लखनऊ। प्रयागराज में साल 2018-19 में कुंभ के आयोजन में भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है। इन कामों के लिए ठेकेदार को अवैधानिक लाभ पहुंचा कर निजी हित लाभ साधने, ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने और जनता के पैसे की लूट के आरोपों की शिकायत की गई है। इस मामले की जांच के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बना दी है। इसके साथ ही लोकायुक्त कार्यालय ने भी जांच रिपोर्ट तलब की है।
कुंभ मेले के दौरान निर्माण, विकास, सौन्दर्यीकरण और विद्युतीकरण के तमाम काम प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कराए थे। इस मामले में शासन के अनु सचिव अजय कुमार सिंह ने एलडीए सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि वह शीघ्र पूरे मामले की जांच कराएं, जिससे समय पर लोकायुक्त कार्यालय को रिपोर्ट भेजी जा सके। शिकायतों में कहा गया है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य अभियंता ओपी मिश्रा, अधिशासी अभियंता विद्युत यांत्रिक अवनींद्र कुमार सिंह, सहायक अभियंता श्याम दास गुप्ता, अवर अभियंता शशि भान सिंह और सुरेंद्र कुमार दीक्षित ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार किया है। जनता के पैसों की खुलेआम लूट की गई। अनु सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि शिकायतों की जांच के लिए समिति गठित की गई है। एलडीए सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति में प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार सिंह, मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह और विद्युत यांत्रिक विभाग के अधिशासी अभियंता शिवेंद्र कुमार अग्रवाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। एलडीए ने 12 अक्टूबर 2020 को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव को पत्र लिखकर घोटाले से जुड़ी सभी मूल पत्रावलियां मंगवाई हैं।
ज्ञात हो कि प्रयागराज में साल 2018-19 में आयोजित कुंभ मेले का आयोजन सरकारी खर्चे पर हुआ था। इस कुंभ मेला पर राज्य सरकार ने 4 हजार 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे।