नई दिल्ली। केंद्र सरकार साल 2025 तक भारत में सड़क दुर्घटनाओं को घटाकर आधा करना चाहती है। इसके लिए केन्द्र सरकार कई तरह के सुझाव ले रही है। वहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करेगी।
केन्द्रीय परिवहन नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए देश के हर इलाके में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने देश में सड़क दुर्घटना कम करने के लिए स्वीडन जैसे देश का उदाहरण दिया जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा संबंधी उपाय के संबंध में जागरुकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर अब वाहन का बीमा कराना आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। बीमा नियामक आईआरडीएआई की एक वर्किंग ग्रुप ने सुझाव दिया है कि मोटर इंश्योरेंस के लिए एक ट्रैफिक वायलेशन प्रीमियम जोड़ा जाए। इसके तहत जो लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें अपने वाहन इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है।
देश में प्रतिदिन 30 किलोमीटर बनाई जा रही सड़क
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि भारत में कोरोना संकट के इस दौर में भी रोजाना 30 किलोमीटर सड़क बनाई जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे लोगों को सड़क पर सुरक्षित तौर पर चलने के लिए प्रोत्साहित करें और इसके लिए स्वयंसेवी संगठनों को अपने साथ जोड़ें।
ड्राइवरों के ट्रैक रिकॉर्ड पर तय होती है बीमे की किस्त
अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय देशों में वाहन चालकों का रिकॉर्ड रखा जाता है और उसके आधार पर ही उनके वाहन बीमे की किस्त तय होती हैं। बीमा नियामक के वर्किंग ग्रुप ने मोटर इंश्योरेंस के पांचवें सेक्शन को बदलकर ट्रैफकि वॉयलेशन प्रीमियम तय करने का सुझाव दिया है।