- महाराज के परिवार में सम्पत्ति विवाद अब सड़कों पर
- मथुरा के राजस्व विभाग में भी पहुंचा जमीनी विवाद
मथुरा। द्वारिकाधीश मंदिर के महाराजों के परिवार के बीच चल रहा जमीनी विवाद अब खुलकर सामने आने लगा है। मंगलवार को परिवार में चल रहे जमीनी विवाद को लेकर मंदिर के मुख्य द्वार पर मथुरा तहसीलदार द्वारा उत्तर प्रदेश राजस्व सरकार संहिता के अंतर्गत धारा 35(1) का नोटिस चस्पा किया गया है। मंदिर के द्वारा पर नोटिस चस्पा होते ही भक्तों और मंदिर क्षेत्र के लोगों में हलचल मच गई और तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं।
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में मथुरा का श्री द्वारकाधीश मंदिर प्रबंधन की कमान काकरोली के बृजेशजी महाराज और उनके पुत्र वागीशजी के हाथों में है। बृजेशजी महाराज के दो और भाई पराग महाराज और शिशिर महाराज हैं। महाराजों के इस परिवार की काकरोली, मथुरा, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में इनकी बेशकीमती संपत्ति है। इनमें से अधिकांश संपत्तियां ऐसी हैं जिन को बेचा नहीं जा सकता। उसके बावजूद समयावधि पट्टा दिखा कर अप्रत्यक्ष रूप से लाभ कमा लिया जाता है। पराग महाराज और शिशिर महाराज ने बृजेशजी महाराज आदि पर काकरोली बड़ोदरा में कई मुकदमे संपत्ति को लेकर किए गए हैं। मथुरा में भी तहसीलदार की कोर्ट में इसी वर्ष एक केस संख्या 664/2 सितंबर 20 दायर किया गया है। इस मामले में तहसीलदार की कोर्ट में आपत्ति के लिए 2 अक्टूबर से पहले जवाब दाखिल करना था। लेकिन, वर्तमान मंदिर प्रबंधन ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया। जिसके चलते मंगलवार को मंदिर के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि सन 2012 में बड़ोदरा की एक अदालत में दर्ज एक केस में सभी संपत्ति की लिस्ट दाखिल की गई थी और तीनों भाई बृजेश, पराग और शिशिर में समझौता भी हुआ था। इसके पश्चात बृजेशजी महाराज ने वृंदावन में पागल बाबा मंदिर के सामने करीब 13 एकड़ बड़ोखर बिहारी की जमीन पट्टा कर दी। इस जमीन पर फ्लैट बनाए गए हैं। बचाव के लिए पट्टा में शर्त डाल दी गई कि पट्टा धारक प्रत्येक महीने मंदिर को एक निश्चित रकम प्रदान करेगा। इसकी जानकारी जब पराग महाराज और शिशिर महाराज को हुई तो तो खलबली मच गई।
सूत्रों का कहना है कि दोनों भाइयों ने बृजेशजी महाराज से दो-दो हाथ करने के लिए केंद्र के प्रभावशाली मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है। बृजेश जी महाराज और उनके पुत्र वागीशजी महाराज के खिलाफ कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
सूत्र बताते हैं कि बृजेश महाराज ब्रज भूषण लाल महाराज के जेयष्ठ पुत्र हैं। नियम अनुसार मुख्य सेवायत की गद्दी के उत्तराधिकारी जेष्ठ पुत्र ही होते हैं । बहरहाल अब जो भी हो विवाद तहसीलदार मथुरा की न्यायालय में चलेगा।
द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी का कहना है मंदिर के द्वार कोई व्यक्ति नोटिस चिपका गया और किसी ने उसे फाड़ भी दिया। पता नहीं चला कि आखिर नोटिस किसका था। मंदिर खुलने की स्थिति में नोटिस द्वार पर चिपकाने की क्या आवश्यकता थी। नोटिस को मंदिर के अन्दर भी दिया जा सकता था। उसको रिसीव भी कराया जा सकता था। चोरों की तरह नोटिस चिपकाने का क्या मतलब है।