- भीड़ के दबाव में दो महिला भक्त हुई बेहोश
- मंदिर के बाहर दर्शनार्थियों की लगी लंबी कतारें
- मंदिर के बाहर भीड़ के दबाव को देख रो पड़ी महिला भक्त
वृंदावन। सात माह के बाद खुला सुप्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर की व्यवस्थाएं पहले ही दिन धड़ाम हो गई। अपने निर्धारित समय से एक घंटे देरी से खुले मंदिर में प्रभु दर्शन के लिए हजारों लोगों का तांता लग गया। सोशल डिस्टेसिंग के नियम की धज्जियां उड़ाई गई। मंदिर के बाहर अव्यवस्थाओं का मंजर देख सुदूर क्षेत्रों से आए श्रृद्धालु रो पडे़। दो महिला भीड़ के दबाव के कारण बेहोश हो गई।
शनिवार को सात माह के बाद बांकेबिहारी मंदिर के पट अपने निर्धारित समय 8 बजे से एक घंटे देरी से 9 बजे खोले गए। मंदिर के पट देरी से खुलने के लिए सेवायत गोस्वामी और मंदिर प्रबंधन के एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मंदिर के सेवाधिकारी शैलेन्द्र गोस्वामी का कहना है कि वह समय पर मंदिर आ गए थे, लेकिन मंदिर प्रबंधन के कर्मचारियों ने उन्हें मंदिर में प्रवेश देरी से दिया। मंदिर धुल रहा था। इस कारण भी मंदिर के पट खोलने में देरी हुई है। जब कि मंदिर के प्रबंधक मुनीष कुमार का कहना है कि सेवाधिकारी शैलेन्द्र गोस्वामी ने मंदिर को देरी से खोला। उसने मंदिर के नियमों की अनदेखी कर गेट नंबर चार से अपने भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिलाकर पूजन कराता रहा। पुलिस अधिकारी और मीडिया के आने पर ही मंदिर खुल सका।
सेाशल डिस्टेंसिंग के नियम की उड़ी धज्जियां
मंदिर खुलने के पहले दिन ही मंदिर प्रबंधन द्वारा केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए बनाए गए सभी नियम ध्वस्त हो गए। ठाकुर बांकेबिहारी की चाहत में हजारों श्रद्धालु मंदिर के आसपास मंदिर खुलने के समय से पहले ही पहुंच गए। मंदिर के सभी प्रवेश मार्गों पर भक्तों का तांता लग गया। मंदिर से लेकर बांकेबिहारी बाजार, दाऊजी तिराहा तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। लोग एक दूसरे से चिपक कर खड़े थे। जिससे कोविड-19 के सभी नियमों की अनदेखी की गई और सोशल डिस्टेंसिंग का श्रद्धालुओं द्वारा पालन नहीं किया गया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी कोविड-19 के नियमों का पालन कराने का प्रयास तक नहीं किए बल्कि अव्यस्थाओं की अनदेखी की गई।
भीड़ के दबाव में दो श्रद्धालु महिलाएं हुई बेहोश
मंदिर के बाहर प्रभु दर्शन की उम्मीद लेकर देशभर से आए भक्तजनों को धक्के खाने पड़े। इस बीच भीड़ के दबाव में दिल्ली की शाहदरा निवासी निर्मला और पटियाला निवासी सोनम बेहोश होकर गिर पड़ी। घटना के आसपास अफरातफरी मच गई। आसपास के लोगों ने उसे भीड़ से निकालकर खुली हवा में बैठाया। कई हरियाणा, पंजाब, दिल्ली की महिलाएं भीड़ का दवाब और अव्यवस्थाओं से परेशान होकर रो पड़ी।
बाँकेबिहारी मंदिर प्रबंधक का है यह कहना
बाँकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार कहना है कि लॉकडाउन से बंद मंदिर सात माह के बाद खोला गया। पहले दिन भक्तों की संख्या को देखते हुए सामान्य तौर पर ठाकुरजी के दर्शन कराए गए। मंदिर के देरी से खुलने क लिए उन्होंने सेवाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मंदिर के सेवाधिकारी ने मंदिर के पट अपने निर्धारित समय से नहीं खोले। बल्कि मंदिर के नियमों की अनदेखी कर अपने कुछ भक्तों को गेट नंबर 4 से मंदिर में प्रवेश दिलाया और पूजन कराया। इस कारण मंदिर के पट आम भक्तो के लिए खुलने में देरी हुई है। इस संबंध में मंदिर प्रबंधन प्रशासक को अपनी रिपोर्ट भेजेगा।