मथुरा। लखनऊ की आडिट टीम ने सीएमओ कार्यालय में वेतन घोटाला पकड़ा है। यहां तीन चिकित्सकों ने पटल सहायक और अधिकारियों से सांठगांठ करके सांतवे वेतन आयोग का लाभ ले लिया। अतिरिक्त वेतन की धनराशि चिकित्सकों के खातों में चली गई। लखनऊ की टीम ने मामला पकड़ा तो आनन फानन में अतिरिक्त धनराशि जमा करने की बात कही जा रही है। मजेदार बात ये है कि सीएमओ घोटालेबाजों को चिंहित कर उनके खिलाफ एक्शन लेने के बजाय पूरे मामले की लीपापोती में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के किशनपुर के प्रदीप कुमार त्रिवेदी, चैमुहां स्वास्थ्य केंद्र के अतुल मिश्रा और सोंखखेड़ा पर तैनात हेमेंद्र सिकरवार ने अधिकारियों से सांठगांठ करके सांतवे वेतन आयोग का लाभ ले लिया जो नियमों के विरूद्ध था। मामला आॅडिट टीम की पकड़ में आ गया। जब टीम ने आपत्ति की तो विभाग में खलबली मच गई। आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों से जबाव मांगा गया। इस पूरे खेल में सीएमओ कार्यालय की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि आॅडिट टीम के खुलासे के बाद रिकवरी की बस बात की जा रही है लेकिन दोषियों के खिलाफ न तो कोई जांच चल रही है और न ही उन्हें चिंहित किया गया है। इस गंभीर प्रकरण पर सीएमओ डा. शेर सिंह का बयान भी बेहद गैरजिम्मेदाराना है, उनका कहना है जिनके खाते में अधिक रूपए गए उन्होंने चुपके से रूपया जमा करा दिया है। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की बात पर बस इतना कहा कि मामले की जांच एडी स्तर से हो रही है, ऐसे में कार्यवाही भी एडी स्तर से ही होगी।
सीएमओ कार्यालय में वेतन घोटाला, आला अफसरों की भूमिका पर सवाल
जन्मदिन पर विशेषः कभी टूटी सी साइकिल की सवारी और आज ये जलवे, चमत्कारिक व्यक्तित्व के धनी रामकिशोर की राम कहानी
विजय कुमार गुप्ता
मथुरा। कभी टूटी सी साइकिल की सवारी करने वाले रामकिशोर जी के आज ऐसे जलवे होंगे, ऐसा पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा। शायद रामकिशोर जी ने भी कभी ऐसी कल्पना नहीं की होगी। कृष्ण की नगरी को उच्च शिक्षा की रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग करने वाले रंगीले रामकिशोर 9 फरवरी को अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं।
उड़ती चिड़िया के पर गिनने और बंद लिफाफे का मजमून भांप लेने जैसी महारत के स्वामी डाॅक्टर रामकिशोर अग्रवाल ने शिक्षा जगत में कदम एक मास्टर की हैसियत से रखा था। वे मथुरा से रोजाना बस द्वारा सादाबाद पहुंचते और सादाबाद से टूटी सी साइकिल पर सवार होकर सहपऊ के एक स्कूल में पढ़ाने जाते थे।
इसके बाद वह व्यापार जगत में उतरे तथा सोने चांदी के कारोबार में सोने की तरह चमके और सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री बने, फिर बीएसए काॅलेज के मंत्री बनकर उन्होंने बीएसए इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना की और काफी समय तक उसके चेयरमैन रहे।
बीएसए इंजीनियरिंग काॅलेज मथुरा का सबसे पहला इंजीनियरिंग काॅलेज था। इससे पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों को बाहर बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इसके बाद उन्हें ऐसा जुनून सवार हुआ कि पूछो मत। शिक्षा के जगत में क्रांति लाने की उनके अंदर निराली सनक सवार हो गई। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा और मथुरा से लेकर नोएडा तक शिक्षा के मंदिरों की एक के बाद एक बाढ़ सी ला दी और शिक्षा जगत के पितामह कहलाने लगे।
इनकी धाक ऐसी जमी की मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम जैसी विश्वविख्यात हस्ती ने भी इनका लोहा माना और नोएडा स्थित जीएल बजाज काॅलेज के दीक्षांत समारोह में आकर इनकी पीठ थपथपाई।
रामकिशोर जी का नाम तो राम है लेकिन कभी-कभी वह परशुराम भी बन जाते हैं। जब कोई व्यक्ति संस्थान के साथ धोखा या जयचंद जैसी किसी भी प्रकार की गद्दारी करता है तो आगा-पीछा न सोचकर उसे छोड़ते नहीं और उसे रुई की तरह धुन डालते हैं। 1-2 केस ऐसे भी हो चुके हैं जिनमें इनके शिकार एसएन मेडिकल काॅलेज तक रेफर हो गए और बमुश्किल उनकी जान बची।
कई बार यह गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हुए हैं। एक बार तो पैर की हड्डियां भी बुरी तरह टूटी और वह कई माह तक बिस्तर में पड़े रहे। उसके बाद जब कुछ ठीक हुए तो व्हीलचेयर और वाॅकर की सहायता से चलने लगे। पिछले वर्ष तो ऐसी नौबत आ गई और वह बमुश्किल कई माह में ठीक हो पाए। हो सकता है कि उन पीड़ितों की हाय लगी हो जिन्हें इन्होंने एसएन तक की हवा खिलाई।
एक बार इनके ऊपर भूत सवार हो गया। भूत जो सवार हुआ था वह भूत प्रेत वाला भूत नहीं, वह तो चुनावी भूत था। इनको एमएलए बनने की लालसा जागृत हुई। राजनीति में तो यह पहले से ही थे। कट्टर कांग्रेसी और जुगाड़ु होने के कारण इनकी राष्ट्रीय स्तर के कुछ दिग्गज कांग्रेसी नेताओं से अच्छी सेटिंग थी। इन्होंने जोड़-तोड़ से ऐसी गोट बिछाई की सीटिंग एमएलए प्रदीप माथुर की भी जड़ें हिल गई तथा एक बार तो ऐसा लगा कि इन्हीं को टिकट मिल जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रदीप माथुर खेले खाए तेजतर्रार व्यक्ति हैं और सीधे पीएम हाउस में उनकी गहरी पैठ थी। अतः इनकी दाल नहीं गली और टिकट प्रदीप माथुर को ही मिली।
इसके बाद तो इन्हें इतना गुस्सा आया कि कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़े तथा ऐसा समझने लगे कि अब तो मैं विधायक बन ही जाऊंगा। खैर जैसे जैसे चुनाव निकट आए वैसे वैसे इन्हें यह महसूस होने लगा कि यह मेरी भूल थी। चुनाव के बाद तो स्थिति साफ हो गई कि यह हार रहे हैं और जब मतगणना हुई तो स्थिति बड़ी शर्मनाक हो गई। रामकिशोर जी चारों खाने चित्त जाकर गिरे। बुरी तरह पराजय हुई और जमानत भी नहीं बचा पाए। बस यहीं रामकिशोर जी गच्चा खा गए और फिर तो इन्होंने राजनीति से ही पल्ला झाड़ लिया।
इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद जिस प्रकार अन्य बड़े-बड़े लोगों ने एक दूसरे की रकम मारी और गरीबों तक को नहीं बख्शा। ठीक उसके विपरीत उन्होंने किसी की रकम नहीं मारी। भले ही इनकी करोड़ों की रकम लोग मार बैठे। उसकी इन्होंने उफ तक नहीं की। जिनका देना था, सभी का चुकाया भले ही मोटी रकम की ब्याज देनी पड़ रही हो। उसके लिए इन्हें साधुवाद। इसका श्रेय इनके पिता स्वर्गीय श्री हरिदास अग्रवाल को जाता है जो हमेशा इनसे यह कहते थे कि बेटा किसी के साथ बेईमानी मत करना वरना गधा-घोड़ा बनकर कर्ज चुकाना पड़ेगा। पिता के इस उपदेश को इन्होंने आत्मसात कर लिया।
रामकिशोर जी यारों के यार जीदार मस्त मौला हैं। इस बात को मानना पड़ेगा कि जिसके अपने हैं उसके अपने और जिसके बेगाने हैं उसके बेगाने। अपनी मोहब्बत निभाने के लिए तो यह किसी भी हद तक चले जाते हैं और जिससे आर-पार हो गई तो फिर अपनी मूंछे नीचे नहीं होने देते भले ही खुद मूंछ नहीं रखते। इनके जज्बे को सलाम ईश्वर इन्हें शतायु करे।
चित्रकार महेश किंग को मिला अवध सम्मान, गॉव लौटने पर ग्रामीणों ने किया जोशीला स्वागत
गोवर्धन। एसीएनए अवध संस्था की ओर से लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में चित्रकार किंग ठाकुर महेश कुमार सिंह समेत 11 लोगों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अवध सम्मान से नवाजा। लखनऊ की एसीएनए संस्था उत्तर प्रदेश में समाज सेवा, कला संस्कृति एवं शिक्षा के लिए पुरस्कार दिए गए हैं। जिसमें पूरे उत्तर प्रदेश में से 11 लोगों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अपने-अपने क्षेत्र में निपुण होने के लिए पुरस्कार के लिए चयन किया गया। जिसमें चित्रकारी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाले ठाकुर महेश सिंह को अवध सम्मान से नवाजा गया है। संस्था की तरफ से सहायता के रूप में एक लाख रुपये की धनराशि भी प्रदान की गई है। वही चित्रकार किंग ने इस सम्मान को प्रत्येक व्यक्तियों का सम्मान बताते बताया और संस्था द्वारा मिली धनराशि को समाजसेवी चित्रकार ठाकुर महेश सिंह ने अनाथ व बेसहारा बच्चों की संस्था को दान स्वरूप दे दिया। वहीं शनिवार को अपने गांव बसोंती लौटे तो ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ फूल माला वर्षा कर साफा, पटका पहनाकर जोशीला स्वागत किया।
के.डी. हास्पिटल में महिला के यकृत से निकालीं दो बड़ी गांठें
मथुरा। के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक डॉ. श्याम बिहारी शर्मा और उनकी टीम ने ग्राम माचर, तहसील खुरजा जिला बुलंदशहर निवासी बबली (35) के यकृत (लीवर) से सर्जरी द्वारा दो बड़ी-बड़ी गांठें निकालकर उसे नया जीवन प्रदान किया है। अब बबली पूरी तरह स्वस्थ है और उसे पेट दर्द से भी निजात मिल गई है।
ज्ञातव्य है कि ग्राम माचर, तहसील खुरजा जिला बुलंदशहर निवासी बबली पत्नी प्रह्लाद लम्बे समय से पेट दर्द और उल्टियां होने से परेशान थी। उसे कई हास्पिटलों में दिखाया गया लेकिन परेशानी यथावत बनी रही। आखिरकार 21 जनवरी को उसे के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लाया गया। डॉ. जितेन्द्र द्वारा मरीज का परीक्षण करने के बाद पता चला कि उसके यकृत (लीवर) में गांठ है। बबली का अल्ट्रासाउण्ड और सी.टी. स्कैन कराने के इस बात की पुष्टि हुई कि उसके लीवर में एक नहीं दो बड़ी-बड़ी गांठें हैं, जिसका आपरेशन ही एकमात्र इलाज है।
आपरेशन पूर्व की सारी तैयारियों के बाद 24 जनवरी को विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा बबली की सर्जरी कर उसके यकृत (लीवर) से दो गांठें निकाली गईं। इस सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. विक्रम यादव, डॉ. नवीन, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. नवीन सिंह, सहायक पवन शर्मा, रवि सैनी, शिवम आदि ने किया। बबली अब पूर्ण स्वस्थ है। उसे हास्पिटल से छुट्टी दे दी गई है तथा उसे छह सप्ताह तक दवाइयां लेनी होंगी।
डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि यह बीमारी किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। पशुपालन से जुड़े लोगों तथा साग-सब्जी को धोकर न खाने वाले लोगों में यह समस्या प्रायः हो जाती है। डॉ. शर्मा का कहना है कि पशुपालकों को खाना खाने से पूर्व एहतियातन अपने हाथ साबुन से जरूर धोने चाहिए तथा बच्चों को भी स्वच्छ वातावरण में ही भोजन कराना चाहिए।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन डॉ. रामकुमार अशोका ने बबली की सफल सर्जरी के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है।
संस्कृति विवि के छात्र-छात्राओं को जेनपेक्ट में मिली नौकरी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में आई विश्वविख्यात आईटी कंपनी जेनपेक्ट ने कैंपस प्लेसमेंट के दौरान विवि के 14 छात्र-छात्राओं का चयन कर नौकरी के लिए आफर लैटर जारी किए हैं। यह चयन दो सत्रों में चली चयन प्रक्रिया के बाद किए गए।
इस मौके पर जेनपेक्ट कंपनी से आईं एचआर शुभम अग्रवाल ने बताया कि जेनपेक्ट एक अंतर्राष्ट्रीय सेवा दाता कंपनी है। यह अपने देश में चुने हुए शिक्षण संस्थानों से उदीयमान बच्चों को चयनित कर अपनी कंपनी में रखती है। ये छात्र-छात्राएं वे होते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान और कौशल में खरे उतरते हैं। उन्होंने बताया कि टेक्निकल सत्र और साक्षात्कार के दौरान संस्कृति विवि के छात्र-छात्राओं ने उम्दा प्रदर्शन किया। यहां के विद्यार्थियों को दी जा रही शिक्षा और कौशल हमारी कंपनी द्वारा वांछित मानकों पर खरी उतरती है। यही वजह है कि यहां विद्यार्थियों का कंपनी चयन किया है।
कंपनी द्वारा विवि के चयनित छात्र-छात्राओं में बीबीए की छात्रा सदाशिव शुक्ला, छात्र आनंद कुमार तिवारी, दुर्गेश लोहकाना, प्रांजल वार्ष्णेय, जुगल किशोर चैधरी, बी.काम-एमबीए के छात्र निश्चय शर्मा, मयंक गोयल, आर्यन गुप्ता, छात्रा मीरा सिंह, अनुराधा, बीएससी-एमबीए के छात्र चंद्रशेखर, छात्रा ऋतु अग्रवाल, बीटेक की छात्रा पलक सचदेवा, बीएससी (प्राणी विज्ञान) के छात्र लवकेश का चयन किया गया है। विश्वविद्यालय की विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी शर्मा ने चयनित छात्र-छात्राओं को उनके चयन पर बधाई देते हुए कहा कि विवि के शिक्षकों की टीम के लगातार प्रयासों का फल है जो हमारे यहां के विद्यार्थी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मानकों पर खरे उतरते हैं। उन्होंने चयनित छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ये विद्यार्थी आगे चलकर सिर्फ विवि का ही नहीं देश का नाम भी रौशन करेंगे।
न्यायालय ने थाम लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान के कदम, अब इस तारीख का है इंतजार
मथुरा। मंडी परिसर के अंदर अतिक्रमण हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के कदम न्यायालय ने थाम लिए है। लगभग 57 ऐसे मामले है जिनमें या तो निचली अदालतों ने सशर्त स्थगनादेश दे रखा है या फिर हाईकोर्ट ने ऐसा किया है। अफसर इन मामलों में निदेशक के आदेशों का इंतजार कर रहे है। इसके लिए परिषद की बैठक का इंतजार किया जा रहा है।
मंडी समिति में प्रशासन ने 268 अतिक्रमण चिंहित किए थे। इनमें काफी हद तक अतिक्रमण हट चुके है। शुक्रवार को अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में अभियान चलाया गया। सब्जी मंडी, अनाज मंडी के चबूतरों पर लगे लकड़ी के जाल तहस-नहस कर दिए गए। इस दौरान अधिकारी उन अतिक्रमणों को हटाने से बचते रहे जिन पर न्यायालय ने दिशा-निर्देश दिए है। बताया कि 35 मामलों में निचली अदालत ने और तकरीबन 22 मामले में हाईकोर्ट ने ये आदेश दिए है। अधिकारी इन आदेशों का परीक्षण करा रहे है।
मंडी सचिव सुनील शर्मा ने बताया 11 फरवरी को लखनऊ में मीटिंग है। वहां इन मामलों को रखा जाएगा। इसके बाद जैसे भी निर्देश होंगे उसके अनुसार कार्य होगा। सरकार यूपी की 27 मंडियों को रोल माॅडल बनाने जा रही है। उसमें मथुरा मंडी भी शामिल है। इस बैठक में इस बात को लेकर भी विचार विमर्श होगा।
गुरुओं के नाम पर गुरु घंटालों की बाढ़-गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी
विजय कुमार गुप्ता
मथुरा । हिंदूवादी नेता एवं वरिष्ठ भाजपाई गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने कहा है कि आज कल गुरुओं के नाम पर गुरु घंटालों की बाढ़ आई हुई है। इन गुरु घंटालों का ऊपरी जीवन तो सात्विक दिखाई देता है किंतु निजी जीवन राक्षसी है।
श्री चतुर्वेदी ने कहा है कि मैं वृंदावन के कई कथा वाचकों को जानता हूं जो कथा वाचन के शुरु में और कथा वाचन के पश्चात् भी पैग लेते हैं। इनकी अय्याशी किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे वाचाल कथा वाचकों की कथा तक ही सीमित रहें। कथा श्रवण करें और भागवत भक्ति में लीन रहें। बस यहीं तक अपने को बनाये रखें। इनसे ज्यादा लिपटें-चिपटें नहीं।
श्री चतुर्वेदी ने वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं पत्रकार देवकी नंदन कुम्हेरिया के उस बयान का भी समर्थन किया है जिसमें उन्होंने अंग्रेजियत में लिपटे-चिपटे बाबाओं की पोल खोली है, जो जन्मदिन पर केक काटते हैं, औरतों से माई डियर कहते हैं, सुंदर लड़कियों का चुम्बन कर लेते हैं तथा उन्हें गले से लगाने से भी नहीं चूकते जबकि संत महात्माओं द्वारा महिलाओं को माँ, बहन, बेटी कहकर संबोधित करना चाहिये तथा उनका स्पर्श भी नहीं करना चाहिये। स्वामी नारायण सम्प्रदाय में तो संत महात्मा औरतों की तरफ देखते भी नहीं, उनके सत्संग में महिलायें ओट लेकर बैठती हैं। उन्होंने इसके लिये श्री कुम्हेरिया को फोन करके बधाई दी।
श्री चतुर्वेदी कहते हैं कि धनपतियों के ये बाबा प्रतिवर्ष 31 दिसम्बर व 1 जनवरी के मध्य की रात्रि में जोर शोर से नववर्ष का स्वागत करते हुए खुशी मनाते हैं। उन्होंने कहा है कि हमारा नव वर्ष तो संवत्सर है। संवत्सर पर नव वर्ष का स्वागत करते हुए खुशी मनानी चाहिये जो हमारी संस्कृति के अनुरूप है। पाश्चात्य संस्कृति में ढल जाना भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात करने जैसा है जो उचित नहीं है। हो सकता है आगे चलकर ये क्रिसमस मनाने लग जायें।
अंत में उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो किसी मठ के मठाधीश हो चाहे प्रवचनकर्ता के रूप में हों, अथवा भागवत या अन्य किसी भी कथा वाचक के रूप में हों। वे संत नहीं अभिनेता कहलाने चाहिये। क्योंकि अभिनेताओं का अपनी असल जिंदगी में कोई और रूप होता है और अभिनय की जिंदगी में कोई और रूप। ये ही लोग असली एक्टर हैं।
बाइक सवार युवक को मैक्स ने रौंदा, ग्रामीणों ने पांच घंटे जाम रखा मार्ग, पुलिस ने लिया एक्शन
मथुरा। गुरूवार की सुबह करीब 7 बजे सन्तोष पुत्र ब्रजबिहारी उर्फ वेदा निवासी बरौली चैथ डीग राजस्थान से रोजाना की तरह अपनी बाइक पर जतीपुरा दूध बेचने जा रहा था कि पूंछरी सीमा में गांठौली बाईपास पर रोड को क्राॅस करते समय डीग की ओर से आ रही मैक्सअप ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद वह काफी दूर तक घसीटता हुआ चला गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर बरौली चैथ के युवक संतोष की मौत के बाद सैकड़ों लोग बाईपास पर पहुंच गये और जगह-जगह अवरोधक डालकर जाम लगा दिया। जाम लगा रहे ग्रामीण ओवरब्रिज व तुरंत स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग कर रहे थे। गांव के लोगों ने बताया कि यहां दो साल के भीतर हादसों में आधा दर्जन लोगों की जान चली गई है। रोड पर न तो कोई संकेतक है और न ही ब्रेकर बनाये हैं। डीग पुलिस की ओर थाना प्रभारी गणपति राम ने बताया कि पांच घंटे हाइवे जाम करने पर उपद्रवी 20 नामजद व 60 से 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जबकि दुर्घटना में मैक्सपिकअप को कब्जे में ले लिया है। मृतक के पिता ब्रजबिहारी ने अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मथुरा में केडी सहित तीन शिक्षण संस्थान बनेंगे यूनिवर्सिटी, केबिनेट ने कुल 28 यूनिवर्सिटी को दी है मंजूरी, पढ़िए लिस्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए आए 28 प्रस्तावों को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें मथुरा में केडी यूनिवर्सिटी सहित कुल तीन यूनिवर्सिटी शामिल है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्वार्थनाथ सिंह ने बताया कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य के उच्च शिक्षा विभाग को जितने प्रस्ताव मिले, उन सबका परीक्षण करवाया गया। इनमें से 28 प्रस्तावों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने मंजूर करते हुए पत्र जारी कर दिए हैं। मथुरा में जिन तीन नए निजी विवि को मंजूरी मिली है उसमें केडी यूनिवर्सिटी, केएम विश्वविद्यालय, एसकेएस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी शामिल है।
ये होंगे नए निजी विश्वविद्यालय
मंजूर किए गए निजी विश्वविद्यालयों में केडी यूनिवर्सिटी मथुरा, आईआईएलएम विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, केएम (कृष्ण मोहन) विश्वविद्यालय मथुरा, राधा गोविन्द विश्वविद्यालय चन्दौसी, संभल, फ्यूचर यूनिवर्सिटी बरेली, वरुण अर्जुन यूनिवर्सिटी शाहजहांपुर, नारायण यूनिवर्सिटी कानपुर नगर, आईटीएस यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, बाबू जय शंकर गया प्रसाद यूनिवर्सिटी उन्नाव, शारदा विश्वविद्यालय आगरा, केसीसी यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, केडी यूनिवर्सिटी मथुरा, आरडिअल विश्वविद्यालय मड़िहान, मिर्जापुर, बैक्सिल नेशनल विश्वविद्यालय मुजफ्फरनगर, कैरियर यूनिवर्सिटी लखनऊ, श्रीसिद्धिविनायक यूनिवर्सिटी बरेली, विद्या विश्वविद्यालय मेरठ, एफएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद फिरोजाबाद, ऐवेन्यूज इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फिरोजाबाद, सरोज इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी लखनऊ, राममूर्ति स्मारक यूनिवर्सिटी बरेली, प्रसाद इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी लखनऊ, टीएस मिश्रा विश्वविद्यालय लखनऊ, एचआरआईटी विश्वविद्यालय गाजियाबाद, सरस्वती ग्लोबल यूनिवर्सिटी उन्नाव, युनाइटेड विश्वविद्यालय इलाहाबाद, महात्मा गांधी स्किल एण्ड ओपेन यूनिवर्सिटी उन्नाव, वेदान्ता विश्वविद्यालय मुजफ्फरनगर, एसकेएस इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी मथुरा के प्रस्ताव शामिल हैं।

बाइक सवार युवक को मैक्स ने रौंदा, ग्रामीणों ने लगा दिया जाम
ये घटना गोवर्धन के गाठोंली बाईपास की है। यहां पूंछरी के निकट गुरूवार को बाइक सवार युवक को मैक्स गाड़ी ने टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। बृहस्पतिवार को सन्तोष पुत्र वेदराम निवासी वरौली चैथ, राजस्थान से दूध लेकर आ रहा था।
इसी दौरान बाईपास को क्रास करते समय डीग की ओर से आ रही मैक्स गाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंचे लोगों ने सड़क को जाम कर दिया। लोगों का कहना था कि इससे पूर्व कई घटनाएं इस मोड़ पर हो चुकी है। लेकिन पुलिस-प्रशासन दुर्घटनाएं रोकने पर कोई उपाए नहीं करता है।