Wednesday, July 9, 2025
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जीएलए विश्वविद्यालय का नौवां दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

– मेधावी विद्यार्थियों को 2924 उपाधियां, 18 गोल्ड, 18 सिल्वर मेडल प्रदान किए गए

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा का नौवां वर्चुअल दीक्षांत समारोह गुरूवार को आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह में गे्रेज्युएट एवं पोस्ट ग्रेज्युएट के मेधावी विद्यार्थियों को 18 गोल्ड और 18 सिल्वर मेडल प्रदान किए गए। इसके साथ ही 2924 उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलावा 54 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

Ñसमारोह का शुभारम्भ जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल, प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान एवं कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने संयुक्त रुप से मां सरस्वती एवं प्रेरणास्त्रोत गणेशीलाल अग्रवाल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत शैक्षिक शोभायात्रा के आगमन से हुई। जिसमें कुलाधिपति, प्रतिकुलाधिपति, कुलपति एवं डीन एकेडमिक के साथ ही विश्वविद्यालय के कोर्ट, एग्जीक्यूटिव काउंसिल एवं एकेडमिक काउंसिल के सदस्य की अगवानी मुख्य सभागार में हुई। इसके बाद कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ की उद्घोषणा की।

समारोह में मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली के चेयरमेन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने दीक्षांत संबोधन की शुरुआत सभी उपाधि प्राप्त करने वाले नवस्नातकों का उत्साहवर्धन, सभी षिक्षकों एवं छात्रों को बधाई देते हुए की। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया। प्रतिकुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल ने सभी स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया।
कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने 18 छात्रों को गोल्ड मेडल से नवाजा। इसके बाद

प्रतिकुलाधिपति ने भी 18 छात्रों को सिल्वर मेडल से नवाजा। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने किया।

कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल ने मुख्य अतिथि प्रो. डीपी सिंह को स्मृति चिन्ह् भेंट किया, जिसे मुख्य अतिथि की ओर से कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता के द्वारा ग्रहण किया गया। इसके बाद कुलपति ने कुलाधिपति एवं प्रतिकुलाधिपति को स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया। तत्पश्चात् कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह के सम्पन्न होने की उद्घोषणा की गयी एवं शैक्षिक शोभायात्रा के प्रस्थान से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

छात्रों की उपाधियों पर एक नजर

जीएलए विश्वविद्यालय से वर्ष 2020 में उत्तीर्ण डीएससी के 1, पीएचडी के 28, बीएससी ऑनर्स बायोटेक 52, बीकॉम ऑनर्स 122, बीटेक सिविल इंजीनियरिंग 70, बीटेक कम्प्यूटर साइंस 482, बीटेक सीएस (सीसीवी) 47, बीटेक सीएस (डीए) 29, बीटेक ईएन 25, बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 72, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन 103, बीटेक मैकेनिकल 239, बीबीए 163, बीबीए ऑनर्स 59, बीबीए फैमिली बिजनेस 25, बीसीए 160, बीएड 43, बीफार्म 60, एमएससी कैमिस्ट्री 4, एमएससी बायोटेक 14, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी 20, एमटेक सिविल इंजीनियरिंग 15, एमटेक कम्प्यूटर साइंस 7, एमटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 4, एमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन 6, एमटेक मैकेनिकल 16, एमबीए 328, एमसीए 62, एमबीए (एफएमबी) 22, एमबीए (एलएससीएम) 29, एमफार्म (फार्माकोलॉजी) 10, एमफार्म (फार्मास्यूटिक्स) के 12 विद्यार्थियों की उपाधि तथा डिप्लोमा कैमिकल के 15, डिप्लोमा सिविल के 65, डिप्लोमा कम्प्यूटर साइंस के 55, डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग के 124, डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल एंड कम्यूनिकेशन के 15, डिप्लोमा मैकेनिकल के 260 तथा डिप्लोमा इन फार्मेसी के 61 और 54 विद्यार्थियों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए।

इस अवसर पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर नीरज अग्रवाल, चीफ फाइनेंस ऑफीसर विवेक अग्रवाल, डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता समस्त विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण सहित अन्य स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे। समारोह का संचालन डॉ. विवेक मेहरोत्रा द्वारा किया गया।

28 छात्रों को मिली डॉक्टरेट की उपाधि

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल कर छात्रों ने खुशी जाहिर की। इस दौरान सभी छात्रों ने एक स्वर में थैंक्यू जीएलए बोला और कहा कि इस उपाधि हासिल करने के लिए विष्वविद्यालय से भारी सहयोग मिला। यही नहीं यहां रिसर्च विभिन्न आयाम हैं, जिनके माध्यम से डॉक्टरेट पढ़ाई के दौरान रिसर्च करने में आसानी रही। यहां के विभागाध्यक्ष और शिक्षकों का काफी सहयोग मिला।


डीन रिसर्च प्रो. अनिरूद्ध प्रधान एवं एसोसिएट डीन रिसर्च प्रो. कमल षर्मा ने बताया कि कप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से अनुपम शर्मा, नितिन त्यागी, शशि षेखर, मौ. आमिर खान, नीरज गुप्ता, पीयूश मिश्रा, रोहित अग्रवाल को, मैकेनिकल इंजीनियरिंग शहाबुद्दीन, मोहन गुप्ता, भरत सिंह को, फिजिक्स मे शीलेन्द्र कुमार, सोनी शर्मा, लोकेश कुमार शर्मा को, मैनेजमेंट में अमित अग्रवाल, स्मिता सिंह, इला मेहरोत्रा, अंकिता राज, रिशा खण्डेलवाल को, मैथमेटिक्स में जितेन्द्र कौशिक को, बायोटेक्नोलॉजी में रितेश कुमार शर्मा एवं राकेश कौशिक को, इलेक्ट्रॉनिक एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में अनुजा भार्गवा को, फार्मेसी में अहसास गोयल, भूपेश चन्द्र सेमवाल एवं यति शर्मा को, कैमिस्ट्री में अंजलि प्रजापति को तथा एजूकेशन में सरिका गुप्ता एवं रेखा को पीएचडी की उपाधि हासिल हुई।

देश के समग्र विकास में छात्रों का योगदान जरूरी: प्रो. डीपी सिंह

  • जीएलए में स्थापित एन्टरप्रेन्यॉरशिप डेवलपमेंट सेंटर से उद्यमिता की ओर अग्रसर होंगे छात्र


मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के नौंवे दीक्षांत समारोह में दीक्षांत संबोधन के दौरान मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि भारतीय शिक्षा ने हमेशा दुनिया को रास्ता दिखाया है। छात्रों द्वारा ग्रहण की गई शिक्षा छात्रों की विरासत है। यह आगे चलकर पहचान बनाएगी। हमेशा उत्साह के साथ इसका उपयोग करें और देश के समग्र विकास में अपना योगदान देना सुनिश्चित करें।


प्रो. सिंह ने कहा कि हम कोविड-19 के कठिन दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हमारे नए ऑनलाइन मिश्रित शिक्षण और अध्ययन ने हमें शिक्षा में परिवर्तन के नए डिजिटल युग में ला दिया है। छात्रों ने भी यह कठिन दौर आशावादी रूप से पार कर लिया है। क्योंकि हमारे यहां दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में युवा विद्यार्थी हैं। उन्होंने डिग्री धारकों और पदक हासिल करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण दिवस है और आपके विकास लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।


उन्होंने नई शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं, आखिरकार नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) पेश की गई है। एनईपी 2020, 1986 की पिछली नई शिक्षा नीति की जगह लेता है। यह नीति पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने का इरादा रखती है। यही नहीं बल्कि यह नीति उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के पदचिह्नों के लिए रोडमैप तैयार करती है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद पर भी अपने विचार प्रकट किए। साथ ही यूजीसी के चेयरमैन ने पं. मदन मोहन मालवीय पर अपने विचार प्रकट करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का भी जिक्र किया।

नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को विकसित कर रहे छात्र यूजीसी के चेयरमैन ने कहा कि जानकारी के अनुसार जीएलए विश्वविद्यालय का अपना (न्यू जेनरेशन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर) है, जिसका उद्देश्य युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को विकसित करना है। इसके माध्यम से स्टार्ट-अप निर्माण को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है। विश्वविद्यालय ने रिसर्च के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है और आत्मनिर्भर भारत में भागीदारी की है।

जीएलए द्वारा गोद लिए स्कूलों के विकास की यूजीसी चेयरमैन ने की सराहना

जीएलए ने आसपास के 5 गांवों को गोद लेकर कई गांवों के हजारों बच्चों के जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव किया होगा, जिन्हें बेहतर स्वच्छता, बेहतर स्कूली शिक्षा, बेहतर पानी की सुविधा, उनकी गुणवत्ता और प्रकृति के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता प्राप्त हुई होगी।

अच्छे शिक्षक ही संस्कारों में देते हैं विषेश योगदान: प्रो. दुर्ग सिंह

प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान ने दीक्षांत संबोधन में कहा कि हम सिर्फ पाठ्यक्रम से ही नहीं सीखते बल्कि हम एक अच्छे शिक्षक व संस्थान से शिक्षा ग्रहण करते हैं। अच्छे शिक्षक के आचार विचार व संस्थान के नियम हमारे संस्कारों में विशेष योगदान डालते हैं। आगे उन्होंने बताया कि जीवन इतना सरल नहीं है और नहीं इसकी कोई चैक लिस्ट है। जो कि हमें आगे बढ़ने के लिए सहायता करे। सभी के लिए अलग-अलग तरह से प्रयास करने होंगे, जिसके लिए हमें हमेशा शिक्षा की भूख होनी चाहिए। हमारा देश ट्रांसफोर्मेशन के लिए सदैव जाना जाता है। आज का युवा अपनी शिक्षा से देश को उच्च स्तर पर ले जा सकता है।

प्रो. चौहान ने कहा कि भारत ने विश्व में आईटी के क्षेत्र में उच्च स्थान बना रखा है, जिसमें हम ईको लॉजिक सिस्टम में तीसरे पायदान पर हैं और सात यूनिकॉर्न बना दिए हैं। इसी के साथ देश मे जीएसटी, आधार एवं सरकारी योजनाएं सभी सॉफ्टवेयर के माध्यम से संचालित हो रही हैं। देश आज एक नेषनल पॉलिसी ओर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का भी निर्माण कर रहा है।

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