नई दिल्ली। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी विध्वंस के आपराधिक मामले में 28 साल बाद आज अदालत का फैसला थोड़ी देर में आने वाला है। हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र कुमार यादव सुबह दस बजे अपना फैसला सुनाएंगे। विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह समेत सभी 32 अभियुक्तों को उपस्थित रहने को कहा है। हालांकि कोरोना के चलते इनमें कुछ अभियुक्तों के हाजिर अदालत में हाजिर नहीं हो कसेंगे।
इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। लिहाजा इसके मद्देनजर अदालत का फैसला भी करीब दो हजार पन्ने का हो सकता है। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को होगा। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक कि यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है। वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं।