मथुरा। निर्मल इनीशिएटिव ट्रस्ट ने जिले की आटस ग्राम पंचायत के सात गांवों में परिषदीय विद्यालयों जाकर बच्चों को बाल सुरक्षा किट प्रदान की। इस कार्यक्रम में बच्चों को कोरोना से बचाव, बाल यौन सुरक्षा के बारे में बताया गया। सुरक्षा किट में हाथ धोने के लिये साबुन, कोरोना से बचाव समझाती कलरिंग शीट्स, बाल यौन सुरक्षा पर केन्द्रित रंग-पुस्तिका, क्रेयान्स और साथ ही पौधे उगाने के लिये बीज और एक पत्र था।
कार्यक्रम संयोजक खुर्शीद आलम कुरैशी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाॅकडाउन के दौरान भी बच्चों एवं पाठशाला के बीच रचनात्मक सम्पर्क को बनाये रखना हैं। यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे प्रत्येक 5 व्यक्तियों में से 2 के पास हाथ धोने के लिए साबून नही है। साबुन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए बच्चों के लिए सुरक्षा किट में साबुन दिए गए हैं। बच्चों के लिए रंगों के 1000 डिब्बे समाजसेविका रीना गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए।
संस्था की निदेशिका श्वेता गोस्वामी ने बताया कि ऐसी कई रिपोर्ट सामने आयी हैं जो यह बताती हैं कि कोविड-19 की रोकथाम के लिये लागू लाॅकडाउन में महिलाओं एवं बच्चों के प्रति हिंसा में तीव्र वृद्धि हुयी है। इस समस्या को स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के अंतर्गत देखा जाना चाहिए। उन्होंने समझाया कि किस तरह लाॅकडाउन ने हमें अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहले से भी अधिक समय बिताने तथा उनके साथ और अधिक निकटता बढ़ाने का अवसर दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस लाॅकडाउन के समय का सदुपयोग हम अपने छोटे बच्चों के साथ उन असहज विषयों पर बात करने के लिए कर सकते हैं, जिनके बारे में बात करना निषेध माना जाता है, जैसे- यौन शोषण की पहचान और रोकथाम के बारे में उन्हें समझाना। ग्राम पंचायत स्तर पर यौन हिंसा की रोकथाम एवं किशोरी स्वस्थ सुरक्षा को ग्राम प्रधान द्वारा सुनियोजित तरीके से किया जा सकता है। इस पर सरकार एवं प्रशासन को जोर देना चाहिए। उन्होंने संस्था द्वारा किये जा रहे अन्य कार्यक्रम की भी जानकारी दी जिसमें राजपुर गांव के साथ इन सात गाँवों मे 12-20 वर्ष की बच्चियों को निःशुल्क सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं। अंत में कार्यक्रम के सह-संयोजक जितेन्द्र वर्मा ने आटस ग्राम पंचायत प्रधान चंदन सिंह, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।