Monday, October 20, 2025
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संकृति विवि में महिला नेताओं और देशभक्तों की जीवनियों पर हुए व्याख्यान

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में मिशन शक्ति फेस-5 के अंतर्गत महिला नेताओं और देशभक्तों की जीवनियों पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और शिक्षकगण शामिल हुए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ, बृजपांत की क्षेत्रीय संयोजक डा मीनाक्षी शर्मा ने महिला लीडर्स व देशभक्तों के जीवनवृत का उल्लेख करते हुए छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. वेराचिल्लई (डीन, SOEIT) ने तकनीकी क्षेत्र में प्रतिभाशाली महिला लीडर्स की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कल्पना चावला को याद किया। डॉ. रीना रानी (नोडल अधिकारी, मिशन शक्ति फेज-5), डॉ. डी.एस. तोमर (डीन, छात्र कल्याण), और डॉ. नीलम कुमारी (प्रॉक्टर) आदि ने भी विचार व्यक्त किये।। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियंका गुप्ता और डॉ. रीना रानी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने बड़ी संख्या में व्याख्यान श्रृंखला में अपनी प्रस्तुति दी। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रदान की।
प्रतिभागियों में मुख्य रूप से पूर्वा गौतम (बीएससी बायोटेक्नोलॉजी), संजना सोलंकी (बीटेक, एआईएमएल), ऋद्धि (बीटेक कंप्यूटर साइंस), आध्या (बीटेक एआईएमएल), सौम्या (बीटेक एआईएमएल) के व्याख्यान प्रभावशाली रहे। संस्कृति विवि की 100 से अधिक छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। विवि प्रशासन द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन डॉ. रीना रानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

सेना से सेवा निवृत होकर घर लौटे सैनिक का राधावेली में जोरदार स्वागत

मथुरा । जिले का बेटा भारतीय सेना में रहकर देश के प्रति अपना कर्तव्य को निभाकर जब वापस अपने घर लौटा तो लोगो की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लोग उसे जुलूस के रूप में घर तक लेकर आए. बाद में ड्रोन से फूल बरसाकर विजेता जैसा स्वागत किया. रास्ते में जगह-जगह साफे बांधे गए. मालाएं पहनाई गई. सेना में नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्ति पर लोगो के लाड प्यार को देखकर यह फौजी भी भावुक हो गया और बोला वह यह प्यार और सम्मान कभी नहीं भुला पाऊंगा
दरअसल भरतपुर जिले के पेगोर गांव निवासी सतीश फौजदार हाल ही में सेना में अपनी नौकरी पूरी करके सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. सतीश फौजदार सेवानिवृत्ति के बाद बृहस्पतिवार को जब अपने घर लौटे तो लोग बेहद खुश हुए.ड्रोन से पुष्प वर्षा कर सतीश फौजदार का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान फौजदार जब बाईपास चौराहे पहुंचे तो उन्हें राधा वैली निवासी एवं मित्रगण लेने पहुंचे. बाद में वहां से गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में उन्हें लेकर राधा वैली रवाना हुए. फौजदार को कार में बैठाकर वाहन रैली के रूप में हाइवे से श्री राधा वैली लाया गया.
पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए
इस दौरान वाहनों पर तिरंगा लगाया गया. पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए गए. घर पहुंचने पर अपनी माटी के लाल के स्वागत में लोगो ने पलक-पावड़े बिछा दिए. जगह-जगह पर पुष्प वर्षा के साथ माला पहनाकर और साफा बांधकर स्वागत किया गया. राधा वैली निवासी बोले कि फौजी सतीश फौजदार हमारे लिए न केवल गर्व की अनुभूति का प्रतीक है बल्कि प्रेरणा स्रोत भी हैं. फौजदार की प्रेरणा से आज आस पास के कई युवा देश सेवा के लिए फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं ! सूबेदार सतीश फौजदार ने कहा कि उन्हें यह अपार स्नेह और सम्मान शुरू से ही लोगो से मिलता रहा है. वे पहले भी जब घर आते तो सभी का स्नेह इसी तरह मिलता था.
इसी क्रम में सम्मान समारोह ने उपस्थिति ठा.आर के सिंह यदुवंशी व संस्कृति विश्व विद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी ने कहा कि सैनिक हमेशा निडर रहता है और उसे अपनी जान की परवाह भी नही होती वो हमेशा देश के लिए अपनी जान तक दे देता है। एक सैनिक कभी भी ये नही सोचता की उसके बाद उसके परिवार का क्या होगा। सैनिको की एक और बात उन्हे सभी लोगो से भिन्न बनाती है की सैनिक के बाद उसका बेटा भी सैनिक बने ये एक सैनिक चाहता है।
इस मौके पर विक्रम प्रधान, ठा.आर के सिंह यदुवंशी,किशन चतुर्वेदी,मनमोहन सिंह,रतन चौधरी,प्रताप पहलवान,नितिन ठाकुर, बीडी राणा, जी के मिश्रा,अभिषेक चतुर्वेदी, डॉ राजेश बसेड़ी,ठा.हनु,सूबेदार राजेश सिंह,देवदत्त शर्मा,चौधरी जे पी सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

राजीव एकेडमी में बैंकिंग सेक्टर ट्रेण्ड्स एण्ड सर्विसेज अवेयरनेस पर गेस्ट लेक्चर

  • बैंकिंग क्षेत्र में करियर निर्माण की अपार सम्भावनाएं- ऐश्वर्या चौरसिया

मथुरा। डिजिटल क्रांति से बैंकिंग क्षेत्र को न केवल गति मिली है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। आज की युवा पीढ़ी के लिए बैंकिंग इंडस्ट्री करियर का सर्वोत्तम विकल्प है। इस इंडस्ट्री में न केवल प्राइवेट बल्कि सरकारी जॉब्स के लिहाज से भी करियर के लिए शानदार स्कोप है। बैंकिंग और फाइनेंस की स्किल्स अगर है, तो आप इससे जुड़े कोर्स करके अपना शानदार करियर बना सकते हैं। यह बातें शुक्रवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित गेस्ट लेक्चर में रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया असिस्टेंट मैनेजर आईसीआईसीआई बैंक ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया ने बताया कि अच्छी सैलरी की वजह से बैंकिंग सेक्टर युवाओं में काफी लोकप्रिय है। इस फील्ड के लिए अच्छी बात यह है कि इसमें आने के लिए जरूरी नहीं है कि कॉमर्स के ही छात्र-छात्राएं अपना करियर चुन सकते हैं बल्कि आर्स् तथा साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थी भी बैंकिंग क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। बैंकिंग सेक्टर ट्रेण्ड्स एण्ड सर्विसेज अवेयरनेस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी बैंकिंग क्षेत्र के बारे में ज्ञान और कौशल अर्जित कर स्वयं को रोजगार के लिए तैयार कर सकते हैं।
ऐश्वर्या चौरसिया ने छात्र-छात्राओं को डिजिटल बैंकिंग के नियमों और सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बिजनेस में बदल रही टेक्नोलॉजी तथा रिवॉल्यूशन के बाद भी केवल एक चीज है, जो हमेशा से स्थिर है, वह है बैंकिंग क्षेत्र में करियर। उन्होंने कहा कि बैंकिंग में आपके पास आकर्षक नौकरियों के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनसे आपको उच्च वेतन और नौकरी की सुरक्षा प्राप्त होती है, लेकिन यदि आपको बैंकिंग में करियर की शुरुआत करनी है तो आपको फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, बैंकिंग, कॉमर्स जैसे विषयों से अपनी बैचलर डिग्री पूर्ण करनी होगी तथा उसके बाद बैंक के एक्जाम्स क्रैक करने होंगे।
रिसोर्स परसन ने कहा कि अब वित्तीय सेवाओं के इस्तेमाल के तरीके बदले हैं जिससे राष्ट्रीय ग्रोथ बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज के नए दौर में बैंकिंग क्षेत्र का सम्पूर्ण रूप से डिजिटलाइजेशन हुआ है जिससे प्रबंधन की डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थी अपना स्वर्णिम करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के बैंक ऐसे अभिनव तकनीकी समाधान लागू कर रहे हैं जो वित्तीय सेवाओं के तरीके चेंज कर रहे हैं। पारम्परिक बैंकिंग सेवाओं से लेकर मोबाइल बैंकिंग, भुगतान, आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंसी और ब्लॉकचेन आधारित समाधानों के इस्तेमाल तक बैंकिंग क्षेत्र ग्राहकों और बाजार की तेजी से बदलती जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल रहा है।
अब कुछ नए रूझान बैंकिंग तकनीक पर हावी हैं। ऑनलाइन बैंकिंग प्रौद्योगिकी को सभी जानते हैं। बैंकिंग डिजिटल लेनदेन, प्रौद्योगिकी व्यय, प्रौद्योगिकी रोजगार, फिनटेक विक्रेताओं का उपयोग, बैंकिंग उद्योग में हाइपर पर्सनलाइजेशन, सम्पूर्ण बैंकिंग उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.), ओपन बैंकिंग, कम कोड या ना कोड प्लेटफॉर्म, बैंकिंग में डिजिटल सुरक्षा प्रणाली, बैंकिंग में रेगटेक, रोबोटिक प्रोसेस आटोमेशन, ब्लॉकचेन, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स आदि का बराबर उपयोग हो रहा है। आज के युवा बैंकिंग सेवाओं की अत्याधुनिक कार्यप्रणाली को समझ कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया का आभार माना।

संस्कृति विश्वविद्यालय में महिला सशक्तिकरण पर हुई निबंध प्रतियोगिता

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रदेश द्वारा घोषित मिशन शक्ति चरण-5 के अंतर्गत “महिला सशक्तिकरण पर निबंध लेखन प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। विवि के सभागार में एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्राओं में महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना था। प्रतियोगिता में बीएससी की छात्रा आर्ची ने प्रथम, बीबीए की छात्रा मंजरी अग्रवाल ने द्वितीय तथा बीएससी एमएलटी की छात्रा इमरा बानो ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
निबंध प्रतियोगिता का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रतिभागियों ने निबंध प्रस्तुत किए, जिसमें महिलाओं के लिए शिक्षा के महत्व, आर्थिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और नेतृत्व के अवसरों जैसे विषयों का पता लगाया गया। यह रिपोर्ट प्रतियोगिता का एक सिंहावलोकन प्रस्तुत करती है, जिसमें प्रमुख विषयों, प्रतिभागियों की भागीदारी और लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रति गहरी समझ और प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने में कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। प्रतियोगिता में संस्कृति विवि के 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डॉ. डी.एस. तोमर, डीन छात्र कल्याण, संस्कृति विश्वविद्यालय, प्रोफेसर (डॉ.) रीना रानी, सहायक डीन छात्र कल्याण, नोडल अधिकारी, मिशन शक्ति चरण 5 ने प्रतियोगिता के प्रारंभ में विद्यार्थियों को अपने उद्बोधन से जागृत किया। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए और प्रो. (डॉ.) एस. वैराचिलाई, डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और छात्रों को प्रोत्साहित किया। निबंध लेखन के संबंध में सभी दिशानिर्देश प्रो.(डॉ.) रूबी देवी और प्रो.(डॉ.) स्वीटी अहलावत द्वारा दिए गए। निबंध लेखन प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों को महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक रचनात्मक मंच प्रदान किया। प्रतियोगिता ने न केवल उनके लेखन कौशल को निखारा बल्कि आलोचनात्मक रूप से सोचने और विचारों को तार्किक रूप से प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता को भी बढ़ाया। प्रस्तुत निबंधों की गुणवत्ता में छात्रों का उत्साह उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम की शुरुआत मिशन शक्ति फेज-5 की नोडल अधिकारी, डॉ. रीना रानी के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई। उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया और महिला सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए सहभागिता प्रमाण पत्र दिए गए। इस आयोजन के सफल संचालन में छात्र समन्वयक यश श्रीवास्तव, पूरवा गौतम, संजना सोलंकी, शिवम अग्रवाल और कैफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन डॉ. रीना रानी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

थनैला बीमारी के लिए टीका विकसित करेगा जीएलए, मिला अनुदान

  • पशुओं के स्तन ग्रंथियों की एक सूजन वाली बीमारी है थनैला, डेयरी उद्योग को होता है भारी नुकसान

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग को उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद से 10 लाख रूपए की एक सरकारी वित्त पोषित परियोजना मिली है। इस परियोजना के अन्तर्गत पशुओं में पाये जाने वाली थनैला बीमारी के लिए नया टीका विकसित किया जायेगा।

थनैला डेयरी पशुओं की स्तन ग्रंथियों की एक सूजन वाली स्थिति है, जो दुनिया भर में डेयरी उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाती है। अच्छी तरह से विकसित डेयरी उद्योग वाले देशों में थनैला के कारण रुग्णता 40 प्रतिषत तक हो सकती है। खराब दूध देने वाले पशुओं की तुलना में अधिक दूध देने वाले पशु/नस्लें अधिक संवेदनशील होते हैं। थनैला होने के बाद दूध का उत्पादन काफी कम हो जाता है, जिससे सभी थन प्रभावित होते हैं, तो कुछ पशु कुल दूध उत्पादन क्षमता खो देते हैं। थनैला का दूध फट जाता है और उसे फेंकने के अलावा और कोई उपाय नहीं है। संक्रमित थन हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं और दूध देने वाले पषु जीवन भर के लिए अनुत्पादक हो जाते हैं।

इस परियोजना का नेतृत्व विभाग के डा. स्वरूप कुमार पांडे और दो सह-अन्वेषक डा. अनुजा मिश्रा और डा. जगदीप सिंह सोहल कर रहे हैं। परियोजना के अन्वेषक डा. स्वरूप कुमार पांडे ने बताया कि थनैला (मैस्टाइटिस) के प्रबंधन के लिए टीकों का परीक्षण किया गया है और विकसित देशों में वाणिज्यिक टीके उपलब्ध हैं। भारत में कोई वाणिज्यिक टीका उपलब्ध नहीं है। कुछ दवाएं हैं, लेकिन वह इतनी प्रभावी नहीं जितना होना चाहिए। उनसे लाभ मिलने के दूर-दूर तक कहीं आसार नहीं दिखते। इसके अलावा भारत में किसी आयातित टीके का परीक्षण नहीं किया गया है। इसलिए मैस्टाइटिस वैक्सीन विकसित करने के लिए सिस्टमिक वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण का उपयोग करने की आवश्यकता है। मैस्टाइटिस के नियंत्रण के लिए जन्मजात प्रतिरक्षा को बढ़ाना और सेल मध्यस्थ प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने बताया कि स्तन ग्रंथियों में प्रतिरक्षा प्रणाली की जटिलता को देखते हुए, थनैला के लिए टीके विकसित करते समय प्रणालीगत वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है। इस परियोजना में थनैला के खिलाफ बहु-घटकीय टीका विकसित करने के लिए प्रणालीगत वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण का उपयोग करने का प्रस्ताव है।

डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने पीआई डा. स्वरूप पांडे को बधाई दी और कहा कि सरकार की इसी तरह की परियोजनाएं जीएलए विश्वविद्यालय के शोध को एक नया आयाम प्रदान कर रही हैं। ऐसे ही सरकार द्वारा जारी कई परियोजनाओं पर जीएलए विष्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र मिलकर कार्य कर रहे हैं।

जीएलए के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता और कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने टीम को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य ऐसे ही प्रयासों के लिए प्रेरित किया।

संस्कृति विवि के 49 विद्यार्थियों का रेलवे खानपान से जुडी कंपनी में चयन

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के होटल मैनेजमेंट और बीबीए, एमबीए के 49 विद्यार्थियों को रेलवे खानपान से जुडी प्रतिष्ठित कंपनी आरके बिजनेज ग्रुप ने अपने यहां अच्छे वेतनमान पर नौकरी देने के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल के हेड जय वर्धन नगाइच एवं साफ्टस्किल ट्रेनर जयकांत तिवारी ने बताया कि आरके ग्रुप रेलवे पाक उद्योग की रीढ़ बनकर उभरा है। कंपनी ने संस्कृति विवि के एमबीए के 12, होटल मैनेजमेंट के दो तथा एमबीए के 35 विद्यार्थियों को अपनी कंपनी के लिए चयनित किया है। कंपनी से आए चयनकर्ताओं ने कंपनी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी भारत की पहली ऑनलाइन रेलवे खाद्य वितरण सेवा का नेतृत्व करती है। गुणवत्ता के प्रति दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता ने हमें देश भर में यात्रियों का विश्वास अर्जित किया है। भारतीय रेलवे हमारे लिए एक व्यवसाय से बढ़कर है, यह हमारा दूसरा घर है और हम हर दिन लाखों यात्रियों के यात्रा अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं। विभिन्न उद्योगों में हमारा नेटवर्क और साझेदारियां यह सुनिश्चित करती हैं कि प्रत्येक ग्राहक यादगार यादों और अत्यधिक आराम के साथ जाए।
1964 से भारतीय रेलवे खानपान से जुड़ी कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि 2009 में, हमने यात्रियों के लिए भोजन, परिवहन और आवास के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में एक उद्यम, डायल ट्रिप लॉन्च किया। डायल ट्रिप के माध्यम से, हमने तीर्थयात्रा, सांस्कृतिक, पारिवारिक और ऐतिहासिक पर्यटन सहित कई टूर पैकेज पेश करने के लिए आईआरसीटीसी के साथ सहयोग करना शुरू किया। हमारा मुख्य लक्ष्य निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए तीर्थयात्रा को किफायती दर पर सुलभ बनाना रहा है।
संस्कृति विवि की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

डिजिटल युग में गोपनीयता और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बड़ी चुनौती

  • जीएल बजाज में ई-कॉमर्स में अवसर और चुनौतियां विषय पर सेमिनार आयोजित

मथुरा। डिजिटल युग के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में उद्यमिता ने नए आयाम हासिल किए हैं। डिजिटल प्रगति, कनेक्टिविटी और विकसित होते उपभोक्ता व्यवहारों के अभिसरण ने जहां उद्यमियों को उद्यमों की अवधारणा बनाने, उन्हें शुरू करने तथा विकसित करने के तरीकों को नया रूप दिया है वहीं गोपनीयता तथा व्यक्तिगत डेटा संरक्षण बड़ी चुनौती भी हैं। यह बातें मंगलवार को जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) द्वारा डिजिटल युग में उद्यमिता: ई-कॉमर्स में अवसर और चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता गियरलॉन्च के ग्लोबल मार्केटिंग मैनेजर मधुसूदन चौहान ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि डिजिटल युग में उद्यमिता की विशेषता नवाचार, चपलता और प्रभावशाली समाधान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की निरंतर खोज है। डिजिटल युग में स्मार्टफोन का प्रसार, व्यापक इंटरनेट एक्सेस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ब्लॉकचेन तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों के आगमन ने व्यवसायों के संचालन के तरीके में क्रांति ला दी है। उद्यमी इस तकनीकी प्रगति का उपयोग उद्योगों के संचालन को सुव्यवस्थित करने, ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने तथा डिजिटल रूप से जुड़ी दुनिया की मांगों को पूरा करने वाले अभिनव उत्पादों या सेवाएं बनाने के लिए कर रहे हैं।
मुख्य वक्ता चौहान ने बताया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और डिजिटल मार्केटप्लेस के उदय ने महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए प्रवेश की बाधाओं को काफी हद तक कम कर दिया है। ऑनलाइन मार्केटप्लेस वैश्विक पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे स्टार्टअप को भौतिक स्टोरफ्रंट की आवश्यकता के बिना विशाल ग्राहक आधार तक पहुंचने में मदद मिलती है। इन प्लेटफॉर्मों की पहुंच उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने तथा बढ़ाने में सक्षम बनाती है। श्री चौहान ने बताया कि डिजिटल युग ने नवाचार और व्यवधान की संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जिससे उद्यमियों को पारम्परिक व्यवसाय मॉडल को चुनौती देने में सक्षम बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि उभरती हुई तकनीकों को अपनाने में स्टार्टअप्स की चपलता उन्हें तेज़ी से आगे बढ़ने तथा बदलते बाजार की गतिशीलता के अनुकूल होने की अनुमति देती है। श्री चौहान ने बताया कि अनेक अवसरों के बावजूद डिजिटल युग में उद्यमिता अपनी चुनौतियों से रहित नहीं है। साइबर सुरक्षा खतरे, डेटा गोपनीयता सम्बन्धी चिन्ताएं और तकनीकी प्रगति की तेज गति उद्यमियों के लिए चुनौतियां पेश करती हैं। डिजिटल विनियमों की जटिलताओं से निपटना, डेटा अखंडता बनाए रखना तथा उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाना निरंतर अनुकूलन और डिजिटल परिदृश्य की गहरी समझ से ही सम्भव है।
सेमिनार के बाद छात्र-छात्राओं के बीच उद्यमी भावना को बढ़ावा देने तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था में बढ़ते अवसरों का अन्वेषण करने के लिए एक बहस प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपने ज्ञान और तर्कशक्ति का प्रदर्शन किया। अंत में विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। सेमिनार में सोनिया चौधरी, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, बृजेश कुमार उमर आदि ने भी अपने विचार साझा किए। डॉ. शशि शेखर ने सभी का आभार माना।

चिंता हरण की शरण में पहुंची राधा रानी ब्रज यात्रा

  • दाऊ दादा की नगरी में ब्रज यात्रा का हुआ भव्य स्वागत

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना बलदेव। राधारानी ब्रज यात्रा में यात्रियों को बलदेव – बरसाना के पारस्परिक प्रेम का अनूठा दृश्य देखने को मिला। ब्रज भूमि जैसा सौंदर्य संसार में कहीं भी देखने को नहीं मिलता। बलदेव से चलकर बसइ यात्रा पहुँची तो वहाँ भी हर यात्री को चाय दूध छाछ हलुआ रोटी सब्ज़ी गुड पकौड़ी आदि विविध व्यंजनों से छका दिया । इस अवसर पर मान मंदिर सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकान्त शास्त्री ने कहा कि ब्रजवासी अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक परम परमात्मा को भी तृप्त करने वाले हैं इनके जैसा उदार सृष्टि में कोई नहीं है । बसइ से हरदशा ऋण मोचन पर ऋण मुक्त हो पहुँची भगवान भोले नाथ की शरण में । हर व्यक्ति किसी न किसी चिंता का शिकार होता है और भोले बाबा सबकी चिंता का हरण करने वाले हैं । उन्हीं भोले नाथ की यात्रियों ने पूजा अर्चना कर रुद्राभिषेक पूजा के साथ अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की ।कल यात्रा रावल पड़ाव डालेगी ।

जापानी औद्योगिक प्रक्रियाओं से रूबरू हुए जीएलए के छात्र

  • जीएलए मैकेनिकल विभाग और एसएमसी कॉरपोरेशन कंपनी ने छात्रों के लिए संयुक्त रूप से आयोजित किया जापानी एंडोड कोर्स

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग एवं एसएमसी कॉरपोरेशन नोएडा द्वारा संयुक्त रूप से जापानी एंडोड कोर्स (जेईसी 24) आयोजन बेहद सफल और प्रभावशाली तरीके किया। कार्यक्रम के तीन चरणों में जीएलए के छात्रों को रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और मेक्ट्रोनिक्स जैसी उन्नत तकनीकों से परिचित कराया और जापानी औद्योगिक प्रक्रियाओं के बारे में गहन जानकारी दी।

जेईसी आयोजन में एसएमसी कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और उन्नत तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, जो उनके भविष्य के करियर के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। पहले चरण में विशेषज्ञों ने जीएलए मैकेनिकल विभाग में 60 छात्रों को दो दिन तक प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण में रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और मेक्ट्रोनिक्स से संबंधित जापानी शब्दावली और नवीनतम तकनीकी अवधारणाओं पर जोर दिया गया। छात्रों ने उन्नत सेंसर तकनीक, रोबोटिक्स की कार्यप्रणाली और ऑटोमेशन सिस्टम्स की व्यावहारिक जानकारी हासिल की। इस दौरान छात्रों को नए जापानी तकनीकी मानकों और औद्योगिक प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया, जिससे वे भविष्य के तकनीकी परिदृश्यों के लिए तैयार हो सकें।

दूसरे चरण में कॉरपोरेशन द्वारा छात्रों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें उनकी तकनीकी दक्षता, सृजनात्मकता और समस्याओं को हल करने की क्षमता की जांच की गई। इस मूल्यांकन के आधार पर 60 छात्रों में से शीर्ष 20 छात्रों का चयन किया गया। इन 20 छात्रों में से 15 छात्र बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग से थे, 3 छात्र बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से थे और 2 छात्र बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग से थे। यह चयन छात्रों की गहन तकनीकी समझ और औद्योगिक मांगों के अनुसार खुद को तैयार करने की क्षमता के आधार पर किया गया।

तीसरे और अंतिम चरण में चयनित 20 छात्रों को एसएमसी कॉरपोरेशन नोएडा में दो दिनों के लिए औद्योगिक यात्रा और उन्नत प्रशिक्षण के लिए ले जाया गया। इस चरण में छात्रों को सेंसर तकनीक और इंडस्ट्री 4.0 के अत्याधुनिक पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। औद्योगिक यात्रा के दौरान, छात्रों ने कॉरपोरेशन की उत्पादन इकाइयों और उनकी ऑटोमेशन प्रक्रियाओं को करीब से देखा और समझा। साथ ही उन्हें इंडस्ट्री 4.0 की अवधारणाओं, जैसे कि औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी), स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, और डेटा ड्रिवन मेक्ट्रोनिक्स के बारे में जानकारी मिली। इस उन्नत प्रशिक्षण से छात्रों को वैश्विक औद्योगिक मानकों और जापानी औद्योगिक प्रथाओं के साथ तालमेल बैठाने का अनमोल अवसर मिला।

इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने छात्रों को बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि वह औद्योगिक मांगों के अनुसार नई तकनीकों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि छात्रों को तकनीकी नवाचारों को समझने और उन्हें अपनी शिक्षा में शामिल करने की जरूरत है, ताकि वे भविष्य में उद्योग में अपनी पहचान बना सकें।

अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रो. कमल शर्मा ने भी छात्रों को बधाई दी और उन्हें प्रेरित किया कि वे इस कार्यक्रम में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ भाग लें। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षा और उद्योग के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं, जो छात्रों को तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ औद्योगिक दृष्टिकोण भी प्रदान करते हैं।

इस कार्यक्रम का समन्वय डा. भरत सिंह एवं डा. बालाजी बी. द्वारा किया गया, जिन्होंने मथुरा से नोएडा तक छात्रों की यात्रा और प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक संचालित किया। इनके सतत मार्गदर्शन और परिश्रम से यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ।

सिहोरा और कारव में हुआ राधा रानी ब्रज यात्रा का भव्य स्वागत

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना वृंदावन से पानी गाँव मावली कल्याण पुर ढिडोरा लोहवन नगला धीना सिहोरा होते हुए यात्रा कारव पहुँची जहां सिहोरा और कारव के ब्रजवासी इस बात के लिए बराबर संघर्ष करते हैं कि प्रति वर्ष यात्रा हमारे गाँव में रुकनी चाहिए क्यों की हर गाँव के ब्रजवासी बाबा से बेहद प्यार करते हैं ।यही कारण रहा कि यात्रा को दोनों गावों के मध्य रोका गया । यात्री बांचते गाते आज लम्बी दूरी तय करके पड़ाव स्थल तक पहुँचे ।यद्यपि दूरी अधिक थी फिरभी संकीर्तन के प्रेम में उन्हें थकान महसूस ही नहीं हुई । ब्रज वासिओं ने पुष्प वर्षा व दुपट्टा धारण कराकर यात्रा का ज़ोरदार स्वागत किया ।भक्त शरण जी महाराज ने सभी लीला स्थलों का माहात्म्य निरूपण किया ।ब्रजवासियों ने यात्रा प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों व कर्मचारियों का लोई उढा कर सम्मान किया ।मान मंदिर के कार्य कारी अध्यक्ष राधा कान्त शास्त्री राधा कान्त शास्त्री ने कहा कि हमारी यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण यात्रा के मध्य चलने वाला अखण्ड हरि नाम संकीर्तन है ।इसी के प्रभाव से सब कुछ मंगलमय होता है ।यात्रा में बाबा नृसिंह दास नीलमणि दास ब्रजदास राजकुमार शास्त्री संजय सिंह गोपाल बाबा आदि आगे आगे चल रहे थे।