Thursday, October 9, 2025
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संस्कृति विवि में मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुआ ‘दीक्षारंभ 2025’

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चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ 2025 के अंतर्गत विवि में वृक्षारोपण करते नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘दीक्षारंभ 2025’ का आयोजन विधिविधान के साथ हुआ। मंत्रोच्चार के मध्य हवन से उठी पवित्र ज्वाला की तपिश और हवन सामग्री की सुगंध ने विद्यामंदिर के समस्त वातावरण को सुखद बना दिया। नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एक ओर अनुशासन का पाठ पढ़ाया तो दूसरी ओर उनको बताया कि विवि में उनके अध्ययन के लिए किस तरह की विश्वस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।
दो सितंबर तक चलने वाले इस दीक्षारंभ कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय द्वारा नव प्रवेशित बी.फार्मा, डी.फार्मा और एम.फार्मा प्रथम वर्ष के छात्रों को इंटरैक्टिव सत्रों, कार्यशालाओं और गतिविधियों की एक श्रृंखला के माध्यम से उनकी शैक्षणिक यात्रा के लिए तैयार किया गया। फार्मेसी विभाग के डा. हर्ष भारद्वाज ने नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों को ओरिएंटेशन, प्रेरणा और कौशल पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम द्वारा एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण और छात्रों को आत्मविश्वास और उत्साह के साथ विवि में शिक्षा आरंभ करने के लिए तैयार किया गया। कार्यक्रम में नवीन सत्र के विद्यार्थियों को एसपीआरसी के प्राचार्य डॉ. डी. के. शर्मा, संस्कृति
प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट विभाग की डॉ. अर्पणा, डॉ. एस. पटनायक, डा. कल्पना स्वैन, सिनायक कुमार दुबे, और सुश्री वर्षा स्नेही ने विभिन्न विभागों और खेल, मनोरंजन से जुड़ी जानकारियां दीं। दीक्षारंभ कार्यक्रम के दूसरे दिन नवीन सत्र के विद्यार्थियों को परिसर भ्रमण और प्रयोगशालाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। छात्रों को संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी स्कूल में उपलब्ध शैक्षणिक बुनियादी ढाँचे, प्रयोगशालाओं और सुविधाओं से परिचित कराया गया। कार्यक्रम का समन्वय करने वालों में डॉ. कल्पना स्वैन, सुश्री वर्षा स्नेही, डॉ. संतोष चतुर्वेदी, सुश्री श्रद्धा गौतम, सुश्री सुप्रिया दास शामिल रहीं। इसी के साथ बी.एससी. कृषि, एम.एससी. कृषि विज्ञान एवं कृषि
व्यवसाय प्रबंधन प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों ने प्रयोगशालाओं के अवलोकन के साथ-साथ वृक्षारोपण में भी भाग लिया। विद्यार्थियों को पर्यावरण के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। संस्कृति के कृषि विद्यालय की प्रयोगशालाओं के भ्रमण के दौरान उपकरणों और रसायनों के बारे में जानने में विस्तार से जानकारी दी गई।

मथुरा।दिल्ली में कृष्णकुलम स्कूल को मिला ‘बेस्ट स्कूल: एजुकेशनल एक्सीलेंस’ अवॉर्ड।

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नई दिल्ली/मथुरा। दिल्ली में आयोजित इंडियन स्कूल अवॉर्ड्स (30वां संस्करण) में कृष्णकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को ‘Best School: Educational Excellence’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान विद्यालय की ओर से सचिव ई. दीपक मुकुटमणि ने ग्रहण किया।

कृष्णकुलम ने स्थापना से अब तक सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत रिजल्ट देकर नया कीर्तिमान कायम किया है। खेलों में छात्र-छात्राएँ राज्य स्तर पर पदक जीत रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कई विद्यार्थी राष्ट्रीय सरकारी कार्यक्रमों में एंकरिंग कर चुके हैं तथा भारतीय दूतावासों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।

विद्यालय के पूर्व छात्र अब देश सेवा में भी योगदान दे रहे हैं। कई ने NDA और SSC के माध्यम से सेना व अन्य सेवाओं में प्रवेश लिया है, तो कई आईआईटी व मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पाकर तकनीकी व चिकित्सा क्षेत्र में अपना भविष्य संवार रहे हैं।

विद्यालय की शाखाओं का विस्तार अब झारखंड और कोलकाता तक हो चुका है। जूनियर ब्रांच भी शुरू की गई हैं। वहीं, जुलाई 2025 से NH-530B के पूरी तरह चालू हो जाने से मथुरा, हाथरस, वृंदावन और अलीगढ़ से मुख्य शाखा तक पहुँचना आसान हो गया है।

स्कूल में स्काउट्स एंड गाइड्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, आर्ट इंटीग्रेटेड और एक्सपेरिएंशियल लर्निंग जैसी आधुनिक शिक्षण पद्धतियाँ अपनाई गई हैं। इनसे विद्यार्थियों में रचनात्मकता और व्यावहारिक कौशल का विकास हो रहा है।

डायरेक्टर कृष्ण कुमार शर्मा ‘मुन्ना भैया’ ने कहा कि यह सम्मान अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है और पूरे ब्रजमंडल को समर्पित है।
अकादमिक डायरेक्टर पवन इंद्रमणि ने इसे विद्यालय की गुणवत्ता और नवाचार की पहचान बताया।
सचिव ई. दीपक मुकुटमणि ने इसे पूरी टीम और अभिभावकों की मेहनत को समर्पित किया और कहा कि लक्ष्य बच्चों का समग्र विकास है।
प्रधानाचार्य शुभम गोधर ने कहा कि विद्यालय प्राथमिक स्तर से ही मजबूत नींव तैयार कर रहा है और जूनियर ब्रांचेस इसी सोच को आगे बढ़ा रही हैं।

जीएलए विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का इंजन सीज समाधान पर पेटेंट ग्रांट-जीएलए मैकेनिकल इंजीनियरिंग के टेक्निकल मैनेजर और प्रोफेसरों ने किया तकनीकी शोध

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मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने एक बार फिर तकनीकी शोध और नवाचार के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता का प्रमाण दिया है। विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने इंजन हीटिंग और सीजिंग की समस्या से निपटने के लिए एक नई तकनीक विकसित कर पेटेंट ग्रांट प्राप्त किया है। यह तकनीक “लो ल्यूब्रिकेशन कट ऑफ इंजन” के नाम से जानी जाएगी और आने वाले समय में यह ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित, डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरीश शर्मा की टीम ने बताया कि लंबे सफर के दौरान अक्सर इंजन के अधिक गर्म होने की समस्या सामने आती है। इसका मुख्य कारण या तो इंजन का सही तरीके से ठंडा न होना होता है या फिर ल्यूब्रिकेशन सिस्टम में खराबी। अगर इंजन के ऑयल का स्तर या उसकी विस्कोसिटी (चिकनाहट) सही न हो तो पिस्टन, सिलेंडर लाइनर, बेयरिंग और अन्य पार्ट्स घर्षण से खराब होने लगते हैं और आखिरकार इंजन सीज हो जाता है।

इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए शोधकर्ताओं ने इंजन में विस्कोसिटी सेंसर, ऑयल लेवल सेंसर और ऑयल प्रेशर सेंसर लगाया। इन सेंसरों को माइक्रोकंट्रोलर से जोड़ा गया है, जिससे वाहन के डैशबोर्ड पर चालक को रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी। न सिर्फ इतना, बल्कि खतरे की स्थिति में बजर और इंडिकेटर बार-बार अलर्ट देंगे। इस तकनीक के माध्यम से चालक समय रहते सावधान हो जाएगा और इंजन को क्षति से बचा पाएगा।

टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित ने बताया कि पूर्व में वह कूलिंग सिस्टम से संबंधित पेटेंट भी पब्लिश करा चुके हैं, और अब यह दूसरा पेटेंट ग्रांट इस बात का प्रमाण है कि जीएलए विश्वविद्यालय लगातार वास्तविक समस्याओं पर शोध करके समाधान प्रस्तुत कर रहा है।

इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. पियूष सिंघल ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा आज जीएलए विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध व नवाचार के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह पेटेंट केवल एक उपलब्धि नहीं है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। इंजन सीजिंग जैसी समस्या आम वाहन चालकों के लिए बेहद कष्टदायक होती है। यदि गाड़ी का इंजन अचानक खराब हो जाए तो न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि सड़क पर जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। इस तकनीक के माध्यम से हमारे शोधकर्ताओं ने इस चुनौती का वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत किया है।

यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि जीएलए विश्वविद्यालय केवल किताबों तक सीमित शिक्षा नहीं देता, बल्कि उद्योग और समाज की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शोध करता है। मुझे गर्व है कि हमारे संकाय सदस्य और शोधकर्ता निरंतर ऐसे नवाचार कर रहे हैं जो आने वाले समय में देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देंगे। इस पेटेंट से निश्चित रूप से ऑटोमोबाइल सेक्टर को नया मार्ग मिलेगा और उद्योग जगत के साथ-साथ आम जनता को भी इसका सीधा लाभ होगा।

कुलपति प्रो. अनुप कुमार गुप्ता ने कहा कि आज जिस तरह की तकनीक विकसित की गई है, उससे न केवल वाहन चालकों को राहत मिलेगी बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बड़ा परिवर्तन आएगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में जीएलए विश्वविद्यालय से और भी ऐसे क्रांतिकारी शोध सामने आएंगे जो भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।

छात्र-छात्राओं को मिलेगी उच्च क्वालिटी की चिकित्सा शिक्षा चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने भावी योजनाओं पर डाला प्रकाशके.डी. मेडिकल कॉलेज में मॉर्डन लेक्चर थिएटर का शुभारम्भ

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मथुरा। चिकित्सा शिक्षा एक निरंतर विकसित होता क्षेत्र है। इसे गतिशील स्वरूप प्रदान करने में प्रौद्योगिकी की बहुत बड़ी भूमिका है। चिकित्सकों की निरंतर बदलती भूमिका, बदलती सामाजिक अपेक्षाएं, तेजी से बदलता चिकित्सा विज्ञान और शैक्षणिक तकनीकों की विविधता पर हमारी लगातार नजर है। आने वाले कुछ महीनों में मेडिकल छात्र-छात्राएं इस बदलाव को न केवल देखेंगे बल्कि उसका उन्हें लाभ भी मिलेगा। यह सारगर्भित उद्गार के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने आधुनिक व्याख्यान थिएटर के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किए।
मां सरस्वती और दादी मां कान्ती देवी के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के बाद श्री अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य के सम्पूर्ण पहलुओं में बदलाव लाना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है। इस आधुनिक व्याख्यान थिएटर में एक साथ तीन सौ छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकेंगे। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमने के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के समूचे कायाकल्प का न केवल संकल्प लिया है बल्कि इसके लिए बजट का प्रावधान भी किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले छह महीने बदलाव के होंगे जिसमें सभी के सहयोग की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज के सभी व्याख्यान कक्षों को जहां आधुनिक दृश्य-श्रव्य सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा वहीं लाइब्रेरी को भी अपग्रेड कर हम शैक्षणिक विंग को और बेहतर बनाएंगे।
प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के परिदृश्य में हाल के दिनों में एक व्यापक बदलाव आया है, जहां केवल पाठ्यपुस्तकीय शिक्षण और शिक्षाप्रद कक्षा शिक्षण पर निर्भर रहने के पारम्परिक दृष्टिकोण की जगह अधिक व्यापक और एकीकृत पद्धति ने ले ली है। डॉ. अशोका ने कहा कि 21वीं सदी के छात्र-छात्राएं पारम्परिक चिकित्सा शिक्षा के बजाय उच्च मानकों को सुनिश्चित करने वाले पाठ्यक्रम, विकसित होती तकनीक तथा विधियों के हिमायती हैं। डॉ. अशोका ने विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. प्रणीता जसवंत सिंह के आधुनिक व्याख्यान थिएटर की परिकल्पना को पूरा करने के लिए चेयरमैन मनोज अग्रवाल का आभार माना।
डॉ. प्रणीता सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण में आमूलचूल परिवर्तन आया है। बदलती प्रौद्योगिकी और एआई-सक्षम शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रणालियों के आगमन ने न केवल स्वास्थ्य सेवा व्यवसायों को सीखने के अवसरों से सशक्त बनाया बल्कि एक अधिक प्रभावी और लक्ष्य-उन्मुख प्रणाली भी स्थापित की, जिसने यह सुनिश्चित किया कि छात्र-छात्राओं को न केवल बेहतर शिक्षा मिले बल्कि उनके शैक्षणिक विकास में भी उल्लेखनीय सुधार हो। उन्होंने कहा कि बदलती प्रौद्योगिकी ने उन विशिष्ट समस्याओं के समाधान में भी मदद की है जिनके लिए अनुकूलित शिक्षण और प्रशिक्षण समाधानों की आवश्यकता होती है। कार्यकारी निदेशक अरुण अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बदलते समय के साथ मेडिकल शिक्षा भी बदल रही है, हम इस बदलाव को शिद्दत से महसूस करते हुए इस पर पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं। डॉ. शुभम ने प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक व्याख्यान थिएटर के साफ-सुथरे दृश्य-श्रव्य की झलकियां दिखाईं। शुभारम्भ अवसर पर डॉ. संगीता सिंह, डॉ. सोनम आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार भारद्वाज, डॉ. वी.पी. पांडेय, डॉ. मंजू पांडेय, डॉ. अमनजोत कौर आदि विभागाध्यक्षों और प्राध्यापकों ने के.डी. मेडिकल कॉलेज में बढ़ती शिक्षण-प्रशिक्षण सुविधाओं की मुक्तकंठ से सराहना की।
चित्र कैप्शनः रिबन काटकर आधुनिक व्याख्यान थिएटर का शुभारम्भ करते चेयरमैन मनोज अग्रवाल व अन्य, दूसरे चित्र में मां सरस्वती और दादी मां के सम्मुख दीप प्रज्वलित करते चेयरमैन मनोज अग्रवाल व अन्य गणमान्य।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को देश की नवरत्न कंपनी बीईएल ने दी नौकरी

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चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में कैंपस प्लेसमेंट के लिए आई देश की नवरत्न कंपनी भारत इलेक्ट्रिक लिमिटेड द्वारा चयनित विद्यार्थी और प्लेसमेंट सेल के अधिकारीगण।


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और एमबीए के विद्यार्थियों को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से जुड़ी नवरत्न कंपनी भारत इलेक्ट्रिक लि.(बीईएल) ने अपने यहां नौकरी के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान हुए विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है।
कैंपस प्लेसमेंट के लिए संस्कृति विवि में कंपनी से आए एचआर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न कंपनी है। यह कंपनी रक्षा और नागरिक उपयोग के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और सिस्टम बनाती है, जैसे रडार, नौसेना और संचार प्रणाली, और अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स। बीईएल की स्थापना 1954 में हुई थी और इसका मुख्यालय बैंगलोर में है। बीईएल आंतरिक अनुसंधान और विकास के साथ-साथ निजी उद्योगों के साथ आउटसोर्सिंग और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देती है। यह “मेक इन इंडिया” पहल का भी समर्थन करती है और अपने कारोबार में गैर-रक्षा हिस्सेदारी बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार कर रही है और नए निर्यात बाजार भी विकसित कर रही है।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल के अधिकारी आनंद तिवारी ने बताया कि कंपनी के एचआर सेल के अधिकारियों ने संस्कृति विवि के इंजीनियरिंग और एमबीए के छह विद्यार्थियों ऋचा, रजत, गौरव झा, योगेश कुमार शर्मा, अंकित कुमार, कुशल पाल का चयन किया है। चयन त्रिस्तरीय प्रक्रिया के उपरांत किया गया। संस्कृति विवि की सीईओ डा.श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

कभीकबूतरोंकोदानाडालनेकीतोकभीकुत्तोंकोखानाखिलानेकीबातहो – #यहतोदेवासुरसंग्रामहै

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 मथुरा। कभी कबूतरों को दाना डालने की और कभी कुत्तों को खाना खिलाने की बात हो। मेरा मानना है कि यह तो देवासुर संग्राम है। हमारा समाज, हमारा धर्म, हमारे वेद शास्त्र, हमारी शिक्षा तथा हमारे संस्कार यानी सब कुछ का केंद्र बिंदु दया और परमार्थ है।तुलसी दया न छोड़िए जब लग घट में प्राण, इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए।
 देवता हमेशा परमार्थी और दयालु होते हैं तथा राक्षसों का धर्म क्या होता है? यह बताने की आवश्यकता नहीं। यदि हम पहले दूसरों का ख्याल रखेंगे तो ईश्वर हमेशा हमारी मदद करेंगे। दूसरों में इंसान से ज्यादा पशु पक्षी हैं। इन पर दया करना इंसानों से भी ज्यादा पुण्यकारी होता है। जो इंसान इन पर दया करता है और हर तरह से उनकी रक्षा करता है वह देवता के समान है और जो इनके साथ क्रूरता बरतता है वह तो साक्षात राक्षस का स्वरूप होता है ऐसा मेरा मानना है।
 अब इसी बात पर एक प्रसंग बताता हूं। एक बार ब्रह्मा जी ने राक्षसों और देवताओं की सम्मिलित दावत रखी। दरअसल बात यह थी कि राक्षस लोग ब्रह्मा जी से बहुत दिन से कह रहे थे कि ब्रह्मा जी एक बढ़िया सी दावत करो। ब्रह्मा जी ने उनकी बात मान ली और देवताओं तथा राक्षसों की संयुक्त दावत रखी। जब राक्षसों को पता चला के ब्रह्मा जी ने केवल हमको ही नहीं देवताओं को भी बुलाया है, तो उन्होंने शर्त रख दी कि पहले हमें खाने का मौका मिले। जब यह बात देवताओं को पता चली तो उन्होंने बड़ी खुशी से मानली और कहा कि पहले राक्षस भरपेट दावत खा लेंगे तो फिर जो बचेगा हम उसी को ग्रहण कर लेंगे।
 असल में राक्षसों की प्लानिंग यह थी कि हम सब कुछ चट कर जाएंगे और देवताओं को कुछ छोड़ेंगे ही नहीं, क्योंकि राक्षस देवताओं से बहुत जलते थे। खैर दावत शुरू होने के पहले एक घंटे का समय तय कर दिया गया यानी कि दोनों को एक-एक घंटे का समय मिलेगा जितना भी छिक कर खा सको खा लो। 
 घंटी बजी और राक्षसों का भोजन करने का समय शुरू किंतु यह क्या? ब्रह्मा जी ने ऐसी माया रच दी कि सभी राक्षसों के हाथ सीधे के सीधे रह गए यानी कोहनी से मुड़े ही नहीं तथा बगैर हाथ मुड़े हुए अपने मुंह में कौर कैसे दें? इस पर उन्होंने ब्रह्मा जी से नाराजी व्यक्त की कि आपने हमारे साथ यह कैसा भद्दा मजाक किया है? ब्रह्मा जी बोले कि मैंने केवल तुम्हारे लिए ही नहीं देवताओं के लिए भी यही नियम रखा है। खैर एक घंटा पूरा हुआ और भोजन समाप्ति की घंटी बज गई। राक्षस भूखे ही उठ खड़े हुए और उन्होंने तय किया कि यदि ब्रह्मा जी ने बेईमानी की और देवताओं के हाथ मुड़ने लगे फिर तो हम न ब्रह्मा जी को छोड़ेंगे और न देवताओं को।
 अब देवताओं के भोजन की घंटी बजी तथा उनके साथ ही भी वही हुआ जो राक्षसों के साथ हो चुका था यानी उनके हाथ भी सीधे के सीधे रह गए। राक्षसों को तसल्ली मिली कि चलो यह भी भूखे रहेंगे। चूंकि देवता तो परोपकारी होते हैं और सभी का भला सोचते हैं। अतः उन्होंने अपने सीधे-सीधे हाथों से पकवान उठा उठा कर एक दूसरे के मुंह में रखने शुरू कर दिये और सभी ने पेट भर के दावत का आनंद लिया। इस पर राक्षसों ने अपना माथा पीट लिया इसके अलावा और कोई चारा भी न था।
 कहने का मतलब यह है कि यदि हमारी सोच केवल अपना ही अपना भला सोचने की रहेगी फिर तो हमारी भी गति राक्षसों जैसी होनी सुनिश्चित है। इसलिए जो लोग अपनी राक्षसी मनोवृति के अधीन रहकर जीव जंतुओं चाहे वह कबूतर हों चाहे कुत्ते हों चाहे गाय भैंस कोई क्यों न हो, के प्रति क्रूरता बरतते हैं, उन्हें आगे चलकर अपनी करनी का फल अवश्य भोगना पड़ता है।

समय के साथ अपग्रेड रहें, साइबर सिक्योरिटी बनेगी भविष्य की नींवजी.एल. बजाज के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को दी सीख

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मथुरा। आज के डिजिटल युग में डेटा सुरक्षा, नेटवर्क सेफ्टी और हैकिंग से बचाव हर उद्योग और हर व्यक्ति की प्राथमिकता बन चुकी है। टेक्नोलॉजी हर दिन बदल रही है, ऐसे में यदि हम समय के साथ स्वयं को अपग्रेड नहीं करेंगे तो पीछे रह जाएंगे। साइबर सिक्योरिटी न केवल रोजगार का क्षेत्र है बल्कि आने वाले वर्षों में यह राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा का आधार भी बनने वाला है। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, मथुरा के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मुख्य अतिथि अरुण कुमार सिंह (सीईओ, इलांटस टेक्नोलॉजी, यूएसए) ने बी.टेक और एम.बी.ए. के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताईं।
मां सरस्वती की पूजा-अर्चना तथा सरस्वती वंदना के बाद शुरू हुए ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मुख्य अतिथि अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सी-डॉट के अपने हालिया दौरे में उन्हें अहसास हुआ कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत कितना आत्मनिर्भर हो गया है, जिसकी कल्पना वे अमेरिका के डलास स्थित अपने इलांटस कार्यालय में बैठकर नहीं कर सकते थे। भारत साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपने उत्पादों और सेवाओं का अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात करने के लिए तैयार है।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बी.टेक और एम.बी.ए. के नवागंतुक छात्र-छात्राओं का जीएल बजाज परिवार में स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान की शैक्षणिक व्यवस्था, अनुशासन मूल्यों तथा अवसरों से परिचित कराया। प्रो. अवस्थी ने अपने 25 वर्षों के अनुभव साझा करते हुए छात्र-छात्राओं को बताया कि जीवन अनमोल है, इसे सीखने में निवेश करें। सही समय कभी नहीं आता बल्कि खुद समय को सही बनाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जीवन में समय का बहुत महत्व है लिहाजा कोई भी जरूरी काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे संस्थान को अपना परिवार समझकर अध्ययन करें। यदि किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो उसे अवश्य बताएं ताकि उसका समय से निराकरण किया जा सके।
बी.टेक विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के. सिंह ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को समूह विभाजन (भौतिकी व रसायन) की जानकारी दी। इसके बाद विभिन्न विभागाध्यक्षों ने छात्र-छात्राओं को अपने-अपने विषयों एवं अवसरों की विस्तार से जानकारी दी। एम.बी.ए. विभागाध्यक्ष डॉ. शशि शेखर ने भारत के “2047 तक विकसित राष्ट्र” विजन पर प्रकाश डाला। प्रो. प्रमोद कुमार (एआईएमएल विभाग) ने ए.आई. और मशीन लर्निंग की अहमियत बताते हुए शोध एवं तकनीकी अवसरों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की सलाह दी। डॉ. भोले सिंह ने छात्र-छात्राओं को अनुशासन, सीनियर-जूनियर संबंध और शिक्षकों के सम्मान का महत्व बताया। महिला प्रकोष्ठ की प्रमुख डॉ. शिखा गोविल ने महिला सुरक्षा, लैंगिक समानता और परामर्श सहायता हेतु सेल की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।
बी.टेक और एम.बी.ए. के नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को करियर मार्गदर्शन एवं क्लब परिचय डॉ. नवीन पांडेय ने दिया। डॉ. पांडेय ने करियर गाइडेंस सत्र में छात्र-छात्राओं को उद्योग अपेक्षाओं तथा नियोजित मेहनत की अहमियत बताई। साथ ही उन्हें संस्थान के विभिन्न क्लबों सांस्कृतिक, साहित्य, खेल, पर्यावरण, नाटक व फोटोग्राफी आदि का परिचय कराया। इस अवसर पर वीडियो एवं संदेशों के माध्यम से वरिष्ठ छात्र-छात्राओं ने जी.एल. बजाज संस्थान से जुड़ी अपनी प्रेरक कहानियां साझा कीं।
नवागंतुक छात्र-छात्राओं को संस्थान की महत्वपूर्ण जानकारी देने के बाद बी.टेक और एम.बी.ए. के टॉपरों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. अजय कुमार उपाध्याय के धन्यवाद ज्ञापन व राष्ट्रगान के साथ हुआ। संस्थान प्रमुखों द्वारा नवागंतुक छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास, अनुशासन और सहभागिता की परम्परा को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया गया। कार्यक्रम का संचालन बी.टेक. द्वितीय वर्ष की छात्रा काव्या गोयल और अवंतिका त्रिपाठी ने किया।
चित्र कैप्शनः मुख्य अतिथि अरुण कुमार सिंह को स्मृति चिह्न भेंट करतीं प्रो. नीता अवस्थी।

धूमधाम से मनाया गया श्री गणेश चतुर्थी महोत्सव -परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में छात्रों ने किया पूजन अर्चन

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वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में श्री गणेश चतुर्थी का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया। विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम के संयोजक सत्य प्रकाश शर्मा ने भगवान श्री गणेश के स्वरूप एवं उनके आध्यात्मिक चिंतन की चर्चा करते हुए कहा कि आत्म शक्ति विस्तार और सम्पूर्ण चेतना के प्रतीक विघ्नेश्वर श्री गणेश के कई अन्य नाम भी हैं, जैसे विनायक (ज्ञानी), विघ्नेश्वर (विघ्न का नाश करने वाले), गजानन (हाथी के मस्तक वाले) और गणपति अर्थात (नेतृत्वकर्ता)। गणेश में नेतृत्व की अद्वितीय क्षमता है, और जनमानस का ऐसा विश्वास है कि उनकी कृपा होने पर किसी भी काम में सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने बताया कि गणेशजी का हाथी का मस्तक उनकी तीव्र बुद्धि और विशाल चिंतन का प्रतीक है। हाथी का जीवन प्रफुल्लता से पूर्ण होता है, जो गरिमा और आत्म-सम्मान की भावना से आती है जबकि उनके बड़े कान और मुँह हमें बताते हैं कि क्रमशः ‘अधिक सुनों, कम बोलो, और जो कुछ भी अच्छा एवं रचनात्मक हो, उसे ही अपने पास रखो।’
इससे पूर्व विद्यालय के प्रबन्धक शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन शर्मा और उप प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा ने वरिष्ठ आचार्यों के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पार्चन के साथ वंदना सभागार में भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना एवं अनावरण किया तथा अन्य सभी आचार्य बंधुओं ने भगवान श्री गणेश की पुष्प-आरती द्वारा उनके विग्रह का प्रथमार्चन किया।
इस अवसर पर ऋषभ बघेल ने अपने सुंदर शब्दों मे भाषण प्रस्तुत किया l इसके बाद विद्यालय के छोटे-छोटे बालकों द्वारा प्रस्तुत “देवा श्री गणेशा” गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित जनों का मन मोह लिया तथा जब बालकों ने सुंदर प्रार्थना गीत के माध्यम से गणपति बप्पा को अपने अपने घर आने का आमंत्रण दिया तो सारा सभागार तालियों से गूंज उठा।
प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने कहा कि जीवन में उन्नति के लिए हमें बुद्धिमत्ता और आस्था दोनों की आवश्यकता होती है। अक्सर केवल बुद्धिमत्ता जीवन के ज्वलंत प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ हो जाती है। जब भी ऐसा होता है, तब ईश्वर में एवं स्वयं में आस्था ही हमें सफल जीवन की ओर ले जाती है । कार्यक्रम का संयोजन सर्वेश कुमार शर्मा और सत्यप्रकाश शर्मा ने किया। संचालन रवींद्र पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम के स्वरूप संयोजन एवं व्यवस्था चिंतन में समस्त आचार्य परिवार का योगदान सराहनीय रहा।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल सभागार में अपने स्वागत में आयोजित कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ करतीं मिस जम्मू एंड कश्मीर और मिस युनिवर्स इंडिया की मेगा फाइनेलिस्ट रैंप वाक करतीं ब्यूटी क्वीन भान्वी भारद्वाज। संस्कृति विवि में ब्यूटी क्वीन भान्वी ने बताए सफलता के मंत्र

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मथुरा। मिस जम्मू एंड कश्मीर और मिस युनिवर्स इंडिया की मेगा फाइनेलिस्ट भान्वी भारद्वाज ने संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल सभागार में अपने जोरदार स्वागत के बाद विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है और आत्मविश्वास हासिल करने के बाद आप अपनी सोची हुई मंजिल हासिल कर लेते हैं। अपने सपने पूरे करने के लिए अपनों का साथ होना बहुत महत्व रखता है। जो ठान लो उसको पूरा करने के लिए अपना सबकुछ लगा देना चाहिए।
भारतीय सीमा से लगे राजौरी जिले की तहसील नौशेरा के छोटे से गांव बर्रेरी में रहने वाली भान्वी ने बताया कि उनके गांव में तो सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं था लेकिन टीवी पर फैशन चैनल देखने के दौरान इच्छा हुई की इस क्षेत्र में कुछ करके लोगों का ध्यान अपने क्षेत्र की ओर आकर्षित किया जा सकता है। मेरी इच्छा है कि मेरे गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं हों ताकि यहां रहने वालों को दूर-दराज न भटकना पड़े। कंप्युटर साइंस में बी.टेक. करने के बाद मुंबई से कानून की पढ़ाई पढ़ रहीं भान्वी ने बताया कि जब उन्होंने मिस जम्मू एंड काश्मीर प्रतियोगिता का फार्म भरा था तो यह उम्मीद नहीं थी कि वे प्रतियोगिता जीत जाएंगी और यह भी नहीं जानती थीं कि प्रसिध्दि क्या होती है। प्रतियोगिता जीतने के बाद जब उनके इस छोटे से गांव में मीडिया और आसपास के लोगों की भीड़ जुटी तो उन्हें लगा कि अब वे देश को बता पाएंगीं कि पहाड़ों के गांव की जिंदगी कितनी कठिन होती है।
अभी हाल ही में जयपुर में मिस युनिवर्स इंडिया के लिए मेगा फाइनेलिस्ट चुने जाने के बाद उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया। संस्कृति एफएम 91.2 के आरजे जय के सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि बचपन में उनके इस सपने को पूरा करने में उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान रहा। मुझे जो क्राउन मिला वो मैंने अपने लिए नहीं जीता बल्की अपने लोगों के लिए जीता है। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली मुझ जैसी युवतियों और महिलाओं के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन अब जागरूकता बढ़ रही है और वे अपने सपने पूरे कर सकती हैं।
नृत्य, गायन और कराते में भी विशेष दक्षता रखने वाली भान्वी अनेक भाषाएं बोल लेती हैं। उन्होंने थियेटर भी किया है और देश कई प्रतिष्ठत कई कंपनियों के लिए मॉडलिंग भी कर रही हैं। हाल ही में मलयालम की एक फिल्म भी साइन की है। छोटी सी उमर में इतना सबकुछ हासिल करने के सवाल पर बड़ी सादगी भरे अंदाज में इस ब्यूटी क्वीन ने कहा कि यह सबकुछ आप भी हासिल कर सकते हैं पर हासिल करने की इच्छा होना जरूरी है।
संस्कृति विश्वविद्यालय आकर बहुत अच्छा लगा
23 वर्षीय मॉडल और अभिनेत्री भान्वी बड़े भोलेपन से बताती हैं कि जब वो छोटी थीं तो हमेशा सोचती थीं की उनके घर के आसपास पहाड़ों के पार क्या है। आज वे बड़े-बड़े शहर देखती हैं और अब संस्कृति विश्वविद्यालय में हैं जो बहुत सुंदर है। यहां के विद्यार्थियों ने इतना जोरदार स्वागत कर दिल गदगद कर दिया। नृत्य, गायन और अभिनय के प्रति जुनून रखने वाली राष्ट्रीय स्तर की कराटे खिलाड़ी, भान्वी अपने हर काम में शक्ति और रचनात्मकता का संगम करती हैं। एक संघर्षग्रस्त क्षेत्र में पली-बढ़ी होने के कारण, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे जैसी बुनियादी ज़रूरतों का अभाव देखा। इसी ने उन्हें ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य शिविरों, आपदा राहत प्रणालियों, सुलभ शिक्षा और बेहतर जीवन स्थितियों की वकालत करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन ज्योति यादव, रसिक दुबे, यश श्रीवास्तव ने सम्मलित रूप से किया। स्वागत भाषण छात्रा छवि शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन छात्रा महिमा वाजपेयी ने किया।

राजीव एकेडमी में बीसीए और बी.ईकॉम के नए सत्र का शुभारम्भ ओरिएंटेशन प्रोग्राम में छात्र-छात्राओं को दिए सफलता के टिप्स

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मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा में बीसीए एवं बी.ईकॉम विद्यार्थियों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रमोद कुमार (कंट्री हेड, टेक महिंद्रा) ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताया कि उन्होंने करियर बनाने के लिए जिन विषयों का चयन लिया किया है, उसमें लगन, मेहनत तथा अनुशासन बहुत जरूरी है।
मुख्य वक्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि ज्ञान और कौशल से सुसज्जित होकर ही कॉरपोरेट जगत में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को उद्योग विशेषज्ञों की राय, सॉफ्ट स्किल्स तथा कॉरपोरेट संस्कृति को समझने के पहलुओं से भी अवगत कराया। श्री कुमार ने संचार, टीमवर्क, नेतृत्व, समस्या-समाधान और अनुकूलनशीलता जैसे गुणों को कॉरपोरेट जगत में सफलता की कुंजी बताया। साथ ही विद्यार्थियों को नवीनतम उद्योग विकास, तकनीकी प्रगति तथा नियोक्ताओं की अपेक्षाओं से भी अवगत कराया।
श्री कुमार ने छात्र-छात्राओं को विभिन्न करियर मार्गों, उद्योग की विशिष्ट भूमिकाओं तथा उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक विकास के अवसरों पर मार्गदर्शन दिया। विद्यार्थियों ने मुख्य वक्ता से कॉरपोरेट शिष्टाचार, पेशेवर आचरण और टीम वातावरण में कार्य करने की गतिशीलता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की। श्री कुमार ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम में नेटवर्किंग और उद्योग विशेषज्ञों से संबंध स्थापित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अपने अनुभवों, चुनौतियों और सफलताओं को साझा करते हुए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया तथा उन्हें व्यावहारिक सुझाव दिए।
मुख्य वक्ता ने छात्र-छात्राओं को नौकरी आवेदन, इंटरव्यू और प्रारम्भिक कॉरपोरेट जीवन में सफलता प्राप्त करने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस संवाद ने विद्यार्थियों को करियर लक्ष्यों को स्पष्ट करने तथा उन्हें प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों की समझ विकसित करने में मदद की। विद्यार्थियों को व्यावहारिक कौशल और ज्ञान प्राप्त हुआ जो उनके भविष्य के करियर में प्रत्यक्ष रूप से सहायक सिद्ध होंगे। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और करियर निर्माण में सहायक सिद्ध होते हैं। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि संस्थान हमेशा ही उन्हें बेहतर शिक्षा के साथ-साथ उद्योग जगत की अपेक्षाओं के अनुरूप व्यावहारिक अनुभव उपलब्ध कराता रहेगा।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने मुख्य वक्ता प्रमोद कुमार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी रहा। उन्होंने इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम को विद्यार्थियों के भविष्य की दिशा तय करने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का ध्येय केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करना ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों को रोजगारपरक कौशल, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक दृष्टिकोण से भी सशक्त करना है।
चित्र कैप्शनः बीसीए एवं बी.ईकॉम के छात्र-छात्राओं को सफलता के टिप्स देते हुए टेक महिंद्रा के कंट्री हेड प्रमोद कुमार। दूसरे चित्र में मुख्य वक्ता के साथ संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं।