लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को कर दिया। चुनाव आयोग ने 8 में से 7 सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की है। सात सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे। रामपुर की स्वार सीट पर अभी चुनाव नहीं होंगे। यह सीट सपा के कद्दावर नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द होने के बाद खाली हुई थी।
चुनाव आयोग ने जिन 7 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया है, उसमें अमरोहा की नौगांव सादात, बुलंदशहर, टूंडला, देवरिया, मल्हनी, घाटमपुर और उन्नाव की बांगरमऊ सीट शामिल है। बता दें इन सात सीटों में से 6 पर 2017 में कब्ज़ा रहा था, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी।
बसपा के मैदान में होने से मुकाबला रोमांचक
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का ऐलान कर इसे और रोचक बना दिया है। आमतौर पर अभी तक बसपा उपचुनाव से परहेज ही करती रही है, लेकिन इस बार वह भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इसके पीछे मंशा यही है कि उपचुनाव में पार्टी के लिए खोने को कुछ नहीं है और यदि एक भी सीट उसके खाते में आ गई तो 2022 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा।
इस वजह से खाली हुई हैं ये सीटें
1- मल्हनी, जौनपुर
जौनपुर की ये सीट बहुत अहम है। 2017 के विधानसभा चुनाव में ये सीट सपा ने जीती थी। पारसनाथ यादव यहां से विधायक थे। इनके निधन के कारण ये सीट खाली हुई है। इस सीट पर उनके बेटे लकी यादव के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है। यादव और ठाकुर बाहुल्य इस सीट पर एक बड़ा फैक्टर बाहुबली धनंजय सिंह भी हैं।
2- बांगरमऊ, उन्नाव
रेप कांड में दोषी साबित कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता जाने के कारण ये सीट खाली हुई है। भाजपा के कुलदीप सिंह सेंगर 2017 के चुनाव में यहां से विधायक चुने गए थे।
3- देवरिया
भाजपा के विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण ये सीट खाली हुई है।
4- स्वार, रामपुर
कम उम्र साबित होने के कारण आजम खान के बेटे अबदुल्ला आजम की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसी वजह से स्वार की सीट खाली हो गई है। इस पर अब चुनाव होंगे।
5- टूण्डला, फिरोजाबाद
एसपी सिंह बघेल के भाजपा से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है। पिछले साल हुए उपचुनाव में इस सीट पर चुनाव नहीं कराए जा सके थे क्योंकि मामला कोर्ट में चला गया था। अब यहां चुनाव होंगे।
6- बुलंदशहर
2017 के चुनाव में यहां से भाजपा के वीरेन्द्र सिंह सिरोही विधायक चुने गये थे। उनके निधन के कारण ये सीट खाली हुई है। इस पर अब चुनाव होंगे।
7- घाटमपुर, कानपुर
योगी सरकार में मंत्री कमलरानी वरूण के निधन से ये सीट खाली हुई है। कोरोना संक्रमण के चलते मंत्री कमलरानी वरूण का निधन हुआ था।
8- नौंगाव सादात, अमरोहा
2017 के चुनाव में चेतन चौहान भाजपा से विधायक चुने गये थे। योगी सरकार के दूसरे मंत्री जिनका कोरोना से निधन हुआ. मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है।