लखनऊ। हाथरस में दलित युवती के साथ गैंग रेप मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन करते हुए मुक़दमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने गृह सचिव भगवन स्वरुप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम सदस्य होंगी। मुख्यमंत्री ने एसआईटी को घटना के तह तक जाने और तय समय में अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। बता दें इस मामले में चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया है।
7 दिन में एसआईटी सौंपेगी रिपोर्ट
हाथरस गैंग रेप केस को लेकर योगी सरकार की चौतरफा किरकिरी हो रही है। तमाम विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट सात दिन में तलब की है। इतना ही नहीं मुक़दमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं।
पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार कराने पर पुलिस व प्रशासन खड़े हुए सवाल
चंदपा क्षेत्र में गैंगरेप की शिकार पीड़िता की मौत के बाद अब उनके अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस व जिला प्रशासन आरोपों के घेरे में है। आरोप है कि पुलिस ने शव परिजनों को नहीं सौंपा और अंतिम संस्कार कराने का दबाव डालने लगे। जबकि परिजन कुछ वक्त के लिए पीड़िता के शव को घर में रखकर आखिरी बार उसका चेहरा देखना चाहते थे। साथ ही उन्होंने रात में अंतिम संस्कार न करने की भी बात कही। लेकिन पुलिस व जिला प्रशासन ने फ़ोर्स के बल पर आधी रात के बाद बिना रीति रिवाज के मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलित परिवार से अंतिम संस्कार के हक़ छीने जाने को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक पुलिस वाला परिजनों व ग्रामीणों को समझाता दिख रहा है। इस वीडियो में वह कहता सुनाई दे रहा है कि रीति रिवाज समय के साथ बदलते रहते हैं। यह असाधारण परिस्थिति है. कहां लिखा है कि रात में अंतिम संस्कार नहीं होता। इस बात को मानिए कि कुछ गलती आप लोगो से भी हुई है।