हैदराबाद। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एडवायजरी जारी की है। जिसमें कंपनी ने गर्भवती महिलाएं, तेज बुखार से पीड़ित लोग और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं कोवैक्सीन न लगाने का सुझाव दिया है। भारत में अभी कोरोना की दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं। इनमें कोवैक्सीन शामिल है। इसे हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक द्वारा बनाया जा रहा है।
भारत बायोटेक ने यह एडवायजरी अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की है। इसमें कहा गया है कि अभी कोवैक्सीन की क्लनिकल इफीकैसी अभी स्थापित होनी बाकी है। अभी इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसलिए इस वैक्सीन को लगवा लेने का यह मतलब यह नहीं है कि हम कोरोना से बचाव के उपायों को छोड़ दें। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी में कहा गया है, “अगर आपको किसी तरह की एलर्जी की शिकायत रही है तो आपको कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
हाई फीवर, ब्लिडिंग डिसऑर्डर या ब्लड थिनर जैसी शिकायतों पर भी यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।” इसमें यह भी कहा गया है कि इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी पर भी यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। कंपनी की फैक्टशीट में कहा गया है कि व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीनेटर या सुपरवाइजिंग ऑफिशियल को अपने मेडिकल कंडिशन के बारे में बताना चाहिए। भारत बायोटेक ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल में यह पाया गया है कि कोवैक्सीन लगाने के बाद इम्युनिटी डेवलप होती है। इसके लिए इसकी दो डोज जरूरी है। इन्हें चार हफ्ते के फासले पर लगाया जाना चाहिए।
सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कोवैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल और बिक्री की इजाजत दी है। लोगों के हित मे यह फैसला लिया गया है। कोवैक्सीन को पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। भारत बायोटेक ने इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी के साथ मिलकर बनाई है।