनको इसको हासिल करने की प्रक्रिया सिखाई गई। यह भी बताया गया कि रचनात्मक कार्यों की रक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईपीआर का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
कार्यशाला के दौरान प्रोफेसर (डॉ.) सरस्वती घोष ने रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने और आविष्कारकों और शोधकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने में आईपीआर की भूमिका पर प्रकाश डाला। संस्कृति विवि में प्रोफेसर, एसओईआईटी डॉ. गरिमा गोस्वामी ने पेटेंट फाइलिंग, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के कानूनी और प्रक्रियात्मक पहलुओं के बारे में सरल तरीके से विस्तार से जानकारी दी में बात की। समिति की सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर, जूलॉजी विभाग की डॉ. नीलम कुमारी ने अकादमिक और वैज्ञानिक अनुसंधान में आईपीआर के उपयोग के वास्तविक जीवन के कई उदाहरण देकर विषय पर चर्चा की। सत्र में विद्यार्थियों और कार्यशाला में भाग ले रहे शिक्षकों ने बौद्धिक संपदा अधिकार समिति से अनेक सवाल कर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यशाला के दौरान पूछे गए सवालों के उत्तरों से विषय और रोचक और आसानी से समझने योग्य बना। प्रतिभागियों ने आईपीआर और अकादमिक और उद्यमशीलता क्षेत्रों में इसकी प्रासंगिकता की बेहतर समझ हासिल की। • विशेषज्ञ वक्ताओं ने छात्रों को अपने काम के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अनुसंधान और नवाचार की खोज करने के लिए प्रेरित किया। उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक थी, और भविष्य में इस तरह के और अधिक जानकारीपूर्ण सत्र आयोजित करने के सुझाव दिए गए।
कार्यशाला के संयोजक संस्कृति संस्कृति स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स (एसओएमसी) विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. आमिर असलम थे। कार्यशाला में पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क सहित बौद्धिक संपदा की गहन समझ प्रदान की गई, साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने और रचनाकारों की सुरक्षा में आईपीआर की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

20 साल बाद रामस्वरूप के पैरों की लौटी ताकतके.डी. हॉस्पिटल में हुई स्पाइन की सफल सर्जरीन्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी के प्रयासों से मिली सफलता

मथुरा। लगभग 20 साल से लाचारी का जीवन जी रहा नगला सखी, राधाकुण्ड, मथुरा निवासी रामस्वरूप पुत्र नानूराम अब बिना किसी सहारे के अपना जीवन-यापन कर सकेगा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी ने चलने-फिरने में असमर्थ हो चुके रामस्वरूप की रीढ़ का सफल ऑपरेशन कर उसके जीवन में खुशहाली लौटाई है। पैरों की ताकत लौटने से रामस्वरूप ही नहीं अब उसका परिवार भी बहुत खुश है।
जानकारी के अनुसार नगला सखी, राधाकुण्ड, मथुरा निवासी रामस्वरूप पुत्र नानूराम लगभग 20 साल से रीढ़ की हड्डी की परेशानी से जूझ रहा था। अज्ञानता के चलते उसने सर्जरी भी नहीं कराई लिहाजा उसके पैर पतले हो गए तथा वह चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो गया। परेशानी बढ़ती देख परिजन उसे एक दिन के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लाए तथा न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी से मिले। डॉ. चौधरी ने मरीज की एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है, इसी वजह से उसके पैरों की ताकत चली गई है तथा उसके पैर पतले हो गए ह
मरीज की खराब स्थिति को देखते हुए डॉ. चौधरी ने ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की सहमति के बाद न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी द्वारा मरीज की रीढ़ का ऑपरेशन किया गया जोकि सफल रहा। इस सर्जरी में डॉ. दीपक चौधरी का सहयोग डॉ. शेख हुसैन, डॉ. धनंजय, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. प्रतिमा तथा टेक्नीशियन राजवीर सिंह एवं संदीप ठाकुर ने किया। अब रामस्वरूप बिना किसी सपोर्ट उठ-बैठ और चल-फिर रहा है तथा उसके पैरों की कमजोरी भी काफी हद तक दूर हो चुकी है। डॉ. दीपक चौधरी का कहना है कि रामस्वरूप को जब के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था तब उसकी स्थिति बहुत खराब थी। सर्जरी के बाद पैरों की ताकत लौटने से वह तथा उसका परिवार बहुत खुश है।
डॉ. दीपक चौधरी का कहना है कि रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन को लेकर लोगों का यह सोचना कि उससे वह लाचार हो जाएंगे बिल्कुल गलत है। स्पाइन सर्जरी को लेकर लोगों को अपनी धारणा बदलनी चाहिए। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में चूंकि हर तरह की व्यवस्थाएं और सुविधाएं अद्यतन हैं लिहाजा यहां किसी भी तरह का ऑपरेशन बिना दिक्कत के सम्भव है। डॉ. चौधरी का कहना है कि यहां स्पेशलाइज्ड स्पाइनल सर्जरी सेण्टर है, इसलिए अब तक जो भी ऑपरेशन हुए हैं, वे पूरी तरह से सफल रहे हैं। यह खुशी की बात है कि यहां दूसरे शहरों और प्रदेशों के मरीज भी चिकित्सा उपचार को आने लगे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने रामस्वरूप की सफल सर्जरी के लिए डॉ. दीपक चौधरी तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः रामस्वरूप तथा उसकी स्पाइन सर्जरी करने वाले न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी व उनकी टीम।

छात्र-छात्राओं को बताईं लिंक्डइन ऑप्टिमाइजेशन की खूबियांराजीव एकेडमी में अभिलाषा हंसोन ने साझा किए अपने अनुभव

मथुरा। लिंक्डइन एक पेशेवर ऑनलाइन उपस्थिति स्थापित करने तथा अपने कौशल और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के सबसे आवश्यक प्लेटफार्मों में से एक है। लिंक्डइन भर्ती करने वालों, भर्ती प्रबंधकों तथा सम्भावित उम्मीदवारों की तलाश करने वाले पेशेवरों का सबसे सुविधाजनक प्लेटफार्म है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित वर्कशॉप में रिसोर्स परसन अभिलाषा हंसोन (सोशल मीडिया मार्केटिंग स्ट्रैटेजिस्ट) ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
लिंक्डइन ऑप्टिमाइजेशन एंड इट्स रोल इन प्लेसमेंट एण्ड करियर एडवांसमेंट विषय पर रिसोर्स परसन अभिलाषा हंसोन ने कहा कि करिअर एडवांसमेंट के लिए यह प्रोफाइल अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि अपनी दृश्यता बढ़ाने और नई नौकरी तलाश करते समय सम्भावित कनेक्शन या नियोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए यह प्रोफाइल बहुत महत्वपूर्ण है। छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि आप अपनी काबिलियत, अपने कौशल, अनुभव और उपलब्धियों को उजागर करके अपनी अहमियत दूसरों (नियोक्ताओं) को बता सकते हैं। इतना ही नहीं आप अन्य उम्मीदवारों से अलग और खास भी बन सकते हैं।
इस प्रोफाइल के आप्टिमाइज करने के प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि आप अपना नाम और पेशेवर पहचानकर्ता, जैसे कि आपकी नौकरी (जॉब) का शीर्षक या उद्योग शामिल करने के लिए अपने लिंक्डइन को यूआरएल लिंक्डइन को कस्टमाइज करें। यह निश्चित करें कि आपका कस्टम यूआरएल संक्षिप्त याद रखने योग्य और अनावश्यक वर्णों या संख्याओं से मुक्त हो। अपने रिज्यूमों, कवर लेटर और अन्य जॉब सर्च सामग्री पर अपना लिंक्डइन यूआरएल शामिल करें। आप सार्थक सोशल मीडिया इंटरेक्शन के लिए समय निकालें इससे इसके प्रदर्शन में सुधार होगा।
रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि यह एक पेशेवर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है जो युवाओं को नौकरी (जॉब) खोजने, व्यावसायिक संबंध बनाने तथा अपने करिअर को आगे बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा आप इससे अपनी कम्पनी के ब्राण्ड का प्रचार भी कर सकते हैं। छात्र-छात्राओं को इस प्रोफाइल के बारे में बताते हुए रिसोर्स परसन ने कहा कि इससे आपको विचारों का अनुसरण करने, अपनी रुचियों से संबंधित समूहों में शामिल होने, चर्चाओं में भाग लेने, औद्योगिक विशेषज्ञों से मिलने तथा उनसे जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रोफाइल का उद्देश्य सकारात्मक पहल और सकारात्मक प्रभाव पैदा करना है। आप अपनी इस प्रोफाइल को अपने व्यक्तिगत ब्राण्ड के सारांश के रूप में सोचें। आपका अनुभव, आपका कौशल और आपकी रुचियां दूसरों को यह अहसास दिला सकती हैं कि आप कौन हैं और आप ऐसे व्यक्ति क्यों हैं जिनसे वे मिलना चाहते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने वर्कशॉप की सराहना करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण को छात्र-छात्राओं की उन्नति की चाबी बताया। निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने वर्कशाप में शामिल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने लिंक्डइन प्रोफाइल को तैयार करने की जो जानकारी हासिल की है, उसे अपने अभ्यास में लाएं। वर्कशॉप का संचालन विभागाध्यक्ष प्रबंधन डॉ. विकास जैन ने किया।
चित्र कैप्शनः वर्कशॉप के बाद छात्र-छात्राओं के साथ रिसोर्स परसन अभिलाषा हंसोन।