रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर में दो घंटे के लिए बेटियों का राज रहा। यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट में जिला टॉप करने वाली इकरा बी जिलाधिकारी बनी। जबकि हाईस्कूल में जिला टॉप करने वाली प्रियांशी सागर ने पुलिस अधीक्षक का पद संभाला। अपने दो घंटे के कार्यकाल में ही इन बेटियों ने शानदार फैसले लिए।
डीएम बनी इकरा ने बरेली से आयी विजिलेंस टीम से जिला कृषि अधिकारी दफ्तर के एक बाबू को 12 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाया। तकनीकी तौर पर अनुमति पत्र पर डीएम आंजनेय सिंह के ही दस्तखत हुए लेकिन टीम से पूछताछ और मौखिक अनुमति छात्रा इकरा बी ने ही दी। इकरा के अलावा अन्य बेटियों ने भी अपने छोटे कार्यकाल में कई अहम फैसले लिए और अपने इस खास दिन को यादगार बनाया। दरअसल, मिशन शक्ति के तहत गुरुवार को रामपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठा प्रयोग किया। जिले में शहर से लेकर देहात तक के 65 प्रशासनिक पदों पर मेधावी बेटियों को दो घंटे के लिए मानित अधिकारी के तौर पर बिठाया गया। प्रोटोकॉल के तहत सरकारी गाड़ियां बेटियों को उनके घर से लेने पहुंची। दफ्तरों में उनका अफसरों की तरह मान-सम्मान किया गया।
कलावती कन्या इंटर कॉलेज की छात्रा इकरा बी को डीएम की जिम्मेदारी सौंपी गयी। इकरा के कुर्सी पर बैठते ही बरेली विजिलेंस की टीम एक बाबू को ट्रैप करने की अनुमति लेने पहुंच गयी। इस पर डीएम ने इकरा को पूरी प्रक्रिया समझाई। इकरा ने टीम से पूरा मामला समझा और फिर कार्रवाई की अनुमति दे दी।
कुछ देर बाद टीम ने जिला कृषि अधिकारी दफ्तर के वरिष्ठ सहायक मनोज सक्सेना को 12 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। वह टांडा के रहने वाले मुस्तफा कमाल से बीज और उर्वरक लाइसेंस के नाम पर रिश्वत मांग रहा था।