एक ऐसा मंदिर जहां खूंखार जानवर पाले जाते हैं। जी हां, आपको सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह हकीकत हैं कि एक प्राचीन मंदिर में सबसे खूंखार जानवर इंसानों के साथ घुलमिलकर रहते हैं और लोग उन्हें पालते हैं। आपको बता दें कि ऐसा मंदिर कहीं और नहीं थाईलैंड में बना है।

देश-विदेश के मंदिरों में सामान्य तौर पर देवी-देवताओं की मूर्तियां विराजित होती हैं, लोग वहां आराधना करते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि थाईलैंड में बने प्राचीन मंदिर में खूंखार जानवर इंसानों के साथ मिलकर रहते हैं। ऐसा है एक बौद्ध मंदिर जहां बौद्ध के अनुयायी इस मंदिर की देखभाल करते हैं। इतना नहीं, बौद्ध के यह अनुयायी ही इस मंदिर में जंगल के सबसे खूंखार जानवरों को अपने बच्चे के तरह पाले जाते हैं, जो जंगल में जाने पर इंसान की जान लेने में जरा भी देर नहीं करते हैं।
जी हाँ, आप को यह भी जानकार हैरानी होगी कि इस मंदिर में जंगल के सबसे खतरनाक जानवर शेर, बाघ और चीता इंसानों के साथ हंसी खुशी रहते हैं। लेकिन किसी भी इंसान को वह किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

आपको यह भी बता दें कि इस प्राचीन मंदिर में इंसान के साथ शेर भी जीवन यापन करते हैं। दरअसल सबसे ज्यादा शेर, बाघ और चीता की बात आते ही थाईलैंड का नाम जेहन मेें आ जाता है। लेकिन यहां जानवरों की तस्करी बहुत ज्यादा होने लगी थी। जिस कारण बहुत बड़ी संख्या में जानवर मारे जाने लगे थे।

आपको बता दें कि साल 1999 में गांव के एक व्यक्ति ने इस मंदिर को बाघ का एक छोटा बच्चा लाकर दिया, जिसकी मां का शिकार कुछ व्यक्तियों ने कर दिया गया था और अब वही बच्चा बहुत बड़ा हो गया है और देखते ही देखते जंगल के बीच में बने इस बौद्ध मंदिर में शेर, बाघ, चीता का एक बड़ा परिवार है। जिसको मंदिर में रहने वाले बौद्ध अनुयायी खूंखार जानवरों को पाल रहे हैं। इस मंदिर में आने वाले लोग भी इन जानवरों के साथ कुछ पल बिताते हैं।