Friday, October 10, 2025
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उत्तर प्रदेश कोरोना अपडेट

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मथुरा में एक जून से चलेंगी 30 सिटी बसें, रुट प्लान हो रहा तैयार

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मथुरा। नगर एवं आसपास के क्षेत्रों में अब यात्रियों को डग्गेमार एवं कंडम वाहनों में यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। क्यों कि अब परिवहन निगम एक जून से शहर और आसपास के क्षेत्र में सिटी बस संचालित करने जा रहा है। इसके लिए निगम द्वारा रूट प्लान तैयार किया जा रहा है।


परिवहन निगम द्वारा यातायात की व्यवस्थाओं को सुचारू करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर में चलाई जाने के लिए 30 सिटी बसों की व्यवस्था की गई है। जेनर्म की बसें तो पूर्व से ही चल रही थी लेकिन अब सिटी बस भी बहुत जल्द चलना प्रारंभ हो जाएगी।

यह बस सेवा मथुरा से वृंदावन, छाता, गोवर्धन, बरसाना, बलदेव सहित अन्य जिले के रुटों पर भी यह सिटी बस सेवाएं 1 जून से चलना प्रारंभ हो जाएंगी। जिसके लिए मथुरा डिपो द्वारा तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। वहीं रुट प्लान भी तैयार होने जा रह है।

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर ने बताया है कि मथुरा जनपद को 30 सिटी बस दी जा रही है जिससे लोकल स्तर पर सवारियों को आने जाने में कोई दिक्कत ना हो सके। वहीं डग्गेमार वाहनों से भी यात्रियों को मुक्ति मिलेगी। सड़क दुर्घटनाएं भी कम होंगी।

पिछले साल फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से लूट करने वाला बदमाश गिरफ्तार

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बरसाना। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से पिछले साल हुई लूट में फरार चल रहे बदमाश को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है।


बुधवार को प्रभारी निरीक्षक आजाद पाल ने बताया कि अगस्त 2020 में निवासी मोहन सिंह वाइक से फाइनेंस कंपनी के रुपये लेकर जा रहा था। उसको नन्दगांव कामा रोड पर तीन बाइक सबारों ने 46200 रुपये लूट लिए थे।

मोहन सिंह सैनी पुत्र अमृत लाल निवासी ग्राम सींत थाना मण्डावर जिला दौसा राजस्थान उम्र 29 वर्ष की तहरीर पर लूट का मुकदमा थाना बरसाना में दर्ज हुआ था। उक्त मुकदमे में वांछित चल रहे विशाल पुत्र किस्सो हलवाई उर्फ उमा शंकर निवासी चाहर पैट्रोल पम्प के पीछे शेरगढ रोड कस्बा व थाना छाता जनपद मथुरा उम्र करीब 23 वर्ष पकड़ा । पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

मृतक आश्रितों को मिलेगी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट, बेसिक शिक्षा में 2500 नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू

लखनऊ। टीईटी पास मृतक आश्रितों को शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा घोषणा शिक्षक भर्ती की घोषणा करने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने सभी जरूरी अर्हताओं को पूरा करने वाले मृतक आश्रितों को शिक्षक और लिपिक पदों पर नियुक्त करने का ऐलान किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने तयशुदा समय में जिलों से सूचनाएं मांगी हैं। विभाग में ढाई हजार से ज्यादा मृतक आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक, इस पर सहमति बन गई है कि ऐसे अभ्यर्थी जो बीएड-डीएलएड (बीटीसी) पास हैं और टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं, उन्हें सुपर टीईटी यानी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी। वहीं जो मृतक आश्रित अभी डीएलएड-बीएड कर रहे हैं तो उन्हें लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी और बाद में टीईटी पास करने पर शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा।

इसके लिए कितने वर्षों की छूट दी जाएगी। यह अभी तय नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसे लागू करने के लिए शिक्षक सेवा नियमावली में भी संशोधन किया जाएगा। वहीं स्नातक मृतक आश्रितों को लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। यदि लिपिक के पद नहीं है तो उन्हें सृजित किया जाएगा लेकिन आर्हता पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति नहीं दी जाएगी।

Vaccine लगवाने वाले पहले पुरुष शेक्सपियर का निधन, जिस अस्पताल में लगा था टीका वहीं ली अंतिम सांस

लंदन। कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले दुनिया के सबसे पहले व्यक्ति 81 वर्षीय विलियम शेक्सपियर का निधन हो गया है। शेक्सपियर किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में Pfizer-BioNTech की वैक्सीन लगवाई थी। इसी के साथ वह दुनिया के पहले ऐसे पुरुष बन गए थे जिसे कोरोना का टीका दिया गया था। उनसे कुछ ही मिनट पहले यूनिवर्सिटी अस्पताल में 91 साल की मार्गरेट कीनन ने टीका लगवाया था।

शेक्सपियर के मित्र कोवेन्ट्री के पार्षद जेने इन्स ने बताया कि उनका गुरुवार (20 मई) को निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि शेक्सपियर को कई बातों के लिए जाना जाएगा, जिनमें से एक यह भी है कि वह दुनिया के पहले पुरुष थे, जिसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगा था। इन्स ने आगे कहा कि मेरे दोस्त को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि देने के लिए वैक्सीन लगवाएं।

स्ट्रोक के चलते हुई मौत

यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने बताया कि शेक्सपियर का निधन स्ट्रोक के चलते हुआ। उन्होंने कई दशकों तक अपने समुदाय के लिए कार्य किया। शेक्सपियर ने पैरिश पार्षद की जिम्मेदारी भी संभाली थी। उन्हें इसी अस्पताल में वैक्सीन के लिए लाया गया था और यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। अपनी पहली खुराक के समय उन्होंने अस्पताल की तारीफ करते हुए कहा था कि यहां का स्टाफ बहुत अच्छा है।

छोड़ गए हैं भरा पूरा परिवार

विलियम शेक्सपियर अपने पीछे अपनी पत्नी जॉय, अपने दो वयस्क बेटों और पोते-पोतियों को छोड़ गए हैं। वहीं, वेस्ट मिडलैंड्स लेबर ग्रुप ने कहा कि शेक्सपियर जिन्हें बिल के नाम से भी पहचाना जाता था, ने कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरीं थीं। पार्टी के लिए उनकी दशकों की सेवा को हाल ही में लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर द्वारा मान्यता दी गई थी। इस दुख की घड़ी में हम शेक्सपियर के परिवार के साथ हैं।

गांधी पार्क पीएचसी में लगा वैक्सीनेशन शिविर, 45 से ऊपर के लोगों ने लगवाए टीके

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मथुरा। मथुरा जिला चिकित्सालय के सहयोग से मथुरा के शहरी क्षेत्र स्थित गाँधी पार्क प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र मे अस्थाई वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया। यहां 45 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। वैक्सीन लगवाने को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। यहां ऑन लाइन रजिस्टे्रेशन न होने पर भी लोग आधार कार्ड लेकर वैक्सीन लगवाने पहुंचे।


शिविर पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग एंव समन्वय समिति के सहयोग से वैक्सीनेशन कैम्प लगाया गया। नगर निगम क्षेत्र में आज बुधवार को पांच क्षेत्रों में अस्थाई वैैक्सीनेशन शिविर लगाए गए हैं। कल भी भी निगम क्षेत्र में पांच स्थानों पर शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर के आयोजन की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग एवं समन्वय समिति द्वारा समय-समय पर दे दी जाएगी।

कोरोना से ठीक हुए मरीजों का पूरा इलाज होगा मुफ्त, शासन ने दिए आदेश

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लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में कोरोना ठीक होने के बाद भर्ती रहने वाले मरीजों का बाकी इलाज भी निशुल्क किया जाएगा। प्रमुख सचिव उप्र शासन आलोक कुमार ने आदेश जारी किए हैं।

जारी आदेश में उन्होंने बताया कि कतिपय प्रकरणों में आरटीपीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद पोस्ट कोविड समस्याओं के दृष्टिगत मरीज को अस्पताल में ही रहना पड़ता है। चिकित्सा विभाग के अंतर्गत संचालित अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों से कुछ सेवाएं भुगतान के आधार पर उपलब्ध होती हैं। वर्तमान समय में कुछ चिकित्सा संस्थानों द्वारा जिज्ञासा जाहिर की गई कि कोविड-19 निगेटिव मरीजों को सामान्य वार्डों में रखे जाने की स्थिति में उनसे उक्तानुसार भुगतान किया जाए या नहीं।

इस परिप्रेक्ष्य में प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने आदेश जारी किए हैं कि कोविड संक्रमित भर्ती मरीजों की जांच में निगेटिव होने के पश्चात पोस्ट कोविड मरीजों के सामान्य वार्ड में भर्ती रहने की स्थिति में उनके निशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को यह आदेश भेज दिए गए हैं।

युवती से बलात्कार करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, मृतका के सुसाइड नोट से खुला राज

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वृन्दावन। दुष्कर्म पीड़िता की मौत के 20 दिन बाद पुलिस ने बुधवार को आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। यमुना में कूदकर जान देने वाली युवती के शव के पास से मिले पर्स में मिले सुसाइड नोट में युवती ने आत्महत्या का कारण डॉक्टर द्वारा उसका बलात्कार की घटना का खुलासा हुआ था। बलात्कार का आरोपी माही नर्सिंग होम का डॉक्टर है।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक दुष्कर्म किये जाने से क्षुब्ध युवती ने दो जून को अहिल्यागंज खादर क्षेत्र में यमुना में कूदकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नदी से युवती का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने युवती के शव के पास से मिले पर्स से आधार कार्ड व मोबाइल के आधार पर उसकी पहचान राया थाना क्षेत्र निवासी 26 वर्षीय युवती के रुप में की।

मृतका के पर्स में मिले सुसाइड नोट ने सारे राज सामने रख दिए। युवती द्वारा आत्महत्या का कारण डॉक्टर द्वारा उसका बलात्कार करना बताया गया। सुसाइड नोट में मृतका ने राया के एक डॉक्टर धर्मेन्द्र सिह का नाम सामने आया। मृ़तका ने लिखे स्युसाइड नोट में बताया कि एक ही दिन पहले डॉक्टर ने उसके साथ दुष्कर्म किया गया। मृतका के पिता ने 6 मई को सुसाइड नोट के आधार पर माही नर्सिंगहोम के डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने करीब 20 दिन बाद आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया है।

अंतर्राज्जीय गो तस्करों का गैंग पकड़ा, कंटेनर में भरे 20 गोवंश, तमंचा, कारतूस बरामद

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मथुरा। पुलिस ने बरसाना में मुठभेड़ के बाद गो तस्करों का एक गैंग पकड़ा है। इस गैंग के पास से कंटेनर में भरे 20 गोवंश, तमंचा, कारतूस, नशीला पाउडर बरामद किया है। पकड़े गए तीन गो तस्कर हरियाणा और राजस्थान के रहने वाले हैं।

बरसाना के थाना प्रभारी आजाद पाल सिंह के मुताबिक एक अन्तर्राज्यीय गो तस्करों का गैंग कंटेनर में गौवंश को भरकर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर राजस्थान के कामां बॉर्डर पर पहुंची पुलिस से गोतस्करों का सामना हो गया। पुलिस न मुठभेड़ के बाद गोवंश से भरा कंटेनर सहित तीन गोतस्करों को गिरफ्तार कर लिया।

इन तस्करों में हरियाणा पलवल निवासी जाविद पुत्र खुर्शीद, राजस्थान के अजमेर निवासी खीमा पुत्र गोपी एवं छोटू पुत्र बुद्धू शामिल हैं। इनके पास से पुलिस ने बीस गोवंश, फर्जी नंबर का एक कंटेनर, एक तमंचा, कारतूस एवं 470 ग्राम नशीला पाउडर बरामद किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए सभी गो तस्करों के विरुद्ध पशु कू्ररता निवारण अधिनियम सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

आटे में नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश करते थे गोवंश

पूछताछ में खुर्शीद ने पुलिस को बताया कि हमारा एक गैंग है ,जो कबीर की देखरेख में गौकसी करता है। गायों को आटे में नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश करने के बाद ट्रकों में लादकर यूपी से राजस्थान ले जाते हैं। हम लोगों ने इन गो वंशों को आगरा ग्वालियर बाईपास पर अछनेरा गांव के पास से बन्टी बंजारा व उसके साथियों के साथ मिलकर गायों को ट्रकों में भरा था। गायों के कन्टेनर में भरकर हम मथुरा छटीकरा गोवर्धन बरसाना होते हुए राजस्थान ले जा रहे थे।

ब्लैक फंगस : एक साधारण बीमारी क्यों बन गई महामारी, क्या हैं इसके लक्षण ?, जानिए

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मथुरा। फंगस व्यक्ति के बीच कोई नया नहीं है। व्हाइट फंगस, ब्लैक फंगस यलो फंगस सभी एक ही क्लास के हैं। यह पहले से ही हमारे आसपास जहां तक के व्यक्ति की नाक में मौजूद रहते हैं। लेकिन यह फंगस तभी व्यक्ति पर हमला करता है जब या तो व्यक्ति की इन्यूनिटी पॉवर यानि रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है या फिर व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी की पचेट में हो। यह कहना है नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पूनम अग्रवाल का। आइए जानते हैं एक साधारण बीमारी क्यों बन गई महामारी जो ले रही है लोगों की जान-

कोरोना के कारण फंगस लोगों के लिए हो रहा घातक

डा. पूनम अग्रवाल ने बताया कि यह फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) उन्ही पर हमला करता है जिन व्यक्ति को डायबेटिक या फिर उनके ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हों, आईसीयू में होने उनको ऐसी दबाइयां जाती हैं, जिनसे इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है या फिर कैंसर के मरीज उनको पहले से ही यह फंगस इन्फेंक् शन होता था। पहले यह बहुत ही कम होता था। तो लोगों को पता नहीं चल पाता था। लेकिन यह फंगस संक्रमण है पहले से ही नया नहीं है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पूनम अग्रवाल

कोरोना महामारी के दौरान फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) लोगों पर अटैक क्यों कर रहा है और इसके जानलेवा होने का कारण को डॉक्टर पूनम अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण होता है उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। जिससे फंगस अटैक कर देता है। इसलिए कोरोना काल में यह ज्यादा देखने मिल रहा है और जानलेवा साबित हो रहा है। इन दिनों यह भी देखने को मिल रह है कि यह फंगस इन्फेंक्शन डायबिटीज पेशेंट में यह ज्यादा हो रहा है। इसके पीछे दो कारण है।

डायबिटीज मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है फंगस

पहला तो यह डायबिटीज मरीजों को कोरोना से ज्यादा जल्दी कोरोना से ग्रसित होते हैं। कोरोना की वजह से उनकी डायबिटीज ज्यादा बढ जाती है। उन्हें सिके्रड डिजीज का खतरा बढ जाता है। इस खतरे को कम करने के लिए स्टेरॉइड जैसी दवाइयां ज्यादा देनी पड़ती हैं। इन कई कारणों से व्यक्ति की इम्यूनिटी पावर लगातार कम होती चली जाती है। जिससे उसे फंगल इन्फेंक्शन का खतरा ज्यादा बढ जाता है। यही कारण है कि हमें कोरोना महामारी के समय फंगल इन्फेंक्शन लोगों में ज्यादा देखने का मिल रहा है।

पहले इसलिए फंगस नहीं थी जानलेवा महामारी

देश में डायबिटीज, फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस)और डायबिटीज को नियंत्रित करने की दवाएं भी कोरोना महामारी से बहुत पहले से हैं। तो ऐसे में फंगस लोगों के लिए ज्यादा घातक साबित हा रहा है। इस पर डॉक्टर पूनम अग्रवाल ने बताया कि इसके दो बड़े कारण है कि पहला तो डायबिटीज के मरीजों को पहले कोविड नही होता था, दूसरा यह कि उनको हमेशा स्टेरॉइड दवाएं देने की आवश्यकता नही होती थी। जिससे कि उनकी इम्यूनिटी पावर बरकरार रहती थी और वह फंगस इन्फेंक्शन से बच जाते थे। लेकिन अब इसका प्रभाव देशभर में ज्यादा देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि उत्तरप्रदेश सहित कई देश के कई राज्यों को इसे महामारी घोषित करना पड़ा।


फंगस इन लोगों पर कर सकता है हमला

फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस उन पर भी अटैक कर सकता है जो कोविड संक्रमित है, या कोविड संक्रमण से ठीक हो चुके हैं या फिर जिन्होंने कोविड का इलाज नहीं लिया है और उनमें केविड के लक्षण है वह होम क्वारंटीन रहकर अपना इलाज कर रहे हैं।

ऐसे पहचानें फंगस इन्फेंक्शन


नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पूनम अग्रवाल ने बताया कि यह फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस नाक के जरिए ही व्यक्ति को अपनी चपेट में लेती हैं। यह पहले व्यक्ति की नाक में फिर आंख और उसके बाद मांइड में चला जाता है। इसका पहला लक्षण है कि नाक बंद हो जाती है फंगस से संक्रमित व्यक्ति को नाक से काले रंग का पदार्थ निकल सकता है। नाक के आसपास का सुन्न महसूस हो सकता है और सिर में दर्द हो सकता है। फंगस से संक्रमित व्यक्ति को नाक से बदबू भी आ सकती है। फंगस नाक से आंख में पहुंचने पर आखें लाल हो सकती है, आखों में सूजन भी आ सकती है। इतना ही नहीं आंखें चलना भी बंद कर देती हैं और पलक भी गिर जाती है।