Sunday, May 11, 2025
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5 साल में दिल्ली पुलिस की 28 महिला कर्मी हुई यौन उत्पीड़न की शिकार

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली दिल्ली पुलिस की महिला कर्मचारी खुद भी यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले पांच साल में दिल्ली पुलिस की 28 महिला कर्मचारी अपने विभाग से ही यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं। इसमें दोषी पाए जाने पर 23 पुरुष पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। किसी को बर्खास्त किया गया तो किसी को कुछ साल के लिए निलंबित कर दिया गया। बाकी के कुछ मामले अभी लंबित चल रहे हैं।

सबसे अधिक यौन उत्पीड़न के मामले पुलिस कंट्रोल रूम से सामने आए हैं। यहां पिछले पांच सालों में सात महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। साल 2015 में दो महिला पुलिस कर्मियों ने आरोप लगाए थे, जबकि साल 2018 में चार महिला पुलिस कर्मियों ने आरोप लगाए। इसके बाद सबसे अधिक पांच मामले पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय व स्कूल झड़ौदाकलां में सामने आए हैं। यहां साल 2016 में एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था, जबकि साल 2017 में तीन महिलाओं ने आरोप लगाए। वहीं साल 2018 में एक महिला ने आरोप लगाया। इसके बाद मध्य जिला में तीन महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। तीनों मामले साल 2017 के हैं। पश्चिम जिला में साल 2015 में एक और साल 2019 में एक मामले सामने आए। इसके अलावा बाकी के अन्य जिलों व विभागों में एक-एक मामले सामने आए हैं।

इन जिलों व विभागों में यौन उत्पीड़न के मामले

पीसीआर, सेंट्रल जिला, बाहरी जिला, सुरक्षा, दक्षिण पूर्वी जिला, अपराध, उत्तर पश्चिम जिला, राष्ट्रपति भवन सुरक्षा(इकाई), चतुर्थ वाहिनी, तृतीय वाहिनी, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय व स्कूल झड़ौदाकलां, एयरपोर्ट(इकाई), पश्चिमी जिला और नई दिल्ली जिला है।

होटल के एक कमरे में ठहने का दबाव बनाया

विकासपुरी स्थित दिल्ली सशस्त्र पुलिस तृतीय वाहिनी के अनुसार, साल 2015 में एक महिला पुलिसकर्मी एक लड़की के परिजनों को छोड़ने के लिए झारखंड की रांची जा रही थी। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी के साथ एक पुरुष पुलिसकर्मी था। पुलिसकर्मी ने अपनी महिला साथी को एक होटल के कमरे में ठहरने के लिए दबाव बनाया। साथ ही शारीरिक संबंध बनाने के लिए बार-बार फोन किया। महिला पुलिसकर्मी ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को दी। पश्चिमी जिले में केस दर्ज कर मामले की जांच की गई और दोषी पाए जाने पर उसे पांच साल की सेवा से हटा दिया गया था।

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