जयपुर। राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा क्षेत्र में दबंगों ने पेट्रोल डालकर एक पुजारी को जिंदा जलाने के बाद से लोगों में आक्रोश है। परिवार के लोगों ने पुजारी का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के सामने कुछ मांगें रखी हैं। परिवार का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस ने इस दिल दहला देने वाली घटना के एक मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
परिजनों ने ये रखी सरकार से मांगें
पुजारी बाबूलाल के रिश्तेदार ललित ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि राजस्थान सरकार से वह चाहते हैं कि 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले। सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और आरोपियों का समर्थन करने वाले पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। पुजारी के परिवार को सुरक्षा भी मिलनी चाहिए।
क्या था मामला
पुलिस के अनुसार घटना सापोटरा के बूकना गांव की है। वहां बुधवार को एक मंदिर के पुजारी बाबू लाल वैष्णव पर पांच लोगों ने हमला किया। आरोप है कि मंदिर के पास की खेती की जमीन पर कब्जा करने की कुछ दबंग कोशिश कर रहे थे। पुजारी के विरोध करने पर दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया।
ये है मुख्यमंत्री कहना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि सपोटरा में बाबूलाल वैष्णव जी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है। प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है। घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आरोपी मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे
पुलिस के मुताबिक, मरने से पहले पुजारी ने पुलिस को बताया था कि कैलाश मीणा अपने साथियों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर लगा रहा था। मैंने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मेरा परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करता है।
विवाद कैसे शुरू हुआ
बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। 4-5 दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमें पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था।