समाज सेवी संस्था हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया व सहयोगी यस फाउंडेशन द्वारा संचालित दिशा प्रोजेक्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा छटीकरा गांव में कौशल एवं व्यावसायिक जानकारी मेला का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न गांवों से महिलाओं ने भाग लिया। इस अद्भुत कार्यक्रम में 430 महिलाओं ने हिस्सा लिया है. हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया के डायरेक्टर मिस्टर कैलाश खंडेलवाल जी ने हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया और दिशा परियोजना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया
इसके बाद मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर बुद्धि मिश्रा ने बताया कि संस्था और दिशा प्रोजेक्ट हमारे क्षेत्र में बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं सशक्तिकरण की बात करें तो महिलाओं को सबसे पहले अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, ताकि वे दुनिया से लड़ने में मजबूत हो सकें। आपको यह स्वीकार करना होगा कि आप जीवन में आत्म-सम्मान बनाए रखने के लिए सशक्त हैं। महिलाओं के रूप में उठाया जाने वाला पहला महत्वपूर्ण कदम आत्मविश्वास का निर्माण करके आत्मसम्मान हासिल करना, अपनी कीमत को समझना और अपना ख्याल रखते हुए खुद का सम्मान करना है। आत्मसम्मान विकसित करने के लिए अपनी आंतरिक शक्ति को प्रभावी विचारों से सजाना होगा। दिशा परियोजना से जुड़ी महिलाओं ने मंच पर अपने अनुभव साझा किये तथा बालिकाओं द्वारा नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गयी। डांस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली लड़कियां निशा ममता और विशाखा कार्यक्रम में अतिथि लीड बैंक मैनेजर श्री रोहित टंडन जी फाइनेंस डिजिटल लिटरेसी से अमित चतुर्वेदी जिला नगरीय विकास अधिकरण डूडा से अध्यक्ष सोनिया जी एक सोच फाउंडेशन से अजय सुमन शुक्ला जी हुमना पीपल टू पीपल इंडिया से कुसुम जी प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक जी MIS ऑफिसर महिपाल जी जिला टीम लीडर दिनेश जी एंड फूलचंद जी फील्ड ऑफिसर अंजलि दामोदर रुक्मणी उर्मिला ज्योति आदि उपस्थित रहे
के.डी. हॉस्पिटल में हुई युवती के आंतों की मुश्किल सर्जरी
- डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम के प्रयासों से बची बबिता की जान
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा बाबूगढ़, वृंदावन, मथुरा निवासी बबिता (25 वर्ष) पत्नी कैलाश के लिए भगवान साबित हुए। डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम ने तीन स्टेज में संक्रमण के चलते बबिता की फटी आंतों की मुश्किल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया। अब बबिता पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसे छुट्टी दे गई है।
जानकारी के अनुसार कोई तीन माह पहले बाबूगढ़, वृंदावन, मथुरा निवासी बबिता (25 वर्ष) पत्नी कैलाश को गम्भीर अवस्था में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया, उसकी आंतें फटी हुई थीं तथा पेट में संक्रमण फैल चुका था। उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने सीटी स्कैन कराई। सीटी स्कैन से उसकी बीमारी का पता चला, इतना ही नहीं वह ढाई माह के गर्भ से भी थी। युवती की गम्भीर स्थिति को देखते हुए परिजनों को तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई।
परिजनों की स्वीकृति मिलने के बाद डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम ने सबसे पहले सर्जरी के माध्यम से बबिता के पेट की सफाई कर संक्रमण खत्म किया। आंतों की स्थिति बहुत खराब होने की वजह से उन्हें बाहर निकाला गया तथा बच्चेदानी की भी सफाई की गई। सर्जरी के माध्यम से मरीज को सबसे पहले खतरे से बाहर निकाला गया उसके तीन महीने बाद बाहर निकाली गई आंतों को यथास्थान शिफ्ट किया गया। इस सर्जरी को मेडिकल भाषा में लैपरोटॉमी कहा जाता है। सर्जरी में डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का सहयोग डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. अपूर्वा डी, डॉ. सिद्धार्थ वर्मा, डॉ. आशीष माधवन तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. जयेश ने दिया। बबिता को कुछ दिन गहन चिकित्सा इकाई में रखने के बाद, पूरी तरह से स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि यह काफी मुश्किल सर्जरी थी। मरीज को यहां लाने में भी काफी विलम्ब हुआ। जब उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। ऐसे ऑपरेशन प्रायः तीन स्टेज में ही किए जाते हैं। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सक तथा टेक्नीशियन हैं इसलिए यहां मुश्किल से मुश्किल सर्जरी आसानी से सम्भव हो पाती है। कैलाश ने पत्नी बबिता की जान बचाने के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का आभार माना। कैलाश का कहना है कि वह पूरी तरह निराश हो गए थे लेकिन डॉ. मूंदड़ा के प्रयासों से ही बबिता की जान बच पाई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम को बधाई दी।
जागरूकता ही नशे से समाज और राष्ट्र को बचा सकती हैः एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय
- शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप है नशाः पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण बिसेन
- के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई नशामुक्त भारत अभियान पर संगोष्ठी
मथुरा। नशा एक सामाजिक बीमारी है, इस बीमारी से हमें और आपको न केवल अपने आपको बचाना है बल्कि जागरूकता के माध्यम से समाज तथा राष्ट्र को भी सुरक्षित करना है। नशा शरीर के लिए जहां खतरनाक है वहीं समाज में बढ़ते अपराधों का भी मुख्य कारण है। नशा मुक्त-अपराध मुक्त समाज की स्थापना के लिए हम सभी को मिलकर कदम उठाने होंगे तभी नशामुक्त भारत अभियान की यह मुहिम सार्थक होगी। उक्त उद्गार शुक्रवार को मथुरा पुलिस तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मद्यनिषेध शिक्षात्मक प्रतियोगिता और संगोष्ठी में एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय ने एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। संगोष्ठी शुभारम्भ से पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण सिंह बिसेन का स्वागत किया।
एसएसपी श्री पांडेय ने मेडिकल छात्र-छात्राओं को नशे के खिलाफ सजग रहने की अपील की तथा कहा कि नशे की शुरुआत शौक से होती है और यही शौक एक दिन अभिशाप बन जाता है। उन्होंने कहा कि आप लोग लैम्प की तरह जलते हुए समाज को जागरूकता के माध्यम से नशे से बचा सकते हैं। श्री पांडेय ने कहा कि सरकार व पुलिस प्रशासन का प्रयास है कि नशा मुक्त अभियान से अधिक से अधिक लोग जुड़ें ताकि नशा मुक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी मिशन शक्ति तथा पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण सिंह बिसेन ने कहा कि पुलिस मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करती है मगर लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने तथा इस अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के लिए जन सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन किसी भी प्रकार से हितकारी नहीं है। नशे के कारण लोगों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि नशे से ग्रस्त व्यक्ति अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। समाज में पनप रहे अपराधों का कारण नशा ही है।
डॉ. राघवेन्द्र सिंह (साइकोलॉजिस्ट) ने छात्र-छात्राओं को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी मानसिक दबाव से निजात पाने के लिए नशे का शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल समय, शरीर तथा परिवार की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है। इस अवसर पर यूनीसेफ से जुड़े सैय्यद इमरान कादरी ने कहा कि नशा मुक्त समाज बनाने के लिए आमजन को पूरी तरह सहयोग करना चाहिए ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। नशे के खिलाफ चलाई जा रही इस मुहिम में सामाजिक संस्थाओं तथा युवाओं की अहम भागीदारी सुनिश्चित कर समाज को नशामुक्त किया जा सकता है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के उप चिकित्सा अधीक्षक तथा विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि आज के समय में नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं नशे के लिए युवा नशीली दवाओं तथा इंजेक्शन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं जोकि बहुत ही खतरनाक है। डॉ. उपदेश सिंह ने कहा कि भारत जैसे युवाओं के देश को नशामुक्त होने की जरूरत है तभी हम एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।
संगोष्ठी में डॉ. रवनीत सिंह ने पंजाब में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर विस्तार से प्रकाश डाला वहीं डॉ. एलिस, हेमंत शांडिल्य तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं के बीच नशे से जुड़ी एक क्विज प्रतियोगिता कराई गई, जिसे छात्रों की टीम ने जीता। अंत में सभी विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्राधिकारी छाता आशीष कुमार शर्मा, प्रभारी निरीक्षक छाता संजय कुमार त्यागी तथा मिशन शक्ति से जुड़े राजकमल आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गौरव सिंह ने किया।
यातायात माह के अंतर्गत वाहन चालकों को किया गया जागरूक
यातायात जागरूकता माह के अंतर्गत महुअन टोल प्लाजा फरह पर मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया ।
ट्रैफिक एव परिवहन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में टोल से गुजरने वाले ट्रक,बस,टेम्पो और छोटे कमर्शियल वाहनों के ड्राइवरों का स्वास्थ्य चैकअप कराया गया। उपस्थित मेडिकल टीम द्वारा चैकअप के उपरान्त आवश्यकतानुसार वाहन चालकों को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी। कैम्प में उपस्थित यातायात पुलिसकर्मीयो द्वारा ड्राइवरों और आमजनों को सड़क पर चलने तथा वाहन चलाते समय बरती जाने वाले यातायात नियमों की जानकारी दी गई। उन नियमों को स्वंय पालन करने, अपने परिवार के सदस्यों से पालन कराने तथा अपने पडोस के लोगो को जागरूक करने के प्रति जागरूक किया गया । इस दौरान कमर्शियल वाहनों पर रिफलेक्टर टेप भी लगाया गया।
इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक यातायात मनोज कुमार यादव, एआरटीओ प्रवर्तन मनोज प्रसाद वर्मा,मेडिकल टीम सहित एनएचएआई प्रोजेक्ट हेड अंजनी कुमार एव यातायात प्रभारी निरीक्षक शौर्य कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का क्वांटिनुआ किड्स में हुआ चयन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के बीपीटी और एमपीटी के विद्यार्थियों को बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े प्रसिद्ध केंद्र क्वांटिनुआ किड्स हास्पिटल्स ने अपने यहां अच्छे वेतनमान पर नौकरी देने के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है।
कैंपस प्लेसमेंट के लिए संस्कृति विवि में कंपनी से आए अधिकारियों ने बताया कि क्वांटिनुआ किड्स हास्पिटल्स (विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों में न्यूरोथेरेपी का केंद्र) एक अनुसंधान निर्देशित, समग्र केंद्र है, जो चिकित्सकीय पर्यवेक्षित उपचार, प्रारंभिक हस्तक्षेप कार्यक्रम और विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों के लिए सहायता प्रदान करता है। यह केंद्र अपने तरीके से अनोखा है क्योंकि यह एक ही छत के नीचे सभी वैज्ञानिक रूप से सिद्ध, व्यक्तिगत उपचार प्रदान करता है जो विशेष बच्चों के लिए आवश्यक हैं। सभी बच्चों के लिए समान दर्जा देने वाली इस कंपनी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने में कोई बाधा न आए और उन्हें सीखने और बढ़ने और एक सार्थक और संतुष्ट जीवन जीने का हर अवसर मिले। कंपनी द्वारा बच्चों को प्रेमपूर्ण, सहानुभूतिपूर्ण और घरेलू शिक्षण वातावरण प्रदान करके, उनके माता-पिता को उनकी पालन-पोषण की यात्रा में मार्गदर्शन और समर्थन के माध्यम से सशक्त बनाने का काम करती है।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल के हेड जय वर्धन नगाइच एवं साफ्टस्किल ट्रेनर जयकांत तिवारी ने बताया कि कंपनी के एचआर सेल के अधिकारियों ने संस्कृति विवि के बीपीटी और एमपीटी के पांच-पांच बच्चों का चयन किया है। चयन त्रिस्तरीय प्रक्रिया के उपरांत किया गया। संस्कृति विवि की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
बलदेव रजवाहा की सफाई कराई या आफत टराई, पानी आने के बाद डर के साये में रहेंगे किसान
- आखिर किसानों मांग की और निरीक्षण करने के लिए एक बार भी क्यों नहीं आ रहे अधिशासी अभियंता
- किसानों से बोले रहे जेई जो अधिशासी अभियंता कहेंगे वो करेंगे
बलदेव : निचली मांट ब्रांच गंग नहर से निकलने वाले बलदेव रजवाहा की बीते दिनों सफाई कराई गई है। सफाई ऐसी है कि बैक साइड पटरियां खुद बयां कर रही हैं कि वह कमजोर हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने एक बार भी निरीक्षण करने की नहीं सोची। जबकि खेतों में किसानों की रबी की फसल दिखाई देने लग गयी है।
किसानों के खेत में सरसों, आलू और रबी की फसलें दिखाई देने लग गयी हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारी अभी तक चेते नहीं हैं। बलदेव रजवाहा की बीते दिनों जिस प्रकार सफाई कराई गई है, उसमें झोल ही झोल हैं। बैक साइड की पटरियां देखने पर बयां करती हुईं देखी जा सकती हैं कि वह कितनी कमजोर हालात में हैं। पटरी सीमेंट उखड़ कर अलग हो गया है। खडैरा गांव के समीप बीते माह पटरी टूट गयी, जिससे ज्वार की फसल जलमग्न हो गयी थी। किसान बोरों में मिट्टी भरकर जैसे-तैसे पार पायी। इसके बावजूद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे ठीक कराना उचित नहीं समझा। आज मिट्टी के बोरे में बैक साइड की टूटी पटरी की तरफ लगे हैं।
किसान वीरेन्द्र कहते हैं कि क्या यह मिट्टी के बोरे लंबे समय तक चलेंगे। रजवाहा में पानी आने के बाद यह कमजोर हो जायेंगे पानी फिर से खेतों रिसने लगेगा और आलू की फसल को नुकसान की आशंका है। अधिकारियों से इस ओर ठीक से ध्यान देने की जरूरत है। जब सफाई कराई गई तभी इस पर काम होना था, लेकिन नहीं। आधे अधूरे काम को छोड़कर किसानों को लॉलीपॉप पकड़ायी गयी है। इससे ऐसा साबित होता है कि रजवाहा की सफाई कराई है या आफत टराई है।
किसान श्रीराम बौहरे कहते हैं कि किसानों के हित सरकारें काम कर रही हैं, लेकिन अधिकारी उसे आईना दिखाना चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं हैं तो किसानों को मांगों को और उनको सुगम रास्ता देने में क्या आपत्ति है।
हाईकोर्ट के आदेश पर बहाल हुए ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार
- ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार बहाल होने से अन्य ग्राम प्रधानों ने खुशी की लहर
रिपोर्ट – राघव शर्मा
बरसाना – योगी सरकार द्वारा नगर पंचायत बरसाना में शामिल किए गए 11 गांवों में से एक ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार को हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद अन्य ग्राम प्रधानों के चेहरे पर भी खुशी की लहर दौड़ आई है। फिलहाल प्रशासन ने लिखा पढ़ी में ग्राम प्रधान को उनके अधिकार नहीं दिए है।
13 अक्तूबर 2022 को योगी सरकार ने अधिसूचना जारी कर बरसाना नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया था। जिसमें 11 गांवों को शामिल किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से बरसाना देहात, गाजीपुर, संकेत, आजनोख, श्रीनगर, करहला, चिकसोली, मानपुर, डभाला, खोर, ऊंचागांव को शामिल किया गया। वहीं ग्राम पंचायत बरसाना देहात की प्रधान बीना देवी सहित अन्य प्रधानों ने उक्त अधिसूचना के खिलाफ आपत्ति जाहिर की थी, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने उक्त गांवों को नगर पंचायत में शामिल कर लिया। जिसके बाद उक्त अधिसूचना के खिलाफ प्रधान बीना देवी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसमें बिना देवी ने तर्क दिया है कि उनकी ग्राम पंचायत में 80 प्रतिशत लोग गरीब है। धार्मिक क्षेत्र में भी बरसाना देहात की खुद की पहचान है। वहीं सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट के ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार को बाहर करने के आदेश शासन को दिया है। जिसके बाद उक्त आदेश की प्रति लेकर प्रधान बीना देवी ने जिलाधिकारी व पंचायत राज अधिकारी से मुलाकात की। प्रधान प्रतिनिधि दीपू पंडित ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर पंचायत राज अधिकारी ने उनके अधिकार फिलहाल मौखिक रूप से बहाल कर दिए है। दस दिन के अंदर लिखा पढ़ी में पूरे अधिकार बाहर करने की बात कही। वहीं हाईकोर्ट के आदेश पर ग्राम पंचायत बरसाना देहात के अधिकार बहाल होने के चलते अन्य ग्राम प्रधानों के चेहरे पर भी खुशी की लहर है। उन्हें भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है कि जल्द उनके भी अधिकार बहाल हो सकते है।
आस्था सिंह ने हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय का बढ़ाया मान
- राष्ट्रीय स्तर की कथाकथन प्रतियोगिता में हासिल किया प्रथम स्थान
- उज्जैन में अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव अंतर्गत हुआ आयोजन
वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की दो छात्राओं ने अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव में अपने उत्तम प्रदर्शन के साथ कीर्ति पताका फहराई। अखिल अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव 16 नवंबर से 19 नवंबर तक सरस्वती विद्या मंदिर ऋषि नगर उज्जैन में आयोजित किया गया। जिसमें 11 राज्यों से 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय की दो बालिकाओं ने भी कथा कथन व मूर्ति कला में प्रतिभागिता की जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर कथा कथन प्रतियोगिता में आस्था सिंह प्रथम स्थान पर रही व मूर्ति कला में अंशिका शर्मा ने सहभागिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका आस्था सिंह को विशिष्ट अतिथि गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
बालिका की सफलता पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अंजू सूद ने कहा कि यह पुरस्कार केवल विद्यालय के लिए गौरव का विषय ही नहीं बल्कि अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
छात्राओं की सफलता में कुसुम सैनी, शिल्पी वर्मा का सहयोग रहा। विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ अग्रवाल, उमेश चंद शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने छात्राओं की सफलता पर हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद दिया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल में स्पर्धा-2024 का रंगारंग शुभारम्भ
- पहले दिन कई खेल स्पर्धाओं में विद्यार्थियों ने दिखाया दम
- खेल हमें अनुशासन और परिश्रम की देते हैं सीखः एसपी ट्रैफिक पुलिस
मथुरा। छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास में शिक्षा के साथ खेलकूद का भी बहुत महत्व है। खेलों से शरीर ही नहीं मन भी स्वस्थ रहता है। यदि हमें निरोगी रहना है तो प्रतिदिन किसी न किसी खेल में हिस्सा जरूर लेना चाहिए। खेल हमें अनुशासन तथा टीमभावना सिखाते हैं। यह बातें गुरुवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में स्पर्धा-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि मनोज कुमार यादव एसपी ट्रैफिक पुलिस मथुरा ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि जीवन में शिक्षा के साथ-साथ खेलों का अपना महत्व है। खेल हमें अनुशासन तथा परिश्रम की सीख देते हैं। खेलों से सामाजिकता एवं देशप्रेम का भाव भी उत्पन्न होता है। खेलकूद से संयम, दृढ़ता, गम्भीरता और सहयोग की भावना का भी विकास होता है। खेलों से नीरस जीवन सरस बनता है। खेलकूद व्यक्ति के बहुमुखी विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं। 21 से 27 नवम्बर तक चलने वाले स्पर्धा-2024 के पहले दिन छात्र-छात्राओं ने बास्केटबॉल, रस्साकशी, लम्बीकूद, दौड़, गोलाफेंक, रिले रेस, फुटबॉल आदि में अपना कौशल दिखाया।
स्पर्धा-2024 में छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्पून रेस, लेमन रेस जैसी आकर्षक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विद्यालय के शारीरिक शिक्षकों ने बताया कि एक सप्ताह तक विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया जाएगा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए अपने संदेश में कहा कि शिक्षा के साथ-साथ आज के समय में खेल के क्षेत्र में भी अपार सम्भावनाएं हैं लिहाजा प्रत्येक छात्र-छात्रा अपनी रुचि के अनुसार खेलों का चयन कर अपना करियर बना सकता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हर बच्चे के मन में एक सवाल रहता है कि क्या पढ़ाई और खेलकूद साथ-साथ चल सकते हैं, इसका उत्तर है हां। खेलों में सक्रियता का यह अर्थ नहीं है कि आप पढ़ाई-लिखाई छोड़ दो और अध्ययन का यह अर्थ नहीं है कि आप खेलना छोड़ दो। लगातार पढ़ाई के दौरान कई बार तनाव की स्थिति बनती है। खेल से तनाव का स्तर कम होता है। जो नित्यप्रति खेल में हिस्सा लेते हैं, उनकी एकाग्रता और अंतर्दृष्टि विलक्षण होती है। खेल से रचनात्मकता को भी बढ़ावा मिलता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि खेल एक महान शिक्षक है। खेल हमें हमेशा तरोताजा रखते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के परिवेश और जीवन शैली का एक नकारात्मक पहलू यह है कि बच्चे हों या युवा, लगातार मोबाइल पर गेम खेलना उनकी एक आदत बनती जा रही है। ऐसे में नई पीढ़ी की खेलों में रुचि बढ़ाने के लिए अभिभावकों तथा शिक्षण संस्थाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि खेल छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का सबसे अच्छा माध्यम हैं। राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रत्येक विद्यार्थी के सर्वांगीण शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। स्पर्धा-2024 शारीरिक शिक्षक लक्ष्मीकांत, लोकपाल सिंह राणा, निशांत, वोमेश, रेखा आदि की देखरेख में हो रही है।