Thursday, October 9, 2025
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परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय ने जीते स्वर्ण और रजत पदक

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प्रांतीय कबड्डी की प्रतियोगिता में किया शानदार प्रदर्शन

-विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के बैनर तले हुआ आयोजन

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के द्वारा श्री बच्चू बाबा सरस्वती विद्या मंदिर फिरोजाबाद में आयोजित प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता श्रृंखला अंतर्गत कबड्डी की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-19 वर्ग में स्वर्ण पदक और अंडर-17वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया।
कबड्डी कोच दरेन्द्र कुमार और खेल प्रभारी सतेन्द्र तोमर ने बताया कि कबड्डी का खेल भारत के उन प्रमुख प्राचीन खेलों में से एक है जिनमें खेल उपकरणों की सहायता नहीं ली जाती और खिलाड़ियों की दमखम और रणनीतिक कौशल के आधार पर खेल में हार जीत का फैसला होता है विद्या भारती की प्रतियोगिता में परमेश्वरी देवी धानुका विद्या मंदिर की टीम क्षेत्रीय स्तर तक कबड्डी में उच्च कोटि का प्रदर्शन करती रही है। इस बार भी अंडर-19 वर्ग में रवि कुमार, प्रवीण, दीपक कुमार माधव, सूर्य प्रताप, नवीन कुमार, सौरभ चौधरी, हेमंत शुक्ला और अनिकेत चौधरी की टीम ने फाइनल तक अपना दबदबा बनाये आरखकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। अंडर-17 वर्ग में यश चौधरी, बंसी गौतम, नरेंद्र, अनमोल, कुणाल, हर्ष, राहुल, यश जैन, शिवम और शीतल की टीम बहुत थोड़े अंतर से फाइनल में स्वर्ण से चूक गयी और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। छात्रों की इस सफलता पर विद्यालय परिवार की ओर से प्रधानाचार्य विपिन शर्मा, ललित गौतम ,देवेंद्र गौतम, खेल विभागाध्यक्ष रवींद्र सिंह, आभास अग्रवाल, यतेंद्र प्रताप सिसोदिया, सुजान सिंह, अरविंद सिंह, कैलाश शर्मा आदि ने खिलाड़ियों का अभिनंदन किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए हर्ष व्यक्त किया। प्रान्त के विजेता छात्र आगामी क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में ब्रज प्रांत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

हनुमान प्रसाद धानुका की 22 छात्राओं ने जीते कबड्डी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक

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वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की 22 छात्राओं ने स्वामी बच्चू बाबा सरस्वती विद्या मंदिर, फिरोजाबाद में विद्या भारती पश्चिम उप्र क्षेत्र द्वारा आयोजित प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता अंतर्गत कबड्डी प्रतियोगिता में सहभागिता की। जिसमें छात्राओं ने 22 स्वर्ण पदक जीते।

प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने बताया कि अंडर-14 में छात्रा राधिका, गरिमा, गौरी गौतम, दुर्गेश, नन्दनी, प्रतिज्ञा, रितिका, हिमांशी, केशवी, खुशी, दिशा, साजिया ने स्वर्ण पदक, अंडर-17 में छात्रा बंशिका, आस्था दीक्षित, कृष्णा धनगर, दीपिका, गौरी, वन्दना, मोहिनी, कृतिका, राधिका तोमर, नन्दनी ने स्वर्ण पदक प्राप्त किये।
कबड्डी प्रतियोगिता में विजयी छात्राएँ आगामी सितम्बर माह में क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता हेतु सरस्वती विद्या मंदिर, दीनदयाल धान, फरह में सहभागिता करेंगी।
छात्राओं की सफलता में खेल प्रशिक्षक शीतल वशिष्ठ, सुनील सिंह व कु० भावना सिंह का सहयोग सराहनीय रहा।
विद्यालय प्रबंध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ गुप्ता, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा, उमेश शर्मा आदि ने विजयी छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के होनहारों ने राज्यस्तर पर फहराया परचमलक्ष्य शर्मा ने लखनऊ में हुई स्टेट स्केटिंग में जीता गोल्ड

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युद्धज्ञान राज्यस्तरीय आत्मरक्षा समूह प्रतियोगिता में गौरी ने बढ़ाया गौरव
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के दो होनहार विद्यार्थियों ने राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्णिम सफलता हासिल कर समूचे ब्रज का गौरव बढ़ाया है। विद्यालय के लक्ष्य शर्मा ने राजधानी लखनऊ में हुई छठी ओपन यू.पी. स्टेट प्रमोशनल स्केटिंग चैम्पियनशिप की 500 मीटर रोलर स्केटिंग में गजब का संतुलन और तेज रफ्तार से जहां गोल्ड मेडल अपने नाम किया वहीं हेरिटेज पब्लिक स्कूल वृंदावन में आयोजित युद्धज्ञान राज्यस्तरीय आत्मरक्षा समूह प्रतियोगिता में गौरी उपाध्याय ने स्वर्णिम सफलता हासिल की।
स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने बताया कि उत्तर प्रदेश रोलर स्पोर्ट्स संगठन की देखरेख में जिला रोलर स्केटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन लखनऊ द्वारा आयोजित छठी ओपन यू.पी. स्टेट प्रमोशनल स्केटिंग चैम्पियनशिप में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के पहली कक्षा के छात्र लक्ष्य शर्मा ने 500 मीटर रोलर स्केटिंग में गोल्ड मेडल जीता वहीं गौरी उपाध्याय ने युद्धज्ञान इंडियन स्पोर्ट्स मार्शल आर्ट ऑर्गनाइजेशन द्वारा आयोजित युद्धज्ञान राज्यस्तरीय आत्मरक्षा समूह प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दोनों होनहार बच्चों को आयोजकों द्वारा गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
प्रिंसिपल प्रिया मदान ने दोनों बच्चों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रत्येक बच्चे की रुचि पर ध्यान दिया जाता है और उन्हें कौशल दिखाने के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों प्रतिभागियों के बीच स्केटर्स लक्ष्य ने अपनी रफ्तार, संतुलन और तकनीकी दक्षता से सबको प्रभावित किया वहीं गौरी ने अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा मनवाया। इन दोनों होनहारों की यह उपलब्धि सभी के लिए प्रेरणादायक है। गोल्ड मेडलिस्ट लक्ष्य बताता है कि स्केटिंग मेरे लिए एक अच्छी कसरत है। मैं बैठकर वीडियो देखने के बजाय हमेशा गतिशील रहना पसंद करता हूं। लक्ष्य अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रशिक्षक तथा विद्यालय को देते हुए कहा कि अच्छी तरह से स्केटिंग सीखने से ही मुझे आत्मविश्वास मिला और मैं मेडल जीत सका।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने दोनों होनहार बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपने शैक्षणिक अध्ययन काल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए हर विषय के प्रति जुनून और समर्पण जरूर रखना चाहिए, बिना मेहनत और अभ्यास के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करना मुश्किल है।
आरआईएस के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने दोनों बच्चों को शाबासी देते हुए कहा कि राज्यस्तरीय इस उपलब्धि से समूचा विद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रत्येक बच्चे के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास को प्रतिबद्ध है। विद्यालय की यही प्रतिबद्धता बच्चों के सपनों को पूरा करने में मददगार होती है। राज्यस्तर पर लक्ष्य और गौरी की इस उपलब्धि की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

संस्कृति विवि में ‘गाईडेंस’, ‘काउंसलिंग’ में भी डिप्लोमा करने का मिलेगा मौका

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चित्र परिचयः प्रोफेसर एमबी चेट्टी


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय नित नए-नए और उपयोगी पाठ्यक्रमों को अपने नए सत्र के लिए कैरीकुलम में शामिल कर रहा है। हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने वर्तमान पीढ़ी में बढ़ते तनाव के स्तर को स्वीकार किया है और शैक्षणिक दबाव, सामाजिक अपेक्षाएँ और करियर की अनिश्चितताओं को इनका प्रमुख कारण बताया है। मार्गदर्शन एवं परामर्श में डिप्लोमा इन ज़रूरी ज़रूरतों के प्रत्यक्ष समाधान के रूप में तैयार किया गया है और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल्यों और दृष्टिकोण पर आधारित है।
संस्कृति विवि के कुलपति ने बताया कि इसकी अवधि एक वर्ष होगी और इंटरैक्टिव सत्र द्विभाषी मोड में ऑनलाइन होंगे। यह शिक्षकों, इच्छुक परामर्शदाताओं और चिंतित अभिभावकों को आज के युवाओं की ज़रूरतों को समझने और उनका समाधान करने के लिए आवश्यक योग्यता प्रदान करने में मदद करेगा। शिक्षक और शिक्षाविद अपनी कक्षाओं में पढ़ाते समय परामर्श कौशल का उपयोग करने में कुशल बनेंगे, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेंगे और परामर्श के क्षेत्र में अपना करियर बना सकेंगे। यह उन्हें भावनात्मक समर्थन के साथ युवाओं के व्यवहार को सही दिशा में बदलने में भी मदद करेगा।
आजकल इसकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि युवा कभी-कभी यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें क्या करना चाहिए और गलत आदतों में लिप्त हो जाते हैं। आजकल हर शैक्षणिक संस्थान, उद्योग, निगम को न केवल अपने छात्रों के लिए, बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए भी परामर्शदाताओं की आवश्यकता होती है, इसलिए यह डिप्लोमा परामर्शदाता की नौकरी पाने में भी आपकी मदद करेगा।
शैक्षणिक प्रौद्योगिकी में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
प्रौद्योगिकी में तीव्र प्रगति ने विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला दी है और शिक्षा उनमें से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह एक तथ्य है कि यदि हम समाज में कोई बदलाव लाना चाहते हैं, तो केवल शिक्षा ही एक महत्वपूर्ण साधन की भूमिका निभा सकती है। हालाँकि शिक्षक अक्सर अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं, फिर भी कई शिक्षकों के पास प्रौद्योगिकी का सहज और प्रभावी उपयोग करने हेतु तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव होता है।
यह तीन महीने का ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शिक्षण दक्षता को बढ़ाएगा, शिक्षकों को व्यावहारिक कौशल से लैस करेगा, विविध शिक्षण आवश्यकताओं का समर्थन करेगा और ज्ञान के अंतर को पाटेगा। यह पाठ्यक्रम शिक्षकों को न केवल तकनीकी उपकरणों के उपयोग में कुशल बनाएगा, बल्कि वे 21वीं सदी के शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले आकर्षक और प्रभावशाली ऑनलाइन पाठों को डिज़ाइन और प्रस्तुत करना भी सीखेंगे।

संस्कृति विवि में संस्कृत दिवस पर आयोजित हुआ संस्कृतमय कार्यक्रम

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चित्र परियः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल सभागार में आयोजित संस्कृत दिवस समारोह में भाग लेने वाले छात्र-छात्राएं शिक्षकों के साथ।


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल सभागार में संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के तत्वाधान में ‘संस्कृत दिवस’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पूरी तरह से संस्कृत भाषा में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा की प्राचीनता, दिव्यता और समृध्दशाली पृष्ठभूमि से जुड़ी प्रस्तुतियां देकर उपस्थित लोगों को जागरूक किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. मोहनन एम ने कहा कि इस दिवस का उद्देश्य संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा देना, ऋषि-मुनियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना और भारतीय संस्कृति की प्राचीन भाषाई धरोहर को संरक्षित करना है। भारत सरकार ने 1969 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी, ताकि संस्कृत भाषा के प्रचार और प्रसार को बढ़ावा मिल सके।
संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के शिक्षक सुधिष्ठ कुमार मिश्रा ने बताया कि संस्कृत को सभी भारतीय भाषाओं की जननी और वेदों, उपनिषदों, धार्मिक ग्रंथों, और मंत्रों की भाषा माना जाता है। संस्कृत दिवस इस भाषा के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत ऋषि-मुनि ही हैं, इसलिए इस दिन को ऋषि पर्व और संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। छात्रा दिया, अवंतिका, काजल, नुपूर ने संस्कृत भाषा में मां सरस्वती की अराधना करते हुए वंदना की। छात्रा ने गणेश वंदना और पंचरत्नम का पाठ नीलम भाटी ने किया। छात्रा वंशिका चौधरी ने अपने वक्तव्य में बताया कि संस्कृत को सभी भारतीय भाषाओं की जननी और वेदों, उपनिषदों, धार्मिक ग्रंथों, और मंत्रों की भाषा माना जाता है. संस्कृत दिवस इस भाषा के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। छात्रा जाह्नवी, प्रिया पांडे अपूर्वा ने रुद्राष्टकम का पाठ कर माहौल को संस्कृतमय कर दिया। छात्रा रिया, अंशु ने सुरीले कंठ से विष्णु सहस्त्रनाम का सस्वर पाठ किया। इस बीच छात्र अरुन, ध्रुव, सत्यम, छात्रा दिया, मोनिका, सिमरन, ताशु ने एक लघु नाटिका के माध्यम से भारतीय संस्कृति के महत्व का बखान किया। वहीं छात्र अभिनव और घनश्याम ने लक्ष्मण-परशुराम संवाद को मंच पर बड़ी कुशलता से अभिनीत कर खूब तालियां बटोरीं। छात्र दीपक, छात्रा तुलसी ने शिव स्तुति, छात्रा क्रीमा, अंशिका, दीपिका, तनीषा, खुशी, सलोनी, चंचल, परी, अनुप्रिया, शिवानी श्रेया ने संस्कृत भाषा में विभिन्न प्रस्तुतियां दीं।
अंत में सुधिष्ठा सर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस संस्कृतमय कार्यक्रम का कुशल संचालन अभिषेक वार्ष्णेय ने किया।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सीखी टीचिंग स्किल सीबीएसई के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में वक्ताओं ने साझा किए अनुभव

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मथुरा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्मार्ट लर्निंग आउटकम्स की फ्रेमिंग, प्रभावी पाठ योजनाएं बनाने, नई शैक्षणिक रणनीतियां तैयार करने तथा सीबीएसई के लर्निंग आउटकम्स के अनुरूप छात्र-छात्राओं के मूल्यांकन की विस्तार से जानकारी दी गई। कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद हुआ।
सीबीएसई की इस कार्यशाला में शिक्षक-शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन रिसोर्स परसन कुलभूषण जैद, भावना शर्मा तथा निधि गुलाटी ने किया। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने चर्चा सत्रों और प्रैक्टिकल गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे उन्हें अवधारणा स्पष्टता, कौशल विकास और योग्यता आधारित शिक्षण को और बेहतर तरीके से समझने में मदद मिली। कार्यशाला में कुलभूषण जैद ने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं को टीचिंग स्किल्स की जानकारी दी।
भावना शर्मा और निधि गुलाटी ने शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्किल डेवलपमेंट के बारे में बताया। इन्होंने बताया कि पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य किसी कोर्स की प्रॉपर ट्रेनिंग लेकर खुद में कोई नई स्किल डेवलप करना ही स्किल डेवलपमेंट है। रिसोर्स परसन ने बताया कि छात्र-छात्राओं का कौशल विकास समय की जरूरत है। भावना शर्मा ने शिक्षकों को छात्र-छात्राओं के साथ तारतम्यता बिठाते हुए उनके सर्वांगीण विकास पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से इंक्वारी बेस्ट लर्निंग पर फोकस किया।
निधि गुलाटी ने धैर्य और सहनशीलता पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों को बताया कि किस तरह से वे विभिन्न अधिगम क्षमता वाले छात्र-छात्राओं को एक साथ पढ़ा और सिखा सकते हैं। उन्होंने रियल लाइफ के नए-नए उदाहरणों तथा विद्यार्थियों से रोल प्ले करवाकर शिक्षण के तौर-तरीके बताए। रिसोर्स परसन ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य तथा जवाबदेही के स्तम्भों पर आधारित है। इसका उद्देश्य स्कूल और कॉलेज दोनों में शिक्षा को अधिक समग्र, बहु-विषयक तथा लचीला बनाना है, जो भावी पीढ़ी के सतत विकास के अनुरूप हो।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कार्यशाला को सार्थक बताते हुए कहा कि ज्ञान हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। एक कुशल शिक्षक वही हो सकता है जोकि खुद पढ़ता हो और सीखता हो। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन जरूरी है। ऐसी कार्यशालाओं से शिक्षकों को जहां अपडेट होने का मौका मिलता है वहीं शिक्षा में नयापन आने से छात्र-छात्राओं की भी अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी सभी टीचर्स को होनी चाहिए। स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने सभी वक्ताओं को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में प्रतिभागिता करने वाले रिसोर्स परसन और आर.आई.एस. के शिक्षक और शिक्षिकाएं।

वीपीएस के छात्रों ने लिया औद्योगिक भ्रमण का अनुभव

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वृंदावन। जीवन में अनुभव का होना बेहद जरूर जरूरी है। यह जीवन की पाठशाला में एक ऐसा शिक्षक है, जो हमारे व्यवहारिक ज्ञान में वृद्धि करता है। इसी उद्देश्य की परिकल्पना को साकार करते हुए मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने वृंदावन एग्रो इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड का भ्रमण किया। इसमें उन्होंने कोका-कोला पेय पदार्थ की विस्तृत जानकारी ली।
भ्रमण में उन्होंने इस उत्पाद की निर्माण प्रक्रिया, बिक्री, खरीद, कच्चा माल, गुणवत्ता नियंत्रण, पैकेजिंग, वितरण नेटवर्क, भंडारण प्रबंधन, बाजार मांग, ब्रांड प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी हासिल की। कक्षा 12 से छात्र आशी अग्रवाल व परी अग्रवाल ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए इंडस्ट्री के एच आर संदीप शर्मा से प्रश्नों के माध्यम से उत्पाद और उद्योग के बारे में अनुभव लिया। छात्र दिवस अग्रवाल ने संपूर्ण भ्रमण में अनुभव को अति प्रसन्नता के साथ साझा किया। साथ ही छात्रा कामिनी सैनी ने विद्यालय द्वारा इस प्रकार के भ्रमण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। समस्त छात्र-छात्राओं विद्यालय प्रबंधन के प्रति धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के भ्रमण हमारी क्षमता, रुचि, अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि करते हैं व हमारे करियर में मील का पत्थर बन जाते हैं।
प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी में ज्ञान की पिपासा व जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है। हमारा दायित्व है कि अपने अनुभवों से उन्हें व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाए।
भ्रमण के सफल संयोजन में दिशी गोस्वामी, आदित्य शर्मा, ऋतिक अग्रवाल व शिवानी वर्मा का सहयोग सराहनीय रहा।

प्रांतीय शतरंज प्रतियोगिता में परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय के छात्रों ने जीते पदक

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-विद्या भारती ब्रज प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित हुई प्रतियोगिता

-स्वर्ण पदक जीतने वाले छात्र क्षेत्रीय प्रतियोगिता में करेंगे ब्रज प्रान्त का प्रतिनिधित्व

वृंदावन। विद्या भारती ब्रज प्रदेश द्वारा आगरा स्थित गणेशराम नागर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिताओं की श्रृंखला अंतर्गत आयोजित शतरंज प्रतियोगिताओं में परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर वृंदावन के खिलाड़ी छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी वर्गों में पदक जीतकर विद्यालय को गौरवान्वित किया। विद्यालय के खेल प्रभारी सत्येंद्र तोमर ने बताया कि शतरंज के क्षेत्र में विद्याभारती द्वारा आयोजित विभिन्न प्रांतीय, क्षेत्रीय तथा अखिल भारतीय प्रतियोगिताओं और स्थानीय जिला स्तरीय तथा मंडल स्तरीय टूर्नामेंट में विद्यालय के छात्रों ने हमेशा उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता में ब्रज प्रान्त के सभी प्रमुख विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया। प्रतियोगिता बाल किशोर और तरुण इन तीन वर्गों में विभाजित थी।
अंडर 14 बाल वर्ग में यश कश्यप, शिवाय गुप्ता, सुधांशु सैनी और कौस्तुभमणि ने कांस्य पदक प्राप्त किया जबकि अंडर 17 किशोर वर्ग में कक्षा द्वादश के दाऊ दयाल शर्मा, कक्षा एकादश के दिव्यांश त्रिपाठी, दशम कक्षा के गोपेश सैनी तथा स्पर्श वर्मा और नवीं कक्षा के मयंक भार्गव ने रजत पदक प्राप्त किया।
अंडर-19 तरुण वर्ग में कक्षा द्वादश के प्रभात चौधरी और देवकीनंदन चौधरी, कक्षा एकादश के नैतिक अग्रवाल तथा कक्षा दशम के ब्योम सिंह और माधव गोयल ने प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने प्रतिद्वंदियों को सीधे मुकाबलों में हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
छात्रों की इस उल्लेखनीय सफलता पर विद्यालय परिवार की ओर से प्रबंधक शिवेंद्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन कुमार शर्मा, उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा, देवेंद्र गौतम, राहुल शर्मा, मनोज वार्ष्णेय, रविन्द्र सिंह आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रांतीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र विद्या भारती की क्षेत्रीय प्रतियोगिता में ब्रज प्रान्त का प्रतिनिधित्व करेंगे।

चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रांगणों में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता के दौरान एक रंगोली का प्रदर्शन करतीं छात्राएं और छात्र। साथ में हैं विश्वविद्यालय की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, डा. एकता कपूर, डा. डीएस तोमर

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संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित हुई रंगोली प्रतियोगिता
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रांगणों में देशभक्ति से ओतप्रोत अनेक रंगोलियां बनाकर पूरे परिसर को सजा दिया। इस कार्यक्रम में अनेक छात्रों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय की सीईओ डा.श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई यह रंगोली प्रतियोगिता जहां विद्यार्थियों में उत्साह उत्पन्न करने वाली है वहीं उनके अंदर राष्ट्रीय भावना और अपने झंडे के प्रति लगाव बढ़ाने वाली है। विद्यार्थियों ने जिस तरह से आगे बढ़कर इस प्रतियोगिता में भाग लिया है वह देखते ही बनता है। देश के प्रति अपनी भावनाओं को रंगों से उकेरा है और पूरे विश्वविद्यालय में देशभक्ति का रंग बिखेरा है। वे सभी छात्र और छात्राएं बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
रंगोली प्रतियोगिता का संयोजकत्व डा. एकता कपूर ने किया। उन्होंने रंगोली की थीम बताकर विद्यार्थियों को अपने विचारों और सोच के अनुरू रंगोली बनाने के लिए प्रेरित किया। स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डीएस तोमर ने बच्चों के प्रयासों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस मौके पर संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डा. मोहनन सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अन्तर्गत राष्ट्रीय गौरव की भावना से जोड़ने का था।

जीएलए का पॉलिटेक्निक संस्थान सीईजीआर अवार्ड से सम्मानितजीएलए पॉलीटेक्निक संस्थान को मिला ‘उत्तर भारत का सर्वश्रेष्ठ पॉलिटेक्निक’ का खिताब

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मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का पॉलिटेक्निक संस्थान एक बार फिर उत्कृष्टता का परचम लहरा रहा है। शिक्षा, कौशल विकास और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए शिक्षा संवर्द्धन एवं अनुसंधान केन्द्र (सीईजीआर) ने इसे ‘उत्तर भारत का सर्वश्रेष्ठ पॉलिटेक्निक संस्थान 2025’ के सम्मान से अलंकृत किया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान नई दिल्ली में आयोजित 25वें राष्ट्रीय शिक्षा गौरव सम्मान समारोह में प्रदान किया गया, जहां शिक्षा जगत के अनेक दिग्गज उपस्थित रहे।

यह पुरस्कार संस्थान के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार शर्मा ने ग्रहण किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान संस्थान के प्रबंधन के दूरदर्शी नेतृत्व, शिक्षकों की अथक मेहनत और छात्र-छात्राओं की निरंतर प्रगति एवं अच्छे रोजगार का परिणाम है।”

सीईजीआर देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों का प्रतिवर्ष सूक्ष्म मूल्यांकन करता है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के मूल्यांकन में जीएलए पॉलिटेक्निक ने हर पैमाने पर चाहे वह परिसर नियुक्ति हो, परियोजनाओं की गुणवत्ता, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का आधारभूत ढांचा, अनुभवी शिक्षकों की टीम, उद्योग-आधारित प्रशिक्षण, या उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए।

शैक्षणिक सत्र 2024-25 की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि यह रही कि आयोजित परिसर नियुक्ति अभियान में पॉलिटेक्निक के 92 प्रतिशत छात्र-छात्राओं का चयन 72 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों में हुआ। यह उपलब्धि स्पष्ट करती है कि संस्थान अपने विद्यार्थियों को न केवल उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार भी कर रहा है। चयनित विद्यार्थियों को जिन कंपनियों से नियुक्ति प्रस्ताव प्राप्त हुए, उनमें एक्मे क्लीनटेक सॉल्यूशंस, बालकृष्ण उद्योग, ब्लू स्टार, शिकागो ब्रिज एंड आयरन (मैकडरमोट), कोका कोला, डी पाइपिंग सिस्टम्स, गेट्स इंडिया, एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग, एचएलएस एशिया, केवीबी स्टाफिंग सॉल्यूशंस, मैट ब्रेक्स इंडिया, एमटीएंडटी, राष्ट्रीय इंजीनियरिंग उद्योग (एनबीसी बियरिंग्स), नेपच्यून इंडिया, टेकुमसेह उत्पाद इंडिया, यूफ्लेक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, यूनिवर्सल एमईपी परियोजनाएं एवं इंजीनियरिंग सेवाएं और विप्रो प्रौद्योगिकियां जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

संस्थान का डिप्लोमा पाठ्यक्रम विद्युत चालित वाहन, मैकाट्रॉनिक्स, स्वचालन, मोबाइल अनुप्रयोग विकास, बैटरी निर्माण जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिससे विद्यार्थी व्यावहारिक और उद्योग-उन्मुख ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस उद्देश्य के लिए परिसर में सीएनसी मशीन एवं स्वचालन प्रयोगशाला, उन्नत मशीन कार्यशाला, वाहन प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, यांत्रिकी प्रयोगशाला, अत्याधुनिक वेल्डिंग प्रयोगशाला, सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला, सर्वेक्षण प्रयोगशाला, संगणक प्रोग्रामिंग प्रयोगशाला और पाइथन प्रोग्रामिंग प्रयोगशाला जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

गौरतलब है कि सीईजीआर द्वारा जीएलए पॉलिटेक्निक संस्थान को इससे पहले भी वर्ष 2019 और 2023 में यह सर्वोच्च सम्मान मिल चुका है, और अब 2025 में यह उपलब्धि हासिल करना संस्थान की निरंतर प्रगति का सशक्त प्रमाण है। यह सम्मान संपूर्ण जीएलए परिवार के सदस्यों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता, नवाचार और मेहनत से एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है।