Saturday, October 11, 2025
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चित्र परिचयः एड-टेक कंपनी लर्निंग रूट द्वारा चयनित संस्कृति विवि के विद्यार्थी कंपनी और संस्कृति विवि के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के अधिकारियों के साथ

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संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का एड-टेक कंपनी लर्निंग रूट में हुआ चयन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के एमबीए, बीबीए और बीसीए के विद्यार्थियों को प्रसिद्ध एड-टेक कंपनी लर्निंग रूट प्रा.लि. ने अपने यहां अच्छे वेतनमान पर नौकरी के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान हुए विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है।
कंपनी से आए धीरज छाबड़ा ने बताया कि “लर्निंग रूट्स” एक भारतीय स्टार्टअप है जिसकी स्थापना 2017 में सूरज मिश्रा और करण सेमटा ने की थी। यह गुरुग्राम में स्थित है और पेशेवर छात्रों के लिए प्रबंधन, प्रौद्योगिकी, और विभिन्न अन्य विषयों में ऑनलाइन डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र कार्यक्रम प्रदान करती है। यह प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी करके कामकाजी पेशेवरों को आगे बढ़ाने में मदद करती है। लर्निंग रूट्स एक शिक्षण प्लेटफार्म है जो विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह कामकाजी पेशेवरों और छात्रों को उनके करियर में प्रगति करने में मदद करती है। इसका मिशन छात्रों और पेशेवरों को सफल होने के लिए सही शैक्षणिक समाधान प्रदान करना और उनके लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करना है।
संस्कृति ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के हेड आनंद तिवारी ने बताया कि कंपनी द्वारा विवि के बीबीए, एमबीए और बीसीए के छह विद्यार्थी बीसीए विभाग की शिवानी, जितिन बघेल, बीबीए की समृध्दि त्रिपाठी, निधि सिंह, एमबीए की गुनगुन पचौरी, शिवानी ओझा को बिजनेस डवलपमेंट एक्सिक्यूटिव के पद के लिए चुना गया है। विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विवि की सीईओ मीनाक्षी शर्मा और कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने बधाई दी है। साथ ही उनको कंपनी के साथ मन लगाकर काम करने और विवि का नाम रौशन करने की नसीहत भी दी

भावी चिकित्सकों को दी दंत चिकित्सा फोटोग्राफी पर विस्तृत जानकारीडॉ. हसन सरफराज ने छात्र-छात्राओं से साझा किए व्यावहारिक अनुभव

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मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में डिजिटल डेंटल फोटोग्राफी, इम्प्लांट्स में लोडिंग प्रोटोकॉल और डेंटल इम्प्लांट्स में जटिलताओं तथा विफलताओं पर दो दिवसीय निरंतर दंत शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित की गई। सी.डी.ई. में येनेपोया डेंटल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. हसन सरफराज ने स्नातक तथा परास्नातक छात्र-छात्राओं को बताया कि दंत चिकित्सा क्षेत्र सूक्ष्म संरचनाओं से बना है, जिन्हें रोगी शिक्षा, अभिलेखों और उपचार के दस्तावेजीकरण, व्याख्यानों का चित्रण, प्रकाशन और जटिल मामलों की वेब कनेक्टिविटी के लिए विस्तृत तरीके से रिकॉर्ड किया जाना जरूरी है।
पियरे फोचार्ड अकादमी, भारत अनुभाग के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय सी.डी.ई. में लगभग 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के पहले दिन दंत फोटोग्राफी के मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को नैदानिक मामले के प्रलेखन के सैद्धांतिक ज्ञान और विभिन्न अंतर-मौखिक और बाह्य दृश्यों को पकड़ने के लिए डीएसएलआर कैमरे के संचालन में व्यावहारिक कौशल से लैस किया गया। डॉ. हसन सरफराज ने भावी दंत चिकित्सकों को बताया कि फोटोग्राफी और दंत चिकित्सा, दांतों और गुहा के अन्य भागों में छिपे और अनदेखे दोषों को उजागर करने का सबसे बेहतर माध्यम है।
डॉ. हसन सरफराज ने बताया कि हर तस्वीर में दंत चिकित्सकों द्वारा कोरियोग्राफ की गई मुस्कान के बिना अभिव्यक्ति की गुणवत्ता का अभाव होता है और डिजिटल सिस्टम के आगमन के कारण किसी विशेष रोगी में पैथोलॉजी के साथ-साथ की जाने वाली प्रक्रिया के बारे में छोटे विवरणों को रिकॉर्ड करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि उचित निदान के लिए रोगी के डेटा में बार-बार अंतर्दृष्टि की आवश्यकता होती है और यह डिजिटल कैमरों द्वारा ही सम्भव हो पाया है।
डॉ. सरफराज ने बताया कि डिजिटल कैमरों में पारम्परिक फोटोग्राफी की तुलना में कई फायदे हैं। डिजिटल तकनीक ने डेटा संग्रह, शिक्षा और उपचार पहलुओं के प्रति दंत चिकित्सक के दृष्टिकोण को बदल दिया है। इंट्राओरल कैमरे सेकेंडों में विभिन्न कोणों से दांत या मौखिक गुहा में विभिन्न घावों की छवि कैप्चर कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि एक अच्छी डिजिटल डेंटल तस्वीर प्राप्त करने के लिए मानकीकरण बहुत महत्वपूर्ण है। निरंतर दंत शिक्षा के दूसरे दिन के सत्रों में प्रत्यारोपण लोडिंग प्रोटोकॉल को शामिल किया गया तथा दंत प्रत्यारोपण से जुड़ी सामान्य जटिलताओं और विफलताओं पर प्रकाश डाला गया।
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने बताया कि इस सीडीई का उद्देश्य भावी दंत चिकित्सकों को डिजिटल दंत फोटोग्राफी और इसके अनुप्रयोगों के साथ-साथ प्रत्यारोपण विज्ञान में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि की व्यापक समझ प्रदान करना था। कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना की। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षणिक संस्थानों के भीतर ज्ञान-साझाकरण और सहयोग की संस्कृति पल्लवित होती है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान प्रगति के बारे में जागरूक होने तथा अद्यतन रहने का मौका मिलता है। सीडीई की सफलता में डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज, डॉ. विवेक, डॉ. मनीष, डॉ. राजीव, डॉ. जुही आदि का अहम योगदान रहा। सीडीई में विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. अतुल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत तथा कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि उपस्थित रहे।
चित्र कैप्शनः मुख्य वक्ता डॉ. हसन सरफराज और प्रमाण-पत्रों के साथ सीडीई में प्रतिभाग करने वाले भावी दंत चिकित्सक।

परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय ने आर्चरी में चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया

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-शिकारपुर में आयोजित हुई पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र की प्रतियोगिता

-ऑल इंडिया ताइक्वांडो चैंपियनशिप में जीते सर्वाधिक पदक

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र द्वारा शिकारपुर में आयोजित आर्चरी प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया गया।
खेल प्रमुख रविन्द्र सिंह और आर्चरी कोच हरीशंकर ने बताया कि प्रतियोगिता के अंडर-14, अंडर 17 और अंडर-19 वर्ग में विद्यालय के छात्रों ने अंडर-17 और अंडर-19 में प्रथम स्थान प्राप्त करके टीम चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया तथा अंडर-14 वर्ग में तीसरे स्थान पर रहे। आर्चरी की प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए विद्यालय के छात्र दिव्यांश चौधरी, विजय चौधरी और यदुवंश नारायण ने अपने अपने वजन वर्ग में प्रथम स्थान और हिमांशु सरकार व अभिषेक कुमार ने अपने वजन वर्ग में तृतीय स्थान प्राप्त किया। यह पाँचो खिलाड़ी विद्या भारती द्वारा ही आयोजित अखिल भारतीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनके अतिरिक्त हर्षित चौधरी, कौशल रावत, वेदांत तिवारी, वैभव शुक्ला, अनुराग मिश्रा, आयुष्मान कौशिक, विराट चौधरी तथा तरुण माहेश्वरी ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।
यूनिक एकैडमी मथुरा द्वारा कान्हा माखन स्कूल मथुरा में आयोजित ऑल इंडिया ताइक्वांडो चैंपियनशिप में उत्साह पूर्वक भाग लेते हुए शानदार प्रदर्शन किया और मेडल टैली में उच्च स्थान प्राप्त करते हुए विद्यालय को गौरवान्वित किया।
विद्यालय के ताइक्वांडो कोच कौशल जोशी ने बताया कि प्रतियोगिता में दसवीं कक्षा के प्रमोद रावत ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया, जबकि दर्श गोयल, कुशल गोस्वामी, आनंद चैधरी और विवेक पांडे ने रजत पदक पर कब्जा जमाया। कक्षा छठी और सातवीं के पंकज पांडे, हरमन चौधरी और पंकज सिसोदिया ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। किन्तु अनुभव की कमी के कारण इन्हें ब्रोंज मेडल से संतोष करना पड़ा।
छात्रों के शानदार प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विद्यालय के अध्यक्ष पद्मनाभ गोस्वामी, प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन शर्मा एवं उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा, देवेन्द्र कुमार गौतम, ललित गौतम, अरूण दीक्षित ने सभी खिलाड़ी छात्रों को जीत की बधाई दी।

सनातन बोर्ड एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए कनाडा में एकजुट हुए अप्रवासी

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-हनुमान चालीसा का पाठ कर उठायी सनातन बोर्ड की मांग

-सनातन बोर्ड से आसान होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण की राह – देवकीनंदन महाराज

-गऊ सेवा, निर्धन बहन-बेटियों के विवाह, शिक्षा, स्वास्थ्य पर खर्च हो मंदिरों का पैसा – देवकीनंदन

वृंदावन। सनातन बोर्ड एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए भारत से बाहर रह रहे अप्रवासी भारतीय भी मांग रहे हैं। कनाडा में कथा कह रहे देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज के साथ हजारों एनआरआई भक्तों ने इसके लिए एकजुटता दिखाई । कथा के पश्चात सभी ने ‘सनातन बोर्ड’ गठन के समर्थन में हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा भव्य मंदिर निर्माण की मांग दोहराई । देश में वक्फ बोर्ड की तरह हिंदुओं के लिये ‘सनातन बोर्ड’ की पुरजोर मांग उठाने वाले देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज यूएसए यात्रा में अप्रवासी भारतीयों को एकजुट कर रहे हैं। कनाडा के ब्रहम्टन, टोरंटों में चल रही भागवत कथा के दौरान बड़ी संख्या में अप्रवासी सनातनी एकत्रित हुए। कथा के पश्चात देवकीनंदन महाराज ने श्रोताओं को सनातन बोर्ड के सम्बंध में जानकारी देकर उनका समर्थन मांगा। इस पर सभी ने हाथ उठाकर अपनी सहमति प्रदान की।
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि जब मुस्लिम लोगों के धार्मिक हितों के लिये वक्फ बोर्ड हो सकता है तो बहुसंख्यक सनातनियों के लिए सनातन बोर्ड क्यों नहीं बनाया गया है ? मंदिरों में सनातनी दान देते हैं तो उसे सनातनियों के हितों में ही खर्च क्यों नहीं किया जाता ? कहा कि सनातनी मंदिरों पर सरकारी अधिग्रहण नहीं होना चाहिये। मंदिरों का पैसा दीन दुखियों, गऊ सेवा एवं निर्धन बहन-बेटियों के विवाह, शिक्षा, स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिये।
कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण शीघ्र होना चाहिये। यदि सनातन बोर्ड बनता है तो इसकी राह आसान हो जायेगी।
इस अवसर पर दिनेश गौतम, युधिष्ठिर सिंह, सुमन कार्के, सुनील पटेल, तेज सिंह, घनश्याम, मुरारी लाल, गोविंद पटेल, अशोक गुप्ता, टेक चंद शर्मा, अल्पेश आदि एनआरआई मौजूद रहे।

“सीएसआईआर-नेट में 69वीं रैंक, जीएलए की अल्यूमना ने किया गौरवान्वित”

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मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा की बायोटेक्नोलॉजी विभाग में बीटेक बायोटेक्नोलॉजी की मेधावी अल्यूमना रिया शर्मा ने प्रतिष्ठित सीएसआईआर नेट जून 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 69 प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि जीएलए के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और मथुरा जनपद का भी नाम पूरे देश में रोशन किया है।

रिया वर्तमान में नोएडा से एमटेक कर रही हैं। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि नेट देश की सबसे कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है। पढ़ाई के साथ इसकी तैयारी करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनका लक्ष्य साफ था कि नेट क्वालीफाई कर किसी प्रतिष्ठित संस्थान से पीएचडी करें। इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया और कभी हार नहीं मानी।

उन्होंने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय में बीटेक बायोटेक की पढ़ाई के दौरान उनका अनुभव बेहद समृद्ध रहा। यहां का प्रतिस्पर्धी और सहयोगी माहौल, साथ ही संकाय सदस्यों का सतत मार्गदर्शन उनकी उपलब्धियों की नींव बना। यहां के शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक भी रहे, जिन्होंने हर कदम पर उनका उत्साह बढ़ाया और प्रेरणास्त्रोत रहे।

रिया ने विशेष रूप से विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए अवसरों का उल्लेख किया। चाहे उनकी रुचि के क्षेत्र से संबंधित इंटर्नशिप रही हो या उद्यमशीलता परियोजनाओं पर काम, हर अवसर ने उनके आत्मविश्वास को मजबूत किया और उन्हें भविष्य की नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि इन अनुभवों ने न केवल उनके ज्ञान को बढ़ाया बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी संवारा और यही अनुभव आज उनकी सफलता की बड़ी वजह बने।

अपनी इस उपलब्धि का श्रेय रिया अपने माता-पिता और विभागीय शिक्षकों को देती हैं। उनका कहना है कि माता-पिता का अटूट समर्थन और जीएलए विश्वविद्यालय के शिक्षकों का सतत मार्गदर्शन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत रहे। रिया ने भावुक होते हुए कहा कि यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में लक्ष्य हो और उसे पाने का दृढ़ निश्चय हो तो कड़ी मेहनत, एकाग्रता और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा कि रिया की सफलता हमारे विभाग और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने अपनी लगन, परिश्रम और दृढ़ संकल्प से यह साबित किया है कि जीएलए के विद्यार्थी किसी भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। उनकी यह उपलब्धि आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनेगी। विभाग के शिक्षकगण आगे पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

इंजीनियरिंग छात्र-छात्राएं लें भगवान विश्वकर्मा जी से प्रेरणाजी.एल. बजाज में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई मशीनों और यंत्रों की पूजा

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मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में बुधवार को सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन कर मनाई गई। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं से सृष्टि को नया रूप और नया आकार देने वाले भगवान विश्वकर्मा जी से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन आचार्य करपात्री द्विवेदी ने कराया।
जी.एल. बजाज में बुधवार को मनुष्यों और देवताओं में निर्विवाद रूप से सर्वश्रेष्ठ शिल्पी के रूप में प्रतिष्ठित भगवान विश्वकर्मा की जयंती वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों की ध्वनि तथा हवनकुण्ड की पवित्र अग्नि में आहुतियों के साथ मनाई गई। इस अवसर पर संस्थान के समस्त इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों तथा अन्य कर्मचारियों ने भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना कर उन जैसा अभिनव एवं मौलिक शिल्पकार बनने का संकल्प लिया। प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं ने संस्थान में स्थापित सभी मशीनों के साथ-साथ इंजीनियरिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी यंत्रों की भी पूजा की।
निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरह सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी ने इस संसार को सुन्दर रूप प्रदान किया, ठीक उसी तरह आप सभी भावी इंजीनियरों को इस देश व समाज को अपने कौशल व कुशलता से एक उत्कृष्ट रूप में ढालने का संकल्प लेना चाहिए। प्रो. अवस्थी ने कहा कि हमारे हर इंजीनियरिंग विद्यार्थी में भगवान विश्वकर्मा की उत्कृष्टता का अक्स झलकता है, जिसे उन्हें हमेशा कायम रखना है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी अपने आपमें बिल्कुल अनूठे हैं, उन्होंने अपने कौशल से पौराणिक काल में देवताओं और मानव को ऐसी नायाब आकृतियां सौंपीं, जिनकी शानदार संरचनाओं को देखकर हम आज भी चकित रह जाते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका बनाई, देवताओं के लिए स्वर्ग तथा इंद्र के लिए हड्डियों के औजार बज्र का निर्माण किया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी भगवान विश्वकर्मा जी के कृतित्व को अपने जीवन में उतार कर राष्ट्र का कल्याण कर सकते हैं।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. उदयवीर सिंह ने भी भगवान विश्वकर्मा जी के कृतित्व पर प्रकाश डाला। प्राध्यापकों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि समस्त देवी-देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा जी ने ही किया था, यही कारण है कि उन्हें सृष्टि शिल्पी कहा जाता है। भगवान विश्वकर्मा जी ही इस खूबसूरत दुनिया के अद्वितीय रचनाकार और इंजीनियर हैं। इस अवसर पर सभी ने भगवान विश्वकर्मा जी से बौद्धिक सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना की ताकि वे सब अपने-अपने कार्यक्षेत्र में अपने निर्धारित कार्यों का सही ढंग से निर्वहन करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर डॉ. वी.के. सिंह, डॉ. भोले सिंह, इंजीनियर संजीव सिंह, इंजीनियर दुष्यंत चौहान, डॉ पुष्पेन्द्र सिंह आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
चित्र कैप्शनः सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती पर हवन-पूजन करते प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं।

जीएलए में मनाई गई सृजन एवं शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा जयंती

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-वेद मंत्र उच्चारण के मध्य किया गया पूजन अर्चन

-हवन यज्ञ में दी आहुति

वृंदावन। जीएलए विश्वविद्यालय में सृजन एवं शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा जयंती विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के मध्य हवन-पूजन के साथ संपन्न हुआ।
कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि भगवान विश्वकर्मा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं और उन्हें सृष्टि का प्रथम वास्तुकार माना जाता है। उनकी गणना पंचदेवों में की जाती है और वे दिव्य निर्माणों के अधिपति हैं।
चीफ फाइनेंस ऑफिसर डॉ. विवेक अग्रवाल ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को कई चमत्कारी और दिव्य निर्माणों के लिए जाना जाता है जैसे स्वर्ग लोक, इंद्रपुरी अमरावती, पुष्पक विमान, द्वारका नगरी, इंद्र का वज्र, शिवजी का त्रिशूल, विष्णु का सुदर्शन चक्र और कुबेर का पुष्पक रथ भी इनके निर्माण माने जाते हैं।
इससे पूर्व वेद मंत्र उच्चारण के मध्य भगवान विश्वकर्मा का पूजन अर्चन किया गया तथा हवन यज्ञ में आहुति दी गई।
इस अवसर पर कुलसचिव अशोक कुमार सिंह सहित जीएलए परिवार के सभी सदस्य श्रद्धा और उत्साहपूर्वक शामिल रहे।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने बनारस में किया धमाकेदार फैशन शो

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चित्र परिचयः बनारस के ताज गंगे होटल में दुल्हन के नई डिजाइनिंग वाले परिधानों को रैंप पर प्रस्तुत करते संस्कृति विवि के छात्र छात्राएँ।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फैशन डिजाइनिंग के विद्यार्थियों ने बनारस के होटल ताज गंगे में हुए लेक्सो शो में अपने शानदार ‘ब्राइडल वीयर’ परिधानों की एक लंबी श्रंखला प्रस्तुत कर फैशन शो में धूम मचा दी।
रंग बिरंगी लाइटों और मधुर संगीत के सुरों पर संस्कृति स्कूल ऑफ फैशन डिजाइनिंग के विद्यार्थियों ने नई सोच और नए कलेवर में दुल्हन के परिधान पहन कर रैंप वॉक कर रहे थे तो सारा वातावरण उनके आत्मविश्वास की झलक पाकर तालियों से गूंज उठा। दर्शकों के लिए यह शो थिरकन भरा था तो व्यवसायियों के लिए व्यापार की नई संभावनाएं देने वाला बना। भारतीय परंपरा और आधुनिकता के सम्मिलन का यह सुंदर प्रयोग था। दुल्हन की पोशाक के रूप में भारतीय साड़ी और लहंगा-चोली में कुशल और अनुभवी मॉडल्स की भांति संस्कृति विश्विद्यालय के छात्र और छात्राएं एक से बढ़कर एक डिजाइनिंग वाले वस्त्रों का प्रदर्शन कर रहे थे और हर प्रदर्शन पर दर्शक तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ा रहे थे।
दर्शकों की निगाह में यह फैशन शो लाजवाब था इसलिए देर तक चर्चाओं का केंद्र भी बना। संस्कृति स्कूल ऑफ फैशन डिजाइनिंग की शिक्षिका शिल्पा ने बताया कि इस फैशन शो को मूर्त रूप देने वाले हमारे सभी विद्यार्थी द्वितीय वर्ष के 25 छात्र, छात्राएं हैं शामिल थे। लगभग 21 नई डिजाइनिंग के परिधान बच्चों ने प्रस्तुत किए। विद्यार्थियों ने इस फैशन शो को अंजाम देने के लिए कड़ी तैयारी की थी और अब जबरदस्त सफलता पर सभी बहुत खुश हैं।
फैशन शो की सफलता पर विवि के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता, सीईओ डॉ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी ने विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी हैं।

क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय ने जीते 4 स्वर्ण पदक

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-अंडर 17 और अंडर 19 में चैंपियनशिप पर जमाया कब्जा

-6 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मैडल भी जीते

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल वृंदावन के छात्रों ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र द्वारा जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर बरेली में आयोजित क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में उत्साह पूर्वक भाग लेते हुए विद्या भारती की प्रतियोगिताओं में अपने शानदार रिकार्ड को बरकरार रखा। टीम ने 4 स्वर्ण, 6 रजत और 8 कांस्य पदक जीत कर जबरदस्त प्रदर्शन किया ।
वहीं अंडर-17 और अंडर-19 की टीम ने चैंपियनशिप पर अधिकार जमाया।
विद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी और कुश्ती कोच रविंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में तरुण सिंह रावत, विवेक चैधरी, रोहित कुमार तथा अभिषेक शर्मा ने भिन्न-भिन्न भार वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इनके अतिरिक्त अमन सारस्वत अंकित शर्मा, यश कुमार, सिद्धार्थ यादव, नवनीत और अजय ने कुश्ती के उच्च भार वर्गों में द्वितीय स्थान प्राप्त करते हुए रजत पदक पर कब्जा जमाया तथा रोहित चौधरी, मोहित कुमार, अभय चौधरी, ललित किशोर, दीपांशु शर्मा, वरुण और अनंत ने अपने-अपने वर्ग में कांस्य पदक प्राप्त किया।
स्वर्ण पदक विजेता छात्र विद्याभारती की अखिल भारतीय कुश्ती प्रतियोगिता में पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। छात्रों के शानदार प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विद्यालय के अध्यक्ष पद्मनाभ गोस्वामी, प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन शर्मा एवं उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा, देवेन्द्र कुमार गौतम, ललित गौतम, अरूण दीक्षित ने सभी खिलाड़ी छात्रों को जीत की बधाई दी और भविष्य में और शानदार उपलब्धियां पाने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहने का आशीर्वाद दिया।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के होनहार स्केटरों ने बिखेरा जलवालक्ष्य और वंशिका ने गाजियाबाद में जीते तीन स्वर्ण पदकतीसरी ओपन जिला रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में जमाई धाक

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मथुरा। साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ ऑल स्पोर्ट्स से मान्यता प्राप्त रूलर गेम्स आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया द्वारा गाजियाबाद के डीपीएसजी इंटरनेशनल स्कूल डासना में आयोजित तीसरी ओपन जिला रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के होनहार स्केटरों लक्ष्य और वंशिका ने तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपनी धाक जमाई। प्रतियोगिता में लक्ष्य शर्मा ने गजब का कौशल दिखाते हुए जहां दो स्वर्ण पदक जीते वहीं वंशिका खंडेलवाल ने भी स्वर्णिम सफलता हासिल कर विद्यालय और मथुरा जनपद का गौरव बढ़ाया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या प्रिया मदान ने बताया कि हाल ही में गाजियाबाद में हुई तीसरी ओपन जिला रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में लक्ष्य और वंशिका ने अपनी प्रतिभा और कौशल से तीन स्वर्ण पदक जीतकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया। आयोजकों ने दोनों विजेता विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।
प्राचार्या प्रिया मदान ने दोनों होनहारों की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि खेल हो या शिक्षा जो मेहनत करेगा उसे सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह दोनों बच्चे खेल ही नहीं पढ़ाई-लिखाई में भी अव्वल है। वह बताती हैं कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में इंडोर तथा आउटडोर खेलों की व्यवस्था है, यही वजह है कि यहां के छात्र-छात्राएं खेलों में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने लक्ष्य और वंशिका की प्रशंसा करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र जीवन में शिक्षा के साथ ही खेलों का भी बहुत महत्व है। खेलों से सिर्फ तन ही नहीं बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि उन्हें प्रतिदिन कुछ समय खेलों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज खेलों में भी शानदार करियर बनाया जा सकता है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने होनहार बच्चों लक्ष्य और वंशिका की शानदार सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि आज के समय में खेल के क्षेत्र में भी अपार सम्भावनाएं हैं। खेलों से हम अपना स्वास्थ्य ही नहीं करियर भी संवार सकते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि खेल हमें अनुशासन के साथ ही सामाजिक सद्भाव भी सिखाते हैं। यही वजह है कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षा के साथ ही खेल गतिविधियों पर भी खूब ध्यान दिया जाता है। यह खुशी की बात है कि यहां के छात्र-छात्राएं खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्केटिंग बहुत धैर्य और संतुलन का खेल है। यह खुशी की बात है कि लक्ष्य और वंशिका ने एक साथ तीन गोल्ड मेडल जीतकर विद्यालय ही नहीं समूचे मथुरा जनपद का गौरव बढ़ाया है।
चित्र कैप्शनः गाजियाबाद में हुई तीसरी ओपन जिला रोलर स्केटिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले होनहार लक्ष्य और वंशिका।