- सिविल जज जूनियर डिवीजन ने कहा कि पुन: आदेश पारित करने का औचित्य
- मंदिर के सेवायत हिमांशु गोस्वामी ने 19 अक्टूबर को की थी अपील
मथुरा।
वृंदावन के सुप्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर को खोलने को लेकर सेवायत गोस्वामी की अपील पर मथुरा की सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुर्ई। जिसमें कोर्ट ने गत 15 अक्टूबर को दिए आदेश को बरकरार रखा और कहा कि बाँकेबिहारी मंदिर के खोलने का पुन: आदेश पारित करने का औचित्य नहीं है। इस मामले में 15 अक्टूबर को दिए आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
शुक्रवार शाम को सिविल जज जूनियर डिवीजन गजेन्द्र सिंह की कोर्ट में मंदिर के सेवायत हिमांशु गोस्वामी की 19 अक्टूबर को प्रस्तुत की गई याचिका पर सुनवाई हुई। ठा. बाँकेबिहारी मंदिर के पट आम भक्तों के लिए खोलने की इस याचिका में अपील की गई साथ ही मंदिर प्रंबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की भी अपील की गई थी।
कोर्ट ने इस मामले में गत 15 अक्टूबर को बाँकेबिहारी मंदिर खोलने के आदेश को बरकरार दखते हुए कहा कि पूर्व में मंदिर खोलने के आदेश के बाद पुन: आदेश पारित करने का ऑचित्य नहीं है। इसलिए पूर्व में मंदिर खोलने के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
आपको बता दें कि ठा. बाँकेबिहारी मंदिर खोलने के आदेश मथुरा मुंसिफ एवं मंदिर प्रशासक ने 15 अक्टूबर को दिए थे। इस पर मंदिर प्रबंधन आदेश का पालन करते हुए ने 17 और 18 अक्टूबर को मंदिर के द्वारा आम भक्तों के लिए खोले। श्रद्धालुओं के भीड़ का दबाव और कोविड-19 को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की गाइड लाइन का पालन न हो पाने के कारण 19 अक्टूबर को मंदिर के द्वारा फिर से आम भक्तों के लिए बंद कर दिए गए। लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओ को देखते हुए मंदिर के सेवायत हिमांशु गोस्वामी ने मथुरा कोर्ट में मंदिर खोलने को लेकर याचिका की थी। इसके बाद 21 अक्टूबर को प्रदीप गोस्वामी और अन्य सेवायत गोस्वामियों ने भी कोर्ट से अपील की थी। इस पर कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए 15 अक्टूबर को दिए मंदिर खोलने के आदेश को बरकरार रखा।
जल्द खुलेगा ठा. बाँकेबिहारी मंदिर, कोर्ट ने अपना फैसला रखा बरकरार
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