वृंदावन। सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को शरदोत्सव मनाया गया। मंदिर के गर्भगृह से बाहर आकर जगमोहन में जन-जन के आराध्य ठाकुर श्री बाँकेबिहारी ने मोर मुकुट और मुरली धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। मंदिर के पट अपने निर्धारित समय से एक घंटे अधिक समय तक खोले गए।
बांकेबिहारी मंदिर के पट अपने निर्धारित समय प्रात: आठ बजे खुल गए। मंदिर के द्वार पर ठाकुरजी के दर्शनों के लिए दर्शनार्थियों की लंबी कतार देखी गई। लाइन में खड़े लोग प्रभु नाम का जाप करते हुए मंदिर प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मंदिर के बार गलियारों में पुलिस बल तैनात था। मंदिर के अन्दर निजी सुरक्षा गार्ड श्रद्धालुओं की सहायता के लिए तैनात थे। ठाकुर जी ने श्ेवत वस्त्र धारण किए थे। सिर पर मोर मुकुट, अधरों पर मुरली और हाथ में लकुटी लिए थे। कटिकाछनी पहने बांकेबिहारी लाल के नयनाभिराम दर्शन कर भक्त निहाल हो रहे थे और जयकारे लगा रहे थे।
मंदिर प्रबंधन ने कोरोना काल में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को आराध्य बाँकेबिहारी के विशेष दर्शनों का लाभ देने के लिए अपने निर्धारित समय से एक घंटे अधिक समय तक मंदिर के पट खोले। मंदिर प्रात: आठ बजे खुलने के बाद दोपहर एक बजे बंद हुआ।