Thursday, June 26, 2025
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आर्टिक्यूलेटर दांतों के कृत्रिम पुनर्स्थापन का अचूक अस्त्रके.डी. डेंटल कॉलेज में सतत दंत शिक्षा पर हुआ ज्ञानवर्धक कार्यक्रम

मथुरा। आर्टिक्यूलेटर प्रोस्थोडोन्टिक्स में एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो जबड़े की हरकतों की नकल करता है तथा दांतों के बीच के संबंध को दर्शाता है। यह सही ढंग से कृत्रिम पुनर्स्थापन बनाने में मदद करता है जो दांतों और जबड़े के साथ ठीक से मेल खाता हो। आर्टिक्यूलेटर की सटीकता और विभिन्न प्रकार के आर्टिक्यूलेटर की उपलब्धता यह सुनिश्चित करते हैं कि दंत चिकित्सक सही ढंग से कृत्रिम पुनर्स्थापन बना सकें जो रोगियों के लिए कार्यक्षमता और सौंदर्य दोनों प्रदान करें। यह बातें केडी डेंटल कॉलेज में “सिम्फनी ऑफ ऑक्लूजन: अनलॉकिंग द सीक्रेट्स ऑफ द आर्टिक्यूलेटर इन प्रोस्थोडोन्टिक्स” विषय पर आयोजित सतत दंत शिक्षा (सीडीई) कार्यक्रम में एसजीटी विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित वक्ता तथा दंत विज्ञान संकाय के डीन डॉ. ओमकार के. शेट्टी और दंत विज्ञान संकाय के रीडर डॉ. पंकज रितवाल ने भावी दंत चिकित्सकों को बताईं।
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑक्लूजन की समझ को गहरा करना तथा प्रोस्थोडॉन्टिक अभ्यास में आर्टिकुलेटर्स के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना है। डॉ. शेट्टी और डॉ. रितवाल ने ऑक्लूजन और आर्टिकुलेटर-आधारित तकनीकों के मूलभूत और उन्नत पहलुओं पर आकर्षक और व्यावहारिक व्याख्यान दिए। डॉ. शेट्टी ने कहा कि आर्टिक्यूलेटर जबड़े की हरकतों की नकल करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। यह सुनिश्चित करते हैं कि कृत्रिम पुनर्स्थापन ठीक से फिट हों तथा सही से काम करें। उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ आर्टिक्यूलेटर भी विकसित हुए हैं। डिजिटल आर्टिक्यूलेटर और 3डी प्रिंटिंग जैसे नए उपकरण दंत चिकित्सकों को अधिक सटीक और कुशल कृत्रिम पुनर्स्थापन बनाने में मदद करते हैं।
डॉ. रितवाल ने बताया कि दंत चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के आर्टिक्यूलेटर उपलब्ध हैं, जैसे कि सरल हिंज आर्टिक्यूलेटर, अर्ध-समायोज्य आर्टिक्यूलेटर और पूरी तरह से समायोज्य आर्टिक्यूलेटर। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रकार का आर्टिक्यूलेटर जबड़े की हरकतों की नकल करने के लिए अलग-अलग क्षमताएं और सटीकता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आर्टिक्यूलेटर की सटीकता कृत्रिम पुनर्स्थापन की गुणवत्ता तथा सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। इतना ही नहीं आर्टिक्यूलेटर का उपयोग क्राउन, ब्रिज और डेंचर बनाने के साथ ही ऑर्थोडोंटिक उपचार की योजना बनाने में भी मददगार है।
सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण व्यावहारिक सत्र था, जिसमें प्रोस्थोडोन्टिक्स विभाग के सभी स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस सत्र में रोगियों और आर्टिकुलेटर्स दोनों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उपस्थित लोगों को सैद्धांतिक ज्ञान को नैदानिक अनुप्रयोग के साथ एकीकृत करने का एक अनूठा अवसर मिला। इस शैक्षणिक पहल की सभी प्रतिभागियों ने सराहना की। सभी ने कहा कि सतत दंत शिक्षा से दंत चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर सीखने और सहयोग के महत्व पर बल मिला। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे भावी दंत चिकित्सकों को काफी मदद मिलेगी। सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम में डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अभिनव, डॉ. नेहा श्रीवास्तव, डॉ, लारा जैन आदि की उपस्थिति सराहनीय रही।
चित्र कैप्शन। सतत दंत शिक्षा कार्यक्रम के बाद स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं के साथ डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, दंत विज्ञान संकाय के डीन डॉ. ओमकार के. शेट्टी तथा दंत विज्ञान संकाय के रीडर डॉ. पंकज रितवाल। अन्य चित्र में वक्ता का स्वागत करते हुए डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी।

इन पर विश्वास करनाअपने साथ विश्वास घात जैसा

विजय गुप्ता की कलम समथुरा। गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा था अपने पूरे हाथ को तेल के बर्तन में डुबो दो और फिर उसे तिल से भरे बोरे में ठूंस दो। उसके बाद हाथ में जितने भी तिल चिपकें यदि ये लोग उतनी बार भी कसम खाकर किसी बात का विश्वास दिलाएं तब भी इनके ऊपर विश्वास मत करना।
गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्रों को केवल इसलिए दीवाल में जिंदा चिनवा दिया कि उन्होंने अपना सिख धर्म त्याग कर मुसलमान बनना स्वीकार नहीं किया। यह बात सौ प्रतिशत सच है कि इन लोगों पर विश्वास करना अपने आपके साथ विश्वास घात करने के समान है। इनकी फितरत रही है कि जिस थाली में खाना उसी में छेद करना। हमारे देश का खाते हैं और हमारे देश के प्रति ही बेवफा होकर पाकिस्तान के प्रति वफादारी रखते हैं। यह हाल यहां ही नहीं पूरे विश्व में है। वर्मा जिसे आजकल म्यांमार कहा जाता है, से मार मार कर इन्हें इसीलिए भगाया गया था। जैसे बंदर का स्वभाव होता है कि खाना और घुर्राना ठीक यही स्वभाव इनका है।
ये सगे किसी के नहीं होते कोई इनके लिए कितना भी पचे मरे किंतु इन पर उसका कोई एहसान नहीं बल्कि मौका लगते ही एहसान फरामोशी से बाज नहीं आते बंग्लादेश इसकी जीती जागती मिशाल है। पिछले वर्ष दिल्ली में एक हिंदू युवक ने अपने मुसलमान पड़ोसी को खून देकर उसकी जान बचाई किंतु कुछ दिन बाद ही किसी बात पर कहा सुनी हो गई तो मुसलमान ने उसी हिंदू का खून कर दिया जिसने उसे खून देकर जीवन दान दिया था। मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान के ऊपर 17 बार हमला किया और हर बार पराजित होने के बाद भी पृथ्वीराज चौहान ने उसे क्षमादान देकर छोड़ दिया, किंतु 18 वीं बार पृथ्वीराज चौहान हार गए। मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को एक बार भी नहीं बख्सा और तुरंत मरवा दिया। 18 वीं बार भी पृथ्वी चौहान जीतते किंतु उनके सेनापति जयचंद ने गद्दारी की और मुहम्मद गौरी से मिलकर अपने ही राजा को हरवा कर मरवा दिया।
उसके बाद जयचंद नाम इतना घृणित हो गया कि किसी ने अपने पुत्र का नाम जयचंद नहीं रखा बल्कि गद्दारों को जयचंद कहकर संबोधित किया जाने लगा। भले ही कोई अपनी औलाद का नाम जयचंद न रखें किंतु जयचंद का वंश आज भी चल रहा है। हमारे देश में जयचंद का कुनबा इतना बढ़ चुका है कि ये लोग बुरी तरह हावी हैं। अपने देश के साथ दुश्मनीं मानने वालों के साथ मिलकर देशद्रोहिता कर रहे हैं। क्यों कर रहे हैं? सिर्फ वोटो की खातिर। इन देशद्रोहियों के वोटो की बैसाखी उनकी बहुत मदद जो करती है। देशद्रोहियों से ज्यादा देशद्रोहियों के हिमायती जयचंदों को बारंबार धिक्कार है। और धिक्कार है हम लोगों को जो मूक बनकर तमाशबीन बने रहते हैं। सबसे ज्यादा धिक्कार उनको है जो सब कुछ जानते बूझते हुए भी जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर ऐसे नराधमों को वोट देते हैं।
इस सब को लिखने के पीछे मेरा मतलब यह नहीं कि सभी मुसलमान गलत होते हैं। ऐसे ऐसे मुसलमान भी हुए हैं जो इतने अच्छे थे कि उनके पैरों को धोकर पी लिया जाए। क्या कबीर मुसलमान नहीं थे? क्या रहीम मुसलमान नहीं थे? क्या सांई बाबा मुसलमान नहीं थे? क्या अब्दुल हमीद जिन्होंने हाथगोला अपने सीने से लगाकर टैंक उड़ा दिया मुसलमान नहीं थे? क्या ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मुसलमान नहीं थे? ऐसे महान लोगों को मेरा कोटि-कोटि नमन।

चीन को गुरु बनाओ और आतंकवाद से मुक्ति पाओ

मथुरा। आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में किए गए नरसंहार से पूरा देश आक्रोशित हो उठा था। भले ही मोदी जी ने जख्म पर मरहम लगाने का काम तो कर दिया किंतु यह पर्याप्त नहीं। अब तो एक ही विकल्प शेष रह गया है, वह यह कि चीन को अपना गुरु मानकर ऐसा कुछ किया जाए जिससे आतंकवाद का नामो निशान ही मिट जाय।
 भले ही मेरी बात किसी के गले उतरे या न उतरे किंतु जो मैं कह रहा हूं वह अकाट्य सत्य है। यदि हम चीन से प्रेरणा लेकर उसका अनुसरण करें तो आतंकवाद तो पूरे देश से ऐसा गायब हो जाएगा जैसे गधे के सिर से सींग। अब गौर करो मेरी बात पर। चीन में देशद्रोहियों को गोली से उड़ा दिया जाता है और हमारे देश में देशद्रोही गद्दारों को सर आंखों पर बैठाया जाता है। चीन में आरक्षण वारक्षण ऐसा कुछ भी नहीं है, कि अयोग्यों को प्रोत्साहित करके योग्यों को हतोत्साहित किया जाय। चीन में वोट तंत्र जैसी कोई बीमारी नहीं है यही कारण है कि आज चीन पूरी विश्व बिरादरी पर भारी पड़ रहा है। 
 हम लोग बड़े इतरा इतरा कर कहते हैं कि हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, किंतु हमारे देश में लोकतंत्र का स्वरूप ऐसा है कि इसकी आड़ में वे लोग संसद और विधान सभाओं में पहुंच जाते हैं जिन्हें जेल में होना चाहिए। अनेक सांसद, विधायक और मंत्री तक ऐसे भी है जिन्हें फांसी या आजीवन कारावास तक की सजा होनी चाहिए। ऐसे अपराधियों को पुलिस बजाय गिरफ्तार कर जेल में डालने के उल्टे सेल्यूट और मरती है। यह है हमारे लोकतंत्र का असली चेहरा जिस पर हम इतरा इतराकर मरे जाते हैं। धिक्कार है ऐसे लोकतंत्र को। ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं सभी जानते हैं कि लोकतंत्र यानी वोट तंत्र की आड़ में क्या-क्या होता है और क्या-क्या नहीं होता।
 सचमुच में देखा जाए तो लोकतंत्र के नाम पर अलोकतंत्र का साम्राज्य छाया हुआ है। पता नहीं यह अलोकतंत्र हमारे देश को कहां ले जाकर पटकेगा? ऐसा न हो कि मुगलों व अंग्रेजों की सैकड़ो साल वाली गुलामी हमें दोबारा से न जकड़ ले। हे भगवान हमारे देश में उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग जैसा कोई शासक ही भेज दो, जो गद्दार और हराम खाऊओं की अक्ल ठिकाने लगा दे।
 किसी ने सही कहा है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। जब तक ऐसा कोई दमदार डिटेक्टर हमारे देश में पैदा नहीं होगा तब तक देश गर्त में जाता रहेगा और देशद्रोही, हत्यारे, लुटेरे, बेईमान तथा दुराचारियों की पौ बारह होती रहेगी और देशभक्त व सदाचारी घुट घुट कर मरते रहेंगे। अब मुझे याद आ रही है आपातकाल की। भले ही इंदिरा गांधी ने आपातकाल अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए लगाया था किंतु यह काल देश के लिए स्वर्णिम काल था। लोगों में गलत काम करने की लत खत्म हो गई। भ्रष्टाचार का नामो निशान नहीं था। रेलें समय से चलने और पहुंचने लगीं। ज्यादातर तो बिफोर टाइम प्लेटफार्म पर आ जातीं। पुलिस वाले थाने कोतवालियों में सेवक की भूमिका में रहते। चोरी, चकारी, हत्या, लूट डकैती, दुराचार आदि अपराध तो ऐसे गायब हो गए जैसे गधे के सिर से सींग।
 दूसरा पहलू यह भी है कि विरोधी दलों के लोग जेल में ठूंस दिए गए उनके साथ ज्यादती तो हुई किंतु यह भी देखना होगा कि यदि ये लोग बाहर रहते तो क्या हुड़दंग बाजी नहीं करते? क्या इस सब सुधार को होने देते? इन सब बातों की ओर किसी का ध्यान नहीं बस इमरजेंसी शब्द आते ही लोग ऐसे विदकते हैं जैसे सांड को लाल कपड़ा दिखा दिया जाता है। और तो और कांग्रेसी भी इमरजेंसी की खुलकर तारीफ नहीं करते। नई पीढ़ी के सामने इमरजेंसी का ऐसा विकृत स्वरूप कर दिया है जैसे मुगलों व अंग्रेजों से भी ज्यादा अन्याय और अत्याचार इस देश की जनता पर किए गए हों। चलो हम मान लेते हैं कि इमरजेंसी में खूब अन्याय, अत्याचार और जुल्म हुए पर अब राम राज हो गया क्या? इमरजेंसी के हटने के बाद से हर प्रकार के अपराधों का बोल वाला दिन दूना और रात चौगना बढ़ता गया। देशद्रोही गद्दार लोग मौज मस्ती कर रहे हैं जितने भी घृणित से घृणित अपराध होते हैं, वे चरम पर हैं।
 देश का दुर्भाग्य था जो संजय गांधी जैसे डिटेक्टर के हाथ से देश की बागडोर चली गई। यदि आज संजय गांधी जिंदा होते और इमरजेंसी होती तो देश चीन से भी अधिक ताकतवर हो जाता तो आश्चर्य नहीं। यह भी ध्रुव सत्य है कि संजय गांधी से बड़ा हिंदूवादी कोई नहीं, भले ही गाल बजाऊ बनते रहो। 
 पूरा देश इस समय नरेंद्र मोदी की ओर टकटकी लगाए बैठा है। मोदी जी में कुछ कर दिखाने की कुब्बत है। पहले भी उन्होंने अजब गजब के कई कारनामे किए हैं। अतीत में किए गए उनके करिश्मो से उम्मीद तो बहुत है किंतु यह अलोक तंत्री व्यवस्था उनकी सफलता में बाधक जरूर बनेगी। देखते हैं मोदी जी इससे कैसे निपटते हैं?

श्री गिर्राज महाराज कॉलेज में हुआ कैम्पस प्लेसमेंन्ट का आयोजन।

बेरोजगारी की भयानकता को देखते हुए एक तरफ देश का शिक्षित युवा अपने रोजगार के लिये अनेकों कम्पनियों के चक्कर काट रहे है। वहीं मथुरा शहर का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान अपने छात्र/छात्राओं का एक के बाद एक लगातार व्यावसायिक कैम्पस प्लेंसमेंन्ट उपलब्ध कराकर अपना कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
मथुरा शहर में प्रतिष्ठित संस्थान श्री गिर्राज महाराज कॉलेज में दिनांक 02.05.2025 दिन शुक्रवार को एनआईआईटी एक्सिस बैंक लिमिटेड ऑफलाइन टेस्ट के माध्यम से साक्षात्कार किया गया। जिसमें संस्थान के 24 छात्र/छात्राओं को अगले चरण के लिये चयनित किया गया। साक्षात्कार की अन्तिम प्रक्रिया में संस्थान के अनकों छात्र/छात्राओं का अच्छे पेकेज पर एनआईआईटी एक्सिस बैंक आगरा ने चयनित किया। जिसमें अन्तिम वर्ष के छात्र धीरज शर्मा, शालिनी, अमित, कृष्णा, प्रशांत, अंकित, पीयूष कुमार, देवेन्द्र रवि , खुशी, मनीष आदि छात्र छात्रों का चयन अच्छे पैकेज पर हुआ है। जिसमें शिक्षार्थियों के द्वारा भी अनेकों प्रकार के प्रश्न अपने कैरियर के सम्बन्ध में पुछे गये जिसका बड़ी सहजता से मैनेजर श्री अभय वर्मा ने जबाव दिया और उनको अच्छे भविष्य के लिये बधाई भी दी।
कम्पनी के सीनियर एरिया मैनेजर श्री अभय वर्मा ने छात्रों का प्लेसमेंन्ट एनआईआईटी एक्सिस बैंक लिमिटेड आगरा के लिये किया। संस्थान के ट्रेनिंग व प्लेसमेंन्ट इंचार्ज प्रो0 चंचल शर्मा ने मिलकर पूरी प्रक्रिया करवायी। इस साक्षात्कार में संस्थान के बी0काम0 बी0बी0ए0 व बी0सी0ए0 कक्षाओं के अन्तिम वर्ष के 120 छात्र/छात्राओं ने भाग लिया था। संस्थान के ऐकेडिमक इंचार्ज प्रो0 राखी सक्सैना ने बताया कि हमारे देश में नौकरी की कोई कमी नहीं है। बशर्ते आपके अन्दर एक जूनून होना चाहिए। अपने विचार व्यक्त किये और छात्रों को भविष्य में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये उनको मिलने वाले अवसरों और उनको कैसे प्राप्त करना है इसी के साथ छात्र/छात्राओं को हार्दिक बधाई दी।
संस्थान के वाइस चैयरमेंन डॉ0 आशुतोष शुक्ला जी ने बताया कि संस्थान का एकमात्र उददेश्य संस्थान के छात्र/छात्राओं शिक्षित करने के बाद उन्हें रोजगार के अच्छें उपलब्ध कराना भी है। जिससे छात्र/छात्राऐं अपने भविष्य का निर्माण अच्छे से बना सके। डॉ0 शुक्ला ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के कैम्पस प्लेेंसमेंन्ट होते रहेगें। जिससे संस्थान कें शिक्षित छात्रों को अच्छे रोजगार उपलब्ध हो सके। संस्थान के वाइस चैयरमेंन डॉ0 आशुतोष शुक्ला जी ने चयनित छात्र छात्राओं को शुभकामनाऐं तथा उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की। संस्थान के निदेशक द्वारा कम्पनी के सीनियर एरिया मैनेजर श्री अभय वर्मा का आभार व्यक्त किया तथा धन्यवाद दिया और संस्थान के शिक्षणगणों की सराहना की।

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के तीन होनहारों ने भरी उड़ानदो अलग-अलग कम्पनियों में मिली उच्च पैकेज पर जॉब

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के तीन होनहार विद्यार्थियों ने अपनी काबिलियत और कौशल से ऊंची उड़ान भरने में सफलता हासिल की है। संस्थान के छात्र पंकज को जहां अजंता फार्मा ने छह लाख सालाना पैकेज पर क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर के पद पर सेवा का मौका दिया है वहीं उपासना और रशद खान को समता रिसर्च एलायंस ने उच्च पैकेज पर जॉब आफर किया है।
राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी को छात्र-छात्राओं के सर्वाधिक प्लेसमेंट के लिए जाना जाता है। यहां के छात्र-छात्राओं के लिए हाल ही में कैम्पस रिक्रूटमेंट ड्राइव आयोजित की गई, जिसमें दो प्रतिष्ठित कम्पनी समता रिसर्च एलायंस तथा अजंता फार्मा लिमिटेड ने हिस्सा लिया। इन दोनों कम्पनियों के पदाधिकारियों ने छात्र-छात्राओं की लिखित परीक्षा लेने के बाद उनका साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार के बाद अजंता फार्मा कम्पनी के अधिकारी रतन राय ने पंकज को क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर के पद पर सेवा का अवसर प्रदान किया। पंकज का चयन छह लाख रुपये सालाना के पैकेज पर हुआ ह
इसी तरह समता रिसर्च एलायंस के विभागीय अधिकारी ठाकुर भानुप्रताप सिंह एवं गरिमा चोपड़ा ने उपासना और रशद खान की प्रतिभा तथा कौशल से प्रभावित होते हुए उन्हें उच्च पैकेज पर जॉब आफर किया। समता रिसर्च एलायंस के चेयरमैन रणवीर ठाकुर ने राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की शैक्षिक गुणवत्ता की सराहना करते हुए कहा कि यहां के छात्र-छात्राओं में समस्याओं के समाधान का सुन्दर कौशल है, यही वजह है कि हमारी कम्पनी यहां के होनहारों सेवा का अवसर देने में रुचि रखती है। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की उच्चस्तरीय शिक्षा प्रणाली, मार्गदर्शन तथा अपने माता-पिता के प्रोत्साहन को दिया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी 1999 से संचालित है। यहां का ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग छात्र-छात्राओं को बदलती शिक्षा प्रणाली के अनुरूप न केवल ढालता है बल्कि रोजगार विकल्पों के लिए हर समय तत्पर रहता है। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने तीनों विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड है। यहां अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं निजी कम्पनियों ही नहीं प्रदेश स्तर पर ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में सेवाएं देकर संस्थान का गौरव बढ़ा रहे हैं।
संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने तीनों विद्यार्थियों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि फार्मेसी आज के युग में सर्वाधिक करियर अवसर प्रदान करने वाला क्षेत्र है। छात्र-छात्राएं अपनी मेहनत और कौशल से विभिन्न सरकारी फार्मा विभाग एवं फार्मास्युटिकल कम्पनियों में नौकरी पक्की कर सकते हैं। ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग के अधिकारी सौम्यदीप ने कैम्पस रिक्रूटमेंट ड्राइव के लिए कम्पनी पदाधिकारियों का आभार माना।
चित्र कैप्शनः कम्पनी पदाधिकारियों के साथ राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के चयनित तीनों विद्यार्थी।

चित्र परिचय: संस्कृति विश्विद्यालय में शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए हुए समझौते को प्रदर्शित करते दोनों पक्षों के अधिकारीगण।

मथुरा।संस्कृति विश्वविद्यालय और वी सर्व: एन इनिशिएटिव टू सर्व द अनसर्व्ड, के मध्य शिक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आधिकारिक तौर पर एक समझौता (एमओयू) किया गया है।
संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस एमओयू का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम को संयुक्त रूप से चलाना है, जो आधुनिक शैक्षणिक उपकरणों और डिजिटल शिक्षण विधियों से लैस कुशल पेशेवरों की बढ़ती आवश्यकता की पूर्ति करने के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित होगा। दोनों संस्थान व्यापक पाठ्यक्रम मॉड्यूल विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे जो अत्याधुनिक शैक्षिक प्रथाओं को एकीकृत करते हैं और शैक्षणिक और पेशेवर दुनिया की उभरती मांगों के साथ संरेखित होते हैं। कार्यक्रम विकास के अलावा, एमओयू संकाय और छात्रों के आदान-प्रदान के प्रावधानों को रेखांकित करता है, जो संयुक्त अनुसंधान और विकास गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। इस सहयोग का उद्देश्य नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना, सीखने के अनुभव को बढ़ाना और प्रभावशाली शैक्षिक समाधानों के निर्माण में योगदान देना है जो कम प्रतिनिधित्व वाले और कम सेवा वाले समुदायों की सेवा करते हैं। इस साझेदारी के माध्यम से, संस्कृति विश्वविद्यालय और शैक्षिक पहुँच का विस्तार करने, शिक्षण और सीखने में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने और शिक्षकों और शिक्षार्थियों की अगली पीढ़ी का पोषण करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस मौके पर संस्कृति विश्विद्यालय की ओर से विवि के कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी, रजिस्ट्रार मनीषजी आदि मौजूद रहे।

आबकारी टीम को चेकिंग में मिली सफलता,एक कार से रेड लेबल ब्रांड इंपोर्टेड विदेशी मदिरा बरामद।

आबकारी आयुक्त उत्तरप्रदेश के आदेश के अनुपालन व उच्चाधिकारियों के निर्देशन में जनपद मथुरा में अवैध शराब के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के क्रम में थाना हाइवे अंतर्गत इंडस्ट्रियल एरिया नंबर 1 जय गुरु देव पंप के पास nh 19 के आर एच एस पर हरियाणा की ओर से आ रही इको स्पोर्ट कार HR51BB3253 से कुल 194 बोतल रेड लेबल ब्रांड इंपोर्टेड विदेशी मदिरा अन्य प्रदेश में बिक्री हेतु अनुमन्य (कुल 145.5bl) बरामद कर गिरफ्तार अभियुक्तगणों युवराज पुत्र पप्पू पांडे निवासी ग्राम आता थाना बिंद नालंदा तथा आशीष राज पुत्र चंदन कुमार निवासी राजा बाजार थाना मोतीहारी जिला मोतिहारी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम व अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया । अभियुक्त गणों से बरामद मदिरा का बाजार मूल्य लगभग ₹300000 से अधिक है।

संस्कृति विवि के पूर्व छात्र,आईआईटी विद्वान ने बताया सफलता के रास्ते

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन ने विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और आईआईटी जोधपुर में वर्तमान एम.टेक. विद्वान हर्ष वार्ष्णेय की विशेषता वाली एक ज्ञानवर्धक एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में आयोजित यह कार्यक्रम पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों के बीच की खाई को पाटने के विश्वविद्यालय के प्रयासों का एक हिस्सा था, जो उच्च शिक्षा और कैरियर विकास के व्यावहारिक पहलुओं में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
सुश्री शुभ्रा पांडे द्वारा समन्वित और होस्ट की गई वार्ता की शुरुआत सुश्री रितु द्वारा श्री वार्ष्णेय का औपचारिक रूप से परिचय देने, उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों और संस्कृति विश्वविद्यालय से आईआईटी जोधपुर तक की उनकी यात्रा की सफलता को साझा करने के साथ हुई। श्री वार्ष्णेय ने छात्रों के साथ बातचीत की, अपने अनुभव, चुनौतियों और रास्ते में मिली प्रमुख सीखों को साझा किया। उनकी बातचीत छात्रों के साथ गूंजी, उन्हें कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।
स्थिरता और परंपरा के सम्मान के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप, डीन अकादमिक डॉ. रैनू गुप्ता ने श्री वार्ष्णेय को एक औपचारिक स्टोल (पटका) और पौधा देकर सम्मानित किया। ये टोकन अतिथि के प्रति सम्मान और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं के प्रति विश्वविद्यालय के समर्पण दोनों का प्रतीक थे।
कार्यक्रम की सफलता छात्र समन्वय टीम के अथक प्रयासों से संभव हुई: अग्रज, शिवा, दिनेश, शशि (बी.ए. बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर), हेमंत (बी.ए. बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर), आयुष कश्यप (बी.एससी. बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर), और अनामिका (बी.ए. बी.एड. छठा सेमेस्टर), मयंक (बी.टेक द्वितीय सेमेस्टर), जिन्होंने कार्यक्रम के निर्बाध निष्पादन को सुनिश्चित किया और विभिन्न तार्किक पहलुओं में सहायता की। यह कार्यक्रम एक शानदार सफलता थी, जिसने छात्रों को अपने भविष्य के शैक्षणिक और पेशेवर सफर की तैयारी के लिए प्रेरित और उत्साहित किया।

माँ के अपार प्रेम, त्याग व सम्मान को नमन करने का पर्व है मातृ दिवस-हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मनाया गया मातृदिवस

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मातृदिवस पर एक विशेष और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 150 माताओं की आरती कर मातृ दिवस मनाया गया। विद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सभी बालिकाओं ने अपनी माता की आरती उतारी, कुमकुम चंदन तिलक लगाकर पुष्प वर्षा की और माताओं के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। छात्रा यशी शर्मा ने मां पर कविता पाठ प्रस्तुत किया। कक्षा छठी की छात्राओं ने मैं छाया तेरी गीत के माध्यम से नृत्य प्रस्तुत कर अपने भावों को व्यक्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि प्रबंध समिति से रेखा माहेश्वरी, डॉ प्रमोद सिंह व प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ने माताओं को भावविभोर कर दिया और मां के प्रति सम्मान की भावना को और भी प्रगाढ़ किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्य शालू तिवारी के द्वारा किया गया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य ने मातृशक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मां केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक संपूर्ण भाव है, जिसमें संसार का सारा प्रेम समाहित है। उन्होंने माताओं को उनके त्याग और समर्पण के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर प‌द्मनाभ गोस्वामी, विश्वनाथ गुप्ता, उमेश शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने सभी माताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मातृ दिवस की शुभकामनायें दी।

संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति ने किया मथुरा नराकास का सफल निरीक्षण

मथुरा l दिनांक 7 मई 2025 को संसदीय समिति की आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति द्वारा मथुरा नराकास (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) का सफल निरीक्षण किया गया|
दिल्ली के अशोका होटल में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली और आस पास के चार नराकास अध्यक्ष कार्यालय और सदस्य कार्यालयों का निरीक्षण उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया गया | आलेख एवं साक्ष्य उप- समिति के अध्यक्ष श्री भर्तृहरि महताब (सांसद) व उनकी छह सदस्यीय टीम ने निरीक्षण कर सभी कार्यालयों को राजभाषा के उपयोग को बढ़ाने की सलाह दी| मथुरा नराकास के निरीक्षण के दौरान नराकास अध्यक्ष श्री मुकुल अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख, मथुरा रिफाइनरी ने समिति के सभी सदस्यों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया| अपने स्वागत सम्बोधन में श्री अग्रवाल ने मथुरा नगर की महिमा व मथुरा नराकास द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया| उन्होने कहा कि मथुरा नराकास के सदस्य कार्यालय अपने आधिकारिक कामों में राजभाषा का उचित उपयोग कर रहे हैं साथ ही वार्षिक कार्यक्रम के आधार पर बैठकें, संगोष्ठी, प्रतियोगिताएं आदि नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं|
बैठक में अध्यक्ष कार्यालय के अलावा मथुरा नराकास से भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम, द न्यू इंडिया एश्योरंस और केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान का भी निरीक्षण किया गया और इसे संतोषजनक पाया गया| आलेख एवं साक्ष्य उप समिति के अध्यक्ष महोदय ने राजभाषा के वृहद विकास के लिए सभी कार्यालयों से आश्वासन लिया और हिन्दी की उत्तरोत्तर प्रगति के लिए मार्गदर्शन दिया|
बैठक के अंत में अध्यक्ष मथुरा नराकास श्री मुकुल अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया| संसदीय राजभाषा समिति के निरीक्षण में मथुरा नराकास के अलावा दिल्ली, बुलंदशहर और मुरादाबाद के कुल 27 कार्यालयों का निरीक्षण किया गया|