मथुरा। शनिवार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए 10 दिवसीय विशेष अभियान मिशन शक्ति की शुरु हुआ है। इसके साथ ही मथुरा में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम एमडी सौम्या अग्रवाल को महिला सशक्तिकरण मिशन की नोडल अधिकारी बनाया गया। इन दस दिनों में जिला प्रशासन, पुलिस द्वारा नोडल अधिकारी के साथ महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाने के साथ ही उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा।
मथुरा की नवनियुक्त महिला सशक्तिकरण मिशन की नोडल अधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरुप शनिवार आज महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति विशेष अभियान की शुरुआत की गई है। जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर इस अभियान के तहत महिलाओं के सुरक्षा के साथ ही सशक्तिकरण के लिए कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिला थानों के निरीक्षण किए जांएगे और जिला प्रशासन द्वारा इसे लेकर बनाई गई योजना को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि आज से पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति की शुरुआत हो गई है। मथु़रा में भी आज शुरुआत हुई है। महिला संबंधी विषयों पर सभी विभाग प्रतिभाग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा भी महिलाओं की सुरक्षा और महिला संबंधी अपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किए जाएंगे। जनपद के प्रत्येक थाने में महिला हैल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। महिलाएं अपनी समस्याओं को पुलिस तक आसानी से रख सकें, इसके लिए व्यवस्था की जानी है। मिशन शक्ति के जो भी कार्य पुलिस द्वारा किए जाएंगे, उनका हमारे द्वारा पर्यवेक्षण किया जाएगा।
वहीं सहायक पुलिस अधीक्षक, महावन आरती सिंह द्वारा पुलिस लाइन स्थित सभागार में समस्त थानों से आये पुलिसकर्मियों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें उन्होंने मिशन शक्ति विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए निर्देश दिए हैं।
ज्ञात हो कि प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया कि प्रथम चरण में यह विशेष अभियान शारदीय नवरात्र में 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। विशेष अभियान 25 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा लेकिन मिशन शक्ति लगातार जारी रहेगा। अंतिम रूप से इसका समापन अप्रैल 2020 में होगा। इस तरह यह अभियान कुल 180 दिनों तक चलाया जाएगा। अभियान के दौरान 75 जिलों के 821 ब्लॉकों, 59 हजार पंचायतों, 630 शहरी निकायों और 1535 थानों के माध्यम से महिलाओं व बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण तथा सुरक्षा व सम्मान के प्रति जागरूकता प्रदान किए जाने की योजना है।