मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय और भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी टाटा की प्रमुख कंपनी टाटा स्टील के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत संस्कृति विवि के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों को टाटा स्टील द्वारा तकनीकि और कौशल प्रदान किया जाएगा। विद्यार्थियों को ई लर्निंग के माध्यम से इंडस्ट्री 360, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और मैटेलर्जी की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा भी अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी यह करार बहुत उपयोगी साबित होगा।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राणा सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि टाटा स्टील जमशेदपुर के साथ हुआ यह समझौता विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा संस्कृति विवि के शिक्षकों पारंगत करने के साथ विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण औद्योगिक जानकारियां, विद्यार्थियों की विभिन्न कंपनियों में नियुक्ति के लिए योग्यता में वृद्धि के तरीके, तकनीकी योग्यता के आकलन के तरीके स्मार्ट क्लासेज और वेबिनार के द्वारा सिखाए जाएंगे। इतना ही नहीं विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकी प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में परामर्श दिया जाएगा। विद्यार्थियों को टाटा स्टील के उन्नत कारखानों के भ्रमण का भी मौका मिलेगा, ताकि वे औद्योगिक इकाइयों, उनकी कार्यशैली और उत्पादन को नजदीक से जान व समझ सकें। डा. राणा ने बताया कि टाटा कंपनी से जुड़े शावक नानावती टेक्निकल इंस्टीट्यूट के अधिकारियों, विशेषज्ञों के द्वारा विवि को पाठ्यक्रमों के नवीतम निर्धारण, शिक्षण में तो सहयोग प्रदान किया ही जाएगा साथ ही वहां की फैकल्टी द्वारा विद्यार्थियों को ई-लर्निंग के माध्यम से विभिन्न विषयों की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा टाटा स्टील कंपनी के विशेषज्ञ संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को साक्षात्कार का प्रशिक्षण भी देंगे।
इस ऐतिहासिक समझौते पर संस्कृति विवि के कुलसचिव पूरन सिंह, स्कूल आफ इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष विंसेट बालू व टाटा स्टील के कैपेबिलिटी डवलपमेंट विभाग के चीफ प्रकाश सिंह द्वारा हस्थाक्षर किए गए। संस्कृति विवि के चेयरमैन सचिन गुप्ता ने टाटा स्टील कंपनी जमशेदपुर के साथ हुए इस बहु उद्देश्यीय समझौते पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसकी सफलता के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।