
रविवार को बंद रहेगा द्वारिकाधीश मंदिए, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पट 24 मार्च तक नहीं खुलेंगे
मथुरा। प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर के पट रविवार को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खुलेंगे। इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्मस्थान में 24 मार्च तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान ने शनिवार को एक आपात बैठक बुलाकर पदाधिकारियों के साथ विमर्श कर यह निर्णय लिया है। हालांकि मंदिर की सेवा-पूजा यथावत चलेगी। उधर, द्वारिकाधीश मंदिर जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को बंद रहेगा। वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में 31 मार्च तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि कोरोना को देखते हुए श्री.कृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धालुओं का प्रवेश 24 मार्च तक बंद कर दिया गया है। मंदिर के भोजनालय एवं गेस्ट हाउस को भी अग्रिम आदेश तक बंद रखा जाएगा। क्लाॅक रूम और जूता घर आदि की सुविधा भी बंद रहेंगी।
इस वैश्विक महामारी का संपूर्ण विश्व से शीघ्र नाश हो इस संकल्प के साथ 21 दिवसीय श्री सुदर्शन कवच का विशिष्ट अनुष्ठान श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में 22 मार्च से शुरू किया जा रहा है। नवसंवत्सर एवं नवरात्रि पूजा अनुष्ठान में भी कोरोना से मुक्ति का संकल्प प्रमुख रूप से होगा। रविवार को द्वारिकाधीश मंदिर पूर्ण रूप से बंद रहेगा। मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि प्रातः काल मंगला के दर्शन 6.30 से 6.45 तक खुलेंगे। तत्पश्चात 7 बजे से और पूरे समय मंदिर के पट बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान मंदिर के अंदर ठाकुर जी की सेवा का क्रम चालू रहेगा। मल्लपुरा स्थित प्राचीन केशव देव मंदिर के व्यवस्थापक कमेटी द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रधानमंत्री के अनुरोध एवं जनहित में 22 मार्च को प्रातः मंगला दर्शन 6 से 7 बजे तक होंगे, अन्य झांकियां सब बंद रहेंगी। मंदिर पूरी तरह बंद रहेगा, अंदर केवल सेवायतों द्वारा भगवान की पूजा सेवा की जाएगी। बलदेव का राजा दाऊजी महाराज मंदिर भी भक्तों के दर्शन के लिए 22 मार्च को बंद रहेगा। मंदिर के अंदर विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती रहेगी। यह जानकारी रिसीवर आरके पांडेय ने दी है। उधर, अदालत के आदेश पर वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में 31 मार्च तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार अग्रिम आदेश तक यह व्यवस्था रहेगी। हालांकि मंदिर में सेवा-पूजा यथावत चलेगी।
दलाई लामा ने की अमेरिका की तारीफ, भारत को बताया विश्व के लिए एक नजीर
मथुरा। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा मथुरा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के अंतिम दिन सोमवार को उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत करुणा, अहिंसा और मैत्री का संदेश देने वाला देश है, जो दुनिया के सामने एक उदाहरण बना हुआ है।
तिब्बत धर्मगुरु दलाई लामा दो दिन के प्रवास पर गुरु शरणानंद महाराज के रमणरेती आश्रम में आए हुए हैं। सोमवार को प्रवास के दूसरे दिन धर्मगुरु दलाई लामा ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया का सबसे संपन्न देश है। सभी देशों का नेतृत्व करता है। संसद में जितनी सरकारी व्यवस्थाएं और जितने सांसद है, वह हमेशा मदद के लिए आते हैं। इसलिए अमेरिका की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी देशों की मदद करे। वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। मीडिया से बातचीत करते तिब्बती धर्मगुरु ने कहा भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है और नालंदा परंपरा आज भी देखने को मिलती है। चीन में सबसे ज्यादा बौद्ध भिक्षुक और अनुयायी रहते हैं, लेकिन बौद्ध के साक्ष्य प्रमाण चीन से ज्यादा भारत में देखे गए हैं, जितने भी विद्वान और अध्ययनकर्ता भारत आए। उन्होंने बुद्ध के सिद्धांतों को परखा और पहचाना और फिर विश्वास किया। हर सम्प्रदाय के लोग भारत में रहते हैं।
तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि 6 हजार किलोमीटर लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक हमारे बौद्ध भिक्षु अध्ययन कर रहे हैं। निश्चित रूप से यही कहना चाहूंगा कि प्राचीन सभ्यता आज भी वहां देखी जाती है। ढाई हजार वर्ष पुरानी सभ्यता आज भी जीवित है। भारत में सबसे ज्यादा कई संप्रदाय के लोग रहते हैं। मैं सबका सम्मान करता हूं, लेकिन कभी ऐसा नहीं देखा गया कि कोई अपने धर्म या संप्रदाय के नाम पर लड़ता है। भारत करुणा, अहिंसा और मैत्री का संदेश देने वाला दुनिया के सामने एक उदाहरण बना हुआ है। बौद्ध धर्म का सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार भारत में हुआ। दलाई लामा ने कहा चीन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। दूसरे नंबर पर भारत का नाम आता है। दोनों ही पड़ोसी राष्ट्र हैं। चीन में सबसे ज्यादा बौद्ध धर्म अपनाने वाले अनुयायी रहते हैं। मैंने देखा है कि बौद्ध धर्म की व्यवस्थाएं पूर्व से चली आ रही हैं। बौद्ध भिक्षुक भारत आकर नालंदा परंपरा के अनुरूप अध्ययन करते हैं। चीन से कई विद्वान भारत आए और अध्ययन भी किया। बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को जाना परखा और पहचाना। चीन से ज्यादा गाथाएं बौद्ध धर्म की भारत में मिलती हैं। दलाई लामा ने कहा मैं सब देशों से कहना चाहता हूं कि बच्चों को मैत्रिक सद्भावना का पाठ पढ़ाना चाहिए, ताकि भविष्य में लोगों के काम आ सके और सद्भावना का माहौल बन सके।
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने कहा, भारत विश्व के सामने सद्भावना अहिंसा और करुणा का उदाहरण
मथुरा। तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा अपने दो दिवसीय प्रवास पर मथुरा पहुंचे, यहां पर गुरु शरणानंद महाराज के रमणरेती आश्रम में गुरुकुल के छात्रों ने उनका जोरदार स्वागत किया। मंत्रोचार के साथ दलाई लामा का चरण अभिषेक और आरती उतारी गई।
मंच से संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा भारत की संस्कृति वर्षों पुरानी है। इसे बचाए रखना भारत के लिए एक चुनौती है। विश्व में सबसे बड़ी संस्कृति के तौर पर भारत की पहचान बनी है। भारत में जो विद्वानों ने भारत की रचना, संस्.कृत, बौद्ध भाषा में की है। अनेक विद्वान भारत में आए और इसकी खोज की गई। नालंदा विश्वविद्यालय में आज भी कई साक्ष्य प्रमाणित हैं। भारत की संस्.कृति काफी प्राचीन मानी जाती है। दुनिया भर में भारत की पहचान एक संस्कृति के तौर पर मानी गई है। तिब्बती गुरु ने कहा अहिंसा और करुणा का उदाहरण भारत में ही देखने को मिलता है।
दलाई लामा ने कहा पांच प्रमुख विधाएं हैं शब्द विद्या, चिकित्सा विद्या, बौद्ध दर्शन विद्या, मनोवैज्ञानिक विद्या, संस्.कृत आॅफ बौद्ध भाषाओं में इनकी रचना की गई है। भारत देश करुणा, अहिंसा और सद्भावना के साथ मिलकर एक जीता जागता उदाहरण पूरे दुनिया के सामने हैं। भारत में सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। सद्भावना अहिंसा और करुणा का एक उदाहरण भारत में देखने को मिलता है।
वीडियो: होरी नहीं जे दाऊजी कौ हुरंगा है…
बरसाना, नंदगांव, मथुरा एवं गोकुल की होली के बाद दाऊजी में हुरंगा हुआ। नंगे बदन पर कोड़ों की मार देखने के लिए यहां हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु उमड़े। हुरंगा के नायक शेषावतार दाऊजी महाराज हैं। दाऊजी के हुरंगा की अनूठी परंपरा है। कहावत है कि ‘देखि-देखि या ब्रज की होरी, ब्रह्मा मन ललचाबै।’ ब्रज की होली भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित है, वहीं, दाऊजी का हुरंगा उनके बड़े भाई बलदेव जी पर केंद्रित है। हुरंगा में पुरुष गोप समूह को महिलाएं गोपिका स्वरूप द्वारा प्रेम से भीगे पोतने (कोड़ों) की मार नंगे बदन पर खाते हैं
दाऊजी का हुरंगा देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, नक्षत्रों की जान लीजिए स्थिति
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2020
होलिका दहन- सोमवार, 09 मार्च 2020
होलिक दहन शुभ मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से 08 बजकर 49 मिनट तक
होलिक दहन अवधि- 02 घंटे
भद्रा पुंछा – सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक
भद्रा मुखा रू सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 09 मार्च 2020 को 03. 03 सुबह
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 09 मार्च 2020 को 11 . 17 शाम
होली- 10 मार्च 2020
होली पर कोरोना का असर, वृंदावन की ये होली रद्द
वृंदावन। कोरोना का असर रंगों के पर्व होली पर होता दिख रहा है।
सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी यहां के आश्रय सदनों में निवासरत वृद्ध विधवा माताओं के एकाकी जीवन एवं रुढ़िवादी परम्परा से अलग हटकर उनके जीवन में खुशी के रंग भरने के उद्देश्य से होली महोत्सव का आयोजन 7 मार्च को गोपीनाथ मंदिर परिसर में किया जाना था। लेकिन कोराना को देखते हुए इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। सुलभ इंटरनेशनल के मीडिया प्रभारी मदन झा ने बताया कि विश्व के अन्य देशों के बाद भारत में भी कोरोना वायरस का असर दिखने के कारण संस्था के अध्यक्ष डा. बिंदेश्वर पाठक ने इस बार होली महोत्सव को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
लड्डुओं की ऐसी अदभुत होली कि आनंद में सराबोर हो गए श्रद्धालु
मथुरा। बरसाना की अलौकिक लठामार होली से पूर्व मंगलवार को यहां लाड़िलीजी महल में अबीर-गुलाल के घुमड़ते बादलों के बीच लड्डुओं की बरसात हुई। लड्डू होली में यहां घंटों तक हजारों भक्त सुधबुध खोकर थिरकते रहे। एक-दूसरे को अबीर-गुलाल से रंगने के साथ-साथ भक्तों का समूह आनंद में डूबा नजर आया। इस होली की वजह भी बेहद रोचक है। नंदगांव में कृष्ण ने लठामार होली का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इस खबर से जनसमूह खुशी से झूम उठा। सायं पांच बजते ही लाड़िलीजी मंदिर के पुजारी रामभरोसी गोस्वामी के पुत्र व नादी पांडे बनकर समाज गायनपर मंदिर चैक में नाचने लगे। भक्तों ने प्रसाद स्वरूप पांडे को लड्डू दिए तो राधारानी से जयकारों से समूचा मंदिर प्रांगण गूंज उठा। अबीर-गुलाल से बादल घुमड़ उठे। नंदगांव कौ पांडौ ब्रज बरसाने आयौ, भरि होरी के बीच सजन समध्यो धायौ, की धमार पर नाचते हुएपांडे ने भक्तों पर लड्डूओं की बरसात शुरु कर दी।
हम प्राचीन बृज को दुनिया के सामने लाए, जल्द अविरल बहती नजर आएगी यमुना-सीएम योगी

बरसाना के रंगोत्सव में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत अपने गौरवशाली समृद्ध इतिहास को समेटे हुए हैं। हमने ब्रज के प्राचीन और गौरवमयी इतिहास को दुनिया के सामने लाने का काम कर दिखाया है।
गंगा-यमुना की बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गंगा के शुद्धिकरण एवं निर्मलता के लिए हमने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब तो एक वर्ष बाद यमुना भी अविरल बहती दिखाई देगी।
उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पूर्व हमें अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारंभ किया था और दो वर्ष पूर्व बरसाना में रंगोत्सव का।
उन्होंने कहा कि बृज के विकास में कोई भी बाधा आड़े नहीं आएगी। मथुरा में पानी की समस्या पर सीएम ने कहा कि मथुरा का पानी खारा है और यहां की जल समस्या को लेकर के जल संचय योजना पर काम चल रहा है। हम चाहते हैं ब्रज के घर-घर में शुद्ध और मीठा जल पहुंचे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में देश की कई बड़ी समस्याओं का समाधान हुआ है। उससे लगता है कि ईश्वर ने 5000 साल पुरानी समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुझे दी है।
पांच घंटे रूकेंगे सीएम योगी, बरसाना में लाडिली मंदिर के करेंगे दर्शन, पढ़िए मिनट टू मिनट कार्यक्रम
मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बरसाना आ रहे है। यहां वो विश्व प्रसिद्ध लड्डू होली में शामिल होंगे। देर रात उनका कार्यक्रम जारी हो गया। मुख्यमंत्री बरसाना में संत रमेश बाबा की माताजी गोशाला भी पहुंचेंगे, वृंदावन में संतों से मिलेंगे, श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पूजा अर्चना करेंगे।
शासन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सीएम सुबह 9 बजे लखनऊ से प्रस्थान कर 10.50 बजे राधाबिहारी इंटर काॅलेज बरसाना पहुंचेंगे। यहां वो विश्व प्रसिद्ध लाडिली जी मंदिर के दर्शन करेंगे और राधाबिहारी इंटर काॅलेज में आयोजित रंगोत्सव में भाग लेंगे। 12.45 बजे सीएम पदमश्री रमेश बाबा की माताजी गोशाला पहुचेंगे और यहां बन रहे गायों के अस्पताल को देखेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री दो बजे वृंदावन पहुंचकर पर्यटक सुविधा केंद्र वृंदावन पहुंचेंगे, संतों से मुलाकात करेंगे। तीन बजे श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद वापस वृंदावन स्थित पवनहंस हैलीपेड से लखनऊ के लिए उड़ान भरेंगे।
इससे पूर्व पुलिस और प्रशासन के अफसर मुख्यमंत्री का सुरक्षा चक्र बनाने में जुटे रहे। सोमवार को ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलाजकांत मिश्र ने जिलाधिकारी एसआर मिश्र और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. गौरव ग्रोवर के साथ व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया। ब्रीफिंग में सभी विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा – निर्देश भी दिए। पुलिस फोर्स को बरसाना में चप्पे – चप्पे पर तैनात किया गया है। पूरे बरसाना में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन लगाए गए है।

