Monday, December 15, 2025
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पहले 31 सालों तक जेल में इन दो लोगों ने काटी सजा, अब इनाम में मिला 550 करोड़ रुपए

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दुनिया में कोई नहीं जानता कि कब इसके साथ क्या होने वाला है। कब किसकी किस्मत चमक जाए और कब किस्मत खराब हो जाए कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में दो युवकों के साथ हुआ। पहले उन्हें बिना कोई अपराध किए 31 साल जेल में बिताने पड़ते थे और अब दोनों को 75.75 करोड़ यानी 550 करोड़ रुपये का इनाम दिया जा रहा है. यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?


रिपोर्टों के अनुसार, दो अश्वेत व्यक्ति, हेनरी मैकुलम और लियोन ब्राउन, 1983 में एक 11 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के लिए गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने के बाद दशकों तक सलाखों के पीछे थे। दोनों को अब नार्थ कैरोलिना की एक जूरी ने 7.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 550 करोड़ रुपये का इनाम दिया है। रिपोट्र्स के मुताबिक, हेनरी मैक्कलम और लियोन ब्राउन को 2014 में जेल से रिहा किया गया था। बताया जा रहा है कि जब इन पर आरोप लगाया गया था तब ये दोनों किशोर थे। उस समय मैकुलम 19 और ब्राउन 15 साल के थे।

दोनों ने 2015 में मामले को चुनौती दी और न्याय की गुहार लगाई। दोनों ने कहा कि पूछताछ के दौरान उनके नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया। उसके वकीलों ने दावा किया कि जब पुलिस ने उससे पूछताछ की और उसे कबूल करने के लिए मजबूर किया। दोनों बहुत डरे हुए थे, क्योंकि उनके पास बहुत कम था। इसलिए, उस समय दोनों को दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई। लेकिन, अब दोनों को इंसाफ मिल गया है ।

शुक्रवार को, आठ सदस्यीय जूरी ने फैसला सुनाया कि मैकुलम और ब्राउन को हर्जाने में 31 31 मिलियन, जेल में बिताए गए प्रत्येक वर्ष के लिए 1 1 मिलियन और दंडात्मक हर्जाने में 13 13 मिलियन प्राप्त करना चाहिए। क्योंकि, जब दबे हुए सबूतों का पर्दाफाश किया गया और जांच की गई, तो दोनों दोषी नहीं पाए गए। कोर्ट ने कहा कि उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। इसके लिए अभी कुछ नहीं किया जा सकता है। लेकिन, दोनों अपनी पूरी जिंदगी एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं। मैकुलम ने कहा कि हमें आजादी मिली। लेकिन, आज भी कई बेगुनाह लोग जेल में रह रहे हैं। अब यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

गर्लफ्रेंड के संग रोमांस के बाद थककर सो गया था शख्स, फिर आधी रात को उठाकर ले गए एलियंस

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क्या इस दिन में एलियंस का अस्तित्व है? क्या वह दूसरी दुनिया से पृथ्वी पर आते हैं? ऐसे सवाल एलियंस को लेकर लोगों के जेहन में आते रहते हंै। वहीं दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि उन्होंने कई बार एलियंस का सामना किया है। जब भी आसमान में कोई रहस्यमयी उड़न तश्तरी दिखाई देती है, तो इस बात पर बहस फिर से शुरू हो जाती है कि क्या एलियंस वास्तव में हमारे बीच मौजूद हैं। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए सटीक तथ्य मौजूद नहीं हैं, इसके बावजूद आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो एलियंस की अजीब दुनिया के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती हैं।

हाल के दिनों में, कई पूर्व अमेरिकी नौसेना अधिकारियों ने उस समय सनसनी मचा दी थी जब उन्होंने खुलासा किया था कि उन्होंने अपने काम के दौरान कई बार यूएफओ देखे थे। इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। अब अमेरिका में रहने वाले एक शख्स ने दावा किया है कि एक दिन उसे एलियंस ने उठा लिया। जब एलियंस ने उसे लौटाया तो उसकी गर्लफ्रेंड भी वहां मौजूद थी।

जिस शख्स ने ये अजीबोगरीब दावा किया है उसका नाम मैथ्यू है. मैथ्यू ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला कुछ साल पहले का है. यह सब तब हुआ जब वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ नए घर में शिफ्ट हो गए। इसी बीच एक रात विदेशी आए और रात को उसे उठाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद जब मैथ्यू को वापस धरती पर छोड़ दिया गया तो एलियंस ने उसकी गर्लफ्रेंड से भी बात की। इस तरह उसने दावा किया कि उसके पास एलियंस के साथ बिताए पल के सबूत हैं।

मैथ्यू अमेरिका एक ऐसे समूह से संबंधित है जो एलियंस को देखने का दावा करता है। इस समूह की अपनी वेबसाइट भी है। उस पर, सदस्य साझा करते हैं कि उनके साथ क्या हुआ। बता दें कि इससे पहले भी कई अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उन्होंने कई बार यूएफओ देखे हैं। कई अमेरिकी वायु सेना और नौसेना के पायलटों ने भी एलियंस को देखने की बात स्वीकार की है। कुछ अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका में अगर कोई मीडिया हाउस एलियंस के बारे में खबर छापता है तो उस पर भी हमला होता है।

यह पहली बार नहीं है जब किसी शख्स ने एलियंस की दुनिया को लेकर ऐसा अनोखा दावा किया हो। अक्सर दुनिया भर में कई लोग एलियंस के बारे में कई अद्भुत कहानियां सुनाते रहे हैं। हां, यह बात अलग है कि अभी तक कोई भी ऐसा ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है जिससे उसकी बातों को सच माना जा सके। लेकिन इन सबके बावजूद लोग इन बातों को पूरी तरह से खारिज नहीं करते हैं।

अब जोंक से होगा ब्लैक फंगस का इलाज! जानें किस तरह डॉक्टर्स करेंगे इसका इस्तेमाल?

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कोरोना वायरस संकट के बीच काला फंगस भी रोने लगा है। बहुत से लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, इसी बीच डॉक्टरों ने काले फंगस के इलाज के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। आप भी इस ट्रिक के बारे में जानकर हैरान हो सकते हैं। लेकिन यह सच है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ब्लैक फंगस के इलाज के लिए खून चूसने वाली जोंक की तलाश कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस नाम की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।
आयुर्वेदिक तरीके से इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर जोंक की तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार की राजधानी पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इन दिनों जहरीली जोंक की तलाश जारी है। जिससे वह मरीजों का इलाज कर सके। रिपोट्र्स के मुताबिक, जोंक मानव शरीर से गंदा खून चूसती है और मृत कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जब रक्त संचार रुक जाता है और त्वचा खराब हो जाती है तो जोंक मृत कोशिकाओं को सक्रिय करने में काफी मददगार होता है। इसलिए डॉक्टर इलाज के लिए जोंक की तलाश जोर-शोर से कर रहे हैं।

आपको बता दें कि लीची दो तरह की होती है। एक जहरीली जोंक वाली और दूसरी बिना जहर वाली। गैर विषैले जोंक की पहचान करना आसान है। हालांकि, जहरीले जोंक गहरे काले रंग के होते हैं। दूसरी ओर, गैर-विषैले जोंक चिकनी त्वचा के साथ और बिना बालों के हरे होते हैं। गैर विषैले जोंक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम हैं। इसलिए, डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे बिना जहर के आसानी से जोंक प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि फिलहाल सरकार ने काले फंगस के इलाज के लिए कालाजार से इंजेक्शन लगाने की अनुमति दे दी है।

बहादुरी से बदमाशों का मुकाबला करने वाले मथुरेश चतुर्वेदी का सीआईएसएफ ने किया सम्मान

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मथुरा। छत्ता बाजार में साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए बदमाशों से एक महिला श्रद्धालु की रक्षा करने वाले मथुरेश चतुर्वेदी का स्वतंत्रता दिवस पर सीआईएसएफ के अधिकारियों ने सम्मान किया। वहीं ब्रज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरुकता समिति के पदाधिकारियों ने भी उनके घर पहुंचकर उन्हें प्रशस्पिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया।


रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्ता बाजार स्थित कोयला वाली गली निवासी मथुरेश चतुर्वेदी के घर पर डिप्टी कमाडेंट अभिषेक सिंह के साथ असिस्टेंट कमांडेंट, आरआई, क्राइम इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर जवानों के साथ पहुंचे। सीआईएसएफ के अधिकारियों ने उनकी बहादुरी की सराहना करते हुए उनका सम्मान किया और कि उनके इस कदम से लोगों को एकदूसरे की सहायता के लिए आगे आने की प्रेरणा मिलेगी।

वहीं ब्रज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरुकता समिति के पदाधिकारी मथुरेश चतुर्वेदी के घर पहुंचे। उन्होंने पहले स्वस्तिवाचन के साथ उनको पुष्प माला पहनाई और उनका सम्मान किया। इसके पश्चात उन्हें प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। काबिलेगौर बात यह है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन उनका जन्मदिन भी है। समिति के पदाधिकारियों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई भी दी।

ज्ञात हो कि 27 जून को छत्ता बाजार में द्वारकाधीश मंदिर मंगला आरती करने जा रही श्रद्धालु महिला लता चतुर्वेदी पर बदमाशों ने हमला कर दिया और उनके गले से सोने की चेन लूट कर ले जा रहे थे। तभी वहां से गुजर रहे मथुरेश चतुर्वेदी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए महिला को बदमाशों से बचाने के लिए उनका सामना किया। इस पर बदमाशोें ने उनमें गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गए थे। आखिरकार पुलिस ने हमलावर बदमाशों को जेल भेज दिया है।

सम्मान करने वालों में विनोद दीक्षित, पूरन प्रकाश, अर्जुन पंडित, हेमंत अग्रवाल, राजेश अग्निहोत्री, कुलदीप शास्त्री आदि उपस्थित थे।

मसूरी में वीकेंड पर ठहर सकते हैं सिर्फ 15 हजार पर्यटक, नई गाइड लाइन जारी

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देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच मसूरी में तेजी से बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। जिला प्रशासन ने पर्यटकों को लेकर गाइड लाइन जारी की है। कोरोनाकाल में पर्यटक स्थलों पर वीकेंड में जुट रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने मसूरी के लिए पर्यटकों की संख्या तय की है। इस वीकेंड में मसूरी में सिर्फ 15 हजार पर्यटक ही ठहर सकेंगे।

पिछले पांच हफ्ते की तरह वीकेंड पर मसूरी आ रहे पर्यटकों के लिए 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट, स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग की अनिवार्यता जारी रखी गई हैं। वीकेंड पर मसूरी में दोपहिया वाहन से प्रवेश पर रोक जारी है। इसके साथ ही जिलाधिकारी द्वारा मसूरी, सहस्त्रधारा और गुच्चूपानी जैसे पर्यटक स्थलों पर नदी, तालाब व झरनों में सैलानियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने मसूरी में तमाम होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे में ठहरे पर्यटकों का रिकार्ड प्रशासन को उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं यह व्यवस्था और नियम शनिवार 14 अगस्त सुबह से सोमवार सुबह आठ बजे तक लागू रहेंगे। पर्यटक स्थलों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। साथ ही शर्तों के तहत अब वीकेंड पर दून के स्थानीय नागरिक व पास के शहरों से दोपहिया वाहनों से मसूरी घूमने जाने वाले पर्यटकों पर प्रतिबंध रहेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि मसूरी में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और होटल संचालकों सहित होम स्टे के संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वीकेंड पर 15 हजार पर्यटकों के रहने की अनुमति होगी। वीकेंड पर मसूरी आ रहे पर्यटकों के लिए 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट, देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग की अनिवार्यता रहेगी। बता दें कि मसूरी में करीब 350 होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और होम स्टे हैं। इसके साथ ही यहां एक हजार वाहनों की पार्किंग की क्षमता है।

खत्म नहीं हो रहा भ्र्रष्टाचार का कीड़ा… एसपी नीरज जादौन ने ट्रैफिक पुलिस को किया लाइन हाजिर

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सरकारी मेहकमाओं में भ्रष्टाचार को लेकर आए दिन खतर सामने आती रहती है। जिनमें अफसर कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी करते ही रहते हैं। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के पुलिस महकमे से सामने आया है। जिसमें एसपी की जंग भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी है। बागपत में अवैध वसूली करते हुए वीडियो वायरल होने पर एसपी नीरज कुमार जादौन ने पूरी ट्रैफिक पुलिस को लाइन हाजिर कर दिया है। जहां तीन पुलिसकर्मियों को दो दिन पहले लाइन हाजिर किया गया था। वहीं खबर आ रही है कि ट्रैफिक इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मियों को बृहस्पतिवार रात में लाइन हाजिर करने के आदेश जारी किए गए।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तस्वीर

बताया जा रहा है कि टैफिक पुलिस कर्मियों की एक वीडियो करीब चार दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें पुलिसकर्मी एक ट्रक के हेल्पर से वसूली करते हुए दिख रहे है। वह वीडियो वायरल होने पर मामला एसपी के पास तक पहुंचा तो दो दिन पहले ही हेड कांस्टेबल उगेश कुमार, प्रहलाद सिंह समेत तीन को लाइन हाजिर कर दिया गया।

ठीक नहीं है ट्रैफिक पुलिस की गतिविधियां

एसपी नीरज कुमार जादौन इस मामले में ट्रैफिक इंचार्ज एसआई के. प्रसाद के साथ ही हेड कांस्टेबल नाथीराम, इंद्राज, श्यामवीर को भी लाइन हाजिर कर दिया। एसपी ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस की गतिविधियां ठीक नहीं है। किसी भी जगह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी पुलिसकर्मी की शिकायत मिलती है तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

निवाड़ा चौकी पुलिस के सामने भी होती रही अवैध वसूली

यहां केवल ट्रैफिक पुलिस ही नहीं, बल्कि निवाड़ा पुलिस की गतिविधियां भी कई दिन तक ठीक नहीं रही। जिला पंचायत के नाम पर निवाड़ा चौकी के पास पशु चैक पोस्ट लगाकर वाहन चालकों से कई दिन तक अवैध वसूली होती रही। निवाड़ा चौकी के पास सबकुछ होते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब सांसद सत्यपाल के प्रतिनिधि प्रदीप ठाकुर ने डीएम के पास शिकायत की, तब पशु चैक पोस्ट को बंद किया गया।

जरूरत से ज्यादा नींबू का सेवन खराब कर सकता है आपकी सेहत, जानिए ये 5 कारण


किसी भी चीज़ की अति बुरी होती है। यह बचपन से ही लोग सुनते आ रह हैं और यह सच भी है। फिर चाहें वे कोई आदत हो या खाद्य पदार्थ। जैसे चीनी की ज्यादा मात्रा आपके लिए हानिकारक है, ठीक वैसे ही नींबू का अधिक सेवन भी आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

कोरोनावायरस ने नींबू को हमारे लिए अमृत बना दिया है। अब इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग हर दिन नींबू को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं। फिर चाहें सुबह खाली पेट नींबू पानी पीना हो या सलाद-सब्जी में नींबू का रस शामिल करना। पर क्या आप जानती हैं कि जरूरत से ज्यादा नींबू का सेवन भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है? जी हां, ये सच है। किसी भी चीज़ की तरह जरूरत से ज्यादा नींबू का सेवन आपको स्वास्थ्य जोखिम दे सकता है।

यकीनन फायदेमंद है नींबू

आजकल लोग नींबू पानी का सेवन करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यकीनन शरीर में डिहाइड्रेशन रोकने, पाचन में सहायता करने और वजन घटाने में नींबू मददगार है। परंतु हमें यह समझने की ज़रुरत है कि संतुलित मात्रा में ही हर चीज़ का सेवन सही है। इसलिए आपको जानना चाहिए कि ज्यादा नींबू आपके लिए कैसे नुकसानदायक हो सकता है।

यहां हैं जरूरत से ज्यादा नींबू का सेवन करने के 5 स्वास्थ्य जोखिम

  1. बहुत ज्यादा नींबू का सेवन आपका पेट खराब कर सकता है

    नींबू पानी अक्सर पेट के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं। मगर पानी में बहुत अधिक नींबू निचोड़ने से गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (ॅकफऊ) और एसिड रिफ्लक्स (अू्रिफीऋ’४७) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जीईआरडी और एसिड रिफ्लक्स नींबू जैसे एसिडिक खाद्य पदार्थों से शुरू होते हैं, और पाचन तंत्र में गड़बड़ी, घबराहट और उल्टी का कारण बन सकते हैं।

  2. यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है

    अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार नींबू अत्यधिक एसिडिक होते हैं, इसलिए बार-बार एक्सपोजर आपके दांतों के इनेमल को खराब कर सकता है। आपको नींबू पानी या ऐसी किसी भी चीज़ का सेवन करने के तुरंत बाद अपने दांतों को ब्रश करने से बचना चाहिए और तुरंत सादा पानी पीना चाहिए।

  1. नींबू के छिलके में कई बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं

    जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ के 2007 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 43 यात्राओं के दौरान 21 विभिन्न रेस्तरां से 76 नींबू के नमूनों का परीक्षण किया और पाया कि कई नींबू में सूक्ष्मजीव होते हैं, जिनमें कुछ रोगजनक भी शामिल हैं। ये बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए, कभी भी नींबू को छिलके सहित न इस्तेमाल करें!

  2. टॉन्सिल्स की समस्या

    अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार, बहुत अधिक नींबू पानी पीने से आपके गले में घाव हो सकते हैं। इतना ही नहीं ज्यादा खट्टी चीजों या फलों का सेवन करने से गले में दर्द और टॉन्सिल्स की समस्या आ सकती हैं। इसलिए, सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें!

  3. ज्यादा नींबू खाने से माइग्रेन हो सकता है

    यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है, मगर पिछले कुछ वर्षों में कुछ अध्ययनों ने माइग्रेन और खट्टे फलों के बीच एक संबंध की खोज की है। नींबू में टाइरामाइन अधिक होता है झ्र एक प्राकृतिक मोनोमाइन जो अक्सर सिरदर्द से जुड़ा होता है। यह अन्य फलों की तुलना में नींबू में ज्यादा होता है।

स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी बेहद दिलचस्‍प बातें, जिन्‍हें आप नहीं जानते होंगे, जानिए

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15 अगस्‍त 1947 को हमें आजादी मिली लेकिन आधी रात को इसके पीछे ज्‍योतिषियों की सलाह थी क्‍योंकि उनके अनुसार 15 अगस्‍त अमंगलकारी और अशुभ होता दिख रहा था लेकिन माउंट बेटन तारीख बदलने को तैयार नहीं हुए तो बीच का रास्‍ता निकालने हुए सुर्यास्‍त से पहले आधी रात को भारत की आजादी दी गई ।

1947 में जिस दिन भारत को आजादी मिली और इसका जश्न मनाया जा रहा था तब इस जश्‍न में महात्मा गांधी शामिल नहीं हो सके थे, क्योंकि उस समय महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।

14 अगस्त की मध्यरात्रि को जवाहर लाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ दिया था लेकिन इस भाषण को गांधी जी ने नहीं सुना था क्‍योंकि वो हर दिन की तरह जल्‍दी सो गए थे।

15 अगस्‍त तक भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीमा का बंटवारा नहीं हुआ था ।17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा में हुआ जो भारत और पाकिस्तान की सीमाओं को निर्धारित करती थी।

दिल्‍ली लालकिले पर हर 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं लेकिन लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के अनुसार 15 अगस्त, 1947 को नेहरू के बजाय 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।’

आपको जानकर ये ताज्‍जुब होगा कि जब हमारा देश 15 अगस्‍त को आजाद हुआ तो हमारे देश का कोई राष्ट्र गान नहीं था। राष्‍ट्र गान के रचयिता रवींद्रनाथ टैगोर ‘जन-गण-मन’ 1911 में ही लिख चुके थे आजादी के तीन साल बाद इसे राष्ट्रगान 1950 में बनाया गया।

भारत के साथ दक्षिण कोरिया, बहरीन और कांगो देश भी 15 अगस्त को अपने देश का स्वतंत्रता दिवस होता है। लेकिन ये देश अलग-अलग वर्ष में आजाद हुए थे। जिसमें दक्षिण कोरिया,1945, बहरीन 1971 और कांगो 1960 को आजाद हुआ था।

संकल्प वेलफेयर सोसाइटी ने स्वतंत्रता दिवस पर जिला अस्पताल में भोजन वितरण किया

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मथुरा। स्वतंत्रता दिवस पर संकल्प वेलफेयर सोसाइटी ने महर्षि दयानंद सरस्वती जिला अस्पताल में भोजन वितरण कार्यकम आयोजित किया गया। संस्था के पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।


संकल्प वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष महेश काजू ने बताया कि संस्था के द्वारा समय-समय पर जन सुविधा के लिए अनेकों कार्य किए जाते हैं और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी अलग-अलग तरह से खुशियां मनाते हैं। संस्था के पदाधिकारी मरीजों और उनके तीमारदारों को भोजन वितरित करते हुए देश के स्वाधीनता की खुशियां मना रहे हैं।

वही अस्पताल प्रशासन के द्वारा मरीजों को फल एवं बिस्कुट वितरित किए गए। इस मौके पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ मुकुंद बंसल फार्मासिस्ट एसपी गौतम के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गण मौजूद रहे।

स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से क्या बोले पीएम मोदी, किस पर साधा निशाना ? जानिए

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नई दिल्ली। आने वाले 25 वर्षों को ‘‘भारत के सृजन का अमृत काल’’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की ‘‘गतिशक्ति योजना’’, देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘‘ग्रीन हायड्रोज़न मिशन’’ और अगले 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत रेल गाड़ियां चलाने के साथ ही सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले जाने की घोषणा की।

तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ़ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो।’’

नागरिकों से समय के साथ ख़ुद को बदलने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भरोसा भी जताया कि 21वीं सदी में भारत के सपनों को पूरा होने से कोई बाधा नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास’’ से इस लक्ष्य को हासिल करना है।

प्रधानमंत्री ने लगभग डेढ़ घंटे के अपने संबोधन के दौरान पड़ोसी मुल्कों चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और विस्तारवाद और आतंकवाद की उनकी नीतियों के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया। देश के विकास में आधुनिक बुनियादी ढांचा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना शुरू की जाएगी और इसके तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।

प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय योजना औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करने वाली होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनायेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ढांचागत क्षेत्र के लिये एक समग्र रुख की जरूरत है। इस दिशा में जल्दी ही गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना शुरू की जाएगी।’’ विकास को नई गति देने का संकेत देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब हमें पूर्णता की तरफ जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें लाखों नौजवानों के लिये रोजगार के अवसर लायेगी।’’

मोदी ने भारत को हरित हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र और इसका सबसे बड़ा निर्यातक बनाने के मकसद से राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अगले 75 सप्ताह के भीतर 75 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की जो देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ लद्दाख आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रहा है।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के जिन जिलों के लिए यह माना गया था कि वह पीछे रह गए, उनकी सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को जगाया है।उन्होंने कहा, ‘‘देश में 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, वह अब पोषणयुक्त चावल देगी। उन्होंने कहा, ‘‘राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मध्यान्ह भोजन में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।’’

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि देश के छोटे किसान भारत की शान बनें और केंद्र सरकार इसे ही ध्यान में रखकर कृषि सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘छोटा किसानए बने देश की शान, यह हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में पहले जो नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं किया गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज से अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और यहां से आजादी के 100 वर्षों तक का सफर ‘‘भारत के सृजन का अमृतकाल’’ है। उन्होंने कहा कि भारत का यह संकल्प सुरक्षित और समृद्ध विश्व की खातिर प्रभावी योगदान के लिए है। उन्होंने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले देश की आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा, ‘‘आज देश उन्हें याद कर रहा है। देश इन सभी महापुरुषों का ऋणी है।’’

कोरोना महामारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई, वह भी वंदन के अधिकारी हैं। तोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने अपने मंच से तालियां बजाई और कहा कि यह भारत के खेलों और युवा पीढ़ी का सम्मान है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भी, भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है और 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही कोविड-19 के टीके लगवा चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। देश में 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही टीके लगवा चुके हैं।’’

प्रधानमंत्री ने देश में टीका निर्माण में शामिल लोगों की भी सराहना की और कहा कि भारत को कोरोना वायरस रोधी टीकों के लिए बाहरी दुनिया पर निर्भर नहीं होना पड़ा। उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने में चिकित्सकों, नर्सों और पराचिकित्सकों के योगदान की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाले डिजिटल मंच ‘कोविन ऐप’ के निर्माण को भी रेखांकित किया।

महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसने दुनिया को हैरान कर दिया है और यह चर्चा का विषय बन गया है। मोदी ने गांवों और शहरों में जीवन के अंतर को पाटने के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया। मोदी ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के अपने लक्ष्य को पूरा कर लें।’’लाल किले पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और विदेशी राजनयिकों सहित केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के प्रतिनिधियों की उपस्थित आकर्षण का केंद्र थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया है।

प्रधानमंत्री आज सबसे पहले राजघाट गए और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। यहां से प्रधानमंत्री सीधे लाल किले पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका वहां स्वागत किया।प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और इसके बाद हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पर पुष्प वर्षा की गई।