Saturday, October 18, 2025
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राजीवोत्सव में नन्हे-मुन्नों ने बिखेरे लोक संस्कृति के रंग

  • नयनाभिराम रंगारंग प्रस्तुतियों से बांधा समां
  • एडीजे सहित विशिष्टजनों ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहा
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम शिक्षा का अभिन्न हिस्साः एजीजे नितिन पांडेय

मथुरा। शनिवार की शाम राजीवोत्सव-2024 के नाम रही। के.डी. डेंटल कॉलेज के खचाखच भरे आडिटोरियम में लगभग पांच घण्टे राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रप्रेम, राष्ट्र विकास तथा दशरथ माझी, अरुणिमा सिन्हा जैसी शख्सियतों के संघर्षमयी व्यक्तित्व पर जहां शिक्षाप्रद कार्यक्रम पेश किए वहीं मेरो वृन्दावन की मनमोहक प्रस्तुति से विशिष्टजनों तथा अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजीवोत्सव का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आईपीएस गोल्डी गुप्ता, एडीजे नितिन पांडेय, एडीजे पूनम पाठक, आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, मोहिनी अग्रवाल, महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल द्वारा विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने श्रीगणेश वंदना प्रस्तुत की।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के राजीवोत्सव-2024 में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपने नृत्य एवं संगीत के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन कराए वहीं छोटा भीम, मस्ती की पाठशाला, फ्रेंडशिप, पैरेंट्स लव, सीजन्स तथा अलग-अलग राज्यों की नृत्य प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। सीनियर छात्र-छात्राओं ने अरुणिमा सिन्हा, द माउंटेनमैन दशरथ मांझी के मजबूत व्यक्तित्व के साथ ही साइबर क्राइम, सेव ओशियन जैसे कार्यक्रमों से सामाजिक संदेश दिया तो परमाणु पोखरण कार्यक्रम से सभी में देशभक्ति की अलख जगाई। राजीवोत्सव में सृष्टि की उत्पत्ति का आधार त्रिदेव (ब्रह्मा विष्णु महेश) की प्रस्तुति ने सभी को श्रद्धा-भक्ति का अहसास कराया।
राजीवोत्सव-2024 में छात्र-छात्राओं के सृजनात्मक कौशल और प्रस्तुतियों से के.डी. डेंटल कॉलेज का आडिटोरियम लगभग पांच घण्टे तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। छात्र-छात्राओं ने अपने मनमोहक तथा ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के जरिए यह बताने की कोशिश की कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल शिक्षा के साथ ही सामाजिक और राष्ट्रीय विचारधाराओं से भी गहरा ताल्लुक रखता है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल की उपलब्धियों का वार्षिक प्रतिवेदन विद्यालय की शैक्षिक संयोजक प्रिया मदान ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर एडीजे नितिन पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि वह पिछले तीन साल से राजीव इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिकोत्सव में आ रहे हैं, छात्र-छात्राओं ने हर बार अपनी शानदार प्रस्तुतियों में कुछ नया और अच्छा पेश किया है। इस बार बच्चों के हर कार्यक्रम में हम सबके लिए कुछ सीख है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। पढ़ाई के साथ कुछ समय कल्चरल गतिविधियों को देना जरूरी है। राजीवोत्सव के शानदार आयोजन के लिए उन्होंने गुरुजनों के प्रयासों, छात्र-छात्राओं को बेहतरीन प्रस्तुतियों तथा स्कूल प्रबंधन की इच्छाशक्ति की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। एजीजे ने कहा कि आरआईएस में किताबी ज्ञान के साथ बच्चों को करियर से जुड़े पहलुओं से अवगत कराया जाना समयानुकूल है। इस अवसर पर देश-विदेश में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे आरआईएस के पूर्व छात्रों ने विद्यालय से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए अपनी सफलता के लिए विद्यालय का आभार माना। एजीजे नितिन पांडेय ने आईएएस पद पर चयनित विद्यालय की पूर्व छात्रा अनुकृति तोमर को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
राजीव इंटनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अतिथियों का पौध और स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया। श्री अग्रवाल ने अतिथियों तथा अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता तथा महत्ता को प्रमुखता देते हुए बच्चों को संस्कारित करना है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश के बाद से ही बच्चे की रुचि पर ध्यान देते हुए उसमें अच्छे संस्कार डालने की कोशिश की जाती है।
राजीवोत्सव में एडीएम मथुरा योगानंद पांडेय, एसपी ट्रैफिक मनोज कुमार यादव, कमानडेंट होमगार्ड मथुरा डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मथुरा के युवा प्रचारक अरुणजी, एसपी मथुरा अरविंद कुमार, के.डी. डेंटल कॉलेज के डीन और प्राचार्य मनेष लाहौरी, जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन करने वाले छात्र-छात्राओं की सभी ने सराहना की। राजीवोत्सव का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्यनरत कक्षा 9 से 12 के 53 विद्यार्थियों को उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शैक्षिक व अन्य महत्वपूर्ण स्थान का एक्सपोजर विजिट कराया गया

समग्र शिक्षा माध्यमिक की राष्ट्रीय आविष्कार अभियान योजना के अंतर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्यनरत कक्षा 9 से कक्षा 12 के 53 विद्यार्थियों को दिनांक 24.12. 2024 से दिनांक 27.12.2024 तक उत्तराखंड राज्य के प्रमुख शैक्षिक व अन्य महत्वपूर्ण स्थान का एक्सपोजर विजिट कराया गया। एक्सपोजर विजिट का उद्देश्य विद्यार्थियों को शैक्षिक ज्ञान के साथ-साथ दूसरे राज्यों की विविधताओं, संस्कृति, इतिहास, भाषा व उपलब्धियां आदि से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी प्राप्त कराना,विद्यार्थियों द्वारा खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों को कक्षाओं से जोड़कर परिभाषित करना तथा विद्यार्थियों के पुस्तकीय ज्ञान के अतिरिक्त अन्य व्यावहारिक ज्ञान में वृद्धि करना है। जिला विद्यालय निरीक्षक मथुरा श्री रविंद्र सिंह द्वारा श्री भवानी शंकर जांगिड़ सहायक अध्यापक राजकीय हाईस्कूल दघेटा को नोडल प्रभारी ,श्रीमती आस्था गुप्ता व सुश्री दीप्ति को सहायक नोडल प्रभारी नामित किया गया , श्री देवेश यादव , श्री अंकुर , श्रीमती लता पाण्डेय की देखरेख में विद्यार्थियों द्वारा दिनांक 25.12.2024 को पतंजलि योगपीठ, पतंजलि वेलनेस , पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट का भ्रमण किया गया, पतंजलि योगपीठ भ्रमण के दौरान स्वामी रामदेव द्वारा छात्रों को संबोधित किया गया, उनके द्वारा बताया गया कि मथुरा के छात्र भगवान कृष्ण की नगरी से आए हैं भगवान कृष्ण को योगेश्वर भी कहा जाता है अर्थात विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ योग को भी अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए। स्वास्थ्य मन के लिए स्वस्थ शरीर का होना सबसे महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पूरे मनोंयोग के साथ करनी चाहिए व जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए जिससे कि उस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पूर्ण समर्पण के साथ प्रयास किया जा सके। छात्रों द्वारा पतंजलि संस्थान के कार्यकलाप, रिसर्च आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।

दिनांक 26.12.2024 को छात्रों द्वारा फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट F.R.I. देहरादून का भ्रमण किया गया । F.R.I. भ्रमण के समय छात्रों द्वारा म्यूजियम व संस्थान के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में वानिकी व इस क्षेत्र में होने वाले रिसर्च के बारे में जिज्ञासा की गई संस्थान के विशेषज्ञ द्वारा सभी छात्रों को संस्थान के बारे में तथा वहां होने वाली ट्रेनिंग व अन्य रिसर्च के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई। फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में छात्रों को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले वनों, वर्षवनों,पेड़ व पौधों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया।

दिनांक 27 12 2024 को छात्र-छात्राओं द्वारा एक्सपोजर विजिट में भारत के महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थान आई.आई. टी. रुड़की का भ्रमण किया गया आईआईटी रुड़की में छात्रों द्वारा मुख्य भवन,लाइब्रेरी, लेक्चर रूम, प्रयोगशाला आदि को देखा गया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को आई आई टी में प्रवेश हेतु होने वाली परीक्षा व संस्थान में चलने वाले सभी कोर्सेज के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। छात्रों को वैज्ञानिकों व विश्व के महत्वपूर्ण रिसर्च पेपर्स को दिखाया गया । आईआईटी रुड़की में छात्रों द्वारा विशेषज्ञों से संस्थान में होने वाले रिसर्च के बारे में भी जानकारी प्राप्त की गई। इस दौरान छात्रों द्वारा हरकी पैड़ी, व ऋषिकेश में गंगा घाट भी देखे।
एक्सपोजर विजिट से वापस आने पर छात्रों द्वारा अपने अनुभव विद्यालय के अन्य छात्रों के साथ साझा किए जाएंगे जिससे अन्य छात्र भी भ्रमण किए गए संस्थाओं के क्रियाकलापों से अवगत हो सकेंगे।

वीपीएस के छात्र ने सी ए परीक्षा में किया जनपद को गौरवान्वित

  • छात्र अंकित अग्रवाल ने हासिल किया जनपद में दूसरा स्थान

वृंदावन। शैक्षिक क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयों को छूने वाले विद्यालय वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्र ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर न केवल विद्यालय को बल्कि समस्त जनपद को गौरवान्वित किया है।
वी पी एस के मेधावी छात्र अंकित अग्रवाल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त सफलता का जो परचम लहराया उसकी आभा से समस्त जनपद प्रकाशमान हो रहा है।
गौरतलब है कि अंकित अग्रवाल वृंदावन पब्लिक स्कूल के पूर्व छात्र रह चुके हैं और उन्होंने दसवीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में भी सर्वोच्च अंक व सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर वृन्दावन को गौरवान्वित किया था।
द इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंसी ऑफ़ इंडिया ने फाइनल का परिणाम घोषित किया, जिसमें मथुरा चार्टर्ड अकाउंटेंसी संगठन के सचिव रवि अग्रवाल जी ने बताया कि मथुरा के छात्रों में अंकित अग्रवाल ने जिला स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त कर वृंदावन का नाम रोशन किया है। विद्यालय के निदेशक शिक्षाविद डॉ. ओमजी ने छात्र की सफलता व विशेष उपलब्धि के लिए बधाइयां दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कहा कि वी पी एस के छात्रों को उनकी सफलता से मार्गदर्शन व प्रेरणा मिलेगी। छात्र अंकित अग्रवाल की इस उपलब्धि पर समस्त वी पी एस परिवार गौरवान्वित है।

किसानों की मांग पर गलत आख्या लगाकर अधिशासी अभियंता की पीठ थपथपा रहे सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारी

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बलदेव/मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण के बडे़ भाई बलदाऊ जिन्हें ब्रज के राजा कृषक भज बलराम भी कहा जाता है। जिनका तीर्थ स्थल बलदेव है। यहां के किसान ब्रज के राजा का नाम लेकर खेतों की बुवाई करते हैं, जिससे हर कार्य सुगम हो। यहां के किसानों के लिए अब सिंचाई विभाग के अधिकारी उनकी मांग को इस प्रकार ठुकरा रहे हैं जैसे कोई बहुत बड़ी मांग रख दी हो और वह संभव न हो।

बलदेव स्थित खडैरा मौजा के 70 से 80 किसानों की मांग यह है कि बलदेव रजवाहा के किनारे उनके करीब 150 बीघा खेती को सुगमता से करने के लिए कोई बेहतर रास्ता नहीं है, जिससे किसान अपने खेतों पर फसल की रखवाली करने के लिए किसी सुगम रास्ते से जा सकें। इसके लिए ही बीते माह से किसानों ने निचली मांट ब्रांच गंग नहर के अधिशासी अभियंता से एक स्थाई तथा अस्थाई पुल की मांग की थी, लेकिन अधिशासी अभियंता ने न तो कोई निरीक्षण किया और न ही किसानों से कोई वार्तालाप करना उचित समझा।

किसानों मांग पर पुल दूरी का हवाला देकर आख्या प्रेषित कर दी। सबसे बड़ी बात यह रही कि जो आख्या दूरी का हवाला देकर अधिशासी अभियंता ने प्रेषित वह बिल्कुल मायने नहीं रखती। क्योंकि जिन पुल की दूरी का हवाला दिया वहां एक दो पुलों के पास ही मात्र करीब 300 मी0 की दूरी पर ही एक पुल नरहौली जुन्नारदार के सामने बना हुआ है, जो कि एक कॉलौनी को जोड़ता है। इस पर अधिशासी अभियंता और उच्चाधिकारी बिल्कुल मौन हैं। किसानों की समस्या पर दूरी का हवाला देकर उच्चाधिकारियों ने भी आख्या को स्वीकार कर किसानों की मांग ठुकरा दिया यानि चलता कर दिया।

रात भर डर के साये में पहुंचते हैं किसान

खेतों में रबी की फसल है। आवारा पशुओं का आतंक है। नील गायों का झुंड रातभर तो है कि दिन में भी खेतों की फसल को बर्बाद करने में जुटा है। किसानों के लिए बेहतर रास्ता तक नहीं है। किसान ब्रजेश बौहरे कहते हैं कि स्थाई ही न हो लेकिन एक अस्थाई पुल बन जाय जिससे किसान समय से खेतों पर सुरक्षित पहुंच सकेंगे। इसके लिए किसानों ने खंभे भी लाकर रख दिए हैं, लेकिन अधिकारी किसानों की मांग ठुकराने में जुटे हुए हैं।

एक बार सिर पर बोझ पर रखकर चलकर देखें अधिकारी

जिस रजवाहा की पटरी को साफ कराने की आख्या लगाकर किसानों की मांग को सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ठुकराया है। उस पर किसान नटवर लाल पांडेय कहते हैं कि एक बार इतनी दूर खेतों से पुल तक जिस प्रकार पटरी साफ कराई उससे होकर कोई अधिकारी सिर पर बोझ रखकर निकल जाय तो हम किसान पुल की मांग छोड़ देंगे। हाल बेहाल है पटरी का। जगह-जगह उबड़ खाबड़ पड़ी हुई है। बावजूद इसके मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता ने अधिशासी अभियंता की आख्या को आगे बढ़ाकर शिकायत को निस्तारित करने को प्रेषित कर दिया। यह किसानों के लिए दुखभरा है।

राजीव एकेडमी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर हुई पांच दिवसीय वर्कशॉप

  • छात्र-छात्राओं ने ट्रेनर रमन तिवारी से हासिल की ए.आई. की तकनीकी जानकारी

मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से उभरता क्षेत्र है। इसके प्रयोग जहां रोजमर्रा के जीवन में सुधार ला रहे हैं वहीं युवा पीढ़ी के लिए बेहतरीन करियर की सम्भावनाएं भी बन रही हैं। ए.आई़. की मदद से पूरी शिक्षा प्रणाली और शिक्षण तकनीक को फिर से डिजाइन करना तथा सुधारना सम्भव है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमसीए विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय वर्कशॉप में डुकैट सर्टिफिकेट ट्रेनर रमन तिवारी ने एमसीए प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को बताईं।
पांच दिवसीय वर्कशॉप में ट्रेनर रमन तिवारी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जीवन में अहम बताया। उन्होंने कहा कि आई.टी. के छात्र-छात्राओं के लिए ए.आई. बहुत महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित करने के लिए किया जाता है। ए.आई़. तकनीक का इस्तेमाल शॉपिंग सेंटर या ऑनलाइन सर्च इंजन पर सुझाव देने वाले रोबोट के लिए भी किया जाता है। ए.आई. के नवाचारों से कई उद्योगों को बहुत लाभ हुए हैं। क्योंकि इसके तकनीकी प्रयोगों से पूर्वानुमान अधिक सटीक मिलते हैं।
श्री तिवारी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि मौजूदा समय में लगभग 72 फीसदी संगठन ए.आई. का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेशेवर सेवाओं और विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। परिवहन, संचार उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों पर ए.आई. का बहुत प्रभाव है। साथ ही इसका प्रयोग बेहतर ग्राहक अनुभव, स्वचालन, बेहतर निर्णय, अनुसंधान और डेटा जनरेटिव ए.आई., जटिल समस्याओं का समाधान, दोहराए जाने वाले कार्यों का प्रबन्धन त्रुटियों को कम करने, बेहतर व्यावसायिक दक्षता, जॉब मार्केट, अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, ऑटोमोटिव व्यापारिक सूचना, यात्रा और परिवहन, उत्पादन, कृषि क्षेत्र, स्वास्थ, ग्राहक सेवा और कॉल सेण्टर, साइबर सुरक्षा निर्माण, वित्त, सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट, गेम, ई-कॉमर्श आदि क्षेत्रों में हो रहा है।
पाँच दिन तक चली वर्कशॉप में ट्रेनर रमन तिवारी के साथ एमसीए प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने एटीएम विदाउट यूजिंग फंक्सन, कैलकुलेटर, एटीएम यूजिंग फंक्सन, कनेक्टिंग पायथन, वेब स्क्रेपिंग, ए.आई. टूल्स, पायथन लाइब्रेरी, डाटाविजुअलाइजेशन, कैट एण्ड डॉग डिटेक्शन आदि पर गहन मंथन किया। छात्र-छात्राओं ने ट्रेनर तिवारी से ए.आई. तकनीक के प्रयोग तथा तकनीकी बारीकियों को भी समझा।
संस्था के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जिसमें स्मार्ट मशीनें इस तरह से बनाई जाती हैं कि वे इंसानों की तरह प्रतिक्रिया दें और व्यवहार करें। किसी इंटेलिजेंट सिस्टम, मशीन या रोबोट के निर्माण का उद्देश्य निर्णय करने की प्रक्रिया में सहायता पहुंचाना है जिसका संगठन के पास उपलब्ध डेटा के आधार पर पूरी तरह से विश्लेषण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी इंटेलिजेंट सिस्टम के निर्माण की पूरी प्रक्रिया उसी तरह है जैसे मनुष्य सूचनाओं को मिलाता है और उपयुक्त निर्णय प्रदान करता है। अंतर केवल इतना है कि ए.आई. के मामले में एकत्रित डेटा का विश्लेषण करके निर्णय लिया जाता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि भविष्य में राजीव एकेडमी में इस तरह की कार्यशालाओं पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा तथा अन्य तकनीकी कोर्स में भी इसका आयोजन किया जाएगा। रिसोर्स परसन का स्वागत ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट हेड डॉ. विकास जैन द्वारा पौध भेंटकर किया गया।

संस्कृति विवि में लगाया गया विज्ञान मेला और प्रदर्शनी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक तरीकों के उपयोग के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विज्ञान मेले और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मेले और प्रदर्शनी में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए जनपद के विभिन्न कालेजों के विद्यार्थियों ने मॉडल, पोस्टर और नवाचार के द्वारा अपनी सोच को मूर्तरूप दिया।
उद्घाटन सत्र के दौरान वक्ताओं ने प्रतिभागियों को गंभीर रूप से सोचने और समस्याओं से निपटने के लिए प्रोत्साहित किया। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा.डीएस तौमर ने कहा कि वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों को वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करना चाहिए। बीच के अंतर को पाटने में मदद के लिए व्यावहारिक अनुभव पाने के लिए व्यवहारिक शिक्षा पर ध्यान देना होगा। ऐसे मौकों पर प्रतिभागियों को एक साथ काम करने, विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए और परियोजनाओं पर सहयोग करना चाहिए।
प्रचारक, मथुरा विभाग अरुण ने कहा कि विज्ञान मेला एवं प्रदर्शनी एक आकर्षक मंच है जो छात्रों, शिक्षकों और विज्ञान को एक साथ लाता है। संस्कृति विवि में कैप्स के निदेशक डा. रजनीश त्यागी ने कहा कि ऐसे मेले में उत्साही लोग अपने नवीन विचारों, प्रयोगों और परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ आते हैं। यह उनको एक उच्च स्तरीय मंच प्रदान करता है। कार्यक्रम के संकाय समन्वयक डा. सुनील कुमार ने मेले और प्रदर्शनी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की एंकर सुश्री शुभ्रा पांडे और देवांशु सिंह थे। कार्यक्रम की संयोजक डा. नेहा पाठक थीं। छात्र कार्यक्रम समन्वयक कार्तिकेय पालीवाल थे।
कार्यक्रम में 20 स्कूलों के 500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। परियोजनाओं की विविधता और
विचार की गहराई ने न्यायाधीशों और आगंतुकों को समान रूप से प्रभावित किया। प्रत्येक प्रोजेक्ट का मूल्यांकन उसके आधार पर किया गया। कार्यक्रम का समापन एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ। संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता द्वारा विजेता विद्यार्थियों को पुरुस्कार वितरित किये गए। प्रत्येक में सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। नवाचार और पर्यावरणीय प्रभाव के लिए भी विशेष पुरस्कार दिए गए। विजेताओं को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार प्राप्त हुआ (प्रथम रैंक के लिए 11000 रुपये, दूसरे रैंक के लिए 5000 रुपये और 2500 रुपये)। कार्यशील माडल श्रेणी में प्रथम पुरस्कार रतन लाल फूल कटोरी (दीपांशु, कृतिका), द्वितीय पुरस्कार: श्रीजी इंटरनेशनल (हिमांशु, गीतू, रितिका सिंह, माही, मान्या), तीसरा पुरस्कार: श्रीजी इंटरनेशनल (साक्षी, रितु, दिव्या, याह्वी, काजल, खुशी) को प्रदान किया गया। गैर-कार्यशील मॉडल श्रेणी में
प्रथम पुरस्कार रतन लाल फूल कटोरी (पाखी, आध्या), दूसरा पुरस्कार पंडित देव दत्त मेमोरियल (तनु, शिवानी, तुलसी, अंशुल), तृतीय पुरस्कार सरस्वती विद्या मंदिर कोसी (यतिका, ललिता, शिवम, देवेश) को प्रदान किया गया। पोस्टर प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार श्रीजी इंटरनेशनल (मनीष पांडे), द्वितीय पुरस्कार राधा स्वामी पब्लिक स्कूल (योगिता शर्मा), तीसरा पुरस्कार: श्री त्यागी मॉडर्न पब्लिक स्कूल (अंकित) को प्रदान किया गया। निर्णायक मंडल में संस्कृति विवि के एसओई विभाग की प्रो. डा. रेनू गुप्ता, संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी के डीन डा. डीके शर्मा, डा. केके सिंह, प्रो. वेराचिल्लई, डा. गजेंद्र सिंह चौहान, डा. कुंदन कुमार चौबे शामिल थे।

छात्र व छात्राओं से गीता के कर्म और शिक्षा के सिद्धांत समझाए

  • गीता शोध संस्थान और गिव संस्था ने स्कूली बच्चों की किया श्रीमद्भगवद् गीता के प्रति प्रेरित

वृंदावन। गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी ने गीता के प्रचार-प्रसार योजना के अंर्तगत शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसमें गौरांग इंस्टीट्यूट पर वैदिक एजुकेशन (गिव) गोवर्धन का सहयोग है।
गीता शोध संस्थान वृंदावन के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना के निर्देशन में वृंदावन के कैलाश नगर में विद्यालय सत्या देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में गीता का प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गिव गीता संस्था के आचार्य वृंदावन चंद्र दास की कृपापात्र माध्वी देवी दासी माताजी द्वारा श्रीमद् भगवद गीता पर अत्यंत प्रेरक व प्रभावशाली व्याख्यान दिया गया। विद्यालय के कक्षा 9 से 12वीं तक के बालक बालिकाओं ने गीता व्याख्यान को बहुत ही ध्यान से सुना।
व्याख्याता माध्वी ने कहा कि प्रत्येक मानव को आत्मा के लिए ज्ञान (आध्यात्मिक ज्ञान) ग्रहण करना अत्यंत ही आवश्यक है जो हमें श्रीमद् भगवद गीता से प्राप्त होता है। बालक बालिकाओं के साथ-साथ विद्यालय के आचार्य/आचार्याओं की उपस्थिति सराहनीय रही। विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र दत्त शर्मा का विशेष सहयोग रहा। अकादमी के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना जी के साथ प्रशिक्षक जगदीश पथसारिया, सुनील कुमार पाठक, विद्यालय से अर्चना त्रिपाठी, माधुरी, बलवीर चौहान, यज्ञपाल, दीपक जी आदि उपस्थित रहे।
गीता शोध संस्थान वृंदावन के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने अवगत कराया कि दोनों संस्थान के विद्वान लगातार ही वृन्दावन के शैक्षणिक संस्थानों ने जाकर गीता पर आधारित ये प्रेरक प्रोग्राम प्रस्तुत करेंगे।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के आगाज-2024 में युवाओं ने जमाया रंग

  • पलक सोनी और श्रीवर्धन अग्रवाल चुने गए मिस-मिस्टर फ्रेशर्स
  • नवागंतुक मेडिकल छात्र-छात्राओं ने लिया शत-प्रतिशत सफलता का संकल्प

मथुरा। मेडिकल शिक्षा कठिन जरूर है लेकिन हम इसे अपनी लगन-मेहनत तथा अनुशासन से सहज बना सकते हैं। आपने अपने करियर के रूप में मेडिकल शिक्षा और के.डी. मेडिकल कॉलेज का चयन कर कोई गलती नहीं की। के.डी. मेडिकल कॉलेज अपने स्थापना वर्ष से ही अच्छी शिक्षा और प्रयोगात्मक चिकित्सकीय गतिविधियों के लिए प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेजों में शुमार किया जाता है, यहां से आप कुशल चिकित्सक बनकर निकलेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने आगाज-2024 में नवागंतुक मेडिकल छात्र-छात्राओं से साझा कीं। आगाज का आगाज प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल आदि ने विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया।
अपने सम्बोधन में डॉ. अशोका ने कहा कि चिकित्सक का पेशा चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद हमारा समाज सेवाभाव के लिए उसे भगवान मानता है लेकिन यह तभी सम्भव है, जब हम अच्छे और कुशल चिकित्सक के रूप में पीड़ित मानवता की सेवा करें। जीवन का हर क्षण कीमती है, इसे व्यर्थ न जानें दें। पूरी निष्ठा और ईमानदारी से स्वयं तथा अपने माता-पिता के सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन में रहकर एक साधारण विद्यार्थी भी सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है।
डॉ. अशोका ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे लगन और मेहनत से के.डी. मेडिकल कॉलेज की ऐतिहासिक परम्परा को कायम रखें। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि के.डी. मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के निजी चिकित्सा संस्थानों ही नहीं शासकीय चिकित्सा संस्थानों में भी श्रेष्ठतम में से एक है। डॉ. अशोका ने छात्र-छात्राओं को अनुशासन और चिकित्सकीय नैतिकता का संकल्प दिलाते हुए उम्मीद जताई कि वे कॉलेज की शत-प्रतिशत सफलता की परम्परा को कायम रखेंगे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज में हर बच्चे को संस्कार, शिक्षा और बेहतर करियर मिलेगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आप लोग यहां से पढ़कर डॉक्टर नहीं अच्छे डॉक्टर बनकर निकलेंगे यही उम्मीद है। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं से पूरी निष्ठा तथा लगन-मेहनत से शिक्षण-प्रशिक्षण हासिल करने का आह्वान किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन प्रत्येक विद्यार्थी को पारिवारिक माहौल देने को प्रतिबद्ध है।
आगाज-2024 की फ्रेशर पार्टी में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं ने मनमोहक नृत्य और विविध गीतों के माध्यम से इम्प्रेशन जमाया। रंग-बिरंगी वेशभूषा में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। डॉ. तेजेन्द्र सिंह, डॉ. प्रणीता सिंह, डॉ. अमनजोत, डॉ. अभिभूषण मिश्रा, डॉ. राहुल गोयल, डॉ. सोनम, डॉ. रजा, डॉ. सुधाकर, डॉ. नाजिया आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। अंत में निर्णायकों द्वारा छात्रा पलक सोनी को मिस फ्रेशर्स एवं छात्र श्रीवर्धन अग्रवाल को मिस्टर फ्रेशर्स, आस्था बोराना को मिस इवनिंग व प्रणव अग्रवाल को मिस्टर इवनिंग तथा सवानी पाटिल को मिस वेल ड्रेस्ड एवं आदित्य कुमार शर्मा को मिस्टर वेल ड्रेस्ड पुरस्कार से नवाजा गया।

एनके ग्रुप में असहायों को वितरित किए कंबल

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मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की पावन धरा ब्रज में कोई असहाय ठंड के कारण परेशान न रहे इस ध्येय के साथ ब्रजवासी मदद को खड़े हैं। एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में कंबल वितरण का आयोजन हुआ।

ठंड के मौसम में जीएलए विश्वविद्यालय के सीएफओ एनके ग्रुप के निदेशक विवेक अग्रवाल ने 100 से अधिक असहायों को कंबल वितरित किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौसम ठंड का है। ऐसे में असहायों को मदद की आस रहती है। ब्रजवासियों का कर्तव्य है कि असहायों की मदद को आगे आया जाय। कंबल से ठंड में काफी राहत मिलेगी। ये एक बड़ा पुण्य का कार्य है। गु्रप भी हमेशां असहायों की मदद को आगे खड़ा है।

इस दौरान ग्रुप के भारत विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र अग्रवाल, सौरभ कसेरा, मनीष अग्रवाल, निखिल, राहुल, राकेश, मनोज आदि उपस्थित रहे।

संस्कृति विवि में मनाया गया ‘अटलजी एवं सुशासन सप्ताह’

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में उनके जन्मदिवस के अवसर पर 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक ‘अटलजी एवं सुशासन सप्ताह’ मनाया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय में संभाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं कविता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें सभी विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
प्रतियोगिताओं से पूर्व एक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने अटलजी को याद करते हुए कहा कि वे ऐसे नेता थे जिनको सभी बहुत सम्मान देते थे और इसका कारण था उनकी सबसे आत्मीयता। वे सिद्धांतों पर चलने वाले वाले देश को समर्पित राजनेता थे। जनता के बीच प्रसिद्द अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। वे राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। उनकी यह रुचि वर्षों तक बनी रही एवं विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने अपने इस कौशल का परिचय दिया।
विवि की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। अटलजी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वे लोकसभा (लोगों का सदन) में नौ बार और राज्य सभा (राज्यों की सभा) में दो बार चुने गए जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक डा. रजनीश त्यागी ने कहा कि वाजपेयीजी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राष्ट्रवादी राजनीति में तब आये जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन जिसने ब्रिटिश उपनिवेशवाद का अंत किया, में भाग लिया। वाजपेयीजी ने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले भारती जन संघ के नाम से जाना जाता था जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अभिन्न अंग है। उन्होंने कई कवितायेँ भी लिखी जिसे समीक्षकों द्वारा सराहा गया। अब भी वह राजनीतिक मामलों से समय निकालकर संगीत सुनने और खाना बनाने जैसे अपने शौक पूरे करते हैं।
वहीं संभाषण प्रतियोगिता में स्कूल आफ फार्मेसी की छात्रा दुर्गेश कुमार बागरी ने प्रथम, खुशबू खान ने द्वितीय, निबंध प्रतियोगिता में स्कूल आफ एजूकेशन के छात्र कार्तिकेय पालीवाल ने प्रथम और छात्रा आर्ची ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। कविता प्रतियोगिता में डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्र प्रिंस राज कौशिक एवं बीसीए के छात्र विनीत पचौरी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इन सभी विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता की संयोजिका थीं असिस्टेंट प्रो. डा. नेहा पाठक।