मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ एजुकेशन में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम को याद किया और उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी बताया कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। उनके द्वारा शिक्षा की क्षेत्र में अनेक कार्य किये गए, जिनमें यूजीसी, तकनीकी, जामिआ मिलिया विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना जैसे प्रमुख कार्य भी शामिल हैं।
स्कूल ऑफ़ एजुकेशन की डीन डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के देश भर में सीखने के अवसरों के विस्तार के प्रति उनके समर्पण के बारे में बताया। डॉ. निशा चंदेल ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के महत्व पर प्रभावशाली संबोधन दिया, जिसमें भारत की शैक्षिक नीति पर मौलाना आज़ाद के प्रभाव को दर्शाया गया। डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने छात्रों से शिक्षा को व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की आधारशिला के रूप में महत्व देने पर बल दिया एवं नई तकनीकी के साथ आगे बढ़ने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। इस अवसर पर छात्रों को मौलाना अबुल कलाम आजाद की डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।
संस्कृति विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
के.डी. डेंटल कॉलेज में हुई सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिता
- चिकित्सकों ने बच्चों को बताया दांतों की साफ-सफाई का सही तरीका
मथुरा। आत्मविश्वास से भरी मुस्कान हर किसी को अच्छी लगती है। अच्छी मुस्कान से जहां सौंदर्यबोध में इजाफा होता है वहीं इसके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं। बच्चों अच्छी मुस्कान सिर्फ मोती जैसे चमकते दांतों से ही सम्भव है लिहाजा हमें प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों की साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए। यदि हमारे दांत साफ और स्वस्थ हैं तो हम कई बीमारियों से स्वतः ही बच जाएंगे। यह बातें डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के पेडोडोंटिक्स विभाग द्वारा आयोजित सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर मथुरा शहर के जरूरतमंद बच्चों को बताईं।
शहर के जरूरतमंद बच्चों तथा महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. लाहौरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिल्कुल परफेक्ट मुस्कान के साथ पैदा नहीं होता। यदि दांतों की नियमित साफ-सफाई न की जाए तो उनमें दाग-धब्बे बन जाते हैं। यदि हमें अपने दांतों को सफेद मोती की तरह चमकते हुए देखना है तो नियमित रूप से दांतों की सही तरीके से साफ-सफाई करनी चाहिए। डॉ. लाहौरी ने बच्चों को मुंह एवं दांतों की सफाई की सही विधि भी बताई।
विभागाध्यक्ष पेडोडोंटिक्स डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य छोटे बच्चों को दांतों की साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना है ताकि वे कई अनचाही बीमारियों से बच सकें। प्रतिस्पर्धा की संयोजक डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि जब आपकी मुस्कान में आपके मसूड़ों के ऊतक बहुत ज्यादा दिखाई देते हैं तो इससे आपका समग्र चेहरा खराब दिखता है। कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री आपकी मुस्कान में दिखने वाली खामियों को ठीक करके आपकी प्राकृतिक सुन्दरता को तो निखार सकती है लेकिन हमारी कोशिश हमेशा अपने दांतों की सही देखभाल करने की होनी चाहिए। दांतों की सही देखभाल और साफ-सफाई हमारे स्वस्थ रहने का अचूक मंत्र है।
सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा के दौरान जरूरतमंद बच्चों को दांतों की सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें मुफ्त टूथ पेस्ट और टूथ ब्रश प्रदान किए गए। इतना ही नहीं विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं के बीच पेडोडोंटिक्स विषय की क्विज, ओरल स्वास्थ्य को दर्शाती चित्रकला तथा सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
अंत में मुख्य अतिथि और निर्णायक डॉ. मनेष लाहौरी ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत करके उनका हौसला बढ़ाया। डॉ. लाहौरी ने पेडोडोंटिक्स विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा की गूढ़तम बातों को समझने में काफी मददगार होते हैं। अंत में डॉ. सोनल गुप्ता ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, डॉ. राजीव, डॉ. सुषमा, डॉ. ज्योति आदि का आभार माना।
बलदेव रजवाहा की सिल्ट किसानों के रास्ते पर, अधिशासी अभियंता ने नहीं किया निरीक्षण
- दोनों तरफ की पटरियां सिल्ट यानि गंदगी से अटी पड़ीं, अधिशासी अभियंता की अनदेखी में चली जेसीबी
- अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को दे दिया पूरा दारोमदार, किसान परेशान
बलदेव : निचली मांट ब्रांच गंग नहर से निकलने वाला बलदेव रजवाहा के समीप खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं। कारण साफ है कि सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता की अनदेखी में जेसीबी ने किसानों के रास्ते को आट कर रख दिया। इस कारण किसान अपने खेतों की तरफ नहीं पहुंचे पा रहे हैं।
बलदेव रजवाहा की सफाई का ठेका बीते दिनों हुआ। ऐसा लगता है जैसे अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार के ऊपर दारोमदार छोड़ दिया। अब अधिकारी की अनदेखी के हालात ये हुए कि जेसीबी ने किसानों के दोनों तरफ के रास्तों को आट दिया। किसान अब इसलिए परेशान हैं कि वह आखिर अपने खेतों तक पहुंचें कैसे। जबकि कईयों बार जेसीबी चालक से रास्ता सुगम बनाने के लिए किसानों आग्रह तक किया, लेकिन उसने एक न सुनी।
इसके बाद किसानों ने अधिशासी अभियंता को फोन तक किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। वाट्सएप के माध्यम से भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब किसान अपनी फसलों की रखवाली के लिए अपने ही खेतों तक पहुंचने में परेशान उठा रहे हैं। स्थिति तो ये है कि दोनों तरफ की पटरियों पर जेसीबी ने सिल्ट डाल दी।
इस संबंध में अधिशासी अभियंता को फोन किया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
पटरी पर पड़ी गंदगी को समतल करने की मांग
बलदेव रजवाहा की पटरी पर जिस तरफ सड़क नहीं है, उस तरफ की पटरी पर जेसीबी द्वारा रजवाहा की जो गंदगी डाली गई है अगर उसे समतल कर दिया जाय तो भी किसानों के लिए सुगमता हो जायेगी। गंदगी समतल करने के लिए ही जेसीबी चालक से उसी दौरान मांग की थी, लेकिन चालक ने एक नहीं सुनी और न ही किसी अधिकारी ने।
आरआईएस के नौनिहालों ने जंगल सफारी कॉर्निवल का उठाया लुत्फ
- बाल दिवस पर चाचा नेहरू के कृतित्व और व्यक्तित्व को किया याद
मथुरा। बच्चों की भोली-भाली दुनिया और उनके रंगीन सपनों को शानदार मंच देने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई गई। वर्ष के सबसे बड़े फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल में छात्र-छात्राओं की बहुआयामी प्रतिभा देखने को मिली। बच्चों की इस अनोखी दुनिया का अभिभावकों और शिक्षकों ने भी जमकर लुत्फ उठाया। फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल का शुभारम्भ डॉ. देवेंद्र पाठक प्रिंसिपल एंड डायरेक्टर राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी ने केक काटकर किया।
बाल दिवस एक सामान्य दिन नहीं बल्कि विशेष दिन है, क्योंकि इसी दिन पंडित जवाहर लाल नेहरू का इस धरती पर अवतरण हुआ था। बच्चे चाचा नेहरू को बहुत प्यारे थे, इसीलिए इसे बाल दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। गुरुवार को सुबह से ही राजीव इंटरनेशनल स्कूल का वातावरण उल्लासमय रहा। बाल दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल परिसर में ही जंगल सफारी कॉर्निवल का आयोजन किया गया जिसमें बच्चे ही नहीं अभिभावक भी शामिल हुए।
बाल मेले को आकर्षक और मनोरंजक बनाने के लिए छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार की स्टाल्स लगाईं। बाल मेले में हुए मनोरंजक खेल जहां लोगों में कौतूहल पैदा कर रहे थे वहीं नेल आर्ट, निशानेबाजी, वस्त्र परिधान,आर्टिफिशियल ज्वेलरी विभिन्न प्रकार के फूड आइटम आदि की स्टॉल्स ने लोगों को खूब ललचाया। मेले में आए लोगों ने विभिन्न प्रकार के झूलों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जहां आनंद लिया वहीं बच्चों द्वारा बनाई गई आर्ट एंड क्राफ्ट की वस्तुओं एवं पेंटिंग्स की जमकर सराहना की। इतना ही नहीं मेले में आये लोगों ने कॉर्निवल में लगे विभिन्न स्टॉल्स से खरीददारी भी की।
मुख्य अतिथि डॉ. मनेष लाहौरी डीन एंड प्रिंसिपल के.डी. डेंटल कॉलेज तथा डॉ. देवेंद्र पाठक प्रिंसिपल एंड डायरेक्टर राजीव फार्मेसी ने बच्चों के खूबसूरत बाल मेले की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए सभी का उत्साहवर्धन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि यह दिन बच्चों की मासूमियत, खुशियों और उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है। बाल दिवस पर न केवल बच्चों के प्रति समाज की जिम्मेदारियों की याद दिलाई जाती है बल्कि इस दिन को उनके सपनों और आकांक्षाओं को संजोने के संकल्प के रूप में भी देखा जाता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों को अपने बचपन के अनमोल क्षणों की ओर प्रेरित करते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ इस तरह के मनोरंजक आयोजनों से छात्र-छात्राओं में भाईचारे की भावना पैदा होती है। यह फन फेयर विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था लेकिन अभिभावकों ने जिस तरह इसमें सहभागिता की उससे बाल मेले के आयोजन की सार्थकता ही सिद्ध हुई है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल की सफलता के लिए शिक्षकों, छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों का आभार माना। कार्यक्रम के अंत में लकी ड्रा निकाला गया तथा विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
अच्छी शिक्षा से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव : डॉ अंजू सूद
- हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मनाया गया बाल दिवस समारोह
- बच्चों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा
वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में बाल दिवस का उल्लासपूर्वक आयोजन किया गया। यह दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके विशेष प्रेम और स्नेह को समर्पित है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य माने जाते हैं और अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षकों के द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियों से हुई। छोटे बच्चों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। छोटी-छोटी भूमिकाओं के द्वारा शिक्षकों ने भी बच्चों के बचपन को पुनः जीवंत किया और उन्हें अच्छी शिक्षा और नैतिक मूल्यों की सीख दी।
विद्यालय में बाल दिवस का यह आयोजन हर्षोल्लास और जोश के साथ सम्पन्न हुआ। बच्चों ने इस दिन का भरपूर आनंद लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त आचार्यवृंद का सहयोग रहा।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ अग्रवाल, उमेश चंद शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने छात्राओं को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद दिया।
ब्रज विकास पर विशेष ध्यान दे राजस्थान सरकार :-रमेश बाबा
रिपोर्ट राघव शर्मा
बरसाना श्री राधा रानी ब्रज यात्रा के 31 वे दिन यात्रा में सम्मिलित हुए ब्रज के परम विरक्त संत पद्म श्री रमेश बाबा ने यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रज भूमि हम सभी का प्राण है ।ब्रज की सेवा साक्षात राधा माधव की ही सेवा है ।हमने ब्रज के दिव्य पर्वत ,सरोवर व वनों के संरक्षण संवर्धन की सेवा में संपूर्ण जीवन लगा दिया ।अगले कुछ दिन हमारी यात्रा राजस्थान के ब्रज क्षेत्र में रहेगी ।यहाँ से राजस्थान सरकार से भी अपेक्षा करते हैं कि ब्रज के सजाने संवारने पर विशेष ध्यान दे ।
आज यात्रा गो दृष्टि वन (गोहाना) ,बूढ़े बद्री,खो होते हुए आदि बद्री पहुँची। खो में पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाने के कारण आज का पड़ाव भी आदि बद्री में ही रखना पड़ा । कल यात्रा आदि बद्री के समस्त पर्वतों ,गंगोत्री यमुनोत्री आदि लीला स्थलों का दर्शन करेंगे ।यात्रा में बाबानृसिंह दास ब्रजदास ब्रज शरण दास नील मणि दास राधा कान्त शास्त्री आदि प्रमुख जन थे ।
छात्र जीवन में परसेंटेज नहीं क्वालिटी रखती है मायने : नीरज
- ग्रेटर नोएडा में आयोजित भारत शिक्षा एक्सपो कार्यक्रम में बोले जीएलए के नीरज
ग्रेटर नोएडा : सफलता हर किसी की चाहत होती है, लेकिन इसे पाना आसान नहीं होता। जिंदगी में चुनौतियां आती हैं, संघर्ष होता है, लेकिन जो भी हार नहीं मानते वही सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं। विद्यार्थियों में सफलता के जुनून भरने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ एवं मोटीवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोमार्ट में तीन दिवसीय ‘भारत शिक्षा एक्सपो 2024‘ कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पहुंचे। यहां दूर-दराज के संस्थानों और जीएलए विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा ऑफ कैंपस के विद्यार्थियों को सफलता के मंत्र दिए।
सबसे पहले तो उन्होंने सरकार की इस प्राथमिकता को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक मंच ऐसा तैयार किया है जहां देश के कोने-कोने से विद्यार्थी आकर जुटे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की प्राथमिकता में है कि ‘भारत शिक्षा एक्सपो 2024‘ कार्यक्रम के माध्यम से कहीं न कहीं विद्यार्थियों में सफलता पाने की एक ललक पैदा होगी। क्योंकि यहां सिर्फ यही दर्शाया जा रहा है कि किस प्रकार हमें आगे बढ़ना है और देश आज के युवाओं से क्या चाहता है।
तत्पश्चात नीरज ने कहा कि जिंदगी एक क्रिकेट ग्राउंड की तरह है, जहां हमेशां आपको बैंटिंग करनी है, चाहे विकेट कीपर हो या न हो। इसलिए फोकस सिर्फ अपने लक्ष्य को भेदने पर होना चाहिए। अगर फोकस विकेट कीपर की तरफ होगा तो लक्ष्य भटकने में भी देर नहीं लगती। छात्र जीवन में परसेंटेज से अलग हटकर क्वालिटी के भी अपने अलग मायने हैं। परसेंटेज सिर्फ एक कक्षा से हटाकर दूसरी कक्षा की तरफ ले जा सकती है, लेकिन अगर क्वालिटी यानि बेहतर परफार्मेंस अगर आपके अंदर है, तो प्रत्येक ड्रीम जॉब आपके कदम चूमेगी। इसके अलावा और कई बेहतर विकल्प मिलेंगे जो, छात्र जीवन को ऊंचाईयों की ओर ले जायेंगे।
उन्होंने कहा कि आजकल अक्सर देखा जाता है कि युवा अपने कमरे में उगते हुए सूरज और दौड़ते हुए घोडे़ की छवि लगा लेते हैं। इस छवि लगाने से ये तो साबित नहीं होता कि आप सूरज से पहले उगते हो और घोड़े से तेज दौड़ते हो। उन्होंने कहा कि आज का समय एक दूसरे से मुकाबले यानि कॉम्पटीशन का है। इसलिए जरूरत है सूरज से पहले उगो और घोड़े से तेज दौड़ो। इसके अलावा मोटीवेशनल स्पीकर कई शेरों-शायरी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को मोटीवेट किया। अंत में नीरज अग्रवाल ने कहा कि अगर आज का युवा अपना 25 प्रतिशत भी पूर्ण लगन से किसी कार्य को देता है तो समझना आगे के जो प्रतिशत होंगे उन्हें पाने में भी और आसानी होगी। इसलिए दूसरे के रिकॉर्ड को देखने से अच्छा है कि रिकॉर्ड नए बनाये जायें। प्रयास टीम से डा. अमित अग्रवाल, नितिन गौर, फैजुल हसन, लवकुश सागर, सोहनलाल आदि उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ एजुकेशन में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम को याद किया और उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी बताया कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। उनके द्वारा शिक्षा की क्षेत्र में अनेक कार्य किये गए, जिनमें यूजीसी, तकनीकी, जामिआ मिलिया विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना जैसे प्रमुख कार्य भी शामिल हैं।
स्कूल ऑफ़ एजुकेशन की डीन डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के देश भर में सीखने के अवसरों के विस्तार के प्रति उनके समर्पण के बारे में बताया। डॉ. निशा चंदेल ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के महत्व पर प्रभावशाली संबोधन दिया, जिसमें भारत की शैक्षिक नीति पर मौलाना आज़ाद के प्रभाव को दर्शाया गया। डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने छात्रों से शिक्षा को व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की आधारशिला के रूप में महत्व देने पर बल दिया एवं नई तकनीकी के साथ आगे बढ़ने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। इस अवसर पर छात्रों को मौलाना अबुल कलाम आजाद की डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।
वी पी एस के छात्रों ने किया पर्वतीय स्थल नैनीताल का रोमांचक भ्रमण
वृंदावन। शैक्षिक ज्ञान में अभिवृद्धि करने में भ्रमण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह न केवल हमें मनोरंजन प्रदान करते हैं बल्कि अज्ञात स्थलों की भौगोलिक एवं राजनीतिक जानकारी देने के साथ-साथ छात्रों के मानसिक विकास में भी अभिवृद्धि करते हैं। इसी उद्देश्य को साकार करने की परिकल्पना से मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों ने नैनीताल पर्वतीय स्थल का भ्रमण किया। जिसमें लगभग 125 छात्रों ने यात्रा की। अपनी इस तीन दिवसीय यात्रा में छात्रों ने नैनीताल के प्रमुख स्थल यूथ हॉस्टल, केव गार्डन, बोटैनिकल गार्डन, एडवेंचर पार्क, नैना देवी, माल रोड, जागेश्वरधाम, वुड वॉटरफॉल, कैंची धाम, हनुमानगढ़, मां लक्ष्मी टेंपल, मुक्तेश्वर महादेव भीमताल, कमल ताल, सेल्फी पॉइंट, आदि स्थलों का भ्रमण किया।
अपने इस आनंददायक भ्रमण के लिए सभी छात्र और छात्राओं ने विद्यालय के निदेशक डॉ ओम जी, निदेशिका निधि शर्मा तथा प्रधानाचार्य कृति शर्मा को धन्यवाद दिया व प्रतिवर्ष इस तरह के भ्रमण का आयोजन हेतु कृतज्ञता व्यक्त की । इस दौरान आदित्य शर्मा, जूही मिश्रा, सर्वदा वर्मा, लवी अग्रवाल निधि गौर प्रियंका तिवारी शालू अग्रवाल, शालू शर्मा, प्रिया अग्रवाल शिवानी गोयल, राधिका गौर, विष्णु प्रिया आदि उपस्थित रहे।
नॉलेज शेयरिंग ट्रिप से लौटे राजीव एकेडमी के विद्यार्थी
- एमसीए के छात्र-छात्राओं ने 4अचीवर्स कम्पनी में सीखीं सॉफ्टवेयर की गूढ़ बातें
मथुरा। शैक्षिक भ्रमण छात्र-छात्राओं के समग्र बौद्धिक विकास का मूलमंत्र है। कोई भी शैक्षिक यात्रा शिक्षकों को छात्र-छात्राओं के व्यवहार तथा प्रवृत्तियों को देखने-समझने में बहुत मदद करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विगत दिवस राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एम.सी.ए. के विद्यार्थियों को नोएडा स्थित 4अचीवर्स कम्पनी ले जाया गया। नॉलेज शेयरिंग विजिट से लौटे छात्र-छात्राओं ने इसे उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्हें इस शैक्षिक भ्रमण में सॉफ्टवेयर से जुड़ी ऐसी बातें सीखने को मिलीं जोकि इससे पहले उन्हें नहीं मालूम थीं।
छात्र-छात्राओं को नोएडा स्थित 4अचीवर्स कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि यह कम्पनी युवाओं को सॉफ्टवेयर से जुड़ी गूढ़ बातों का प्रशिक्षण देती है। आज के समय में सॉफ्टवेयर पेशेवरों की बढ़ती मांग को देखते हुए कम्पनी ने भारत के प्रमुख शहरों ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, नई दिल्ली, इन्दौर, गुरूग्राम, चण्डीगढ़, देहरादून आदि में अपने प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि नौकरियां अच्छे युवाओं को मिलें इसके लिए कम्पनी छात्र-छात्राओं के लिए सहायक भूमिका में है। अधिकारियों ने बताया कि 4अचीवर्स कम्पनी आईटी क्षेत्र की ऐसी अग्रणी प्रशिक्षण कम्पनी है जो तेजी से बढ़ते अनालिटिक्स क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर व्यावहारिक उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण देती है।
कम्पनी में शीर्ष प्रौद्योगिकी स्कूलों के सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शकों तथा उद्योग जगत के पसंदीदा विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी उद्योग से जुड़ी सर्वोत्तम बातें बताईं तथा सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान को कैसे कवर किया जाता है, इसकी भी विस्तार से जानकारी दी। अपने इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने आईटी की बुनियादी बातों से लेकर पेशेवर काम को कैसे हैण्डिल किया जा सकता है, उसकी भी जानकारी हासिल की। विद्यार्थियों ने फुल स्टैक और बैक एण्ड वेब डिवलपमेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से करिअर में आगे कैसे प्रोग्रेस होती है, यह भी सीखा। डिजिटल कोडिंग जोकि आज महत्वपूर्ण कौशल है, के बारे में भी पर्याप्त ज्ञान अर्जित किया। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं ने डेटासाइंस की बुनियादी बातों से लेकर उन्नत तकनीक के संदर्भ में भी ज्ञान हासिल किया।
अपने नॉलेज शेयरिंग विजिट में विद्यार्थियों ने शीर्ष ट्रेडिंग पाठ्यक्रमों डेटा विज्ञान प्रमाणन प्रशिक्षण, पायथन प्रमाणन प्रशिक्षण, सॉफ्टवेयर परीक्षण प्रमाणन प्रशिक्षण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रमाणन प्रशिक्षण, मशीन लर्निंग प्रमाणन प्रशिक्षण, जावा प्रमाणन प्रशिक्षण, पूर्ण स्टैक विकास प्रमाणन प्रशिक्षण, डेटा एनालिटिक्स प्रमाणन प्रशिक्षण, एआई संचालित डिजिटल मार्केटिंग आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि किसी भी अवधारणा को गहराई से समझने में शैक्षिक भ्रमण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शैक्षिक यात्राएं बातचीत करने, अनुभव करने तथा किसी सिद्धांत को व्यावहारिक रूप से समझने का एक शानदार तरीका है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ऐसी शैक्षिक यात्राओं से छात्र-छात्राओं ही नहीं शिक्षकों को भी लाभ होता है।