मथुरा। चाइल्ड लाइन ने मकर संक्रांति के अवसर पर कंस किला में पतंग प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसमें बस्ती के करीब 20 बच्चों ने भाग लिया। इस दौरन बच्चों को बाल अधिकार (जीवन, विकास, भागीदारी के संरक्षण का अधिकार) और चाइल्ड लाइन की जानकारी दी गयी। उन्हें बताया गया कि किसी समस्या के समय चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर सूचना दी जा सकती है।
चाइल्ड लाइन के निदेशक संजय गुप्ता ने बताया कि वर्ष 1959 में बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी। जिसे 20 नवंबर 2007 में स्वीकार किया गया। बच्चों की देखभाल और उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मार्च 2007 में राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने एक संवैधानिक संस्था या कमीशन बनाया था।
चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार ने बताया इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। इस दौरान बच्चों ने बाल अधिकार को पतंग पर लिखा और उसे उड़ाया। बच्चों ने समाज को स्पष्ट शब्दों में सन्देश दिया कि बाल अधिकारों को उड़ान देने का यही सही समय है।
चाइल्ड लाइन का शुभारंभ 1 मई 2019 को हुआ था। 14 जनवरी 2020 तक चाइल्ड लाइन द्वारा लगभग 896 बच्चों के मामलों में हस्तक्षेप किया गया है। जिसमें घर से भागे बच्चे, गुमशुदा बच्चे, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल यौन शोषण तथा बाल विवाह जैसे मामले शामिल हैं।
कार्यक्रम में चाइल्ड लाइन सदस्य प्रमोद कुमार, अंकित कुमार, नमिशा शर्मा, गुंजन सोनी आदि मौजूद रहे।