मथुरा। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल में छात्र-छात्राओं की मेधा को निखारने के लिए राजीव एकेडमी फार टेक्नोलाजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा निरंतर विषय विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ दिलाया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को ब्रिटिश टेलीकाम में कामर्शियल विशेषज्ञ प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने राजीव एकेडमी के बीबीए प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को आनलाइन ओरिएण्टेशन प्रोग्राम में कार्पोरेट बिजनेस रिलेशनशिप एण्ड पर्सनल ग्रोथ पर विस्तार से जानकारी दी।
कामर्शियल विशेषज्ञ प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने छात्र-छात्राओं को कार्पोरेट बिजनेस रिलेशन पर जानकारी देने के साथ ही उन्हें स्वयं के उद्यम स्थापित करने के तरीके भी बताए। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे प्रतिष्ठान की उन्नति नहीं होगी, हमें कार्पोरेट जगत में कोई पहचान नहीं मिल सकती। जब हम स्वयं के व्यवसाय या प्रतिष्ठान को उन्नति की ओर अग्रसर कर सकेंगे तभी हमारे देश, समाज और हमारा विकास सम्भव है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपना उद्यम स्थापित करने के साथ ही उसकी तरक्की के लिए अपनी योग्यता और क्षमता का भी विकास करें। सुश्री प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सफलता के लिए जरूरी है कि हमारे पास जो भी मानव संसाधन हैं, उन्हें अपने अनुकूल और उपयोगी बनाएं। उन्होंने कहा कि देश के विकास में मानव संसाधन का विशेष महत्व है। हम अपने जीवन मूल्यों के विकास के माध्यम से ही अपने व्यवसाय को मजबूत बना सकते हैं।
रिसोर्स पर्सन प्रियंका ने छात्र-छात्राओं को राजीव एकेडमी संस्थान की खूबियों से अवगत कराने के साथ ही बताया कि किस प्रकार उन्होंने यहां पढ़कर अपनी पर्सनालिटी डेवलपमेंट के द्वारा कैम्पस प्लेसमेंट में सफलता हासिल की। यहां के शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राजीव एकेडमी में शिक्षा का स्तर अति उत्तम होने के साथ ही आज के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण के अनुरूप है।
गौरतलब है कि अतिथि वक्ता प्रियंका कुलश्रेष्ठ राजीव एकेडमी की पूर्व छात्रा रही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि इस संस्थान से जो भी शिक्षा वे अर्जित कर रहे हैं, उसका उपयोग प्रोफेशनल जीवन में अवश्य करें। यही शिक्षा उन्हें आगे बढ़ने और भविष्य का सुनहरा प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगी। संस्थान के निदेशक डा. अमर कुमार सक्सेना का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान देने के साथ ही विषय विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ दिलाना समयानुकूल है।