मथुरा। न्याय के लिए दर भटक रहे बुजुर्ग आरटीआई कार्यकर्ता को पुलिस ने शनिवार को हिरासत में ले लिया। सुबह से शाम तक थाने में बैठाया और फिर छोड़ने के लिए अजीबोगरीब शर्त रख दी। देर सायं तक थाने पर मौजूद नगर मजिस्ट्रेट से बुजुर्ग के परिजन उन्हें छुड़ाने की गुहार लगा रहे थे।
गऊघाट निवासी राम गोपाल बीते दो दशक से अपनी जमीन के लिए प्रशासन से जूझ रहे है। करीब दो दशक पहले तत्कालीन अधिकारियों ने उनकी जमीन की फर्जी सरकारी नीलामी कर दी। नीलामी से दो साल पहले तहसीलदार की जांच में संग्रह अमीन ने जो रिपोर्ट लगाई उसमें जमीन को भार मुक्त (नो ड्यूज) का सर्टिफिकेट दिया गया। बाबजूद इसके अधिकारियों ने भूमाफियाओं से सांठगांठ की और जमीन की नीलामी करके उस पर खरीददार को कब्जा दिला दिया गया। पीड़ित ने सरकारी दस्तावेजों के आधार पर उक्त नीलामी को फर्जी साबित कर दिया। जन सूचना अधिकार अधिनियम से कई ऐसे अहम दस्तावेज जुटाए जिन्होंने अधिकारियों की कारगुजारी से पर्दा उठा दिया। एडीएम की जांच में तत्कालीन तहसीलदार राजीव पांडेय पर दोष भी सिद्ध हो गया। लेकिन अधिकारी पीड़ित को न्याय दिलाने के स्थान पर पूरे मामले की लीपापोती करते रहे, टरकाते रहे। पीड़ित के ही एक अन्य मामले में अपर जिला अधिकारी वित्त न्यायालय के आदेशों को भी अधीनस्थ अधिकारी मानने को तैयार नहीं है। अधिकारियों की मनमानी से हताश पीड़ित ने शनिवार को सुबह एडीएम को गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को आत्मदाह करने का संकल्प लेने की चिठ्ठी दी।
बुजुर्ग के पुत्र अशोक राजपूत ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने बुजुर्ग को थाना गोविंदनगर में बैठा लिया। पहले तो मामला समझने के लिए उनसे सभी दस्तावेज ले लिए, देर सायं थाने पर नगर मजिस्ट्रेट भी पहुंच गए। न्याय दिलाने के स्थान पर उन्होंने बुजुर्ग पिताजी रामगोपाल को छोड़ने के लिए अजीबो गरीब शर्त रख दी। कहा गया कि वो मोहल्ले के दो जिम्मेदार लोगों को लेकर आए तभी छोड़ा जाएगा।
न्याय मांग रहे बुजुुर्ग को पुलिस ने हिरासत में लिया, वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे
यमुना प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय सख्त
-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने दाखिल की इंस्पेक्शन रिपोर्ट
-C P C B की इंस्पेक्शन रिपोर्ट में छावनी परिषद व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद पर उठाए सवाल
-याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद व छावनी परिषद पर जुर्माने की राशि को भड़ाने की मांग रखी
तपेश भारद्वाज बनाम उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद में आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की पीठ के न्यायाधीश अरुण मिश्रा व इंदिरा बैनर्जी ने यमुना प्रदूषण पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद की इंस्पेक्शन रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद व सरकार पर नाराजगी जाहिर की, याचिकाकर्ता तपेश भारद्वाज के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने सर्वोच्च न्यायालय में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद व छावनी परिषद पर जुर्माने की राशि को और भाड़ाने की मांग करते हुए न्यायालय को यह अवगत कराया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद की इंस्पेक्शन रिपोर्ट से यह साफ है कि छावनी परिषद मथुरा व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा एन जी टी के आदेशों का सही तरीके से अनुपालन नहीं किया गया है ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत करवाते हुए कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने अपनी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में साफ कहा है कि छावनी परिषद मथुरा, डेरी फार्म के निकट जहाँ मुनिसिपल सॉलिड वेस्ट का निस्तारण कर रहा है वहां सबसे पहले सॉलिड वेस्ट को एकत्रित करने के लिए एक अलग स्टोरेज बनाने की जरूरत है, व पूरी वेस्ट डिस्पोजल साइट को बाउंड्री वाल से कवर करने की जरूरत है, जिसका अभी तक परिषद द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि छावनी परिषद उस पूरे क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट बनाए, तथा छावनी परिषद जिस जगह कूड़े का निस्तारण कर रहा है उसकी अनुमति भी लेना अनिवार्य है ।
सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद व छावनी परिषद को सख्त हिदायत देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए मार्च के पहले सप्ताह में सुनवाई की तारीख मुकर्रर की जिसमे कार्य पूरा ना करने की सूरत में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए ।
बाइक सवार माइनर में फेंक गए नवजात, शोर मचाया तो भाग खड़े हुए
मथुरा। थाना राया क्षेत्र अंतर्गत यमुना एक्सप्रेस वे के समीप पिलखनी माइनर में एक नवजात को देख सनसनी फैल गई। मौके पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने नवजात को बाहर निकाला जब तक उसकी मौत हो चुकी थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मासूम को एक बाइक पर सवार महिला पुरुष फेंक कर चले गए। जब पानी से बाहर निकाला तो उसकी मौत हो चुकी थी। नवजात की उम्र करीब 3 महीने बताई गई है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी है। घटना को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा बनी हुई हैं।
बलदेव के मेन बाजार में व्यापारी पर जानलेवा हमला, दहशत
मथुरा। बलदेव के मेन बाजार में उस समय सनसनी फैल गई जब बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने एक युवक पर फायरिंग कर दी। हमले में युवक बाल-बाल बचा। पुलिस ने पीड़ित के भाई की तहरीर पर तीन युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बलदेव के नीला मार्केट में दुकानदार रजत पांडे अपनी दुकान पर जा रहा था। लगभग सुबह 10. 30 बजे दुकान के पास अज्ञात बाइक सवार युवकों ने उसे रोक लिया और बाइक से उतर कर उस पर फायरिंग कर दी। फायरिंग से इलाके में दहशत फैल गई इतने में ही रजत के भाई अनिल भी मौके पर पहुंच गए जहां उन्होंने अपने भाई को बचाने का प्रयास किया। इधर रजत ने बदमाशों से बचने के प्रयास में मोबाइल का चार्जर एक बदमाश के मुंह पर दे मारा। दोनों भाइयों को और बाजार की भीड़ को देखकर बदमाश तमंचा लहराते हुए वहां से फरार हो गए। फायरिंग में एक गोली रजत का गला छीलते हुए निकल गई। घटना की सूचना मिलने पर क्षेत्राधिकारी महावन विजय शंकर मिश्र भी मौके पर पहुंच गए और मामले की छानबीन में जुट गए। इधर हमले में घायल हुए रजत पांडे ने बताया कि अभी 2 दिन पहले उनके भाई के ससुर ने उन्हें जान से मरवाने की धमकी दी थी और उन्हीं के द्वारा यह हमला करवाया गया है। घायल के भाई अनिल की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।इस संबंध में एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। पीड़ित का मेडिकल कराया गया है।
नयति हाॅस्पीटल में होगा आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज
मथुरा। केंद्र सरकार की लोकप्रिय आयुषमान भारत योजना के पात्र अब नयति मेडिसिटी हाॅस्पीटल में भी अपना उपचार करा सकेंगे। शासन से दिशा निर्देश आने के बाद नोडल अािधकारी राजीव गुप्ता ने ये जानकारी दी है।
डा. गुप्ता ने बताया नयति हाॅस्पीटल अब तक केवल केंसर और दिल के रोगियों को ही इस योजना के तहत लाभ दे रहा था। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना में नयति की पूर्ण भागेदारी के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखा। इसके बाद शासन ने हाॅस्पीटल प्रशासन को सभी विशेषज्ञता के साथ भागेदारी करने के निर्देश दिए है।
एसएसपी शलभ माथुर सहित इन चार पुलिस कर्मियों को मिलेगा रजत पदक
मथुरा। गणतंत्र दिवस के मौके पर डीजीपी द्वारा वर्ष भर सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक प्रशंसा चिह्न दिए जाएंगे। इसमें मथुरा के एसएसपी शलभ माथुर सहित चार पुलिस कर्मियों को रजत पदक के लिए चयनित किया गया है।
पुलिस कर्मियों के द्वारा ड्यूटी के दौरान किए जाने वाले उत्कृष्ट व सराहनीय सेवा को लेकर शासन स्तर पर प्रोत्साहन करने के लिए डीजीपी द्वारा प्रशंसा चिह्न दिए जाते हैं। इसमें प्लेटीनम, गोल्ड व सिल्वर मेडल दिए जाते हैं। इन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर देकर सम्मानित किया जाता है। विगत दिनों डीजपी मुख्यालय द्वारा जारी की गई प्रशंसा चिह्न की सूचना में मथुरा के भी पुलिस कर्मचारी व अधिकारी शामिल हैं। इनमें डीआईजी/एसएसपी मथुरा शलभ माथुर, कोतवाली प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह, कोतवाली प्रभारी सुरीर रामपाल सिंह भाटी, थानाध्यक्ष शेरगढ़ प्रदीप कुमार व उप निरीक्षक विपिन कुमार गौतम को भी प्रशंसा चिह्न के रूप में सिल्वर मैडल के लिये चयनित किया गया है। यह चिह्न इन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिए जाएंगे।
बीएसए ने बदला परिषदीय विद्यालयों का समय
मथुरा। बीएसए चंद्रशेखर ने परिषदीय स्कूलों के संचालन का समय बदल दिया है। अब ये विद्यालय सुबह नौ बजे से तीन बजे तक संचालित किए जाएंगे।
यमुना एक्सप्रेस वे पर लुटने से बचे डीएम, तीन घंटे में यमुना एक्सप्रेस-वे पर लूट की दो वारदात
मथुरा। जनपद में पुलिस कप्तान की लाख कोशिशों के बाद भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है बेखौफ लुटेरे आए दिन घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं । बुधवार की रात करीब 11.30 बजे एक्सप्रेस-वे पर आगरा के स्पोटर्स सामान विक्रेता विक्रम गुप्ता को बदमाशों ने लूट लिया। विक्रम गुप्ता अपनी कार से नोएडा से लौट रहे थे। उनकी कार माइलस्टोन 63 के समीप पंचर हो गई थी।
सूचना पर पहुंची नौहझील पुलिस पीड़ित को थाने ले आई। एक घंटे बाद रात करीब 12.30 बजे नोएडा से लौटते जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र की गाड़ी माइल स्टोन 62.280 पर पंचर हो गई। इसमें जिलाधिकारी और उनका परिवार था।
गाड़ी में जिलाधिकारी के साथ गनर था। उसे देखकर लुटेरों की हिम्मत नहीं हुई। एक घंटे तक इंतजार करने के बाद मथुरा से सरकारी गाड़ी जिलाधिकारी और उनके परिवार को लेने के लिए पहुंची। रात डेढ़ बजे वो वहां से मथुरा को रवाना हुए।
रात करीब ढाई बजे माइल स्टोन 63 के समीप लुटेरों ने कानपुर के कपड़ा कारोबारी की गाड़ी को पंक्चर कर लूट की वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस पहुंचती, तब तक लुटेरे भाग खड़े हुए। तीनों घटनाओं में गाड़ियां नुकीली कीलों से पंचर हुई थीं।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुईं लूट की वारदात से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। मौके पर आला अफसर पहुंचे। डीआईजी/एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। जल्द ही घटनाओं का खुलासा किया जाएगा।
डीएम कर रहे आत्मदाह को विवश, पीड़ित ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार, तहसील दिवस में दर्ज कराई शिकायत
मथुरा। अपने हक के लिए करीब दो दशक से सरकारी व्यवस्था से जूझ रहे वरिष्ठ नागरिक ने उसके मामले में लगातार उदासीनता बरत रहे डीएम और जिम्मेदार अधिकरियों पर आत्मदाह के लिए विवश करने का आरोप लगाया है। इस आशय की शिकायत मुख्यमत्री पोर्टल पर, तहसील दिवस में दर्ज कराई गई है। इससे पहले पीड़ित ने गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के नीचे आत्मदाह करने का चेतावनी पत्र भी जिला प्रशासन को सौंपा है।

ये है पूरा मामला..
गऊघाट निवासी राम गोपाल बीते दो दशक से अपनी जमीन के लिए प्रशासन से जूझ रहे है। करीब दो दशक पहले तत्कालीन अधिकारियों ने उनकी जमीन की फर्जी सरकारी नीलामी कर दी। नीलामी से दो साल पहले तहसीलदार की जांच में संग्रह अमीन ने जो रिपोर्ट लगाई उसमें जमीन को भार मुक्त (नो ड्यूज) का सर्टिफिकेट दिया गया। बाबजूद इसके अधिकारियों ने भूमाफियाओं से सांठगांठ की और जमीन की नीलामी करके उस पर खरीददार को कब्जा दिला दिया गया। पीड़ित ने सरकारी दस्तावेजों के आधार पर उक्त नीलामी को फर्जी साबित कर दिया। जन सूचना अधिकार अधिनियम से कई ऐसे अहम दस्तावेज जुटाए जिन्होंने अधिकारियों की कारगुजारी से पर्दा उठा दिया। एडीएम की जांच में तत्कालीन तहसीलदार राजीव पांडेय पर दोष भी सिद्ध हो गया। लेकिन अधिकारी पीड़ित को न्याय दिलाने के स्थान पर पूरे मामले की लीपापोती करते रहे, टरकाते रहे। पीड़ित के ही एक अन्य मामले में अपर जिला अधिकारी वित्त न्यायालय के आदेशों को भी अधीनस्थ अधिकारी मानने को तैयार नहीं है।
सुरीर में दंपत्ति के आत्मदाह, राया में समाधान दिवस में जहर खाने की घटनाओं के बाद भी बेपरवाह अफसर
न्याय के लिए सुरीर थाने में दंपत्ति का आत्मदाह, राया थाने के समाधान दिवस पर पीड़ित के जहर खाने जैसी घटनाओं ने आम जनमानस के रौंगटे खड़े कर दिए। लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली अब भी जस की तस बनी हुई है। ऐसे में पीड़ित न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है। पीड़ित रामगोपाल ने बताया उन्होंने जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई लेकिन उन्होंने मामले की जांच उन्हीं अधिकारियों को सौंप दी जो पहले ही उसे गुमराह कर रहे थे।
स्वंत्रता संग्राम सेनानी स्व.लाला श्री नवल किशोर गुप्ता जी की 23 जनबरी को 101वी जयंती
मथुरा। सन 1994 से निरंतर मथुरा नगर की अधिकांश आबादी को अपनी जल सेवाएं देता हुआ यह नवल नलकूप ना सिर्फ अद्भुत है बल्कि तीव्र इच्छा शक्ति को दर्शाता है।
26 साल से लगातार समाज सेवा दे रहे इस नलकूप का निर्माण सन् 1994 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय लाला श्री नवल किशोर गुप्ता ने अपनी देह त्याग से कुछ माह पूर्व ही अपने निवास पर कराया था। इसी स्थान पर लाला जी अपना व्यवसाय भी किया करते थे, उस समय इस स्थान को बंगाली घाट क्षेत्र के नाम से जाना जाता था, अब यह क्षेत्र लाला नवल किशोर मार्ग के नाम से बोला जाता है।
यह नलकूप प्रतिदिन प्रातः 4-5 बजे से अर्द्धरात्रि तक मथुरा नगर को मीठे पानी की निःशुल्क सेवाएं देता है। लाला नवल किशोर नलकूप का मीठा पानी अनुमानित आधे मथुरा शहर को जल सेवाएं दे रहा है।
लाला नवल किशोर नलकूप गरीब मजदूरों की जीविका का साधन भी है, सैंकड़ो मजदूर यहां से घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पानी सप्लाई कर अपनी आजीविका चला रहे हैं।
सुबह से लेकर रात्रि तक रिक्शे, साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल तथा अन्य वाहनों द्वारा पानी की सप्लाई होती देखी जाती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस नलकूप के पानी स्रोत दुर्लभ हैं, जो कि यह पानी पेट संबंधी रोग दूर करता हैं। यह पानी हल्का और मीठा है तथा संकलन करके काफी समय तक रखा जा सकता है।
नगर पालिका मथुरा जो कि अब नगर निगम मथुरा-वृन्दावन है, द्वारा दी जाने वाली जल सेवायें विभिन्न कारणों से जब भी बाधित होती है तब लाला नवल किशोर नलकूप मथुरा नगर को अपनी अद्वितीय जल सेवाएं देता है। स्व. लाला जी का परिवार विद्युत आपूर्ति भंग होने पर जनरेटर से नलकूप चला कर सेवाएं सुचारू रखता है। इस नलकूप की स्थापना के बाद पानी की समस्या को लेकर शहर में होने वाले स्थानीय लोगों के रास्ता जाम कर धरना-प्रदर्शन करना लगभग समाप्त हो गया।
इस नलकूप की सेवाओं को देखते हुए पूर्व जिलाधिकारी मथुरा श्री केपी सिंह ने कहा था कि शायद लालाजी को पूर्वाभास था कि यह नलकूप मथुरा नगर की जरूरत साबित होगा। इसलिए उन्होंने यह नलकूप लगवाया। प्रारंभ मे इस नलकूप पर एक बोरिंग थी, परन्तु वर्तमान मे यह नलकूप तीन जनरेटरों सहित तीन बोरिंग द्वारा संचालित हैं। नलकूप पर एक इंच मोटे पाइप के पाँच कनेक्शन सीधे बोरिंग से वाटर सप्लाई करते है। वहीं एक पानी की टंकी राहगीरों के लिए अलग से उपलब्ध हैं तथा एक पानी की टंकी पशु पक्षियों के लिए भी बनी हुई है जिसकी प्रतिदिन सफाई होती है। शादी-समारोह तथा अन्य जरूरत के समय यहां से बड़े-बड़े टैंकरों द्वारा पानी सप्लाई होते देखा जा सकता है। इस नलकूप का इतिहास दैविक आपदा के वक्त फायर बिग्रेड की गाड़ियों के लिए मदद का भी रहा है।
23 जनवरी 1919 को जन्मे लाला नवल किशोर गुप्ता महावर वैश्य समाज से जुड़े हुए गृहस्थ संत थे। वह शांत एवं सौम्य स्वभाव के अत्यंत ईमानदार देशभक्त थे। गोविंदगंज, मथुरा में उनकी पैत्रिक आढ़त थी। आजादी से पूर्व शहर के कई स्थानों पर हुए बम कांड के मामले में उन्होंने अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध तथा देशभक्तों के पक्ष में गवाही दी थी। इस पर क्रुद्ध होकर ब्रिटिश हुकूमत ने उनकी आढ़त के सभी 14 लाइसेंस निरस्त कर उन्हें रोजगार हीन कर दिया। परंतु लालाजी ने हार नहीं मानी। वह अंग्रेज सरकार द्वारा जेल में बंद कर दिए गए देशभक्तों के परिवारों को आर्थिक सहायता पहुँचाया करते थे। अपने परिचितों व देशभक्ति रखने वाले धनाढ्य लोगों से चंदा एकत्र कर ऐसे परिवारों को रसद भी पहुंचाते थे।
लालाजी की माँ श्रीमती बुद्धो देवी गली पीरपंच स्थित अपने मकान में चरखे से सूत कात कर कपड़ा बुनती थी। उस खादी के कपड़े तथा देशभक्ति से ओतप्रोत साहित्य को लेकर लालाजी गांव-गांव जाते तथा खादी का प्रचार करते थे और देशभक्ति से ओतप्रोत साहित्य को बांटकर लोगों में देशभक्ति के लिए उत्साह भरते थे। आर्थिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने शहर के कुछ हिस्सों में मौजूद अपनी जमीन जायदादों को बेच दिया। पिता श्री पुरुषोत्तम दास का निधन उनकी छोटी सी उम्र में हो गया था जब वह मात्र 3 वर्ष के थे। माँ बुद्धो देवी तथा ताऊ श्री दामोदर दास ने उन्हें पाला। उनकी एक बड़ी बहन पार्वती देवी थी।
अत्यंत शांत स्वभाव के लालाजी ने हमेशा सत्य के रास्ते पर चलकर इमानदारी से अपना जीवन व्यतीत किया। उन्होंने अपने आत्म सम्मान व स्वाभिमान को हमेशा बनाये रखा। वह सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्तित्व के धनी थे। 7 जुलाई 1994 को उनका निधन हो गया। तत्कालीन राज्यपाल श्री मोतीलाल वोरा एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह ने लाला जी के निवास पर पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
नगर पालिका मथुरा, जिला प्रशासन एवं शासन ने देश भक्त और समाज सेवी स्व. लाला श्री नवल किशोर गुप्ता को हमेशा याद रखने हेतु लाला जी के निवास वाली सड़क का नाम लाला नवल किशोर मार्ग व पुलिस चौकी बंगाली घाट का नाम स्व. लाला श्री नवल किशोर पुलिस चौकी रखा गया।
देश और समाज को दिए गए अपने अद्वितीय योगदान के लिए स्व. लाला श्री नवल किशोर गुप्ता को मथुरा नगर के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। ऐसे सद्पुरुष को शत-शत नमन।