- पति पर एससी-एसटी केस को लेकर पंचायत में जबरन माफी मंगवाए जाने से थी आहत
आगरा। थाना ताजगंज क्षेत्र की पुष्पांजलि ईको सिटी कॉलोनी में रविवार रात को सेवानिवृत्त फौजी की पत्नी ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। इसकी वजह उससे पंचायत में माफी मंगवाया जाना बताई गई है। उसके बच्चों का पड़ोसियों के बच्चों से झगड़ा होने पर उसके और पति के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का केस दर्ज करा दिया गया था। इसी मामले में मोहल्ले की पंचायत में उसे माफी मांगने पर मजबूर किया गया था।
मूलरूप से बुलंदशहर निवासी अनिल कुमार राजावत 23 पैरा से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह पांच साल से कॉलोनी में रह रहे हैं। अनिल के साले शिवराम सिंह ने बताया कि संगीता के जुड़वां बेटे आठ साल के आयुष और पीयूष हैं। नौ अक्तूबर को दोनों बच्चे और कॉलोनी के ही भरत खरे का 10 साल का बेटा बिट्टू खेल रहे थे।
पीयूष और बिट्टू में झगड़ा हो गया। पीयूष ने पत्थर उठाकर मार दिया। बिट्टू के चोट लग गई। जिसके बाद बिट्टू की मां सुनीता और संगीता में कहासुनी हो गई। बाद में भरत खरे ने थाना ताजगंज में एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया था। मामले में रविवार की शाम कॉलोनी में पंचायत हुई। इसमें संगीता को माफी मांगने पर मजबूर किया गया। शिवराम ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष की अनुचित मांगों के कारण समझौता नहीं हुआ।
पड़ोसियों पर लगाया हत्या का आरोप
शिवराम का कहना है कि संगीता मौके से चली गई। पीछे से भरत खरे, उसकी पत्नी सुनीता सहित उनके रिश्तेदार अन्य लोग गए और उन्होंने मिट्टी का तेल संगीता पर डालकर आग लगा दी। चीख-पुकार सुनकर अनिल पहुंचे। उन्होंने रेत डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। वह खुद भी झुलस गए। बाद में कॉलोनी के लोगों ने आग बुझाई थी। परिजन मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर आने की बात कर रहे हैं। थाना ताजगंज पुलिस को जानकारी दे दी गई है।
पंचायत में पैर छूकर मांगी माफी, फिर भी समझौता नहीं
शिवराम का कहना है कि समझौते के लिए रविवार शाम कॉलोनी में पंचायत हुई थी। भरत खरे की ओर से बुलाई पंचायत में कॉलोनी के 15 लोग और उसके 15 रिश्तेदार भी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भरत ने समझौते के लिए पहले 10 लाख रुपये मांगे, बाद में पांच लाख रुपये देने की कहने लगा। एक लाख रुपये तक देने के लिए कहा लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। बाद में कहा कि पैर छूकर माफी मांगो। अनिल और संगीता ने उसके परिवार के लोगों के पैर छुए। जब उसने रिश्तेदारों के भी पैर छूने की कहा तो संगीता चली गई।
पुलिस की कार्रवाई से डरे हुए थे
कॉलोनी के लोगों का कहना था कि दोनों पड़ोसी हैं। बच्चों में मामूली झगड़ा हुआ। इसमें मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी जल्दबाजी की। बिना जांच के अनिल को एकता चौकी पर बुला लिया। सुबह 11 बजे से रात दस बजे तक बैठाकर रखा। इससे अनिल और संगीता तनाव में आ गए। उन्हें लगा कि पुलिस जेल भेज देगी। कॉलोनी के लोग जब चौकी पर गए, तब अनिल को छोड़ा गया।
जलती हुई दौड़ी महिला, सहम गए लोग
संगीता जलते हुए घर से बाहर आ गई थी। उसे देख लोग सहम गए। कॉलोनी के राजकिशोर, राजीव और महेश ने बताया कि वह घर के बाहर खड़े थे, तभी संगीता चिल्लाते हुए बाहर निकली। वह जल रही थी। उसी समय कुछ लोग भाग रहे थे। यह नहीं पता कि उन्होंने ही संगीता को जलाया लेकिन सवाल यह है कि वे भाग क्यों रहे थे।
सीओ से की थी शिकायत
क्षेत्राधिकारी से की थी शिकायत कॉलोनी के लोगों ने बताया कि मामूली झगड़े में दंपती पर एससी एसटी का केस दर्ज कराने पर वे सीओ सदर महेश कुमार से मिले थे। उन्होंने कह दिया कि जांच होगी, इसी के बाद तय होगा कि क्या सही है और क्या गलत है।
काउंसिलिंग कराई गई थी
थाना प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र कुमार ने बताया कि बच्चों का विवाद के बाद भरत खरे ने तहरीर दी थी। मामूली विवाद में मुकदमा दर्ज कराना चाहते थे। दोनों परिवार को बुलाकर काउंसिलिंग की गई लेकिन भरत नहीं माना। इस पर मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना की जा रही है।
तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करेंगे
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने कहा कि दोनों परिवार में विवाद हुआ था। इसके बाद एक परिवार ने मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी परिवार की महिला की जलने से मौत हुई है। शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करेंगे। विवेचना की जाएगी। कॉलोनी के लोगों से भी पूछताछ होगी।